Tuesday, 17 October 2017

Political Analysis of India: गुजरात के चुनाव मे प्रधान सेवक के राजनीति को जो न ...

Political Analysis of India: गुजरात के चुनाव मे प्रधान सेवक के राजनीति को जो न ...: अब यह बात समझने-बूझने के लिये कुछ बचा ही नही है कि देश के महत्वपूर्ण Autonomous body जैसे मुख्य चुनाव आयोग एंव आर.बी.आई ने देश के प्रधान से...

गुजरात के चुनाव मे प्रधान सेवक के राजनीति को जो न समझे वो है राजनीतिक बुरबक

अब यह बात समझने-बूझने के लिये कुछ बचा ही नही है कि देश के महत्वपूर्ण Autonomous body जैसे मुख्य चुनाव आयोग एंव आर.बी.आई ने देश के प्रधान सेवक के आगे अपने-अपने गाण्डिव रख चुके है I लगभग देश के सभी न्यूज एजेंसियां यह मान कर चल रहे थे कि मुख्य चुनाव आयोग गुजरात और हिमाचल  प्रदेश के विधान सभा चुनाव के तारिख को एक साथ घोषणा करेगें पर किसी जादूई कारणो से केवल हिमाचल प्रदेश के चुनाव के तारिख ही घोषित हुई और जब गुजरात के बारी आई तो आयोग अपने मूंह मे दही जमाकर बैठ गये I

https://openkhabar.com/chunav-commision-ko-bjp-adhyksh-bana-lo/?utm_source=social&utm_medium=push

हाताश करने वाली बात है कि कांग्रेस वर्षो से केन्द्र के शासन मे रही पर राजनीतिक समझ से अभी भी मीलो दूर खडे दिखाइ दे रहे है, गुजरात के चुनाव के तारिख मे भाजपा ने जो गोल- माल किया है उसकी राजनीति को अभी तक कांग्रेस नही समझ सके, उल्टे राहुल गान्धी ने अपने ट्वीट के जरिये गुजरात मे मोदी जी के जुम्लो के बरसात पर एक तंज कस दिया I

केन्द्र के शासक दल जब कभी भी विधान सभा का चुनाव नजदिक आने लगता है तब-तब उनका उक्त प्रदेश के चक्कर भी बढ जाते है और साथ मे वादो और जुम्लो के बरसात कराने मे नही चुकते है और यह काम कांग्रेस भी बाखुबी कर चुकें है अगर मोदी जी अपने स्वभाव वश गुजरात मे कुछ ज्यादा ही फेंकने का काम करते है तो इसमे राजनीति की बात क्या रही I

मै हमेशा से यह कहता रहा कि मोदी जी को जो पढ-समझ ले वो भारतीय राजनीति मे सिद्धी लाभ कर जाये, मोदी जी भले ही अपने को फकिर कहते है पर राजनीति मे वो बगुला भगत जो ठहरे और उनका बगुला भगत चरित्र ही गुजरात के चुनाव के तारिख के घोषणा को पिछे ढकेला है I

मोदी जी अच्छी तरह से जानते है कि हिमाचल प्रदेश मे भाजपा को Anti-incumbency का लाभ मिल सकता है और कहीं उनकी बाजीगिरी चल निकली और भाजपा हिमाचल प्रदेश के शासन मे आ गये तो इस परिणाम का सिधा लाभ गुजरात मे अपने ध्वस्त किले को बचाने मे सफल हो जायेंगे और इसी मंसा के कारण गुजरात के चुनाव के तारिख को जान बूझ कर बढाया गया है I

Sunday, 24 September 2017

संघी न्यूज चैनेल्स का हनीप्रित के साथ छत्तिस का आंकडा क्यों

मीडिया द्वरा हनीप्रित के चरित्रहनन के पिछे क्या भाजपा या आर.एस.एस
आजतक देश की जनता यह समझ नही पाई क्यों अचानक गोदी/ संघी मीडिया बाबा राम रहीम के खिलाफ कोर्ट के द्वारा बलात्कार की सजा सुनाने के बाद बाबा पर हमलावार हो गई है, बाबा के साथ जोडकर जिस तरह से गोदी मीडिया ने बाबा के तथाकथित बेटी हनीप्रित के खिलाफ चरित्रहनन का महायज्ञ शुरु किया हुआ है उससे तो साफ पता चल रहा है कि सभी संघी मीडिया द्वरा प्रत्येक दिन प्रसारण के पिछे गहरी राजनीति और साजीस से प्रेरित है I

ध्यान देने वाली बात यह है कि गोदी मीडिया के खोजी पत्रकार जिस ढंग से बाबा और गुरप्रित के नये–नये कारनामो के पर्दाफाश कर रहे है मानो वे सभी पत्रकार मोहन जोदडो के खोदाई से उनके कारनामो को निकाल कर ला रहे हो I जब तक बाबा राम रहीम के मुकदमे का फैसला नही आया और सजा नही सुनाई गई थी तब तक भाजपा और गोदी मीडिया बाबा के लिये कसिदे पढने मे कोई कमी नही रक्खे I

अब समझने की बात यह है कि आखिर हनप्रित ने संघी मीडिया के किस छेद मे तिखी मिर्ची डाल दिया है जो गोदी मीडिया एक स्वर मे एक महिला के चरित्र हनन पर लग गये है, आखिर गोदी मीडिया का व्यवहार विदेशी कुत्ते के तरह क्यों होता जा रहा है I

गोदी मीडिया कहें या संघी मीडिया सभी जानते है कि ऐसे मीडिया भाजपा के पट्टे से बन्धे हुए है और कोई भी शक्स महिला हो या पुरुष भाजपा के खिलाफ बोलेगा या लिखेगा तो उनकी प्रभु भक्ती सर चढ कर बोलने लगती है, हनीप्रित के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है I

गौरतलब है कि यही वही हनीप्रित थी जिसने एक बलात्कार के कैदी बाबा राम रहीम के साथ केन्द्र और हरियाणा सरकार के हरी झंडी दिखाने के बाद हेलिकाप्टर पर चढकर बाबा को जेल तक छोडने चली गई और देश मे यह पहला मौका मोदी सरकार ने एक आम महिला को एक कैदी के साथ हेलिकाप्टर मे घुमने का अवसर प्रदान किया I

भाजपा और मोदी जी को गुस्सा हनीप्रित पर तब आया जब इस महिला ने दुसरे ही दिन यह हल्ला मचा दिया की हरियाणा के विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा और बाबा मे सांठ-गांठ यह हुई थी कि भाजपा बाबा के मुकदमे को रफा-दफा कर देगा और इसी कारण बाबा भाजपा के पक्ष खुब चुनाव प्रचार ही नही बल्कि जीत दिलाई और संघी मीडिया का गुस्सा गुरप्रित के इस खुलासे के लिये बना हुआ है I

Thursday, 14 September 2017

आम जनता के टैक्स के पैसो से पूंजिपती उठायेंगे बुलेट ट्रेन का मजा

गुजरात के आने वाले विधान सभा चुनाव को ध्यान मे रखकर पी एम मोदी ने गुजरात के वोटरो को खुब लुभाने की कोशिश मे कोई कसर नही छोडी है, कैसे एक बुलेट ट्रेन नामक झूनाझुना गुजरात के आम जनता के लिये काम आने वाला है यह बात तो लोगो के समझ से परे है I.

देखने और समझने वाली बात यह है बुलेट ट्रेन को मुंबई से अहमदाबाद तक चलनी है और मुंबई को देश की अर्थिक राजधानी समझे जाने के वावजूद भी बुलेट ट्रेन का शिलान्यास अहमदाबाद मे कराने के पिछे की राजनीति कोई राकेट साइंस नही है जिसे समझने के लिये अलग से समझदारी की जरुरत है I

जिस ढंग से पीएम मोदी ने जापान के प्रधान मन्त्री शिंजो एबे को लेकर रोड शो किया और साथ मे गुजरात के सडको से लेकर मस्जिद तक घुमा डाला उससे तो एक बात साफ हो चुकी है कि मोदी जी गुजरात के चुनाव को लेकर अधिक चिंतित है, जापान के प्रधान मन्त्री शिंजो एबे को अभी तक पता ही नही कि उनका इस्तेमाल बुलेट ट्रेन के लिये नही बल्कि गुजरात के विधान सभा चुनाव के लिये हो रहा है I

कोई मोदी जी से यह पुछे कि गुजरात मे शुरु होने वाले उस मेट्रो ट्रेन का क्या हुआ जिसकी शिलन्यास मोदी जी गुजरात के मुख्य मन्त्री रहते हुये हुआ था और उस तथाकथित मेट्रो ट्रेन के लिये क्या बजट निर्धारित की गई थी और इतने वर्षो के बीतने के बाद उसका बजट कहां तक पहुंचा है I

मोदी जी गुजरात को लेकर अपनी चिंता को जग जाहिर तो कर ही चुके है पर साथ मे अपने Make In India को फिर से जुमले मे परिर्वतित कर दिया है, यह तो निश्चित है कि बुलेट ट्रेन का निर्माण भारत मे तो होने से रहा पर एक बात तो तय है कि बुलेट ट्रेन आम जनता को चढना तो दूर देखने को भी नसीब होने वाला नही हैI

पर मजेदार बात यह है कि इस बुलेट्रे के लिये जो भी भुगतान भारत सरकार जापानी सरकार को चुकायेगी वह सब ही आम जनता के द्वरा टैक्स के पैसे ही होंगे और क्या पता भारत सरकार सेज के जरिये आम जनता के जेब से वसूली का मन बना ले I

https://openkhabar.com/midia-ki-besharmi-bulet-train-ke-aage-kuch-nhi-dikh-rha-hai/?utm_source=social&utm_medium=push

Wednesday, 6 September 2017

संघ प्रमुख मोहन भागवत की अपराधी नेता के खिलाफ नैतिकता की बातो से भाजपा का कोई लेना देना नही

राष्ट्रीय संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी आजकल बडे मजेदार वाली बाते करने लगे है और वह भी नैतिकता को लेकर, हाल मे सम्पन्न हुये संघ की तीन दिवसीय बैठक मे भागवत जी ने राजनीति मे अपराधियो की बढती संख्या के लिये घोर चिन्ता जताई है, उनका यह भी मानना है कि इससे राजनीति दूषित होती है I

एक बात बिल्कुल समझ मे नही आई कि क्या वे इस प्रकार के नैतिता की बाते मोदी वाले भाजपा को या अमित शाह को सुनाना चाहते है, खैर अपनी बातो को जारि रखते हुए वे नैतिक कथा मे यह भी कह गये कि लोग अब यह समझने लगे है कि राजनीति मे वही आ सकता है, जिसके पास धन और बाहुबल हो I

श्री भागवत जी की ऐसी नैतिकता पूर्ण बातो को सुनकर मै क्या कोई भी कायल हो सकता है, कायल करने की बात तो देश के प्रधान सेवक ने संसद मे घुसते ही कहा था कि जितने अपराधी किस्म के सांसद है उन्हे संसद से फास्ट ट्रैक कोर्ट बनावाकर जल्द से जल्द मुकदमा चलाकर संसद से बाहर करेगे जो आजतक हो न सका I

अपराधिक चरित्र वाले मामले मे भाजपा दो माप दण्ड साथ मे लिये रहते है, निहाल चन्द्र को मन्त्री बनाने पर जब मोदी जी पर थू-थू होने लगी तो भाजपा के शिर्ष नेता यह कहकर बचाव करते रहे कि निहाल चन्द्र का मुकदमा लम्बित है और वे अपराधी साबित नही हुए है I

भाजपा का अपराधीयों को लेकर दुसरा माप दण्ड तब सामने आया जब बाबा राम रहीम को दो बलात्कारो के लिये सजा सुनाई गई और भाजपा के वरिष्ठ नेता नलिन कोहली ने बाबा राम रहीम के बचाव मे यह कहा कि छोटी अदालत का फैसला अंतिम नही है और दुसरी तरफ हरियाणा चुनाव के दौरान बाबा जी के आगे मोदी जी ने एक बलात्कार के ओरोपी के लिये कैमरा के सामने उनके सम्मान मे कसिदे पढते रहे I

श्री मोहन भागवत जी की नैतिकता की बातो को मोदी जी और अमित शा अमल करें तो 2019 के लोक सभा चुनाव के बाद दोनो को सड़क पर मोमफली के खुंचे लगाने पडेगा I

Sunday, 3 September 2017

मोदी जी को कब समझ आयेगी कि कूड़े के ढेर को उलट पुलट करने से कुछ नही होता, नीचे का कूड़ा ऊपर आ जाता है

कई अलंकारो से विभूषित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शकूनी मामा की भूमिका को निभाते हुए  रविवार को  हुये मोदी सरकार के मन्त्री मण्डल के फेर बदल के लिये जो पासा फेका गया है उसे कम से कम मन्त्री मण्डल के फेर बदल नही कहा जाना चाहिये बल्कि उसे मन्त्रीयों की हेरा-फेरी कहा जा सकता है I

मन्त्री मण्डल के हेरा फेरी के प्रकरण को देखे तो दो बाते साफ समझ मे आती है पहला कि कैसे शकूनी मामा ने बिहार के मुख्य मन्त्री श्री नीतीश कुमार को और उनकी पार्टी जदयू के कद को खुले आम छिछालेदर ही नही किये बल्कि भाजपा ने उनको धोबी का कुत्ता समझ लिया जिस कारण श्री कुमार के पार्टी के किसी भी संसद को शपथ ग्रहण कार्यक्रम मे शामिल होने का दावत तक नही दिया जब कि भाजपा और मोदी सरकार ने जदयू को हाल ही मे एनडीए मे शामिल किया था I

भाजपा ने मन्त्री मण्डल के हेराफेरी के दौरान अपनी धमक को कायम करते हुए एनडीए के अन्य प्रमुख दल जैसे शिव सेना और ए.आई.डी.एम.के को दर किनार कर के यह बता दिया कि मोदी के गर्व की आगे सभी घटक दल बौने है I

खैर भाजपा ने इस लम्बे पैमाने मे मन्त्रीयों हेरा-फेरी से यह साबित कर दिया कि अब तक जितने भी मन्त्रीयों को वीअरएस दिया गया है वे सबके सब नाकारा थे और मेरा मानना जो नये मन्त्रीयों की फेर बदल किया गया है वे सब के सब नाम के मन्त्री होगें क्यो की सभी मन्त्रालय की बाग डोर मोदी जी के देख-रेख मे ही चलता रहेगा जैसा की विदेश मन्त्रालय के साथ हो रहा है I

वेसे कल से ट्वीटर मे बहुत तेजी से ट्रेंड चल पडी है कि #मंत्री_नहीं_पीएम_बदलो इस ट्रेंड से  लोगो का उबाल मोदी जी शासन के ना कामयाबी का पता चल रहा है I आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का मानना है कि खूँटा बदलने से भैंस ज़्यादा दूध नही देगी I

देखा जाये तो अधिकांश मन्त्रीयो का बनना उनके योग्यता से नही बल्कि 2019 के लोक सभा चुनाव और अन्य उनके राजनीतिक कारणो से किये गये है और मोदी सरकार ने जिन फिता शाही पुर्व व्योरोक्रेट को मन्त्री मण्डल मे अपने छवि सुधारने के लिये किये है उन्हे पुर्व के मन्त्राल्य मे दिया गये योगदान के अनूसार नही दिया गये जिस कारण मौजूदा मन्त्रालय मे अनूभवहिनता के कारण नीम हकीम खतरे जान ही साबित होगा I

https://pbs.twimg.com/media/DI0TaTvXoAAAN5J.jpg

Tuesday, 29 August 2017

Political Analysis of India: मोदी जी के बहकावे मे आकर देश के प्रख्यात अधिवक्ता ...

Political Analysis of India: मोदी जी के बहकावे मे आकर देश के प्रख्यात अधिवक्ता ...: ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ विगत दिवस मे मेरे द्वरा लिखे गये लेख “ट्रायल कोर्ट के फैसले का राम नाम सत्य तब हो जायेगा जिस दिन ...

मोदी जी के बहकावे मे आकर देश के प्रख्यात अधिवक्ता हरीश साल्वे करेंगे बलत्कार मामले मे फंसे बाबा राम रहीम की पैरवी- सुत्रो से खबर


‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌विगत दिवस मे मेरे द्वरा लिखे गये लेख “ट्रायल कोर्ट के फैसले का राम नाम सत्य तब हो जायेगा जिस दिन बाबा की जमानत हो जायेगी” को शायद बहुतो ने पढा होगा पर हिन्दी दैनिक अमर उजाला मे प्रकाशित खबरो की माने तो बलत्कारी बाबा राम रहीम ने अपने जमानत की तैयारी उसी दिन से शुरु कर चुके है जिस दिन उन्हे सीबीआई के विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था I

यह सभी जानते है कि बलत्कारी बाबा अपने बचाव के लिये संजिवनी के रुप मे पंजाब और हरियाणा के उच्च न्याल को ही देख रहें है और डेरा प्रमुख के पास भले ही अपनी अपील दाखिल करने का दो महिने का समय जरुर है पर वो किसी भी सूरत मे हरियाणा के सुनारीया जेल मे बहुत समय तक सड़ना नही चाहते है I

इन्ही बातो को ध्यान मे रख कर बाबा ने हाई कोर्ट मे दाखिल करने के लिये अपील याचिका का मंसौदा तैयार करली है अगर सुत्रो की माने तो शायद इसी सप्ताह सीबीआई के विशेष अदालत द्वरा पारित किये आदेशो को चुनौती की सुनवाई हो जायेगी I

आपको सुनकर शायद हैरानी हो कि बाबा राम रहीम की Appeal Petition की पैरवी देश के जाने माने सुप्रिम कोर्ट के प्रविण अधिवक्ता और देश के पुर्व Solicitor General श्री हरीश साल्वे करेंगे, उल्लेखनिय है कि जिस दिन सीवीआई कोर्ट ने बाबा को दोषी करार दिया था उसी दिन ही Appeal Petition लिखि जा चुकी थी I

अब इस मामले मे राजनीति समझने की बात यह है कि श्री साल्वे जो की एक राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अधिवक्ता है वे केवल एक बलत्कारी बाबा जिसे न्यालय, मीडिया और देश के संभ्रांत और सभी नागरिक ने थुकने मे कोई कसर नही छोडी है उसके लिय पैरवी करने आयें तो यह बात कुछ हजम नही हो रही है और वो भी उच्च न्यालय मे आकर I

दरअसल बात यह की है कि भाजपा किसी भी रुप मे सीबीआई कोर्ट को मैनेज करने मे असफल रही और जिसके कारण बाबा राम रहीम को जेल जाना पडा और शायद आप लोगो ने सोशल मीडिया मे यह खबर पढ चुके है कि उनकी लडकी कह चुकी है कि हरियाणा चुनाव के पुर्व बाबा के साथ भाजपा के साथ केस को खत्म करने की डील हुई थी I

अब मोदी जी को हरियाणा मे भाजपा की लुटिया डुबने का अभास हो चुका है और इसी आशय से उन्होने श्री साल्वे को बहका कर या हाथ पैर जोड़ कर बलत्कारी बाबा की पैरवी के लिये राजी कर चुके है I

https://www.facebook.com/himusikhistan/videos/300024543805205/

Monday, 28 August 2017

Political Analysis of India: ट्रायल कोर्ट के फैसले का राम नाम सत्य तब हो जायेगा...

Political Analysis of India: ट्रायल कोर्ट के फैसले का राम नाम सत्य तब हो जायेगा...: बाबा राम रहीम के दोहरे बलत्कार वाले मामले मे जिस तरह से सीबीआई कोर्ट ने जोरदार तरीके के साथ अपना फैसला सुनाया एक बार फिर से देश के न...

ट्रायल कोर्ट के फैसले का राम नाम सत्य तब हो जायेगा जिस दिन बाबा की जमानत हो जायेगी


बाबा राम रहीम के दोहरे बलत्कार वाले मामले मे जिस तरह से सीबीआई कोर्ट ने जोरदार तरीके के साथ अपना फैसला सुनाया एक बार फिर से देश के न्यालय पर लोगो की विश्वास बड़ गया है, भले ही इस फैसले से भाजपा के नेताओं और उनके भक्तो को सांप सुंघ गया हो पर उन्हे ऐसा लागने लगा जैसे उनके घर के दामाद या जीजा के खिलाफ सजा सुनवाइ गई हो I

ट्रायल कोर्ट का यह फैसला भले ही एक नजिर के रुप मे आया हो पर हमारे देश के कानून के अनूसार इस फैसले को आखरि फैसला समझा नही जा सकता है, चूंकि सजायाफता मुजरिम एक हाई प्रोफाइल बाबा है और उसकी पकड और धमक मौजूदा भाजपा की केन्द्र और हरियाणा सरकार पर है तो यह भी मान लिया जाना चाहिये कि बाबा राम रहीम का जेल मे प्रवास के दौरान उनकी हर सुख सुविधा की जिम्मेदारी न चाहते हुये दोनो सरकारें करते नजर आयेंगे I

देश के न्यूज चैनेल्स और अन्य मीडिया भले ही इस समय बाबा राम रहीम के खिलाफ ढोल ताशे के साथ भिन्न कहानीयो के साथ जबरदस्त विरोध दर्ज कर रहे हो पर जिस दिन डेरा सच्चा सौदा की तरफ से ज्यादा चिल्ल पौंव करने वाले न्यूज चैनेल्स के आफिस मे बोरा भर कर माल पहुंच जायेगा उस दिन से मीडिया सन्नाटा खिंच लेगी I

जिस दिन इस प्रकार का सन्नाटा मीडिया मे व्यप्त होगा शायद वही अच्छा समय बाबा राम रहीम के लिये होगा कि वे अपना जमानत की अर्जी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यालय मे दाखिल कर अपना चुपके से बेल करवा ले और एक बार उनका बेल मंजुर किसी भी उपरी न्यालय से हो जाये तो समझले कि इस ट्रायल कोर्ट के फैसले का राम नाम सत्य हो जायेगा I

यह सोचना बडी बैमानी होगी कि बाबा राम रहीम के जमानत के बाद पंजाब और हरियाणा उच्च न्यालय तीन तलाक के मुकदमे की रोज सुनवाई के तरह नही सुनने वाली है और उक्त न्यालय के पास वैसे भी हजारो पुराने केस पेडिंग पडे हुये है और बाबा राम रहीम वाले मामले का फैसला आते-आते दस-पंद्रह साल मजे से गुजर जायेंगे I

यह मान लिया जाये कि बाबा राम रहीम की कुल कानूनी लडाई केवल जमानत तक सिमित होगी और जब मोदी सरकार और खट्टर सरकार का सिद्द हस्त बाबा के उपर रहेगा तो यह समझ लिया जाये कि बेल को कडा विरोध सरकारी वकील के तरफ नही होगा, क्यों कि भाजपा को बाबा के सहारे दोबारा हरियाणा का चुनाव जीतना जो है I

https://openkhabar.com/bjp-neta-ne-nhi-batya-is-faisle-ko-aetihasik/?utm_source=social&utm_medium=push

Friday, 25 August 2017

क्या बाबा राम रहीम के साथ भाजपा ने विश्वासघात किया ?

कल भाजपा ने दिखा दिया कि चंद वोटो के लिये किसी प्रदेश को कैसे शमसान बनाया जा सकता,देखा जाये तो गुरमीत राम-रहीम के भक्तो ने जो भी ताण्डव हरियाणा मे दिखाये है वो कोई अचानक नही हुआ बल्कि एक सोची समझी रणनीति के तहत कार्य रुप दिया गया I

मेरा मानना यह है इस ताण्डव की रुप रेखा डेरा सच्चा सौदा के मठ मे एक या दो दिन मे नही तैयार के गई होगी,जिस संख्या मे भक्तो का जमवाडा कई दिनो से पंचकुला तथा अन्य जगहों मे देखने को मिला वे इस बात की पुस्टी करती है कि बाबा राम रहीम ने ऐसे ताण्डव की रुप रेखा महिनो पहले से बना चुके थे और यह बात भी निश्चित तौर पर कहने मे कोई संकोच नही होना चाहिये कि भाजपा की खट्टर सरकार इन रुप रेखाओं से भली भांति अवगत रहे होंगे I

भाजपा  के बडे नेताओ को हरियाणा के विधान सभा के चुनाव के पूर्व से ही बाबा राम रहीम के उपर चल रहे बलात्कार मुकदमे की हर जानकारी थी और उनको इस मुकदमे का स्टेटस रिपोर्ट भी पता था और भाजपा ने मोदी जी द्वरा केन्द्र मे सरकार के गठन के बाद एक रणनीति बनाई जिसमे हरियाणा के विधान सभा चुनाव के पूर्व बाबा गुरमीत सिंह के उपर बलात्कार के मुकदमे को लेकर मोदी जी का हवाला देते हुए बाबा राम रहीम को विश्वास मे लिया गया होगा ताकि उनके थोक मे उनके भक्तो का वोट मिल सके I

भाजपा अपने इस रणनीति मे सफल भी हुए और साथ मे भारी मतो के साथ सरकार भी बना ली पर बाबा गुरमीत सिंह का क्या हुआ सिवाये स्वच्छ भारत के अभियान को लेकर मोदी जी तथा अन्य हरियाणा के बडे नेताओ के साथ कुछ फोटो खिचवा लिये, बाबा जी इस मुगालते मे रहे होंगे कि जब भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह सीबीआई कोर्ट से हर दिन के लिये मुक्त हो सकते है तो वो क्यो नही हो सकते है I

खैर भाजपा बाबा गुरमीत सिंह के प्रति खुब वफादारी दिखया है भले ही वे कोर्ट को मैनेज करने मे असफल रहे पर उनके भक्तो को पंचकुला मे बडे तादाद मे जमा होने तथा बाद मे भयंकर ताण्डव करने का बडा अवसर प्रदान किया और बोनस के रुप मे एक बलात्कारी बाबा को कोर्ट के फैसला आने के बाद हेलिकाप्टर के जरिये टेम्पोरेरी जेल मे पंहुचाने मे सफल रहे I

हरियाणा मे हुए तीन बडे घटनाओ के बाद मुख्य मन्त्री श्री मनोहर लाल खट्टर के पद मे बने रहने पर श्री राजनाथ सिंह की वो बात ताजा हो जाती है जिसमे उन्होने कहा था कि भाजपा मे इस्तीफे की कोई कोई परम्परा है नही चाहे नेता दोषी क्यो न हो I

http://www.jansatta.com/rajya/haryana/gurmeet-ram-rahim-singh-convicted-in-morgue-dead-bodies-their-phones-ringing-through-night/413409/?utm_source=izooto&utm_medium=push_notification&utm_campaign=browser_push&utm_content=&utm_term=



https://www.facebook.com/NDTVIndia/videos/10156727399682715/

Wednesday, 23 August 2017

Political Analysis of India: मोदी जी तीन तलाक की आड़ मे शरियत कानून को खत्म करन...

Political Analysis of India: मोदी जी तीन तलाक की आड़ मे शरियत कानून को खत्म करन...: मोदी जी के प्रधान मन्त्री बनने के बाद और खास कर अमित शाह द्वरा भाजपा के अध्यक्ष पद सम्भालने के बाद भाजपा मे हर मामले मे राजनीति पेलने का ...

मोदी जी तीन तलाक की आड़ मे शरियत कानून को खत्म करना चाह रहे थे जिसे उच्चतम न्यालय ने होने नही दिया



मोदी जी के प्रधान मन्त्री बनने के बाद और खास कर अमित शाह द्वरा भाजपा के अध्यक्ष पद सम्भालने के बाद भाजपा मे हर मामले मे राजनीति पेलने का रोग लग चुका है, अभी तक राजनीति पेलम-पेलम वाला रोग एम.एल.ए के खरिद फरोक्त, ईवीएम मे हेरा-फेरी, दूसरे पार्टीयों के नेताओ को सीबीआई का भय दिखाकर अपने पार्टी मे जोडना, किसी प्रदेश मे एक गठ बंधन सरकार को हैकिंग के जरिये जबरियन सरकार मे घुसपैठ  आदि देखा गया है I

भाजपा का पेलम-पेल वाली राजनीति तीन तलाक वाले मामले मे खुब देखने को मिला जब वे Uniform Civil Code को इस तलाक वाले मुद्दे से जोड कर देखना चालू किया था और इस कारण मोदी जी ने मुस्लिम महिलाओ के प्रति खुब घडियाली आसूंओ की बरसात लगा दिया था I

मोदी जी के पेलम–पेल राजनीति का पर्दाफास उच्चतम न्यालय मे तब हुआ जब मोदी सरकार ने अपने हलफनामे मे न्यालय को तलाक के हर विधी को समाप्त करने की बात कही, मोदी जी का मंसा तीन तलाक के आढ मे शरियत कानून को खत्म करने की रही अगर वे इसमे कामयाब हो जाते तो Uniform Civil Code को थोपने का रास्ता साफ हो जाता I

उच्चतम न्यालय शायद मोदी जी के बगुला भगत वाली ऐटिटीयूड़  को भांप चुके थे और इसी कारण न्यालय ने शरियत कानून को ध्यान मे रखते हुए तीन तलाक को पूर्णता समाप्त नही किया बल्कि दोष पूर्ण तलाक-ए-विद्दत(Instant Talak) पर छह माह तक प्रतिबध लगा दिया I

भली ही मोदी जी और भाजपा न्यालय द्वरा पारित किये गये Instant Talak के रोक को ऐतिहासिक बताते फिर रहे है पर हकिकत मे मोदी जी के साथ पुरे दम से के.एल.पी.डी हो चुका है, जिसे मोदी जी भी समझ रहे है I

Times of India मे छपी खबर के अनूसार मोदी सरकार कोई भी कानून तलाक को खत्म करने के लिये नही लाने वाली है, पुरी जानकारी के लिये निचे दिये गये लिंक खबर को जरुर पढें I

https://www.facebook.com/RajaGurjotSinghppcc/videos/1675912762432486/

Tuesday, 22 August 2017

Political Analysis of India: उच्चतम न्यालय ने तलाक-ए-विद्दत पर रोक लगा कर शरियत...

Political Analysis of India: उच्चतम न्यालय ने तलाक-ए-विद्दत पर रोक लगा कर शरियत...: भले ही तीन तलाक के मुद्दे पर देश के सभी चैनेल्स मे कल दिन भर उच्चतम न्यलाय के आदेश और निर्णय पर घन घोर चर्चा होती रही पर उच्चतम न्यलय ने बड...

उच्चतम न्यालय ने तलाक-ए-विद्दत पर रोक लगा कर शरियत कानून का मान बढाया है और साथ मे मोदी सरकार के मूंह पर तमाचा

भले ही तीन तलाक के मुद्दे पर देश के सभी चैनेल्स मे कल दिन भर उच्चतम न्यलाय के आदेश और निर्णय पर घन घोर चर्चा होती रही पर उच्चतम न्यलय ने बडे ही ईमानदारी के साथ तीन तलाक के मुद्दो को केन्द्र सरकार के पाले मे डाल दिया है, क्यों कि न्यालय जानती है कि कानून बनाना उनके अधिकार मे नही है I

देश के उच्चतम न्यालय ने इस मामले को लेकर बहुत ही माथा पच्ची किया होगा और साथ मे न्यालय ने शरियत कानून को भी खुब आदर और सम्मान दिया और मोदी सरकार के उन बातो को खारिज किया जिसमे सरकार ने तलाक के अन्य पहेलुओ को खत्म करने के लिये न्यालय के समक्ष अपनी बात रक्खे थे I

देखने और समझने की बात यह है कि न्यालय ने कुरान मे दिये गये तलाक के अन्य पहेलुओं जैसे तलाक-ए-अहशान और तलाक-ए-हसन पर कोई कमेन्ट ही नही किया बल्कि एक बार मे कहे गये तलाक,-ए-विद्द्त (Instant triple Talak) पर ही अगले छह माह तक रोक लगा दी है I

यह बात ध्यान रखने की है कि सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के मूल सिद्दांतों को खत्म नही किया है और अगले छह माह तक तलाक के दूसरे फारमेट का भी प्रोयग बंद हो जायेगा ऐसा सोचना भी गलत है और कुछ सिर फिरे मुस्लिम पुरुष अपने रुतवा को बनाये रखने के लिये इधर उधर हाथ मारने के फिराक मे रहेगे I

भारत जैसे देश मे उच्चतम न्यालय द्वरा तीन तलाक पर जबरदसत दखल और जोरदार न्याय को हिस्टोरिकल तो कहा जा सकता है पर अलौकिक नही कहा जा सकता है उसका कारण यह रहा कि विश्व के उन्नीस इस्लामिक देशो ने इस तीन तलाक के खिलाफ शक्त कानून अपने अपने देशो मे पारित कर चुके है, जिसकी अधिक जानकारी निचे दिया गये लिंक पर क्लिक करके जाना जा सकता है I

भले ही भाजपा उच्चतम न्यालय के इस आदेश के लिये “बैगाने की शादी मे अब्दुल्ला दिवाना” जैसा व्यवहार करे पर कांग्रेस के अलावा अन्य सभी दलो ने न्यालय के इस आदेश की प्रसंसा करने मे पिछे नही रहे I

अब देखना यह है कि मोदी सरकार अगले छह महिने के भितर तलाक-ए-विद्दत पर शरियत आधारित कोइ ठोस कानून लाती है या संघी आदेशो का पालन करेगी, हालांकि कि मोदी सरकार उच्चतम न्यालय के आदेश के बावजूद जन लोकपाल के नियुक्ती के विषय कोइ रुची अब तक नही दिखाया है  I

http://indianexpress.com/article/india/pakistan-egypt-among-19-countries-that-have-abolished-triple-talaq-supreme-court-verdict-4808780/

http://indianexpress.com/article/india/instant-triple-talaq-unconstitutional-against-teachings-of-islam-supreme-court-4807974/

Friday, 18 August 2017

साम, दाम, दण्ड, भेद और मीडिया- भाजपा का पांच नीतियां

साम, दाम, दण्ड, भेद को ही शायद चाणक्य नीति कहा जाता रहा है पर 2014 के लोक सभा चुनाव के बाद मोदी सामराज्य के स्थापना के बाद उपरोक्त साम, दाम, दण्ड भेद के साथ एक नये नीति का आविषकार देश के प्रधान सेवक ने ‘मीडिया’ नीति से किया है I

मीडिया नीति के कारण ‘आज तक’ नामक न्यूज चैनेल ने अगामी लोक सभा के चुनाव के लिये भाजपा के पक्ष मे चुनावी पिच का निर्माण कार्य शुरु कर दिया है और साथ मे आगामी चुनाव मे भाजपा के दान पात्र मे 349 सिट शब्दो के झोल के साथ डाल भी दिया है I

अमित शाह ने अगले लोक सभा चुनाव मे 350 प्लस का लक्ष रख कर यह कह दिया है कि अगला चुनाव 2018 मे होना तय है और वो भी बिना वीवी पैट मशीन के I

जिस ढंग से भाजपा के चाणक्य अमित शा ने अपने नेताओं के सामने 350 लोकसभा सिट का लक्ष रखा है उससे तडीपार अध्यक्ष की घबराहट ही रिफलेक्ट हो रहा है उपरोक्त आंकडे को राष्ट्रीय फकीर 2014 को नही छु पाये जब कि उनका Gujarat Model और 10 हजार करोड रुपयों का प्रचार विज्ञापन सातवें आसमान मे पंहुच चुका था I

पुराने समय मे लोग कहा करते थे कि बंद मुठ्ठी लाख की, खुल जाये तो खाक की और आज वही हाल पीएम मोदी का है जिन्होने पिछले लोकसभा चुनाव मे झूठे वादो का अम्बार ही लगा चुके थे और देश की जनता यह मानकर कर बैठ गये थे कि नारायण अवतारित हो चुके है और युवाओं ने तो यहां तक सोच लिया हर साल 2 करोड नौकरियां उनके अच्छे दिन जरुर उनके दरवाजे पर दस्तक देगी I

देखा जाये तो देश के यूवा वर्ग और पेड़ मीडिया ने पिछले लोकसभा चुनाव मे भाजपा को जबरद्स्त समर्थन देकर मोदी जी को प्रधान मन्त्री की कुर्सी तक पहुंचाया और आज वही यूवा वर्ग सब से ज्यादा ठगा महसूस कर रहा है जिसके पास ले-देकर बेरोजगारी और लाचारी रह गई है I

जिस साम, दाम, द्ण्ड, भेद और मीडिया के सहारे भाजपा ने बिहार मे कारनामे दिखाये है उससे भले ही भक्त खुश हुये होगें परन्तु भाजपा के इन पांच नीतियों के कारण सभी प्रमुख विपक्षी दलो आपसी भेद भाव भुलाने का एक अवसर जरुर दे दीया है और कल अगर आम आदमी पार्टी  आने वाले महा संग्राम मे विपक्षी दलो के साथ चली जाये तो आशचर्य की बात न होगी I

https://www.facebook.com/abpnews/videos/2197677433582832/

Wednesday, 16 August 2017

क्या मोदी जी अपने विशालकय झूठी बातों के सहारे देश को चलाना चाहते है?

देश और दुनिया मे यह बात तो प्रचारित हो चुकी है कि भारत के प्रधान मन्त्री मोदी जी के शिक्षा के मामले मे बडा झोल है उनके स्नातक और परस्नातक डिग्री विवाद के घेरे मे है पर झूठ बोलने के मामेले मे तो वे आरएसएस विश्वविद्दालय से पीएचडी भी कर चुके है I

मै हमेशा ही मोदी जी के बेबाग झूठ बोलने की अदा पर कायल रहता हुं, देश मे इनके पहले बहुत से प्रधान मन्त्री आये और गये होगें पर उन लोगो ने इतने ताबड-तोड झूठ बोलने की ना तो हिम्मत दिखाया और ना ही इस विषय पर कोई रुची दिखाई I

झूठ बोलने का शिलसिला प्रधान मन्त्री के बनने के बाद से चालू हुआ है ऐसी बात नही है I झूठ बो ल ने का अभ्यास गुजरात के मुख्य मन्त्री काल मे मीडिया के मिली भगत से “गुजरात मॉडल” नामक एक बडे झूठ से चालु किया और मीडिया की देख रेख मे गुजरात मॉडल एक राष्ट्रीय मॉडल के रुप मे उभर कर आया और इसी कारण भा जपा और दे श की 31% जनता ने उन्हे प्रधान मन्त्री के कुर्सी तक पंहुचा दिया I

मोदी जी के झूठ बोलने की मानसिकता को समझने की जरुरत है, वे कभी भी बंद कमरे मे झूठ नही बोले है जब अपने झूठ को बढाने की बात आती है तो अवसर को ध्यान मे रखते हुए निजी या सरकारी मंच से अपने झूठ का प्रसार किया है I

मोदी जी अपने प्रोपागेण्डा के प्रति आतुर पाये गये, चाहे वो Negative propaganda क्यों न हो और देखा जाये तो वे Positive या Negative propaganda के जरिये वे मीडिया से लेकर सोशल मीडिया के चर्चे मे बने रहना चाहते है I

इस बार मोदी जी ने पुर्व की भांति स्वतंत्रता दिवस को अपने झूठ को फैलाने के लिये चुना और जिसका विरोध चारो तरफ शुरु हो चुका है, निचे दिये गये लिंक पर जा कर उनके झूठ का मजा लिया जा सकता है I

http://viralinindia.net/bjp/narendra-modi-lied-on-15-august/17900/?utm_source=Facebook&utm_medium=vm_india

Sunday, 13 August 2017

संघ और भाजपा को डाक्टर काफिल खान के हीरो बनने से लगी मिर्ची

गोरखपुर के अस्पताल के पुरे घटना क्रम को देखे तो यह बात बहुत साफ हो चुकी है कि सुबे के मुखिया योगी जी इस मामले से ज्यादा घबराये नजर आ रहे है उनका कुर्सी जाने का भय उनके सर पर चढ कर बोल रहा है, इन के भय के पिछे घटना के दुसरे ही दिन जिस ढंग से मोदी के अहम न्युज चैनेल जी न्युज की एंकरो ने खुब तबियत से योगी जी इस विषय को लेकर धोया है I

जी न्युज के एंकरो का यह धोने वाले मामला को हल्के मे नही लेना चाहिये कारण वे तो एच.एम.भी ही है और जी न्युज का मास्टार तो देश के प्रधान सेवक ही ठहरे, मोदी जी की करुणा से ही आज जोगी योगी जी बन गये है, प्रधान सेवक इन बच्चो की हत्याओ से इतने दुखी हो चुके है कि वो इस विषय पर एक भी ट्वीट करना उचित नही समझा I

एक मुस्लिम डाक्टर  काफिल खान बीअरडी अस्पताल और प्रदेश मे हीरो बन जाये तो संघी और भाजपा मे खुजली पैदा होना लाज्मी है, लगे हाथ सरकार ने उसे विभाग के मुखिया पद से न केवल हटाया है बल्कि फर्जी जांच करने पर तुले है I

भले ही Dr. खान को उनके विभाग से योगी जी ने हटा दिया हो पर उत्तर प्रदेश शासन कहने और समझाने मे नाकाम रही क्यों Dr. खान को उनके पद से हटाया गया, क्या यह हटाने का खेल संघ कार्यलय के निर्देशो के अनुसार हुआ है तो यह भी एक जांच का विषय बनता है I

जिस ढंग से सोशल मीडिया मे संघ और BJP IT Cell वाले Dr. खान की खिलाफत कर रहे है उतनी खिलाफत तो बी.अर.डी कालेज के ब्राहमण प्रधानाचार्य पर नही हो रही है, इससे संघ की मनुवादी सोच का खुलासा हुआ है I

देखा जाये तो किसी सरकारी मेडिकल कालेज अस्पताल के प्रबंधन की जिम्मेदारी उक्त कालेज के प्रधानाचार्य की होती है पर संघीय प्रशासक ने अपने मनुवादी सोच के कारण ब्राहमण प्रधानाचार्य को टारगेट नही किया और दुसरी जगह मुस्लिम समुदाये से ताल्लुक रखने वाले Dr. खान को केवले टारगेट ही नही किया बल्कि उनको सामाजिक रुप से बदनाम करने की संघी चेष्टा हुई I

वैसे एक पते की बात यह भी है कि देश के लोग जिसे महान कहें भाजपा और भक्त उस व्यक्ती की चरित्र हनन और बलात्कारी साबित करने मे लग जाते है, भक्तो की निगाह मे केवल झुठो के बादशा फेंकू चंद महराज ही महान है I

http://web.timesnowmobile.com/story?id=64547

Friday, 11 August 2017

हामिद अंसारी की मन की बात प्रधान सेवक, भाजपा और भक्तो के लिये अंगारा साबित हुआ

भारत के भूत पुर्व राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी पिछ्ले तीन वर्षो से संविधानिक पद मे रहेने के कारण मोदी सरकार व भाजपा द्वरा  फैलाये जा रहे Communal hatred के खिलाफ अपने थूक को जमा करते रहे और जाते- जाते टीवी चैनेल के पत्रकार करण थापर के एक साक्षात्कार मे दम लगाकर थूक ही डाला I

श्री अंसारी की थूक न केवल प्रधान सेवक को बल्कि भाजपा सहित उनके चुन्नु- मुन्नु सभी भक्त गणो तथा संघी चैनेल्स वालो को अंगारे की तरह लगा और सभी ने उनके उदगार को  समझने की जगह उपहास करते नजर आये और Intellectual  जवाब तक नही दे सके, इसका एक अहम कारण यह भी है कि भाजपा के नेताओं का शिक्षा का पैमाना श्री हामिद अंसारी के तुलना मे नग्न है I

https://www.youtube.com/watch?v=TOvI1RkP2Gc

भूतपूर्व राष्ट्रपति ने जिस सालिनता से पत्रकार करण थापर के द्वरा उठाये सवालो का जवाब दिया वो अपने मे ही लाजवाब और सारगर्भित था, चूंकि उक्त इंटरव्यु अंग्रीजी भाषा मे होने के कारण भाजपा नेताओ को समझने परेशानी हुई होगी I देखा जाये तो उन्होने उन बातो का व्यक्त किया है जो मौजूदा Mob Lynching के कारण मुस्लिम समाज मे भय का माहौल पैदा हो चुका है I

गौरतलब है कि श्री हामिद अंसारी केवल देश के उप राष्ट्रपति ही नही बने बल्कि वे संयुक्त राष्ट्र के स्थाई प्रतिनिधि थे और इसके अलावा वे कई देशो मे राजदूत के पद को भी संभाला थ,ऐसे औदे तक पहुचने के लिये देश के प्रधान सेवक के लिये दिवा सपना ही है

देश की मीडिया भीड द्वरा कत्ल किये जाने को Mob Lynching जरुर कह रही है, पर यह भी देखना जरुरी है कि ऐसे भीड को जुटा कौन रहा है I अगर निचे दिये गये लिंक मे जाकर देखें तो श्री कपिल सिब्बल ने राज्य सभा के सदन मे Mob Lynching के पिछे की ऐसे भीड का पर्दाफास किया है I

श्री सिब्बल जी की बातो से पता चलता है कि गौ रक्षI के नाम पर यह Mob Lynching नही बल्कि संघी लिचिंग चल रहा है I यह भी समझना होगा कि आखिर मे इन गौ रक्षकों को फण्डीग कौन सी संस्था कर रही है और क्यों गौ रक्षकों पर रुपये खर्च किये जा रहे है I

अगर उपरोक्त सवालो के जवाब आप अपनी समझदारी से खोज लेते है तो आप को पुर्व उप राष्ट्रपति द्वरा उठाये गये बातो को बुरा नही लगेगा I

Wednesday, 9 August 2017

Political Analysis of India: भारत छोडो आंदोलन की 75 वी वर्षगांठ के पिछे आरएसएस ...

Political Analysis of India: भारत छोडो आंदोलन की 75 वी वर्षगांठ के पिछे आरएसएस ...: बडबोलेपन के सिरोमणी और देश के प्रधान सेवक अपने और अरसएस की छवि सुधारने के लिये अपने नाटक के जरिये क्या स्टंट कर जाये यह बात किसी को पता न...

भारत छोडो आंदोलन की 75 वी वर्षगांठ के पिछे आरएसएस और मोदी जी की मंसा अपने को देश भक्त सिद्द करना

बडबोलेपन के सिरोमणी और देश के प्रधान सेवक अपने और अरसएस की छवि सुधारने के लिये अपने नाटक के जरिये क्या स्टंट कर जाये यह बात किसी को पता नही होता है I अब उनके नये ड्रामे की पटकथा अंग्रेज भारत छोडो आंदोलन के 75 वी वर्षगाठ मनाने पर कलम बंद हो चुकी हैI

क्या यह दुबारा पुछने की जरुरत है कि मोदी जी के Mother organization, आरएसएस का अगस्त विद्रोह हो या उस के बाद स्वतंत्रता संग्राम मे क्या अहम भूमिका रही जब की आरएसएस का जन्म1925मे होचुका था I

शायद प्रधान सेवक का उनके संदेहस्पद भूमिका पर मलाल जरुर होगा और देश मे इस बात की भी चर्चा भी रही कि आरएसएस ने कई दशक तक अपने मुख्यालय मे देश के ध्वज को फहराने मे कोई दिलचस्पी नही दिखाई और जिस कारण देश के लोगो बारम्बार भाजपा और आरएसएस पर उंगली उठाते रहे I

हमे यह नही भूलना चाहिये कि माहात्मा गान्धी जी द्वरा अगस्त क्रन्ति न केवल देश की आजादी के लिये बल्कि देश की जनता को पूर्ण स्वाराज के लिये उठाया गया कदम था, जिन किसानो, मजदूरो, महिलाओं, दलित और शोषितों के लिये स्वराज की परिक्ल्पना के गई थी क्या आज के परिपेक्ष मे सही पाई जा रही है?

सही पूछे तो वर्तमान मोदी सरकार बडे पूंजिपतियो के आगे किसानो, मजदूरो, महिलाओं, दलित और शोषित समाज के स्वाराज को गिरवी रख चुके जिसके कारण एसे लोगो की व्यथा को सुनने वाला कोई नही है I

अगर मोदी जी यह समझ रहे है कि एसे एक वर्षगांठ के आयोजन करने से आरएसएस पर लगे पुराने दाग और उनके गंदे इतिहास मिट जायेंगे तो यह भला मोदी जी को अपनी Mother organization के लिये करना ही चाहिये I

http://www.muslimissues.in/rss-had-opposed-the-quit-india-movement-sonia-said-how-do-these-people-become-patriots/

Monday, 7 August 2017

चंडीगढ के छेडछाड वाले मामले मे भाजपा की नाक जितनी कटी है उतना तो चीन के धमकाने मे भी नही कटी थी

मोदी जी के प्रधान मन्त्री बनने के पहले उनके द्वरा की गई हर बात जुमला साबित हो चुकी है और प्रधान मन्त्री बनने के बाद उनके गार्डेन फ्रेश “बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान” भी जुमला साबित होते दिख गया है और वो भी हरियाना से जहां से इस अभियान की घोषणा की गई थी I

एक बात तो माननी ही पडेगी कि चंडीगढ मे हुए छेड-छाड मे भुक्त भोगी वर्णिका कुण्डु ने आद्भुत साहस का परिचय दिखाया है उसका नजिर वर्षो तक देश मे याद किया जायेगा और साथ मे चंडीगढ पुलिस द्वरा त्वरित कार्रवाई करते हुये उक्त लडकी को बचाने का जो काम किया है उसे भी याद किया जाना चाहिये I

इस बात को भी कोई इंकार इंकार नही कर सकता है कि हरियाना पुलिस ने जो खेल भाजपा के राजनीतिक दबाव मे आकर भुक्तभोगी के साथ खेला है उसे किसी भी हिसाब से माफ नही किया जा सकता है, खैर इस वजह से भाजपा का असल चाल चेहरा और चरित्र देश के सामने तो आया I

चंडीगढ वाले मामले के दूसरे दिन से मोदी जी के सारे गोदी मीडिया ने जिस ढंग से अपना केचुल छोडा है और भुक्तभोगी के साथ खडे दिखे मै तो क्या सारा देश हत्प्रभ हो गया है I

मोदी जी के प्रधान मन्त्री और तडीपार अमित शाह का भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा ने हद से ज्यादा दूसरे पार्टीयों से दागी और क्रिमिनल नेताओं का जो आयात शुरु किया है उससे उत्तर प्रदेश से क्राइम खत्म होने का नाम ही ले रही है और साथ मे पार्टी के चाल चेहरा और चरित्र क्राइम के गंगा मे डुबकी लगा रहा है I

चण्डीगढ वाले मामले के बाद मोदी जी द्वरा अपने नेता के खिलाफ को कोई न कर्रवाई करके उन्होने साफ तौर भाजपा के अन्य नेताओ के लडको को क्राइम करने की खुली छूट के साथ हौंसला बढाया है I बात साफ है कि भाजपा शासित राज्यों मे बीजेपी के नेता के लडके किसी भी घिन्नोनी काम कर जायें तो मोदीजी पर उंगली न उठाये I

http://www.nationaldastak.com/country-news/ias-virendra-kundu-facebook-post-on-allegedly-harassed-daughter/

Wednesday, 2 August 2017

क्या उच्चतम न्यालय नीतीश कुमार द्वरा चुनाव आयोग के साथ किये गये धोका-धडी पर उचित और कठोर दण्ड दे पायेगी

भले ही सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई के लिये तैयार हो गयें है, जिसमे बिहार के मुख्य मन्त्री नीतीश कुमार ने सालो तक चुनावी हलफनामे मे निचली अदालत मे लंबित अपने अपराधिक मामले की जानकारी नही दी पर क्या उच्चतम न्यालय इस संदर्व मे नीतीश कुमार को कडे दण्ड दे पायेगी जिसमे एक नजिर स्थापित किया जा सके I

अगर प्रिन्ट मीडिया मे छपे खबरो को माने तो याचिकाकर्ता ने अपने याचिका मे केवल नितीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता रद्द करने की गुहार की है I हम यह मान कर चल रहे है कि यह मुकदमा लम्बे समय तक चलेगा जिसका फायदा नीतीश कुमार को मिलगा I

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सीबीआई को इस मामले मे एफआईआर दर्ज करने के ऑर्डर दिया जाए। याचिकाकर्ता के मुताबिक इलेक्शन कमीशन ने कुमार के खिलाफ केस की जानकारी होते हुए भी उनकी मेंबरशिप खारिज नहीं की जिसके कारण वो अब भी संवैधानिक पद पर काबिज हैं। नीतीश पर 2004 से 2012 के दौरान चुनावी हलफ़नामों में आपराधिक केस की जानकारी छुपाने का आरोप है।

हो सकता है  आने वाले समय मे नीतीश कुमार अपने गिरती हुई छवि को बचाने के लिये एक नये पैंतरे का साहारा लें और एक आध महीने के भीतर ही एक नये प्रलाप के साथ उच्चतम न्यालय के किसी आदेश के आने के पुर्व ही एमएलसी के पद से त्यागपत्र दे डालें और पुन: दो घंटे के भितर ही दोबारा अपने नये गुरु घंटाल के सहारे मुख्य मन्त्री का शपथ ग्रहण करलें और अगले छ्ह माह के भितर पुन: एमएलसी बन जायें I

एक बात तो तय है कि आरजेडी के लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव उच्चतम न्यालय मे दाखिल याचिका को पुरा भुनाने की कोशिश करेंगे और समय–समय पर कुर्सी कुमार का सरेआम वस्त्र हनन करते रहेंगे भले ही न्यालय का बाद मे जो भी आदेश दें I

अब देखना यह है कि कुर्सी कुमार के इस धोका-धडी को सुप्रीम कोर्ट कोई कठोर दण्डात्मक आदेश पारित करते है कि नही I    

http://www.jaihindmaithilinews.in/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%96%e0%a4%b2-%e0%a4%b9%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%97/

Sunday, 30 July 2017

Political Analysis of India: नीतीश कुमार की उपस्थिति मे लगे जय श्रीराम के नारे ...

Political Analysis of India: नीतीश कुमार की उपस्थिति मे लगे जय श्रीराम के नारे ...: अगर किसी को भगवान के नाम का राजनीतिकरण करना सिखना है तो उसे फौरन ही भाजपा का सदस्य बन जाना चाहिये, देश के लोगो ने देखा कि कैसे भगवान श्रीरा...

नीतीश कुमार की उपस्थिति मे लगे जय श्रीराम के नारे और संविधान और धर्मनिरपेक्षता गई तेल लेने

अगर किसी को भगवान के नाम का राजनीतिकरण करना सिखना है तो उसे फौरन ही भाजपा का सदस्य बन जाना चाहिये, देश के लोगो ने देखा कि कैसे भगवान श्रीराम को भाजपा ने नारा मे तबदिल कर दिया, पहले जब पुरनिया एक दुसरे से मिलते थे राम-राम भईया कहा करते थे लेकिन अब भाजपा ने भगवान राम की भी ब्रैन्डींग “जय श्रीराम” से कर दी है I

केन्द्र मे मोदी जी के अगमन के बाद भाजपा ने जय श्रीराम का जबरदस्त मार्केटींग शुरु कर दी है और अब वही मार्केटींग सडक से होते हुए भाजपा शासित राज्यों के विधान सभा के सदन मे गुंजने लगी है I

दो दिन पुर्व बिहार के विधान सभा के सदन मे नये गठबंधन के फ्लोर परिक्षण नये मुख्य मन्त्री श्री नीतिश कुमार की उपस्थिति मे हुई थी और ऐसा परिक्षण देश के तमाम विधान सभाओ मे देखने को मिलते है पर बिहार के विधान सभा के सदन मे कुछ नया देखने को मिला वह था भाजपा का ब्रैन्डींग “जय श्रीराम की मार्केटींग I

भाजापा ने देश के संविधान को ठेंगा दिखाते हुए खुब उछल-उछल कर जय श्री राम के नारे लगाते रहे मानो कि प्रधान सेवक का मानस पुत्र- विकास का जन्म हुआ हो I

मजे की बात यह रही कि नीतीश कुमार ने चौबीस घंटे पुर्व भरे सदन मे संविधान के रक्षा के लिये शपथ लिया था वही व्यक्ती चौबीस घंटे बाद संविधान की मर्यादा को सम्भालने मे असफल रहे और अपने उपस्थिती मे जय श्रीराम के नारो को लगा कर संविधांन की खुब धज्जीयां उडाइ I

सनद रहे कि देश का संविधान पुरे दम से धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है जिसका अर्थ हुआ संविधान देश मे सभी धर्मो को समान नजर से देखती है और कोई भी विधान सभा सदन देश के संविधान से उपर नही है I

अगर भाजपा जय श्रीराम की मार्केटींग विधान सभा के पटल मे करतें रहे तो वो दिन दूर नही जब सदन मे जय श्रीराम के नारे के साथ “अल्लाह हो अकबर” की गुंज सुनने को मिलेगी और मोदी जी को इस मामले मे चुप्पी साधना पडेगा I

https://www.facebook.com/Baavree/videos/vb.100004335828631/844319132389273/?type=2&theater

Saturday, 29 July 2017

Political Analysis of India: नीतीश कुमार और भाजपा का प्रेम कथा 2019 के लोक सभा ...

Political Analysis of India: नीतीश कुमार और भाजपा का प्रेम कथा 2019 के लोक सभा ...: अगर तेजस्वी यादव के तथाकथित भ्रष्टाचार के साथ पनामा पेपर लीक मे फंसे 500 विशिष्ठ भारतीय नागरिको की तुलना की जाये तो प्रधान सेवक का देश मे भ...

नीतीश कुमार और भाजपा का प्रेम कथा 2019 के लोक सभा चुनाव तक सिमित

अगर तेजस्वी यादव के तथाकथित भ्रष्टाचार के साथ पनामा पेपर लीक मे फंसे 500 विशिष्ठ भारतीय नागरिको की तुलना की जाये तो प्रधान सेवक का देश मे भ्रष्टाचार के प्रति गम्भीरता की कलाई खुल जाती है I

भ्रष्टाचार विरोधी सुशासन बाबू तो देश के प्रधान सेवक से यह तो पुछ ही सकते है कि पनामा पेपर लीक मे फंसे लोगो का तारणहार कौन है I उल्लेखनिय है कि इसी पनामा पेपर लीक के मामले मे पाकिस्थान के उच्चतम न्यालय ने पाकिस्थान के प्रधान मन्त्री नवाज शरीफ की कुर्सी ही छिन ली I

हम बात कर रहे थे चट मंगनी और पट व्याह की, यह खेद का विषय है कि नीतीश कुमार जैसे राजनीति के पुराने धुरंधर क्यों नही समझ पाये कि मोदी जी के शरीर मे हिटलर की आत्मा प्रवेश कर चुकी है और इसी कारण भाजपा छल, बल और कपट के जरीये विपक्ष मुक्त रणनीती बनाने मे लगी हुई है I

इसमे कोई दो राय नही कि भाजपा अगले दो साल मे उनके शासित राज्यों मे होने वाले विधान सभा चुनाव मे कुर्मी वोटो की लिये सुशासन बाबू को बंदर नाच नचाती रहेगी I

इसमे शंका करने  वाली कोई बात नही कि 2019 मे होने वाले लोक सभा चुनाव के पुर्व सिट के बंटवारे को लेकर दोनो पार्टीयों मे एक घमासान होना तय है I

निश्चित रुप से जेडीयू के मुकाबले मे भाजपा केन्द्र मे एक बडी पार्टी होने के नाते सीट के बंटवारे मामले मे अपना दब दबा बना के रक्खना चाहेगी और कहीं नीतीश कुमार इस रस्सा-कसी मे हतियार डाल दिये तो उनका राजनीतिक कैरियर अंधकार मे जाना तय है I

सनद रहे कि पिछली बार महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव के पुर्व भाजपा और शिव सेना मे सीट के बटवारें को लेकर दोनो पार्टेयों मे खुब तना-तनी देखने को मिला और परिणाम स्वरुप दोनो ही पार्टीयां अलग अलग चुनाव लडे और एक दूसरो के उपर खुब किचड उछाला I कहीं भाजपा अपने पुराने इतिहास को बिहार मे दोहरा न दें I

केन्द्र के चुनाव मे खुदा ना खास्ता अगर मोदी जी की वापसी हो गई तो समझ ले भाजपा नीतीश कुमार को दर किनार कर बिहार मे विधान सभा के चुनाव का बिगुल फूंक देगी और साथ मे आरजेडी और जेडीयू के अलग–अलग चुनाव लडने से भाजपा का  सरकार बनना तय है I

http://www.amarujala.com/india-news/two-big-leader-in-bjp-s-list-after-nitish-kumar

Wednesday, 26 July 2017

Political Analysis of India: नीतीश कुमार तो सुशासन बाबू के जगह छलिया बाबू निकले...

Political Analysis of India: नीतीश कुमार तो सुशासन बाबू के जगह छलिया बाबू निकले...: नीतीश कुमार का त्याग पत्र कोई अप्रत्यशित घटना नही कहा जा सकता है, इस घटना को होना लगभग तय था वह भी तब से जब लालू यादव ने अपने कम पढे लिखे द...

नीतीश कुमार तो सुशासन बाबू के जगह छलिया बाबू निकले

नीतीश कुमार का त्याग पत्र कोई अप्रत्यशित घटना नही कहा जा सकता है, इस घटना को होना लगभग तय था वह भी तब से जब लालू यादव ने अपने कम पढे लिखे दोनो बेटों को मन्त्री मण्डल मे जगह दिलवाया था और यही बात नीतीश कुमार को शुरु से ही मन मे खटकने लगी थी I

एक बात देश के लोगो तथा बिहार के मतदाताओ को यह समझ मे नही आई होगी कि श्री कुमार ने भाजपा से क्यों नाता तोड लिया था जब श्री नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रस्ताव प्रधान मन्त्री के रुप मे किया गया था पर उस के पिछे की राजनीति को समझना कोई राकेट साइंस नही है. बात असल मे यह है कि 2014 के लोक सभा के चुनाव मे श्री नीतीश बाबू को मुस्लिम वोटरो की चिन्ता सताने लगी थी कि कहीं मुस्लिम मतदाता पुरे के पुरे लालू यादव के साथ न चले जायें हलांकि 2014 के चुनाव के नतीजों ने उनके मुस्लिम गणित का वाट लग गया I

 लोक सभा के चुनाव के बाद सुशासन बाबू अपने को बिहार के विधान सभा चुनाव मे अपनी पार्टी को जितना और अपने को मुख्य मन्त्री के रुप मे देखने की लालसा बढ गई और उन्हे यह बात भी समझ मे आ चुकी थी कि यदि जेडीयू और आरजेडी अलग- अलग चुनाव लडेगी तो फायदा भाजपा को हो जायेगा और उन्होने सजायाफ्ता लालू यादव और उनके भ्रटाचारी छवि को दर किनार करके महा गठबंधन किया और लालू यादव को एक पवित्र गाय के रुप मे देखने लगे I

नीतीश कुमार की राजनीति तभी समझ मे आ चुकी थी जब उन्होने अरएसएस के श्री राम कोविन्द के राष्ट्रपति के उम्मीदवारी पर न केवल कसिदे पढे बल्कि जेडीयू का सर्मथन बिना मागें ही दे दिया और महा गठबंधन से अपने को अलग किया, गौरतलब है कि यही सुशासन बाबू ने आरएसएस मुक्त भारत का नारा भी दे चुके है I

नीतीश कुमार का अचानक सुबह त्यागपत्र देना और शाम होते-होते मोदी जी के सामने शिर्ष आसन करने से यह बात संदेह युक्त नही रहा कि मोदी जी के एजेंसीयो द्वारा यादव परिवार के पिछे छापों मे एक बडी भूमिका सुशासन बाबू की रही होगीI

दुर्भाग्य से राजनीती के धुंरधर माने जाने वाले श्री लालू प्रसाद को नीतीश कुमार के गिरगिट वाली राजनीति समझ न सके अगर वे अपने पुत्र सहित सभी आरजेडी के मन्त्रीयो का त्याग पत्र कुछ समय के लिये दिलवा दिये होते तो सुशासन बाबू का भाजपा प्रेम हिलोरे नही मारता I

वैसे बिहार के मतदाताओ को नीतीश कुमार के इस छलिया बाबू वाला रुप कितना भायेगा उसका पता तो 2019 के लोक सभा के चुनाव मे पता चलेगा वैसे जेडीयु के एमएलए भाजपा और मोदी विरोधी वोट के सहारे जीत कर आयें है I

Saturday, 22 July 2017

Political Analysis of India: बिहार मे भाजपा “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” वाली स्...

Political Analysis of India: बिहार मे भाजपा “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” वाली स्...: पिछले तीन वर्षो के शासनकाल मे भाजपा ने जितनी खिज किसी दूसरे विपक्षी पार्टीयों के उपर न उतारी होगी उससे कहीं ज्यादा गुस्सा भाजपा ने श्री लाल...

बिहार मे भाजपा “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” वाली स्थिती मे आ चुकी है

पिछले तीन वर्षो के शासनकाल मे भाजपा ने जितनी खिज किसी दूसरे विपक्षी पार्टीयों के उपर न उतारी होगी उससे कहीं ज्यादा गुस्सा भाजपा ने श्री लालू प्रसाद यादव, उनके पुत्र तेजस्वी यादव और मिसा भारती के खिलाफ तमाम छापो के जरीये उतारा I

हालांकि इन तमाम छापो के पिछे भाजपा का एक सुत्रीय कार्यक्रम यह रहा कि किसी भी हाल मे बिहार की महा गठबंधन के गांठ को खोल के रक्ख दिया जाये पर देश के प्रधान सेवक और उनके दाहिना हाथ समय के काल चक्र के सहारे अपने को देश की राजनीति मे धुरंधर समझते हो पर सत्य यह भी है कि श्री नीतीश कुमार बिहार के राजनीती मे दूध मुहां नेता नही है जिसे बाहरी प्रदेश के नेता अपनी चाल से मात दे सके I

भले ही भजपा ने अपने गोदी मीडिया के सहारे तेजस्वी यादव के त्याग पत्र को लेकर नीतीश कुमार पर ईमोसंल अत्याचार और ब्लैक मेल करने की मनचाही कोशिश की पर ढोल के तीन पात तब देखने को मिला जब श्री कुमार ने तेजस्वी यादव के बातो मे अपनी सहमती जोड दी, हालांकि इस विषय पर मोदी एण्ड कम्पनी को मूह की खानी पडी I

हिन्दी मे एक पुरानी कहावत है कि “खिसयानी बिल्ली खम्भा नोचे” और लगभग वही हाल बीजेपी का है, यदि हम हिन्दी दैनिक अमर उजाला मे छपे खबरो को माने तो भारत पैट्रोलियम कॅरपोरेशन ने तेज प्रताप को आवंटित पेट्रोल पंप का लाइसेंस इस आशय से रद्द कर दिया कि वे लाइसेंस पाने के लिये गलत जानकारी प्रस्तुत किये थे I

मजे की बात यह है कि भारत पैट्रोलियम कॅरपोरेशन ने अपने से कोई जांच नही की बल्कि उक्त आरोप भाजपा के नेता सुशील मोदी के आरोपो के आधार पर लाइसेंस रद्द किया गया I

भाजपा का “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” का दुसरा भाग कल देखने को मिला जब उड्डयन मन्त्रालय ने हवाई अड्डे पर श्री लालू प्रसाद यादव एंव श्रीमति रावडी देवी को वीवीआइपी ट्रीटमेंट देने से मना कर दिया है I यह समझ के परे है कि कब तक भाजपा बिहार के मामले मे एक खिसयानी बिल्ली की  भूमिका अदा करती रहेगी I

https://youtu.be/N7P5lLWFpVI

Tuesday, 18 July 2017

Political Analysis of India: राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद दलित समाज को दबान...

Political Analysis of India: राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद दलित समाज को दबान...: देश वासियों को शायद ही एक ऐसा राष्ट्रपति के चुनाव का अनुभव हुआ होगा जिसमे प्रत्यासी के टैलेंट को छोड कर उस के जाति पर आधारित चुनाव देखने को...

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद दलित समाज को दबाने और कुचलने का काम बंद

देश वासियों को शायद ही एक ऐसा राष्ट्रपति के चुनाव का अनुभव हुआ होगा जिसमे प्रत्यासी के टैलेंट को छोड कर उस के जाति पर आधारित चुनाव देखने को मिला, ऐसा जातिय ड्रामा का पठकथा श्री नरेन्द्र मोदी जी के कलमो से ही आया I

राष्ट्रपति का चुनाव तो पिछले दिन धुम धाम के साथ समपन्न हो गया है और ट्वीटर मे प्रधान मन्त्री के अलावा शासक दले के बडे नेताओ के वोट डालते हुए गोदी मीडिया के अनुकम्पा से देखने को मिला पर विचारणिय बात यह कि राष्ट्रपति चुनाव मे दलित प्रत्यासीयों के डंके तो खुब बजे पर क्या दलित प्रत्यासी के जीतने पर आम दलित समाज का उत्थान का मार्ग प्रसस्थ होगा क्या या उनके समाज के लोगो को उच्च जातियों द्वरा दबाया और कुचला जायेगा I

यह तो पक्का है कि जिस ढंग से भाजपा ने कुछ मानसिक रुप से क्मजोर विपक्षी पार्टीयों को अपने सर्मथन मे लाने मे कामयाब हुए उससे तो पुरे राष्ट्रपति चुनाव को पाक साफ कहना जरा मुसकिल सा लग रहा है उसका कारण यह भी है कि एनडीए के घटक दल न होने के बावजूद मोदी सरकार से गलबहियां करने कि पिछे के डील या समझौता को नजर अन्दाज नही किया जा सकता है I

उपरोक्त बातों को ध्यान मे रख कर इतना तो कहा जा सकता है कि श्री रामनाथ कोविन्द का जीतना पक्का है, आर.एस.एस के लिये अच्छी बात यह है कि राष्ट्रपति से लेकर प्रधान मन्त्री और उनके मन्त्री मण्डल के सभी के सब अब भगवा धारी हो गये है I आर.एस.एस के लिये इससे अच्छा सुनहरा मौका क्या हो सकता है कि देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिये जोरदार पहल करे I

इतना तो कहा जा सकता है कि अगर आर.एस.एस हिन्दू राष्ट्र की योजना को मोदी जी के गोदी मीडिया के द्वरा प्रचार और प्रसार करने मे कामयाब हो जाती है तो भाजपा को गुजरात के विधान सभा के चुनाव मे हारने से बचया जा सकता है I

वैसे तो भाजपा के पास हिन्दू-मुस्लिम पोलाराइजेशन के पुराने हतकण्डे है जिसमे भाजपा शासित किसी राज्य मे साम्प्रदायिक दंगे करवाने के लिये पैसे खर्च करने पडेंगे और इसी कडी मे गौ रक्षकों के पावन काम को नकारा नही जा सकता है और साथ मे श्री अमित शाह के उस बयान को भी जोडा जाना चाहिये जिसमे उन्होने अमरनाथ यात्री के श्रद्धालुओं के मौत को गुजरात के साथ जोड के देखने की कोशिश की I

https://twitter.com/SanjayAzadSln/status/887201577789931520

Sunday, 16 July 2017

Political Analysis of India: कुछ लोगो का मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान...

Political Analysis of India: कुछ लोगो का मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान...: बिहार के श्री लालू प्रसाद के साथ उनके परिवार पर सीबीआई, आईडी एंव आईटी द्वरा किये गये छापे मे कुछ मिला हो या नही पर एक बात तो साफ हो चुकी है...

कुछ लोगो का मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान जी के पूंछ मे आग लगाने के समान है

बिहार के श्री लालू प्रसाद के साथ उनके परिवार पर सीबीआई, आईडी एंव आईटी द्वरा किये गये छापे मे कुछ मिला हो या नही पर एक बात तो साफ हो चुकी है कि श्री नरेन्द्र मोदी और उनके “टीम मोदी” 2019 मे होने वाले लोक सभा के चुनाव की परिणामो को ध्यान करने पर उनके घबराहट सातवें आसमान पर दिख रही है I

श्री मोदी जी के घबराहट को इसलिये नकारा नही जा सकता है कि पिछले 3 वर्षो के शासन काल मे पिछले चुनाव मे किये गये भारी-भारी वादों के परिणाम निल बटा सन्नाटा साबित हुआ है और कुछ वादों पर तो जुमला का टैग खुद मोदी जी और उनके हनुमान श्री अमित शा ने ही लगा दिये है I

कुछ लोगो का यह भी मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान जी के पूंछ मे आग लगाने के समान है और लालू जी और उनके लडके तेजस्वी यादव पर धारा भी लगया है 10 बी और 420

इससे कहीं ज्यादा धारा जैसे 506, 307,147, 148, 297, 336, 504, 295, 153A, और 435 तो  उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री श्री योगी आदित्य नाथ पर लगे हुयें है और उप मुख्य मन्त्री श्री केशव प्रसाद मौर्य पर 302/120 B /153 A/188/ 147/148/153/15/352/188/323/ 504 /506/147/295 A/153/ 420/467/465/171/188 / 147/352/323/504/506/392/ 153 A/353/186/504/147/332/147/332/504/332/353/506/380 147/148/332/336/186/427 143/353/341 मुकदमे चल रहे है I

किसी ने सही लिखा है कि नैतिकता के आधार पर तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगने वालों के लिए यह बताना जरुरी है कि। मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

पेड न्यूज के मामले में नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया था। मिश्रा ने राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने की इजाजत के लिये दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अब राष्ट्रपति चुनाव में वोट नही दे पाएंगे। नरोत्तम मिश्रा अभी भी मंत्री पद पर बने हुए है। क्योंकि, बीजेपी में इस्तीफे नही होते और इन बातो के कारण उमा भारती पर चार्ज शीट फ्रेम होने के बावजूद आज भी मन्त्री पद पर है I

सनद रहे राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने वाले दागियों में सबसे अधिक संख्या बीजेपी के सांसदों, विधायकों की है। बीजेपी के 337 जनप्रतिनिधियों पर गम्भीर आपराधिक केस चल रहे है।

http://www.newindianexpress.com/nation/2017/jul/17/delhi-high-court-refuses-to-allow-tainted-bjp-mp-narottam-mishra-to-vote-in-prez-poll-1629630.html?utm_content=bufferbe103&utm_medium=social&utm_source=twitter.com&utm_campaign=buffer

Tuesday, 11 July 2017

अमरनाथ यात्रीयों की मौत एक संदेहास्पद मामला बन चुका है

मोदी सरकार की एक परम्परा बना चुकें है कि जब कभी भी देश के किसी भी भाग मे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले हो तब अपने प्रायोजित मीडिया के माध्यम से दिल खोल कर आतंकी संगठनो के नाम लिये बिना ही दस-बीस किलो के वजनदार कडी निन्दा का बरसात शुरु कर देते है, इस निन्दा के पिछे हमारे 56” छाति वाले प्रधान मन्त्री भी ट्विटर के आढ मे निन्दा की ढोल को पिटने मे कोई कसर नही छोडते है I

समझ मे नही आया कि आतंकी हमले के कारण अमरनाथ यात्री के मौत पर क्यों छाति पिटा जा रहा है जब की नोट बंदी के आतंकी हमले से दस गुना लोगो की मौत हो चुकी थी I

सही पुछे तो अमरनाथ यात्री के मौत के पिछे दो-दो सरकारो की जवाबदेही और जिम्मेदारी बनती है पर मोदी सरकार व महबूबा सरकार को कडे निंदा के शब्दो का साहारा लेना पड रहा है और मजे की बात यह भी है ऐसी घटना का अंदेशा देश के आईबी पहुंचाया जा चुका था I

अमरनाथ यात्रीयों के मौत के पिछे के कुछ संयोगों को दरकिनार नही किया जा सकता है जैसे 1) गुजरात मे आने वाला विधान सभा चुनाव 2) एक ही बस मे गुजराती श्रद्धालुओं का होना 3) बस की सही कागजात न होना 4) स्राइन बोर्ड के पंजिकरण बस को चलाना 5) बिना सुरक्षा के बस यात्रा करवाना 6) निर्धारित समय का उलंघन कर बस को चलाना 7) मरे हुये यात्री का गुजराती होना 8) केन्द्र और जम्मु कश्मीर सरकार मे भाजपा का शासन होना 8) सन 2001 से 20017 तक अमरनाथ यात्रीयों पर कोइ हमला न होना आदि एक चिंतनिय विषय है I

एक और संदेह का विषय यह भी बनता है कि बस मे सफर कर रहे कोई भी श्रद्धालुओं ने हमलावारो को नही देखा है और यह भी समझ मे नही आया कि मरे हुये लोगो की अंतिम संस्कार के पुर्व गुजरात के सड़को पर क्यों घुमाया गया I पुरे घटनाओं का अवलोकन करने के बाद आप पुरे मामले की असलियत खुद ही समझ लें और समझाने और समझने के लिये कुछ बचा नही हैI

http://www.nationaldastak.com/country-news/when-the-bjp-is-in-rule-why-terror-attacks-on-amarnath-pilgrims/


Political Analysis of India: भाजपा अमरनाथ के श्रद्धालुओं के मौत के पिछे सुरक्षा...

Political Analysis of India: भाजपा अमरनाथ के श्रद्धालुओं के मौत के पिछे सुरक्षा...: पिछ्ले 25 जून 2017 मे ही Intelligence विभाग ने अपने एक रिपोर्ट केन्द्र और राज्य सरकार को सौंप चुके थे कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकविदीयो ...

भाजपा अमरनाथ के श्रद्धालुओं के मौत के पिछे सुरक्षा की त्रुटी को मानने के लिये तैयार नही

पिछ्ले 25 जून 2017 मे ही Intelligence विभाग ने अपने एक रिपोर्ट केन्द्र और राज्य सरकार को सौंप चुके थे कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकविदीयो द्वरा हमले होने की प्रबल सम्भावना है पर दोनो ही सरकारो ने इस गम्भीर विषय को ज्यादा तवज्जो नही दिया और ना ही इस विषय को लेकर श्री अजीत डोवाल के अगुआइ मे INA की कोइ बैठक बुलाई और अमरनाथ के श्रद्धालुओं  को मरने के लिये छोड दिया I

इस घटना के बाद भाजपा अपनी सक्रियता दिखाते हुए यह कह दिया कि सुरक्षा मे कोई चूक नही हुई और दूसरी तरफ मोदी सरकार इस मामले को लिपा-पोती मे जुट चुकी है I

उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री योगी जी को अमरनाथ मे मारे गये श्रद्धालुओं  को श्रद्धांजली देने के नियत से कैबिनेट के विशेष सत्र का आयोजन कर के दूसरे भाजपा शासित राज्यों को श्रद्धांजली देने वाले मामले मे पिछे धकेल दिया और साथ मे गोदी मीडिया मे छा जाने के मार्ग को प्रसस्त किया I

बडी गम्भीरता से सोचने के बाद भी देश के लोगो को याद नही आयेगा कि नोट बंदी के दौरान सत्तर अस्सी लोगो के मौत हो जाने के बावजूद किसी भी भाजपा शासित प्रदेशो ने विधानसभा के विशेष सत्र बुलाकर नोट बंदी के कारण से मरे हुए लोगो के लिये कोई शोक प्रस्ताव पारित किया हो I

भाजपा ने हिन्दू शब्द्द के प्रयोग को भी राजनीतिक नजरिये से देखती है, हिन्दू नामक लोगो की हैसियत अब केवल वोट बैंक या मॅब लिचिंग के लिये प्रयोग होने लगा है I

http://liveindia.live/india/salim-save-people-jk/181596.html

http://timesofindia.indiatimes.com/india/amarnath-terror-strike-why-no-security-measures-if-you-had-intelligence-input-about-attack-beforehand-asks-congress-of-centre/articleshow/59541207.cms?utm_source=twitter.com&utm_medium=referral&utm_campaign=TOIIndiaNews

Monday, 10 July 2017

Political Analysis of India: आतंकवादीयो ने गुजरात के श्रद्धालुओं से भरे हुए बस ...

Political Analysis of India: आतंकवादीयो ने गुजरात के श्रद्धालुओं से भरे हुए बस ...: बेहद दुखद घटना  45000 सुरक्षा कर्मियों को केवल 2 आतंकवादी ठेंगा दिखाकर अमरनाथ श्रद्धलुओं को मार जाते हैं !! श्रद्धलुओं की बस बिना रजिस्ट्रे...

आतंकवादीयो ने गुजरात के श्रद्धालुओं से भरे हुए बस को ही क्यों चुना

बेहद दुखद घटना  45000 सुरक्षा कर्मियों को केवल 2 आतंकवादी ठेंगा दिखाकर अमरनाथ श्रद्धलुओं को मार जाते हैं !! श्रद्धलुओं की बस बिना रजिस्ट्रेशन के क्यों जा रही थी और बस में सवार यात्री अन रजिस्टर्ड क्यों थे ? यह भी एक जांच का विषय है I

 इतने लंबे रुट में किसी सुरक्षा कर्मी ने उनकी आईडी चेक क्यों नही की ?? गुजरात से इन श्रद्धालुओं को लाने वाला शख़्स कौन था जो बिना रजिस्ट्रेशन के बिना जॉंच करवाये लोगों को ले जा रहा था ! निष्पक्ष जाँच करवा लीजिये सब सत्य सामने आ जायेगा I

इस कायराना हरकत के पीछे जो भी लोग हैं, एैसे लोगों को कडी से कडी सज़ा दी जाये ! मोदी जी आप देश के लोगों की सुरक्षा कर पाने में पूरी तरह नाकाम हैं I

वैसे लालू यादव से फुर्सत मिल गयी हो तो #अमरनाथ यात्रा के लिए भी कुछ अफसर लगा दीजिये 7 बेगुनाह की जान चली गयी

एक बात और समझने की बाकी है कि कैसे उन आतंकवादीयो ने गुजरात के हे  श्रद्धालुओं से भरे हुए बस को ही चुना, सवाल इस लिये भी खडा हो सकता है कि इस वर्ष गुजरात के विधान सभा के चुनाव होने है I इस घटना के तु र न्त  बाद Tweeter पर यह खबर छपी कि ही गुजरात के मुख्य मन्त्री इस घटना को लेकर विरोध सभा टाइप आज  कुछ करने वाले है I

प्रधान मन्त्री के भारत मे निवास होने के कारण पुर्व की भांति इस घटना के तुरन्त बाद ही उन्होने हमेशा की तरह इस हमले की कडे शब्दो की निन्दा की पर अभी तक देश के निन्दा मन्त्री श्री राजनाथ सिंह निन्दा वाले बयान का देश को इंतजार है I

https://twitter.com/IndianExpress/status/884476621213663238

Sunday, 9 July 2017

चुनाव आयोग का भाजपा के साथ गहरा प्रेम गुजरात विधानसभा के चुनाव मे देखने को मिले पर रोडा बनी है उच्चतम न्यालय


अभी तक हर दुसरी विपक्षी पार्टीयां ईवीएम को लेकर काफी हल्लाबोल किया था जिसके परिणम स्वरुप चुनाव आयोग को एक नया नाटक का पटकथा इस बात पर लिखना पडा कि बिना ईवीएम के मदर बोर्ड को छुये मशीन को छेड कर दिखाये, हालांकि आयोग के इस फर्जी चुनौती को अधिकांश राजनीतिक दलो ने सिरे से नकार दिया था I

उसी दरमियान तत्कालिन मुख्य चुनाव आयोग ने देश की जनता समक्ष आने वाले हर चुनाव मे वीवीपैट मशीन के प्रयोग होने की बात कह कर ईवीएम पर पैदा हुये बवाल को टालने की कोशिश की और बाद मे एक मुकदमे के दौरान अपनी बातो से पलट गये I

आयोग का यह यू टर्न तब देखने को मिला जब गुजरात के उच्चन्यालय मे एक जनहित याचिका मे 2017मे गुजरात मे होने वाले विधान सभा चुनाव मे ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन के प्रयोग होने के लिये न्यालय को आदेश पारित करने के लिये निवेदन किया I

उक्त याचिका के सुनवाइ के दौरान ही आयोग ने वीवीपैट से चुनाव सम्पन्न करवाने से अपना कन्नी काट लिये और उच्च तमन्यालय नी भी आयोग को सही मानते हुए उक्त जनहित याचिका को निरस्त किया I आयोग के ऐसे पल्टी मार स्टेण्ड से यह बात का खुलासा हो गया कि पिछले विधानसभा के कई चुनाव मे ईवीएम का खेल बडे पैमाने मे खेला गया था I

गुजरात उच्च न्यालय के आदेश को उच्चतम न्यालय मे चुनौती के बाद मामला आयोग के लिये पेंचिदा हो गया है I आयोग सुप्रीम कोर्ट मे यह मान चुकी है कि उनके पास 88,000 वीवीपैट मशीने है जो विधानसभा चुनाव के लिये पर्याप्त है पर आयोग कोर्ट मे यह दलील देने के कोशिश की कई मशीने दुरुस्त नही है I

उच्चतम न्यालय ने आयोग के इस बचकाने दलील को सिरे से खारिज किया है I उधर मोदी सरकार उच्चतम न्याल्य के दबाव मे आकर नये वीवीपैट मशीनो को खरिदने के लिये धन आवंटित कर चुके है I

http://www.thehindu.com/news/national/why-not-use-vvpat-units-for-gujarat-polls-sc-asks-ec/article19225709.ece

अब देखना यह है कि उच्चतम न्यालय के मौजूदा बैंच अपने ही न्यालय मे पुर्व मे पारित किये गये आदेशों को सम्मान दे पाती है कि नही, हालांकि मौजूदा बैंच अपने बातो मे मजबूती से खडे दिखाइ दे रहे है I

आर.एस.एस या भाजपा को समझ लेना चाहिये कि पश्चिम बंगाल मे हाई लिट्रेसी के कारण उनके द्वरा धार्मिक उन्माद फैलाना सम्भव नही


पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशिरहाट इलाके के हिंसा ग्रस्त खबरो को लेकर भाजपा भले ही कलकत्ते के सड़कों  पर नागीन डान्स शुरु कर चुकें हो पर उन्हे समझ लेना चाहिये कि इनके इस धर्मिक बंटवारे का लाभ गांव-देहात मिलने वाला नही, उसका एक मात्र कारण यह है कि वहां हाई लिट्रेसी का बोल बाला है

बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा ग्रस्त खबरो को एक बार इस अशांती के पिछे के कारणो को देख लिया जाये, पिछले दो या तीन दशको के अधिक समय से कभी भी कोई communal दंगा नही हुआ थ, उसके पिछे का मूल कारण यह था बंगाल के प्रादेशिक राजनीति मे कांग्रेस या बाम दलो का दब दबा रहा और आर.एस.एस या भाजपा वहां जन्मे भी नही थे परन्तु पिछले 2014 लोक सभा चुनाव के साथ भाजपा और आर.एस.एस का बंगाल मे धरती पकड के रुप मे उभरने के साथ से ही धार्मिक जहर घोलने का काम आर.एसएस के शाखाओं से शुरु हुआ I

आर.एस.एस के जहर घोलने का असर तब देखने को मिला जब एक सत्रह साल का एक छात्र जिसे अपनी पढाइ-लिखाइ के अलावा और दूसरा काम नही हो सकता है, उसने भिन धर्म के God Man के खिलाफ आर.एस.एस द्वरा पिलाये गये जहर के असर से विवादित बयान अपने फेसबुक मे पोस्ट किया I

मेरी नजर मे आर.एस.एस द्वरा धार्मिक उन्माद फैलाना और कश्मीर मे अलगावादीयों द्वरा अपने एजेण्डे को विस्तार करना दोनो एक समान है, दोनो के ही क्रित मे देश को बांटने की कोशिशें चल रही है

हम यह भी मानते है कि एक Immature छात्र के द्वरा एक विवादित पोस्ट के लिये अल्प संख्यक लोगों को इतना Hyper और over reactive नही होना चाहिये था, हांलाकि इससे भी अधिक हिंसा हम लोगो हरीयाणा के जाट आंदोलन मे देखने को मिला था जहां मोदी सरकार की भूमिका एक मुक दर्शक के रुप मे दिखा I

एक छोटा सा मामला इतना विष्फोटक होने के पिछे के कारणो को समझना भी जरुरी है, हमे भूलना नही चाहिये कि पिछले कई महिने से देश के कई हिस्सो मे गौ रक्षकों ने गाय माता के नाम पर कई अल्प संख्यकों के साथ केवल जूल्म ही नही किये बल्कि उनको जान से भी मारा

Newton का 3rd law यह कहता है की EVERY ACTION HAS EQUAL AND OPPOSITE REACTION पर अच्छी बात यह है कि बंगाल के इस हिंसा मे हरीयाणा की तरह किसी बंगाली महिला की अस्मत नही लूटी गई और न ही हरीयाणा की तरह कोई Mass Rape की घटना सुनने को मिला और किसी भी अखबार मे किसी की मरने की खबर नही छपी I

http://caravandaily.com/portal/how-bjp-organized-riots-in-bengal-amaresh-misra/

Wednesday, 5 July 2017

संघी, भाजपा और भक्तो को इजरायल के बारे मे बहुत कुछ जानना बाकी है, मोदी जी को ष्रेय देना बंद करे

यह बात सही है कि पिछ्ले 70 साल मे भारत के किसी भी प्रधान मन्त्री ने इजरायल का दौरा कभी भी नही किया है पर आज अगर मोदीजी का भव्य स्वागत इजरायल में हो रहा है तो हमें इसका श्रेय नरसिंहाराव को देने में राजनीति नहीं करनी चाहिए जिन्होंने तमाम इस्लामिक देशों की परवाह किए बिना 25 वर्ष पहले इजरायल से , " डिप्लोमेटिक संबन्ध " स्थापित किये । यही नहीं 1962 के चीन के साथ हो रहे युद्ध में तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरूजी ने इजरायल से संबद्ध स्थापित कर 81 & 120 mm Mortars and Pack Howitzers artilery guns with ammunition मंगवाए ।

बाद में पाकिस्तान के साथ युद्ध में इंदिरा गांधी ने भी इजरायल से मेलजोल बढाते हुए पहले इजरायल को Spares for Israeli Mystere and Ouragon aircraft and AMX 13 टेंको के लिए दिए बदले में 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी के आग्रह पर पहले से तय सौदे के F-86 Sabre Aircraft पाकिस्तान को सप्लाई करने में देरी की।

मेरा कहने का तात्पर्य है कि मोदीजी का इजरायल जाना उत्तम कार्य है लेकिन सरकार और मीडिया दोनों को निष्पक्ष होकर प्रचार करना चाहिए । यह डिप्लोमेसी कोई एक दिन में नहीं तय होती । तमाम अरब देशों को नाराज करने का सीधा मतलब था तेल के आयात में कठिनाई अतः तमाम अरब देशों को मानसिक रूप से तैयार करने में दशकों लग गये ।

अनूप्रेणित: श्री Harish Ch Awasthi


Monday, 3 July 2017

Political Analysis of India: जीएसटी का दांव पेंच देश की जनता को बेहाल करने के ल...

Political Analysis of India: जीएसटी का दांव पेंच देश की जनता को बेहाल करने के ल...: जेएसटी से आम लोगो को सब्ज बाग दिखाने और फायदा गिनाने के पिछे देश के प्रधान सेवक, व्युरोक्रेट और भाजपा के एमपी और एमएलए जो जीएसटी का फुल ...

जीएसटी का दांव पेंच देश की जनता को बेहाल करने के लिये पर्याप्त है

जेएसटी से आम लोगो को सब्ज बाग दिखाने और फायदा गिनाने के पिछे देश के प्रधान सेवक, व्युरोक्रेट और भाजपा के एमपी और एमएलए जो जीएसटी का फुल फर्म तक का पता नही वे भी रोजाना दैनिक समाचार पत्रो मे जीएसटी के दम भरते नजर आ रहे है पर हकीकत इस का उलटा है कि रोजआना आने वाले घरेलू उत्पादो के दामो मे कोई फर्क देखने को नही मिला है बल्कि कुछ नयें बिल सामने आये है जिसमे एक बिल मे ही जीएसटी के नाम पर पांच बार टैक्स वसूले गये है I

दूसरी तरफ देश के प्रधान सेवक ने जीएसटी को Rocket Science के तर्ज पर ऐसे पेश किया है देश के कारोबारी जीएसटी के पेंचिदा नियमो और नियमो के सही जानकारी के अभाव मे असमंजस मे फंसे हुये है, इस चक्कर-घीन्नी के पिछे मोदी जी अपनी वा-वाही के चक्कर मे फंस कर अधकचरे ढंग से इस टैक्स प्रणाली को पेश किया I

मोदी जी को अच्छी तरह से पता था कि कब इस नये कर प्रणाली को हरी झंडी दिखाना है, कहां से दिखाना है और कितने बजे दिखाना है, इन सभी की कुण्डली बनी हुई थी पर जितना होम वर्क जीएसटी को लेकर होनी चाहीये थी उसमे मोदी सरकार फिसड्डी साबित हुये, इन्ही होम वर्क के अभाव के कारण हर प्रदेशो मे अधिकांश व्यपारीयों को जीएसटी के प्रोफार्मा तक उपलब्ध न हो सका है, जिस कारण पुराने तरीके के बिलींग और अन्य पुराने ढरें पर ही काम करना पड रहा है जिसका सीधा नुकसान ग्राहकों को उठाना पड रहा है I

मोदी जी द्वरा ठिक ढंग से होम वर्क न करने के कारण से एक सायकल विक्रेता को ज्यादा परेशानी उठानी पड रही है उसका कारण यह है कि सायकल मे प्रयोग होने वाली पाइडल, चैन, फ्रेम, हैंडेल, सीट, सीट कवर आदि अन्य समानो का जीएसटी अलग अलग है, जीएसटी को पेचींदा बनाने के पिछे मोदी सरकार के एक ही मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा टैक्स खोरी किया जा सके I


निचे दिये गये कैशमेमो को अगर ध्यान से देखें तो यह पता चल जायेगा कि सरकार कैसे टैक्स के जरीये एक मुनाफाखोर के तरह काम कर रहे है I

https://www.facebook.com/photo.php?fbid=320519671721405&set=a.101720770267964.1073741826.100012901231423&type=3

Sunday, 2 July 2017

Political Analysis of India: मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भ...

Political Analysis of India: मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भ...: कांग्रेस के जीएसटी 2013 के प्रारूप एवं मौजूदा प्रारूप में भारी अंतर है। 2013 प्रारूप का सिद्धांत ‘One Nation, One Tax’ था और कांग्रेस ने भी...

मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भारी अन्तर क्यों

कांग्रेस के जीएसटी 2013 के प्रारूप एवं मौजूदा प्रारूप में भारी अंतर है। 2013 प्रारूप का सिद्धांत ‘One Nation, One Tax’ था और कांग्रेस ने भी इसी सिद्धांत का समर्थन किया था।

लेकिन भाजपा के लाये गए GST के माध्यम से छोटे व्यापरियों पर इंस्पेक्टर राज की तलवार लटकाने का इंतजाम किया जा रहा है।

GST पर कुछ विचारणीय बातें –

1. UPA के समय के GST का अधिकतम कर 18% था भाजपा ने उसे 28% कर दिया !

2. पूरी दुनिया में 1 साल में अधिकतम 4 बार रिटर्न भरा जाता है, लेकिन भाजपा के जीएसटी में व्यापारियों को साल में 37 बार रिटर्न भरना होगा। जो कांग्रेस के GST के प्रारूप से अलग है।

3. अंग्रेजों के बाद अब भाजपा ने पहली बार कपड़े पर टैक्स लगाया जबकि डीजल-पेट्रोल को जीएसटी से बाहर कर दिया।

5. कांग्रेस ने डीजल-पेट्रोल को जीएसटी में रखा था और कपड़े को जीएसटी से बाहर रखा था, भाजपा ने इसका उल्टा कर दिया।

6. केन्द्र और राज्य सरकार मिलाकर डीजल-पेट्रोल पर 86 प्रतिशत टैक्स वसूलती है, अगर इसे GST में रखते तो इन के दाम आधे घट जाते और मंहगाई कम हो जाती !

7. भाजपा ने जीएसटी में लाभरोधी प्रावधान अलग से जोड़कर व्यापारियों पर इंस्पेक्टर राज की तलवार लटकाने का काम किया है। वन टैक्स वन नेशन बोलकर भाजपा जीएसटी में 1 टैक्स स्लैब की जगह 7 टैक्स स्लैब लेकर आयी है।

इसकी मार केवल छोटे व्यापारियों पर ही नहीं बल्कि भारत देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगी ।

आज पूरे देश का लघु एवं मध्यम व्यापारी जीएसटी के विरोध मे हड़ताल पर नही गया है बल्कि गया है इसके भाजपाई नवीन प्रावधानो के खिलाफ जो इनके व्यापार के साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़े धन्नासेठ व्यापारियों का गुलाम बना कर रख देंगे !!!



http://www.bbc.com/hindi/social-40465951?ocid=socialflow_twitter