मोदी सरकार की एक परम्परा बना चुकें है कि जब कभी भी देश के किसी भी भाग मे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले हो तब अपने प्रायोजित मीडिया के माध्यम से दिल खोल कर आतंकी संगठनो के नाम लिये बिना ही दस-बीस किलो के वजनदार कडी निन्दा का बरसात शुरु कर देते है, इस निन्दा के पिछे हमारे 56” छाति वाले प्रधान मन्त्री भी ट्विटर के आढ मे निन्दा की ढोल को पिटने मे कोई कसर नही छोडते है I
समझ मे नही आया कि आतंकी हमले के कारण अमरनाथ यात्री के मौत पर क्यों छाति पिटा जा रहा है जब की नोट बंदी के आतंकी हमले से दस गुना लोगो की मौत हो चुकी थी I
सही पुछे तो अमरनाथ यात्री के मौत के पिछे दो-दो सरकारो की जवाबदेही और जिम्मेदारी बनती है पर मोदी सरकार व महबूबा सरकार को कडे निंदा के शब्दो का साहारा लेना पड रहा है और मजे की बात यह भी है ऐसी घटना का अंदेशा देश के आईबी पहुंचाया जा चुका था I
अमरनाथ यात्रीयों के मौत के पिछे के कुछ संयोगों को दरकिनार नही किया जा सकता है जैसे 1) गुजरात मे आने वाला विधान सभा चुनाव 2) एक ही बस मे गुजराती श्रद्धालुओं का होना 3) बस की सही कागजात न होना 4) स्राइन बोर्ड के पंजिकरण बस को चलाना 5) बिना सुरक्षा के बस यात्रा करवाना 6) निर्धारित समय का उलंघन कर बस को चलाना 7) मरे हुये यात्री का गुजराती होना 8) केन्द्र और जम्मु कश्मीर सरकार मे भाजपा का शासन होना 8) सन 2001 से 20017 तक अमरनाथ यात्रीयों पर कोइ हमला न होना आदि एक चिंतनिय विषय है I
एक और संदेह का विषय यह भी बनता है कि बस मे सफर कर रहे कोई भी श्रद्धालुओं ने हमलावारो को नही देखा है और यह भी समझ मे नही आया कि मरे हुये लोगो की अंतिम संस्कार के पुर्व गुजरात के सड़को पर क्यों घुमाया गया I पुरे घटनाओं का अवलोकन करने के बाद आप पुरे मामले की असलियत खुद ही समझ लें और समझाने और समझने के लिये कुछ बचा नही हैI
http://www.nationaldastak.com/country-news/when-the-bjp-is-in-rule-why-terror-attacks-on-amarnath-pilgrims/
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