कई अलंकारो से विभूषित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शकूनी मामा की भूमिका को निभाते हुए रविवार को हुये मोदी सरकार के मन्त्री मण्डल के फेर बदल के लिये जो पासा फेका गया है उसे कम से कम मन्त्री मण्डल के फेर बदल नही कहा जाना चाहिये बल्कि उसे मन्त्रीयों की हेरा-फेरी कहा जा सकता है I
मन्त्री मण्डल के हेरा फेरी के प्रकरण को देखे तो दो बाते साफ समझ मे आती है पहला कि कैसे शकूनी मामा ने बिहार के मुख्य मन्त्री श्री नीतीश कुमार को और उनकी पार्टी जदयू के कद को खुले आम छिछालेदर ही नही किये बल्कि भाजपा ने उनको धोबी का कुत्ता समझ लिया जिस कारण श्री कुमार के पार्टी के किसी भी संसद को शपथ ग्रहण कार्यक्रम मे शामिल होने का दावत तक नही दिया जब कि भाजपा और मोदी सरकार ने जदयू को हाल ही मे एनडीए मे शामिल किया था I
भाजपा ने मन्त्री मण्डल के हेराफेरी के दौरान अपनी धमक को कायम करते हुए एनडीए के अन्य प्रमुख दल जैसे शिव सेना और ए.आई.डी.एम.के को दर किनार कर के यह बता दिया कि मोदी के गर्व की आगे सभी घटक दल बौने है I
खैर भाजपा ने इस लम्बे पैमाने मे मन्त्रीयों हेरा-फेरी से यह साबित कर दिया कि अब तक जितने भी मन्त्रीयों को वीअरएस दिया गया है वे सबके सब नाकारा थे और मेरा मानना जो नये मन्त्रीयों की फेर बदल किया गया है वे सब के सब नाम के मन्त्री होगें क्यो की सभी मन्त्रालय की बाग डोर मोदी जी के देख-रेख मे ही चलता रहेगा जैसा की विदेश मन्त्रालय के साथ हो रहा है I
वेसे कल से ट्वीटर मे बहुत तेजी से ट्रेंड चल पडी है कि #मंत्री_नहीं_पीएम_बदलो इस ट्रेंड से लोगो का उबाल मोदी जी शासन के ना कामयाबी का पता चल रहा है I आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का मानना है कि खूँटा बदलने से भैंस ज़्यादा दूध नही देगी I
देखा जाये तो अधिकांश मन्त्रीयो का बनना उनके योग्यता से नही बल्कि 2019 के लोक सभा चुनाव और अन्य उनके राजनीतिक कारणो से किये गये है और मोदी सरकार ने जिन फिता शाही पुर्व व्योरोक्रेट को मन्त्री मण्डल मे अपने छवि सुधारने के लिये किये है उन्हे पुर्व के मन्त्राल्य मे दिया गये योगदान के अनूसार नही दिया गये जिस कारण मौजूदा मन्त्रालय मे अनूभवहिनता के कारण नीम हकीम खतरे जान ही साबित होगा I
https://pbs.twimg.com/media/DI0TaTvXoAAAN5J.jpg
मन्त्री मण्डल के हेरा फेरी के प्रकरण को देखे तो दो बाते साफ समझ मे आती है पहला कि कैसे शकूनी मामा ने बिहार के मुख्य मन्त्री श्री नीतीश कुमार को और उनकी पार्टी जदयू के कद को खुले आम छिछालेदर ही नही किये बल्कि भाजपा ने उनको धोबी का कुत्ता समझ लिया जिस कारण श्री कुमार के पार्टी के किसी भी संसद को शपथ ग्रहण कार्यक्रम मे शामिल होने का दावत तक नही दिया जब कि भाजपा और मोदी सरकार ने जदयू को हाल ही मे एनडीए मे शामिल किया था I
भाजपा ने मन्त्री मण्डल के हेराफेरी के दौरान अपनी धमक को कायम करते हुए एनडीए के अन्य प्रमुख दल जैसे शिव सेना और ए.आई.डी.एम.के को दर किनार कर के यह बता दिया कि मोदी के गर्व की आगे सभी घटक दल बौने है I
खैर भाजपा ने इस लम्बे पैमाने मे मन्त्रीयों हेरा-फेरी से यह साबित कर दिया कि अब तक जितने भी मन्त्रीयों को वीअरएस दिया गया है वे सबके सब नाकारा थे और मेरा मानना जो नये मन्त्रीयों की फेर बदल किया गया है वे सब के सब नाम के मन्त्री होगें क्यो की सभी मन्त्रालय की बाग डोर मोदी जी के देख-रेख मे ही चलता रहेगा जैसा की विदेश मन्त्रालय के साथ हो रहा है I
वेसे कल से ट्वीटर मे बहुत तेजी से ट्रेंड चल पडी है कि #मंत्री_नहीं_पीएम_बदलो इस ट्रेंड से लोगो का उबाल मोदी जी शासन के ना कामयाबी का पता चल रहा है I आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का मानना है कि खूँटा बदलने से भैंस ज़्यादा दूध नही देगी I
देखा जाये तो अधिकांश मन्त्रीयो का बनना उनके योग्यता से नही बल्कि 2019 के लोक सभा चुनाव और अन्य उनके राजनीतिक कारणो से किये गये है और मोदी सरकार ने जिन फिता शाही पुर्व व्योरोक्रेट को मन्त्री मण्डल मे अपने छवि सुधारने के लिये किये है उन्हे पुर्व के मन्त्राल्य मे दिया गये योगदान के अनूसार नही दिया गये जिस कारण मौजूदा मन्त्रालय मे अनूभवहिनता के कारण नीम हकीम खतरे जान ही साबित होगा I
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