Sunday, 2 July 2017

मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भारी अन्तर क्यों

कांग्रेस के जीएसटी 2013 के प्रारूप एवं मौजूदा प्रारूप में भारी अंतर है। 2013 प्रारूप का सिद्धांत ‘One Nation, One Tax’ था और कांग्रेस ने भी इसी सिद्धांत का समर्थन किया था।

लेकिन भाजपा के लाये गए GST के माध्यम से छोटे व्यापरियों पर इंस्पेक्टर राज की तलवार लटकाने का इंतजाम किया जा रहा है।

GST पर कुछ विचारणीय बातें –

1. UPA के समय के GST का अधिकतम कर 18% था भाजपा ने उसे 28% कर दिया !

2. पूरी दुनिया में 1 साल में अधिकतम 4 बार रिटर्न भरा जाता है, लेकिन भाजपा के जीएसटी में व्यापारियों को साल में 37 बार रिटर्न भरना होगा। जो कांग्रेस के GST के प्रारूप से अलग है।

3. अंग्रेजों के बाद अब भाजपा ने पहली बार कपड़े पर टैक्स लगाया जबकि डीजल-पेट्रोल को जीएसटी से बाहर कर दिया।

5. कांग्रेस ने डीजल-पेट्रोल को जीएसटी में रखा था और कपड़े को जीएसटी से बाहर रखा था, भाजपा ने इसका उल्टा कर दिया।

6. केन्द्र और राज्य सरकार मिलाकर डीजल-पेट्रोल पर 86 प्रतिशत टैक्स वसूलती है, अगर इसे GST में रखते तो इन के दाम आधे घट जाते और मंहगाई कम हो जाती !

7. भाजपा ने जीएसटी में लाभरोधी प्रावधान अलग से जोड़कर व्यापारियों पर इंस्पेक्टर राज की तलवार लटकाने का काम किया है। वन टैक्स वन नेशन बोलकर भाजपा जीएसटी में 1 टैक्स स्लैब की जगह 7 टैक्स स्लैब लेकर आयी है।

इसकी मार केवल छोटे व्यापारियों पर ही नहीं बल्कि भारत देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगी ।

आज पूरे देश का लघु एवं मध्यम व्यापारी जीएसटी के विरोध मे हड़ताल पर नही गया है बल्कि गया है इसके भाजपाई नवीन प्रावधानो के खिलाफ जो इनके व्यापार के साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़े धन्नासेठ व्यापारियों का गुलाम बना कर रख देंगे !!!



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