Wednesday, 9 August 2017

भारत छोडो आंदोलन की 75 वी वर्षगांठ के पिछे आरएसएस और मोदी जी की मंसा अपने को देश भक्त सिद्द करना

बडबोलेपन के सिरोमणी और देश के प्रधान सेवक अपने और अरसएस की छवि सुधारने के लिये अपने नाटक के जरिये क्या स्टंट कर जाये यह बात किसी को पता नही होता है I अब उनके नये ड्रामे की पटकथा अंग्रेज भारत छोडो आंदोलन के 75 वी वर्षगाठ मनाने पर कलम बंद हो चुकी हैI

क्या यह दुबारा पुछने की जरुरत है कि मोदी जी के Mother organization, आरएसएस का अगस्त विद्रोह हो या उस के बाद स्वतंत्रता संग्राम मे क्या अहम भूमिका रही जब की आरएसएस का जन्म1925मे होचुका था I

शायद प्रधान सेवक का उनके संदेहस्पद भूमिका पर मलाल जरुर होगा और देश मे इस बात की भी चर्चा भी रही कि आरएसएस ने कई दशक तक अपने मुख्यालय मे देश के ध्वज को फहराने मे कोई दिलचस्पी नही दिखाई और जिस कारण देश के लोगो बारम्बार भाजपा और आरएसएस पर उंगली उठाते रहे I

हमे यह नही भूलना चाहिये कि माहात्मा गान्धी जी द्वरा अगस्त क्रन्ति न केवल देश की आजादी के लिये बल्कि देश की जनता को पूर्ण स्वाराज के लिये उठाया गया कदम था, जिन किसानो, मजदूरो, महिलाओं, दलित और शोषितों के लिये स्वराज की परिक्ल्पना के गई थी क्या आज के परिपेक्ष मे सही पाई जा रही है?

सही पूछे तो वर्तमान मोदी सरकार बडे पूंजिपतियो के आगे किसानो, मजदूरो, महिलाओं, दलित और शोषित समाज के स्वाराज को गिरवी रख चुके जिसके कारण एसे लोगो की व्यथा को सुनने वाला कोई नही है I

अगर मोदी जी यह समझ रहे है कि एसे एक वर्षगांठ के आयोजन करने से आरएसएस पर लगे पुराने दाग और उनके गंदे इतिहास मिट जायेंगे तो यह भला मोदी जी को अपनी Mother organization के लिये करना ही चाहिये I

http://www.muslimissues.in/rss-had-opposed-the-quit-india-movement-sonia-said-how-do-these-people-become-patriots/

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