Tuesday, 17 October 2017

गुजरात के चुनाव मे प्रधान सेवक के राजनीति को जो न समझे वो है राजनीतिक बुरबक

अब यह बात समझने-बूझने के लिये कुछ बचा ही नही है कि देश के महत्वपूर्ण Autonomous body जैसे मुख्य चुनाव आयोग एंव आर.बी.आई ने देश के प्रधान सेवक के आगे अपने-अपने गाण्डिव रख चुके है I लगभग देश के सभी न्यूज एजेंसियां यह मान कर चल रहे थे कि मुख्य चुनाव आयोग गुजरात और हिमाचल  प्रदेश के विधान सभा चुनाव के तारिख को एक साथ घोषणा करेगें पर किसी जादूई कारणो से केवल हिमाचल प्रदेश के चुनाव के तारिख ही घोषित हुई और जब गुजरात के बारी आई तो आयोग अपने मूंह मे दही जमाकर बैठ गये I

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हाताश करने वाली बात है कि कांग्रेस वर्षो से केन्द्र के शासन मे रही पर राजनीतिक समझ से अभी भी मीलो दूर खडे दिखाइ दे रहे है, गुजरात के चुनाव के तारिख मे भाजपा ने जो गोल- माल किया है उसकी राजनीति को अभी तक कांग्रेस नही समझ सके, उल्टे राहुल गान्धी ने अपने ट्वीट के जरिये गुजरात मे मोदी जी के जुम्लो के बरसात पर एक तंज कस दिया I

केन्द्र के शासक दल जब कभी भी विधान सभा का चुनाव नजदिक आने लगता है तब-तब उनका उक्त प्रदेश के चक्कर भी बढ जाते है और साथ मे वादो और जुम्लो के बरसात कराने मे नही चुकते है और यह काम कांग्रेस भी बाखुबी कर चुकें है अगर मोदी जी अपने स्वभाव वश गुजरात मे कुछ ज्यादा ही फेंकने का काम करते है तो इसमे राजनीति की बात क्या रही I

मै हमेशा से यह कहता रहा कि मोदी जी को जो पढ-समझ ले वो भारतीय राजनीति मे सिद्धी लाभ कर जाये, मोदी जी भले ही अपने को फकिर कहते है पर राजनीति मे वो बगुला भगत जो ठहरे और उनका बगुला भगत चरित्र ही गुजरात के चुनाव के तारिख के घोषणा को पिछे ढकेला है I

मोदी जी अच्छी तरह से जानते है कि हिमाचल प्रदेश मे भाजपा को Anti-incumbency का लाभ मिल सकता है और कहीं उनकी बाजीगिरी चल निकली और भाजपा हिमाचल प्रदेश के शासन मे आ गये तो इस परिणाम का सिधा लाभ गुजरात मे अपने ध्वस्त किले को बचाने मे सफल हो जायेंगे और इसी मंसा के कारण गुजरात के चुनाव के तारिख को जान बूझ कर बढाया गया है I

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