Sunday, 9 July 2017

आर.एस.एस या भाजपा को समझ लेना चाहिये कि पश्चिम बंगाल मे हाई लिट्रेसी के कारण उनके द्वरा धार्मिक उन्माद फैलाना सम्भव नही


पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशिरहाट इलाके के हिंसा ग्रस्त खबरो को लेकर भाजपा भले ही कलकत्ते के सड़कों  पर नागीन डान्स शुरु कर चुकें हो पर उन्हे समझ लेना चाहिये कि इनके इस धर्मिक बंटवारे का लाभ गांव-देहात मिलने वाला नही, उसका एक मात्र कारण यह है कि वहां हाई लिट्रेसी का बोल बाला है

बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा ग्रस्त खबरो को एक बार इस अशांती के पिछे के कारणो को देख लिया जाये, पिछले दो या तीन दशको के अधिक समय से कभी भी कोई communal दंगा नही हुआ थ, उसके पिछे का मूल कारण यह था बंगाल के प्रादेशिक राजनीति मे कांग्रेस या बाम दलो का दब दबा रहा और आर.एस.एस या भाजपा वहां जन्मे भी नही थे परन्तु पिछले 2014 लोक सभा चुनाव के साथ भाजपा और आर.एस.एस का बंगाल मे धरती पकड के रुप मे उभरने के साथ से ही धार्मिक जहर घोलने का काम आर.एसएस के शाखाओं से शुरु हुआ I

आर.एस.एस के जहर घोलने का असर तब देखने को मिला जब एक सत्रह साल का एक छात्र जिसे अपनी पढाइ-लिखाइ के अलावा और दूसरा काम नही हो सकता है, उसने भिन धर्म के God Man के खिलाफ आर.एस.एस द्वरा पिलाये गये जहर के असर से विवादित बयान अपने फेसबुक मे पोस्ट किया I

मेरी नजर मे आर.एस.एस द्वरा धार्मिक उन्माद फैलाना और कश्मीर मे अलगावादीयों द्वरा अपने एजेण्डे को विस्तार करना दोनो एक समान है, दोनो के ही क्रित मे देश को बांटने की कोशिशें चल रही है

हम यह भी मानते है कि एक Immature छात्र के द्वरा एक विवादित पोस्ट के लिये अल्प संख्यक लोगों को इतना Hyper और over reactive नही होना चाहिये था, हांलाकि इससे भी अधिक हिंसा हम लोगो हरीयाणा के जाट आंदोलन मे देखने को मिला था जहां मोदी सरकार की भूमिका एक मुक दर्शक के रुप मे दिखा I

एक छोटा सा मामला इतना विष्फोटक होने के पिछे के कारणो को समझना भी जरुरी है, हमे भूलना नही चाहिये कि पिछले कई महिने से देश के कई हिस्सो मे गौ रक्षकों ने गाय माता के नाम पर कई अल्प संख्यकों के साथ केवल जूल्म ही नही किये बल्कि उनको जान से भी मारा

Newton का 3rd law यह कहता है की EVERY ACTION HAS EQUAL AND OPPOSITE REACTION पर अच्छी बात यह है कि बंगाल के इस हिंसा मे हरीयाणा की तरह किसी बंगाली महिला की अस्मत नही लूटी गई और न ही हरीयाणा की तरह कोई Mass Rape की घटना सुनने को मिला और किसी भी अखबार मे किसी की मरने की खबर नही छपी I

http://caravandaily.com/portal/how-bjp-organized-riots-in-bengal-amaresh-misra/

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