Friday, 18 August 2017

साम, दाम, दण्ड, भेद और मीडिया- भाजपा का पांच नीतियां

साम, दाम, दण्ड, भेद को ही शायद चाणक्य नीति कहा जाता रहा है पर 2014 के लोक सभा चुनाव के बाद मोदी सामराज्य के स्थापना के बाद उपरोक्त साम, दाम, दण्ड भेद के साथ एक नये नीति का आविषकार देश के प्रधान सेवक ने ‘मीडिया’ नीति से किया है I

मीडिया नीति के कारण ‘आज तक’ नामक न्यूज चैनेल ने अगामी लोक सभा के चुनाव के लिये भाजपा के पक्ष मे चुनावी पिच का निर्माण कार्य शुरु कर दिया है और साथ मे आगामी चुनाव मे भाजपा के दान पात्र मे 349 सिट शब्दो के झोल के साथ डाल भी दिया है I

अमित शाह ने अगले लोक सभा चुनाव मे 350 प्लस का लक्ष रख कर यह कह दिया है कि अगला चुनाव 2018 मे होना तय है और वो भी बिना वीवी पैट मशीन के I

जिस ढंग से भाजपा के चाणक्य अमित शा ने अपने नेताओं के सामने 350 लोकसभा सिट का लक्ष रखा है उससे तडीपार अध्यक्ष की घबराहट ही रिफलेक्ट हो रहा है उपरोक्त आंकडे को राष्ट्रीय फकीर 2014 को नही छु पाये जब कि उनका Gujarat Model और 10 हजार करोड रुपयों का प्रचार विज्ञापन सातवें आसमान मे पंहुच चुका था I

पुराने समय मे लोग कहा करते थे कि बंद मुठ्ठी लाख की, खुल जाये तो खाक की और आज वही हाल पीएम मोदी का है जिन्होने पिछले लोकसभा चुनाव मे झूठे वादो का अम्बार ही लगा चुके थे और देश की जनता यह मानकर कर बैठ गये थे कि नारायण अवतारित हो चुके है और युवाओं ने तो यहां तक सोच लिया हर साल 2 करोड नौकरियां उनके अच्छे दिन जरुर उनके दरवाजे पर दस्तक देगी I

देखा जाये तो देश के यूवा वर्ग और पेड़ मीडिया ने पिछले लोकसभा चुनाव मे भाजपा को जबरद्स्त समर्थन देकर मोदी जी को प्रधान मन्त्री की कुर्सी तक पहुंचाया और आज वही यूवा वर्ग सब से ज्यादा ठगा महसूस कर रहा है जिसके पास ले-देकर बेरोजगारी और लाचारी रह गई है I

जिस साम, दाम, द्ण्ड, भेद और मीडिया के सहारे भाजपा ने बिहार मे कारनामे दिखाये है उससे भले ही भक्त खुश हुये होगें परन्तु भाजपा के इन पांच नीतियों के कारण सभी प्रमुख विपक्षी दलो आपसी भेद भाव भुलाने का एक अवसर जरुर दे दीया है और कल अगर आम आदमी पार्टी  आने वाले महा संग्राम मे विपक्षी दलो के साथ चली जाये तो आशचर्य की बात न होगी I

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