Wednesday, 23 August 2017

मोदी जी तीन तलाक की आड़ मे शरियत कानून को खत्म करना चाह रहे थे जिसे उच्चतम न्यालय ने होने नही दिया



मोदी जी के प्रधान मन्त्री बनने के बाद और खास कर अमित शाह द्वरा भाजपा के अध्यक्ष पद सम्भालने के बाद भाजपा मे हर मामले मे राजनीति पेलने का रोग लग चुका है, अभी तक राजनीति पेलम-पेलम वाला रोग एम.एल.ए के खरिद फरोक्त, ईवीएम मे हेरा-फेरी, दूसरे पार्टीयों के नेताओ को सीबीआई का भय दिखाकर अपने पार्टी मे जोडना, किसी प्रदेश मे एक गठ बंधन सरकार को हैकिंग के जरिये जबरियन सरकार मे घुसपैठ  आदि देखा गया है I

भाजपा का पेलम-पेल वाली राजनीति तीन तलाक वाले मामले मे खुब देखने को मिला जब वे Uniform Civil Code को इस तलाक वाले मुद्दे से जोड कर देखना चालू किया था और इस कारण मोदी जी ने मुस्लिम महिलाओ के प्रति खुब घडियाली आसूंओ की बरसात लगा दिया था I

मोदी जी के पेलम–पेल राजनीति का पर्दाफास उच्चतम न्यालय मे तब हुआ जब मोदी सरकार ने अपने हलफनामे मे न्यालय को तलाक के हर विधी को समाप्त करने की बात कही, मोदी जी का मंसा तीन तलाक के आढ मे शरियत कानून को खत्म करने की रही अगर वे इसमे कामयाब हो जाते तो Uniform Civil Code को थोपने का रास्ता साफ हो जाता I

उच्चतम न्यालय शायद मोदी जी के बगुला भगत वाली ऐटिटीयूड़  को भांप चुके थे और इसी कारण न्यालय ने शरियत कानून को ध्यान मे रखते हुए तीन तलाक को पूर्णता समाप्त नही किया बल्कि दोष पूर्ण तलाक-ए-विद्दत(Instant Talak) पर छह माह तक प्रतिबध लगा दिया I

भली ही मोदी जी और भाजपा न्यालय द्वरा पारित किये गये Instant Talak के रोक को ऐतिहासिक बताते फिर रहे है पर हकिकत मे मोदी जी के साथ पुरे दम से के.एल.पी.डी हो चुका है, जिसे मोदी जी भी समझ रहे है I

Times of India मे छपी खबर के अनूसार मोदी सरकार कोई भी कानून तलाक को खत्म करने के लिये नही लाने वाली है, पुरी जानकारी के लिये निचे दिये गये लिंक खबर को जरुर पढें I

https://www.facebook.com/RajaGurjotSinghppcc/videos/1675912762432486/

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