Friday, 19 November 2021

किसानों के बदहाली को खत्म करने के लिए पीएम मोदी को दोबारा नए Farmer Reform BILL लाने की अवश्यकता है

ध्यान देने वाली बात यह है पीएम मोदी अपने लच्छेदार बातों के द्वारा देश की जनता को उल्लू बनाना चाहते है, जब तीन कृषि बिल को कैबिनेट की बैठक बुलाकर अध्यादेश जारी किया और सदन में बिना चर्चा किए कानून बना दिया तब आज बिना कैबिनेट की बैठक बुलाए कैसे तीन काले कृषि कानून की वापसी टीवी में आकर घोषणा कैसे कर सकते है ?

किसानों के साथ 11 बैठक में पीएम मोदी ने कभी हिस्सा नहीं लिया और किसनों की पीड़ा को समझना नही चाहा पर टीवी में आकर कानून वापसी का क्रेडिट लेने आ गए।

एक अहम बात है कि तीन कृषि कानून को टीवी में आकर समाप्त करने की घोषणा तो कर दिया है पर नए Farmer Reform Bill पर पीएम मोदी चुप्पी साध लिया।

आनन फानन में कृषि कानून को टीवी में आकर वापस लेने में यह भी साबित हो रहा है कि पीएम मोदी की नजर में संसद की कोई गरिमा नही है, जब की इस कानून की वापसी में उनके राजनीतिक कारण सामने आ चुका है।

Tuesday, 16 November 2021

योगी आदित्यनाथ की दबंगई का बदला पीएम मोदी ने उन्हें सड़क पर बिना सुरक्षा के पैदल चलवाया

उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले मोदी_शाह बनाम योगी आदित्यनाथ के झगड़े अब सड़क में भी दिखने लगा है। देश के प्रधान मंत्री पिछले दिन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के लिए  पहुंचे थे। हवाई जहाज से उतरने के बाद पीएम मोदी अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ अपने वाहन में प्रवेश कर लिया।

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दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ को नीचा दिखाते हुए उन्हे अपने गाड़ी में चढ़ने नही दिया बल्कि बिना सुरक्षा के बाबा को सड़क पर पैदल चलने पर मजबूर किया और पीएम मोदी से भिड़ने के लिए योगी की उनकी औकात दिखा दिया।

इन झगड़ों के पीछे की वजह यह रही अमित शाह योगी आदित्य नाथ के पंख को कतरने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते थे पर योगी के दबंगई के आगे पीएम मोदी और अमित शाह की एक आगे एक भी नही चला।

Monday, 1 November 2021

मोदी सरकार से लेकर बीजेपी और उनके भक्त क्यों फरेबी और धोखेबाज समीर को बचाने में लगे ?

मूल मुद्दा है कि समीर दाऊद वानखेडे किस धर्म से जुड़े हुए है अगर वो निकाह किया है तो वो तो मुस्लिम ही होगा ना कि हिंदू और निकाह करने वाली बात समीर के अब्बा ने काबुल कर चूके है।

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हिंदुओं और मुसलमानों को उनके नाम से पहचाने जाते है, हिंदुओं में यास्मीन नाम किसी लड़की के लिए कब रखा जाता है। बीजेपी इधर उधर का वीडियो बनाकर मूल मुद्दे को भटकाने और समीर वानखेडे जैसे फर्जी और फरेबी व्यक्ति को बचाने की एक नाकामयाब कोशिश में लगे है।

समीर वानखेडे एनसीबी में रहते हुए किससे जान का खतरा है और कब और किसने उन्हे जान से मारने की धमकी दिया है जो गृह मंत्री अमित शाह ने समीर को जेड प्लस सुरक्षा देंने का काम किया है। 

असल में समीर वानखेडे जो धन उगाही करते रहे उसका एक बडा हिस्सा बीजेपी को पहुंचाते रहे अगर समीर को एनसीबी से हटाना पड़ा तो मुंबई बीजेपी को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

अब सवाल यह भी है समीर वानखेडे और उनके परिवार का फालूदा सरेआम नवाब मलिक निकाल रहा है फिर भी उनके परिवार के लोग मानहानि मुकदमा दर्ज करनें से क्यों बच रहे है ?

Wednesday, 13 October 2021

प्रयागराज के जिलाधिकारी के खिलाफ मूर्ति विसर्जन के मामले को लेकर उच्च न्यायालय में होगी अवमानना याचिका दाखिल

प्रयागराज के जिला प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन को लेकर भले ही उच्च न्यायालय के उस आदेश पर हावी हो गए है जिसमे माननीय उच्च न्यायालय ने मूर्ति विसर्जन को  न्यायालय ने 2015 के स्थाई आदेश के आधार पर कृत्रिम तलाव में मूर्ति विसर्जन की बात कह चुके है।

https://lm.facebook.com/l.php?u=https%3A%2F%2Fhindi.news18.com%2Fnews%2Futtar-pradesh%2Fallahabad-allahabad-high-court-ordered-for-immersion-of-idols-of-goddess-durga-by-making-artificial-pond-nodaa-3789052.html&h=AT0N8i8t4yLBT32a_TP5J5pexwqJX3ngpMvsRavcD_OMOsKD1u_8Untcmvmw96CgtyGOQqijOhJ3H0jMQtVXeLcnircMsPHvB8t62XIhEZfGYZMWLsT6jnvVBsXnhmub3iiI

यह दूरभाग्यपूर्ण विषय है की एक जिलाधिकारी हाई कोर्ट के आदेश को कूड़ेदान में फेंकने का साहस दिखा रहा है जिससे पता चल रहा है प्रदेश शासन का उच्च न्यायालय के आदेश का कोई सम्मान नहीं है।

चिंता का विषय यह भी है कि प्रयागराज के जिला प्रशासन ने नवमी के दिन भी मूर्ति विसर्जन स्थल का खुलासा अपने प्रेस विज्ञप्ति तक जारी नही किया है।

बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डाo पी के राय ने प्रेस को अवगत कराया है कि संस्था के अधिवक्ता श्री विजय चंद्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने प्रयागराज जिलाधिकारी के खिलाफ एक अवमानना याचिका तैयार कर चुके है जिसे पी.के.राय और समाजसेवी योगेंद्र कुमार पांडे की तरफ से आगामी सोमवार को दाखिल किया जायेगा।

Sunday, 10 October 2021

अगर प्रयागराज प्रशासन ने हाई कोर्ट के विसर्जन के आदेशों का उलंघन किया तो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रचूड़ के संज्ञान में लाया जाएगा

गौरतलब है कि हाल में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को मूर्ति विसर्जन के लिए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डाo डी वाई चंद्रचूड़ ने  2014 और 2015 के आदेश में कृत्रिम तलाव बनाकर मूर्ति विसर्जन का आदेश पारित किया था और कृत्रिम तलाव में 2014 से 2018 तक लगभग पांच वर्षो तक विसर्जन चलता रहा।

समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अधिवक्ता श्री विजय चंद्र श्रीवास्तव एवम सुनीता शर्मा ने कहा कि अगर जिला प्रशासन हटधर्मिता के कारण हाल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों का जानबूझकर अनदेखा और अवहेलना करते तो पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग न्यायाधीश डाo डी वाई चंद्रचूड़ के संज्ञान में लाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी वर्तमान जिलाधिकारी पर होगी।

Friday, 1 October 2021

मोदी सरकार आखिर में किसान के आंदोलन के खिलाफ न्यायपालिका को मैनेज कर लिया है

मोदी सरकार आखिर में उच्चतम न्यायालय को किसान के खिलाफ मैनेज कर लिया है तभी तो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश किसानों के आंदोलन में खामी ढूढना शुरू किया है।अब यह जानना जरूरी किसान के किसान खिलाफ बोलने के लिए मोदी सरकार के साथ न्यायाधीश का क्या डील हुआ है।

दुर्भाग्य की बात यह है की न्यापालिका 2014 से 2021 अपने अस्तित्व को मिट्टी में मिला चुका है जितने भी सरकार विरोधी मुकदमे उच्चतम न्यायालय में दबाने में लगे है चाहे धारा 370 को हटाने का मामला हो या एनआरसी का मामला हो सब को ठंडे बस्ते में डालने की सुपाड़ी मोदी सरकार दिए हुए है।

://m.youtube.com/watch?v=TtVRSW2t1o8&feature=share

पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई को राफेल डील में कोई भ्रष्टाचार नही दिखा और बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम को हकदार नहीं माना और यह सब भाजपा के डील का हिस्सा था।

Sunday, 19 September 2021

हिंदुओं के धार्मिक अनुष्ठानों पर भाजपा सरकार की इतनी पाबंदी क्यों पर राजनीतिक गतिविधियों पर कोई गाइड लाइन नही



जब उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का फैलाव रुक चुका है जहां प्रदेश में लॉक डाउन खत्म किया जा चुका है, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं के खोलने पर कोई रोक नहीं है, मंदिर में आवागमन में कोई रोक नहीं है ऐसे सामान्य स्तिथि में भाजपा सरकार द्वारा हिंदू धर्म के अनुष्ठानों के आयोजन पर संक्रमण के बहाने नए गाइड लाइन जारी करके शासन के अंहकारी चरित्र को दर्शाता है, यह बाते इलाहाबाद दुर्गा पूजा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जनहित याचिका एक्सपर्ट श्री विजय चंद्र श्रीवास्तव ने कहा।

https://lm.facebook.com/l.php?u=https%3A%2F%2Fwww.livehindustan.com%2Futtar-pradesh%2Fstory-yogi-government-issued-guidelines-regarding-navratri-dussehra-and-chehallum-in-up-4621037.html&h=AT0Q6yq-jVs3DkqJIBT1-xAieN_IjymGYR6NWrUULHYhByvGP9yN1tTTUuNZ7raM3sDAW976KmDguoSbpSAgfXeEhW3DZpnBOpJWdqpHIL4yO-ylxvVJdptlUeO9TC_f9ide

गौरतलब है कि श्री विजय चंद्र श्रीवास्तव इलाहाबाद हाई कोर्ट में कोरोना संक्रमण से संबंधित जनहित याचिका के अधिवक्ता है। 

श्री श्रीवास्तव ने शासन से सवाल किया है कि प्रदेश में राजनीतिक यात्रा, राजनीतिक रैलियों जो हाल में अलीगढ़ में आयोजित हुआ था क्या योगी सरकार ने कोविड संक्रमण को ध्यान में रखकर कोई गाइड लाइंस जारी किया था?

अधिवक्ता श्रीवास्तव ने कहा इस प्रकार के राजनीतिक गतिविधियों पर खुला छूट देने का विरोध हाई कोर्ट में चल रहे जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाएंगे।

Thursday, 16 September 2021

यूपी में चुनाव होने में छह महीने की देरी है पर भाजपा की घबराहट अभी से सर चढ़ कर बोलने लगा है

रंगा, बिल्ला और योगी बाबा को अच्छी तरह से पता है यूपी सरकार भले ही करोड़ों अरबों रुपए अपने प्रदेश के फर्जी विकास पर खर्च कर चुके है पर उन फर्जी विज्ञापनों का असर आम जनता पर नही पड़ने वाला है।

https://www.bbc.com/hindi/india-58575002.amp

एक तरफ संयुक्त किसान मोर्चा का भरी दबाव पश्चिम उत्तर प्रदेश में महा पंचायत में दिखने लगा है और बीजेपी के नेता की घबराहट में उनके उठ पटांग बयान के किसान के विरोध में आने लगे है जिस कारण बीजेपी का शाख और नीचे गिरता दिख रहा है।

कुल मिलाकर भाजपा के पास हिंदू_मुस्लिम का एजेंडा बचा हुआ है पर उनके इस विभाजनकारी एजेंडा को आम जनता समझने लगे है सिवाय अंध भक्तों के, जिन्हे बीजेपी ने रुपए खर्च कर के पाल रखा है।

Monday, 13 September 2021

উত্তরপ্রদেশে কি ভোট-পূর্ব দাঙ্গার সম্ভাবনা দেখা দিচ্ছে,কারণ বিজেপি ইউপিতে হিন্দু মুসলিম কার্ড খেলা শুরু করেছে

সবাই জানে যে কাঠের হান্ডি বারবার উনুনে বসানো যায়না, এখন যখন অযোধ্যায় রাম মন্দিরের ইস্যু শেষ হয়ে গেছে তখন আবার ইউপি নির্বাচনে জয়লাভ করতে বিজেপি আবার হিন্দু মুসলিম এজেন্ডার বিগুল  ফুঁকতে শুরু করেছে।

 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=294490149150025&id=105781201354255

যখন যোগী বাবা দেখলেন যে কোটি কোটি টাকা ভুয়া বিজ্ঞাপনে ব্যয় করা রাজ্যের মানুষকে প্রভাবিত করেতে পারলেন না তখন হিন্দু - মুসলমানদের এজেন্ডা কে হাতিয়ার করার চেষ্টা করছেন তাহলে কি উত্তরপ্রদেশে নির্বাচনের পূর্বে  রাজ্যে কিছু জায়গায় দাঙ্গা হবার সম্ভবনা দেখা দিতে পারে ? যদি দাঙ্গা বাধে তাহলে অবাক হওয়ার কিছু নেই।

আপনি যদি যোগী বাবার এই নির্বাচনের পূর্বের বক্তৃতাটি মনোযোগ সহকারে শুনেন, তাহলে রাজ্যে দাঙ্গার সম্ভাবনা রয়েছে এবং বিজেপিকে সাহায্য করার জন্য, AIMIM- এর ওসদ্দিন ওওয়াসি ইউপি-তে মুসলিম ভোটের আগুনে জ্বালানি দিতে পারেন কারন সবাই জানে AIMIM হলো বিজেপির B টীম।

Tuesday, 10 August 2021

पेगासस जासूसी कांड भले ही मोदी सरकार ने नही किया है तो उसकी जांच से क्यों भाग रहे पीएम मोदी

तमाम विपक्षी दलों के जद्दोजहद के बाद पेगासस जासूसी मामले को लेकर मोदी सरकार को अपनी चुप्पी तोड़ना पड़ा और उसकी मूल वजह यह है कि देश के सर्वोच्च न्यायालय में अनेक याचिका इस बात के लिए दर्ज किया गया ताकि सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में एक SIT गठन करके पूरे मामले में कानूनी जांच किया जा सके।

https://www.facebook.com/News18Bangla/videos/163956559178686/

कल तक पेगासस जासूसी कांड को लेकर मोदी सरकार इस मामले को नॉन इश्यू बताकर पूरे मामले को टालने के मूड में थे पर पिछले दिन सदन इस बात को कहने का साहस दिखाया कि  पेजसास कांड में मोदी सरकार की कोई भूमिका नहीं है पर सरकार सदन में जासूसी कांड को इंकार नहीं किया है।

अब तो सवाल बनता है कि आखिर 300 लोगों की जासूसी किसने किया है जो संविधान के कई अनुच्छेद का हनन किया गया है तो मोदी सरकार इस मामले में जांच से क्यों पीछे हट रहे है।

Sunday, 18 July 2021

Before 2024 Loksabha election, the BJP will be uprooted from Bengal

The national Chowkidar has not read Newton's third law and for this reason BJP leaders and workers in Bengal have started leaving party to join TMC

There was a time when the Central BJP adopted Chanakya policy to break Mamta Banerjee's party and made such a move that many TMC MLAs left the TMC in one stroke and joined BJP after being subdued by the temptation of PM Modi and Amit Shah.

At that time the two abbots of BJP felt that they have morally defeated Mamta Banerjee in the first phase and Amit Shah's 200+ slogan was given because of the same diplomacy.

Newton's third law says that for every action there is an equal and opposite reaction, perhaps PM Modi and Amit Shah may not have studied science and in Bengal the present situation is that the BJP leaders to workers from every district have started joining TMC again.  Bengal will become a BJP-free state by 2024.

Saturday, 17 July 2021

प्रधान सेवक ने झूठ बोलने में विश्व में इतिहास रचने का काम किया, बनारस की रैली में कोरोना को लेकर सदी का सबसे बड़ा झूठ बोला गया

देश के लोगों को प्रधानमंत्री पर गर्व होना चाहिए कि पूरे विश्व में पीएम मोदी एक इकलौता प्रधानमंत्री है जिन्होंने पीएम पद पर रहते हुए झूठ बोलने का विश्व रिकॉर्ड का इतिहास रचने का काम किया है।

https://www.facebook.com/YogiJhoothaHai/videos/538726290650657/

पीएम मोदी के झूठ बोलने और फर्जी वादों की गति तब देखने को मिलती है जब किसी राज्य का चुनाव नजदीक आता है। हाल में बनारस में कोरोना को लेकर योगी सरकार की जो तारीफ के पुल बांधने का काम किया है वो सदी की सबसे बड़ी झूठ का प्रचार किया गया है।

मोदी सरकार बंगाल के चुनाव और मत गणना के उपरांत हिंसा को लेकर अपने छाती पीटने का काम किया पर उत्तर प्रदेश में हिंसा के बल पंचायत के चुनाव में जीत हासिल किया इस मामले पीएम मोदी की खामोशी गजब की रही।

Friday, 2 July 2021

कोलकाता हाई कोर्ट के आदेशों से साफ हो चुका है कि मोदी सरकार की बंगाल में धारा 356 लागू करवाने की मंसा पर पानी फिर चुका है

[ कोलकाता हाई कोर्ट के आदेशों से साफ हो चुका है कि मोदी सरकार की बंगाल में धारा 356 लागू करवाने की मंसा पर पानी फिर चुका है ]

बंगाल में चुनाव के बाद तथाकथित हिंसा को लेकर उच्चतम न्यायालय और कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका की सुनवाई भले हो रही है पर दोनो अदालते किसी दबाव में आकर चुनाव पूर्व बंगाल के बीजेपी नेताओं के अनेक उत्तेजना और उसकाने वाली भाषणों जिसमे सत्ता में आने के बाद टीएमसी के नेताओं को जान से मारने की धमकी वाली बातों को नजरंदाज किया है।

https://www.jagran.com/west-bengal/kolkata-order-of-calcutta-high-court-police-should-register-all-cases-of-violence-after-elections-in-bengal-victims-get-ration-21792023.html

कोलकाता हाई कोर्ट ने जिस प्रकार के आदेश पारित किए है वे सब मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा हुआ है और इस प्रकार के आदेश अपेक्षित है पर जिस मंसा के साथ बीजेपी और मोदी सरकार ने इस प्रकार के याचिका दायर किया था उसका उद्देश्य था धारा 356 लगाकर एक चुनी हुई सरकार को गिराकर प्रदेश को केंद्र के अधीन लाना था।

गौर करने वाली बात यह है कि जिन हिंसा के घटनाओं को लेकर मामले दायर किए गये है वे सभी घटनाएं चुनाव आयोग के आचार संहिता लागू के दौरान हुआ था जिसकी जवाबदेही चुनाव आयोग की है।

Monday, 21 June 2021

संक्रमण के चलते जिन गरीब परिवार के कमाऊ व्यक्ति की मौत हुई है मोदी सरकार उन परिवार को आर्थिक सहायता नही देना चाहते है

केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा देने से इंकार कर दिया है। सरकार ने ये इंकार सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में किया है। सरकार का कहना है कि करोना की वजह से सरकार आर्थिक दबाव में है। स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार को बहुत पैसा खर्च करना पड़ रहा है, वहीं टैक्स वसूली भी बहुत कम हो गई है।

20 हजार करोड़ रुपये सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर खर्च के लिए सरकार पर पैसे हैं? कॉरपोरेटस के लाखों करोड़ माफ करने के लिए सरकार पर कोई आर्थिक दबाव नहीं पड़ता? सरकार ने पेट्रोल-डीजल से इतना पैसा कमा लिया है, जितना उसने अन्य टैक्सों से नहीं कमाया।

मतलब यह है कि पेट्रोल-डीजल ही सरकार के लिए कामधेनु गाय बने हुए हैं। वैसे कोरोनो के लिए 20 लाख करोड़ का पीएम केयर्स फंड किस काम आ रहा है? उस पर क्यों कुंडली मार कर बैठे हैं? क्यों उसे आरटीआई के दायरे से बाहर कर दिया है? क्यों उसका आडिट नहीं हो सकता? कुछ तो है जिसकी पर्देदारी है। परदा कभी तो उठेगा?

Friday, 18 June 2021

भाजपा बंगाल का चुनाव क्या हारे अब बंगाल को विभाजित करने पर आमादा है

बंगाल में भाजपा के ऐतिहासिक पराजय के बाद बीजेपी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चूका है अब एक खिसयानी बिल्ली कि तरह बंगाल कों दो हिस्सों में बांटने का मूड बना रहे है, उत्तर बंगाल में कुछ सीटों पर बढ़त कों ध्यान में रखकर बीजेपी उत्तर बंगाल कों बंगाल से तोडना चाहते है और नये राज्य के गठन करना चाहते है।

पर @BJP4India यूपी के विभाजन पर खामोश है, जब कि उप्र पश्चिम बंगाल से बड़ा राज्य है और इसके अलावा प्रशासनिक विफलता और प्रचलित #गुंडाराज चरम पर पहुंचा चुका है इन बातों को मद्दे नजर यूपी राज्य को अनिवार्य रूप से विभाजन की आवश्यकता है।

@MamataOfficial को बंगाल और बंगालियों को एकजुट करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए और पुरजोर विरोध करना चाहिए।

#BengalStandUnited

Wednesday, 26 May 2021

Blame game against Allopathic doctors and medicines, by Lala Ramdev is a conspiracy to hide PM Modi's inability

Lala Ramdev have openly targeted allopathic doctors and allopathic medicines was not due to promote his own drug Coronil, but a deep political conspiracy has been hatched by the Modi government and Lala Ramdev together to save PM Modi's failure to combat Covid .

PM Modi is struggling with his failures due to the transition and the Modi government has become so gritty from home to abroad that it is impossible to compensate in a few years.

The reason behind the conspiracy of Lala Ramdev and Modi government was to somehow blame the Allopathic doctors and allopathic medicine to ease from Modi's failure but due to heavy protest by the members of Indian Medical Association the conspiracy could not work out.

Even though the Indian Medical Association has sent a long letter against Lala Ramdev to PM Modi, it is decided that PM Modi does not have the courage to take any action on Lala Ramdev.

Friday, 14 May 2021

बंगाल में करारी हार को बीजेपी पचा नहीं पा रहे तभी राज्यपाल को मोहरा बनाकर राष्ट्रपति शासन संक्रमण काल में लगाना चाहते है

यह अति दुर्भाग्य का विषय है कि संविधान  की शपथ लेने के बाद भी बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ संविधान विरोधी काम में लिप्त पाए गए। संविधान आधारित प्रोटोकॉल का उलंघन करना भी संविधान का विरोध ही है।

शीतलकूची या कुचबिहार में हिंसक घटना को बीते अनेक समय बीत जाने के बाद उनका उन हिंसक घटना वाले स्थानों पर जाने के पीछे राजनीति को समझना जरूरी है।

बंगाल के चुनाव में बीजेपी अपने भारी असफलता को अभी तक पचा नहीं पा रहे है तभी आइन श्रृंखला को मुद्दा बनाकर बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने की फिराक में है ताकि पिछले दरवाजे से बंगाल पर कब्जा किया जा सके।

जब राजनीतिक हिंसा को लेकर एक मामला कोलकाता हाई कोर्ट में लंबित है तब राज्यपाल हाई कोर्ट को दरकिनार करते हुए नॉर्थ बंगाल जाना बीजेपी के गंदे राजनीति को उजागर करता है।

Tuesday, 27 April 2021

विदेशी अखबारों ने कोरोना और मौत को लेकर मोदी सरकार को जमकर लताड़ लगाई

दुनिया के बड़े अख़बारों ने नरेन्द्र मोदी को बताया खलनायक, कहाः सरकार की ग़लती से कोरोना वायरस ने मचाया हाहाकार, चुनावी  फ़ायदे के लिए रैलियां करते रहे ।

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को तार-तार कर दिया है।*फ़ॉरेन प्रेस ने उन्हें ऐसा नायक कहा जो अपनी ग़लत नीतियों की वजह से खलनायक में तब्दील हो चुका है।

दुनिया के बड़े अख़बारों का कहना है कि मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि कोरोना को वह हरा चुके हैं, पर वह ग़लत था।

फ़ॉरेन प्रेस के मुताबिक़, कोरोना की पहली लहर में सबसे कड़ी राष्ट्राव्यापी तालाबंदी या लॉकडाउन लगाकर मोदी ने वायरस को काफ़ी हद तक रोक दिया था। अलबत्ता दूसरी लहर ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। हालात ये हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है तो मरीज़ों की लाश गुर्दाघरों में इधर उधर पड़ी है।

द गार्डियन ने अपनी मेन स्टोरी में जो फ़ोटो लगाया है उसमें शमशान में जल रही चिता की ऊंची लपटों को दिखाया गया है। इसकी हेडिंग का हिन्दी अनुवाद हैः सिस्टम ढह गयाः भारत कोविड के नरक में गिरता हुआ।*द टाइम्ज़ लंदन ने भी मोदी पर ज़ोरदार हमला किया है।

Sunday, 25 April 2021

प्रयागराज में संक्रमण को लेकर हो रहे कागजी बातें, जिला प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं

पीएम मोदी का देश के लिए देखे गए आत्मनिर्भर का सपना को संक्रमण ने अंजाम तक पहुंचा दिया है । प्रयागराज के एक स्वयं  सेवी संस्था आगाज फाउंडेशन ने प्रयागराज में गिरते हुए प्रबंधन को लेकर जिस प्रकार के परेशानियों को अपने फेसबुक में साझा किया वो बहुत ही निराशाजनक है।

संस्थां के मुखिया ने लिखा कि संस्था के पास लगातार हेल्पलाइन पर या अन्य कार्यकर्ताओं के पास ऑक्सिजन, बेड आदि की व्यवस्था हेतु लगातार कॉल आ रहा है जिसमे अब हमें हाथ जोड़ना पड़ रहा है क्योंकि बेड कहीं है ही नही।

अब सवाल फ़िर से शासन और प्रशासन से ही है। हॉस्पिटल में बेड नही है, दिए गए दुकानों में रेमिडीसीवेर नही है, ऑक्सिजन सिलेंडर नही है.. तो व्यवस्था किस दिशा से सुदृण होगा इसका जवाब किसी के पास नही है।

संस्था ने आगे कहा कि अगर बेड की दिक्कते लगातार हो रही है तो क्यों कोई मैरेज हॉल या किसी बड़े सेंटर पर व्यवस्था नही किया जा रहा? लगातार लोग बिना बेड बिना इलाज के मर रहे है क्या इस पर भी राजनीति ज़रूरी है। सारी कार्यवाही पेपर तक कब तक सीमित रहेगा।

Friday, 9 April 2021

Appointment of the Chief Election Commissioner under the Collegium system should be done with the recommendations of the PAC of Parliament

The big game about EVMs started when the Modi government was formed, when many fingers were raised on the EVMs, the BJP changed its maneuver and made a drama of deliberate defeat in the assembly elections of many states so that EVMs can be vindicated.  .

The reality is that the Election Commission being an autonomus body has taken away their independence by the present government and the Election Commission has started to run directly from the PMO.

As long as the appointment of the Chief Election Commissioner is made by the recommendations of the PMO, the game of EVMs will continue, because the appointment of the Election Commissioner, the PM appoints his favorite retired IAS.

The appointment of the Chief Election Commissioner should also be based on the collegium system which can be selected through the PAC of Parliament.

Wednesday, 7 April 2021

देश का मुख्य चुनाव आयुक्त मोदी सरकार का मानसिक गुलाम बन चुका है, आयोग के फैसले ले रहे है #मो_शा जी



भाजपा बंगाल में थक हार कर #CashForVote को अपना लिया है, बंगाल के चुनाव के लिए बीजेपी रुपया खर्च करके वोट खरीदने में लगे है।

मोदी के जनसभा में सम्मलित होने के लिए 1000 रुपए के कूपन बांटे जा रहे और इस कूपन के जरिए के वोट खरीदना चाहता है। क्या बीजेपी का 200+ का नारा #CashForVote के दम पर है।

https://www.telegraphindia.com/west-bengal/west-bengal-assembly-elections-2021-cash-coupon-blows-up-on-bjp/cid/1811782

इन सब के बावजूद भी चुनाव आयोग क्यों खामोश है पर  #मो_शा के दबाव में आकर ममता बनर्जी को नोटिस थमाया है पर रुपए बांटने की खबर अंग्रेजी दैनिक The Telegraph में छपने के बाद कोई नोटिस बीजेपी को नही दिया है। 

क्या चुनाव आयोग बंगाल में भाजपा को जिताने के लिए सुपाड़ी लिए है।

Saturday, 3 April 2021

हिंदू मुस्लिम सौहाद्र के कारण बंगाल के चुनाव में बीजेपी की धार्मिक ध्रुईकरण सफल नही होगी

[ हिंदू मुस्लिम सौहाद्र के कारण बंगाल के चुनाव में बीजेपी की धार्मिक ध्रुईकरण सफल नही होगी ]

बंगाल के चुनाव में जब भाजपा ममता बनर्जी के विकास मॉडल के खिलाफ कोई शब्द बोल नही पा रहे है और साथ में पीएम मोदी के सात साल के कार्यकाल की उपलब्धि को गिनाने में असफल हुए तब जाकर अपने औकात पर उतर आए है।

भाजपा की औकात केवल हिंदू वोटों को ध्रुईकरण के जरिए अपने पक्ष में लाने का है और उनकी सोच है कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ गाली गलौज करने पर हिंदू वोट उनके पास आ सकते है।

इस प्रकार की सोच बीजेपी के कट्टर मानसिकता को दर्शाता है, इसी प्रकार की कट्टरता तालिबानी मुस्लिमों में पाए जाते है , इसका मतलब तालिबानी मुस्लिम और बीजेपी में कोई वैचारिक फर्क नही है।

बंगाल में शुरू से हिंदू मुस्लिम के बीच सौहाद्र बना हुआ है, चाहे वो कांग्रेस का शासन काल हो या बाम दल या तृणमूल का शासन काल में दोनो समुदाय में भाईचारा बना हुआ है और इस भाईचारे को भेदना बीजेपी के बस की बात नही है।

ईवीएम का रखरखाव बीजेपी के अनुमोदित संस्था के हाथो मे है तभी चुनाव के दौरान ईवीएम टांग उठाते रहते है

देश मे ईवीएम को लेकर @ECISVEEP की जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव कराने की है पर बंगाल के चुनाव में ईवीएम शुरुवाती दौर में भरी संख्या में Retired hurt होते दिख रही है उससे एक बात साफ होता दिख रहा है की चुनाव पूर्व ईवीएम के रखरखाव में बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रहा।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2911247759134032&id=100007465083144

ईवीएम के रखरखाव के विषय पर चुनाव आयोग की भारी खामोशी एक चिंता का विषय है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का खास बात यह है जब उसके साथ पूर्व में अनर्गल छेड़खानी किया जाएगा तो उसमे निश्चित तौर पर खामियां देखने को मिलेगा।

Friday, 2 April 2021

भाजपा बंगाल का चुनाव ईवीएम की हेरा फेरी से जीत सकते है जब कि बंगाल में बीजेपी की प्रतिकूल परिस्थिति चल रही है

जो युवा आईएएस/आईपीएस/आईएफएस/ या अन्य परीक्षाओं की तैयार कर रहे है क्या बिना परीक्षा में बैठे अपनी सफलता को दावे के साथ कह सकते है, बहुत अच्छा परीक्षा देने के बाद बावजूद भी कोई परीक्षार्थी शत प्रतिशत परिणाम लाने का दावा नही कर सकता है।

इसके विपरित बंगाल के चुनाव के घोषणा के बाद अमित शाह दो सौ सीट जितने का दावा कैसे ठोक सकते है, इससे एक बात साफ होता दिख रहा है कि चुनाव आयोग के चुनाव घोषणा के पूर्व दोनो बीजेपी और चुनाव अयोग निश्चित रूप से कोई सांठ गांठ हुआ है तभी मतदान ना होने पर इस प्रकार के दावे किए जा रहे है।

गौरतलब है कि लोकसभा के मतदान के पूर्व अमित शाह ने 300 सीट जितने का दावा किया था और परिणाम भी उनकी भविष्यवाणी को सही साबित किया था, हकीकत में ईवीएम में ही बीजेपी का प्राण बसा हुआ है और जिन प्रदेशों में चुनाव हारे है वो ईवीएम को सही सिद्ध करने के लिए हारे है।

Thursday, 1 April 2021

भाजपा बंगाल चुनाव को जीतने के लिए चुनाव अयोग और अर्ध सैनिक बलों का कर रहे दुरुपयोग

भाजपा की बंगाल में सत्ता हासिल करने की लालच ने ना केवल चुनाव आयोग बल्कि देश के अर्ध सैनिक बल की प्रतिष्ठा को दांव में लगा दिया, आजतक इन दोनो संस्थानों को भारतीय समझा जाता रहा पर नंदीग्राम में चुनाव के दिन अर्ध सैनिक बलों ने जो कारनामे दिखाए है वो लोगो चौंका सा दिया है।

नंदीग्राम में चुनाव आयोग ने चुनाव वाले दिन 144 धारा लगाकर तथा अधिक संख्या में अर्ध सैनिक बलों का प्रयोग करके भाजपा के गुंडा वाहिनी को मतदान केंद्रों को कब्जा करने और बड़े पैमाने में फर्जी वोट डालने के लिए रास्ता खोल दिया था।

भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बंगाल के चुनाव को अपने प्रतिष्ठा के  साथ जोड़कर देख रहे है यहां तक बात समझ में आती है पर अपने सिद्धि के लिए चुनाव अयोग और अर्ध सैनिक बलों का दुरुपयोग करके अपने बाहरी गुंडा के जरिए मतदान केंद्रों को कब्जा करना उचित नही है।

Wednesday, 31 March 2021

প্রত্যেক দফার নির্বাচনে ইভিএম আর ভিভিপাট কে নিয়ে সচেতন থাকতে হবে টীএমসির কর্মীদের

বাংলার নির্বাচনে কি ফলাফল হবে সেটা আজ বলা না যেতে পারলেও তবে প্রথম দফার নির্বাচনে বিজেপির আর মুখ্য নির্বাচনের কমিশনারের EVM আর VVPAT কে নিয়ে কারচুপি ধরা পড়েছে তবে গত লোকসভার নির্বাচনের সময় এই রকম EVM আর VVPAT কে নিয়ে গণ্ডগোল দেখা যায়নি।

যদিও নির্বাচন কমিশন এই গণ্ডগোল কে মানতে অস্বীকার করেছেন তবে এতে কিছু এসে যায়না, তার কারণ 84 শতাংশ ভোট পড়ার পর বিজেপি একটু কোন টেশা হয়েছেন।  

ইভিএম আর ভিভিপাট মধ্য গণ্ডগোল দেখার পর লাভের মধ্য লাভ এই হয়েছে যে বাংলার জনগণ এই বিষয় কে নিয়ে সচেতন হয়েছেন আর এই রকম গণ্ডগোল দেখতে পেলে ভোটাররা রব তুলবেন আর সাথে নির্বাচন কমিশন  কে অপদস্ত হতে হবে।

Tuesday, 30 March 2021

প্রথম দফার নির্বাচনে ৮৪ শতাংশ ভোট পড়ার কারণে বিজেপি এবং নির্বাচন কমিশন কে ক্ষেপিয়ে দিয়েছে

প্রথম পর্বের নির্বাচনের সময়, কিছু কিছু জায়গায় ছোট মোট ঘটনার খবর নিউজ চ্যানেল দেখা এবং শোনা গিয়েছিল তবে কোনও বড় মাপের হিংসার ঘটনার কোনও খবর পাওয়া যায়নি। 

তবুও নির্বাচন কমিশন কেন্দ্রীয় বাহিনীকে ভোটারদের জমায়ত বা সংঘর্ষের ঘটনায় গুলি করার নির্দেশ জারী করেছেন তাতে ভোটারদের মধ্যে আতঙ্ক সৃষ্টি করেছে।

https://www.sundaytimeskolkata.com/blog/-Central-force-in-west-bengal-Assembly-election-2021-6061f474dc9fa

নির্বাচন কেন্দ্রের থেকে ২০০ মিটার দূরে আইন শৃঙ্খলা দেখার কাজ রাজ্যের পুলিশের উপর থাকে তবে কেনো নির্বাচন কমিশন ভোটারদের ওপর গুলি ছোড়ার আদেশ কেনো দিলেন

প্রথম পর্যায়ে, বিজেপি ৮৪ শতাংশ ভোট দেখে হতবাক হয়ে গেছে এবং ভোটারদের মধ্যে আতঙ্ক সৃষ্টি করার জন্য নির্বাচন কমিশন একটি অভদ্র আদেশ জারি করেছে।

যদি প্রথম দফার নির্বাচনে কোনো বড় মাপের হিংসার ঘটনা হতো তাহলে কি ৮৪ শতাংশ ভোট হতো কী উরান্ত কেন্দ্রীয় বাহিনী ভোটারদের ও টিভি জার্নালিস্ট এর ওপর লাঠি চালাতে দেখা গেছে।

সত্যি কথা বলতে ৮৪ শতাংশ ভোট হওয়াতে বিজেপি আর নির্বাচন কমিশনের মনের মধ্যে ভয় ঢুকেছে তাই ভোটারদের জমায়াতে কেন্দ্রীয় বাহিনী কে গুলী ছোড়ার নির্দেশ দিয়েছেন যাতে ভোটারদের মধ্য ভয়ের সঞ্চার হোক।

Saturday, 27 March 2021

बंगाल के प्रथम चरण के चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करवाने में मुख्य चुनाव आयोग हुई फेल

बंगाल के प्रथम चरण में जिन पांच जिलों में विधान सभा का चुनाव हुआ है उन्ही में अधिकांश जिलों में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रथम स्थान में रहे पर इस विधान सभा चुनाव में 90 ईवीएम और VVPAT खराब होने की खबर मिला है और साथ में इन्ही जिलों में बीजेपी समर्थको ने आम लोगो को डराने और हिंसा करने का काम बाहरी लोगों से किया।

https://www.facebook.com/watch/?v=138896824826544

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीट अपने कब्जे में किया था पर भाजपा क्यों भुल रहे है लोकसभा और विधान सभा चुनाव में जमीनी फर्क है पर भाजपा इस विषय को जानबूझ कर नजरंदाज कर रहे है।

जिस प्रकार से प्रथम चरण का चुनाव हुआ उससे मुख्य चुनाव आयोग की कलाई खुल चुकी है और पुलिस प्रशासन को निष्क्रिय करने का काम भी चुनाव आयोग ने किया है जिस कारण हिंसा देखने को मिला है।

Friday, 26 March 2021

बंगाल में भाजपा को केवल चुनाव आयोग और उनका ईवीएम बचा सकता है, टीएमसी से कोई टक्कर नही

अगर चुनाव प्रचार को जीतने का पैमाना समझा जाए तो हर चुनाव में बीजेपी की जीत निश्चित होनी चाहिए पर हकीकत में ऐसे नही है और मैं शुरू से यह लिखता रहा कि भाजपा बंगाल के राजनीति को समझ ही नही पाए है।

पिछले लोकसभा के चुनाव के परिणाम को अगर हम अपवाद मान ले तो पिछली विधान सभा में बीजेपी के वोट प्रतिशत मात्र दस प्रतिशत रहा और दूसरी तरफ टीएमसी के वोट प्रतिशत पर ध्यान दें तो उनके वोट प्रतिशत में कोई कटौती देखने को नही मिला है बल्कि उनका वोट 40 प्रतिशत कमोवेश एक जैसे रहा है।

जब भाजपा टीएमसी के वोट प्रतिशत पर सेंधमारी नही कर पायेगी तो बीजेपी के लिए सीटों का इजाफा कैसे करेंगे और दूसरी तरफ कांग्रेस_वाम दल अपने वोट प्रतिशत को बनाए रखने की कोशिश जरूर करेंगे।

जितना भी गोदी मीडिया भाजपा के लिए फील्ड सजाए पर भाजपा की लड़ाई दूसरे या तीसरे स्थान के लिए है

संपूर्ण गोदी चैनल बंगाल के चुनाव में बीजेपी के लिए एड़ी चोटी एक करने में लगे है ताकि अपने सर्वे के जरिए बीजेपी को एक सम्मानीय हार के साथ दिखाया जा सके।

इस प्रकार की सर्वे से एक बात साफ दिखने लगा है कि भाजपा के पक्ष में गोदी मीडिया फील्डिंग सजाने में लगे है । एबीपी का लेटेस्ट सर्वे बीजेपी को खींच तान कर एक सौ बीस सीट दिखा रहे है ताकि आम मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके।

क्या किसी को लगता है कि विधानसभा चुनाव में वाम दल और कांग्रेस इस बार भी अपने वोट प्रतिशत बीजेपी के खाते में दान स्वरूप डालना चाहेंगे ?

Monday, 8 March 2021

बंगाल की राजनीतिक गणित यह कहती है कि भाजपा का बंगाल के सत्ता पर कब्जा करना एक हिंजड़े को गर्भवती करना जैसा होगा

जिस प्रकार से भाजपा अपने सुपाड़ी मीडिया के जरिया बंगाल के चुनाव को प्रवाहित करना चाहते है उससे बंगाल के चुनाव में कोई विशेष लाभ बीजेपी को होने वाला नही है।

https://www.jansatta.com/national/tmc-spokesperson-in-a-tv-debate-said-bjp-should-not-disrespect-pm-modi/1655519/lite/?utm_source=Whatsapp&utm_medium=social&utm_campaign=Whatsapp

अगर पीएम मोदी और अमित शाह यह सोचते है कि रैलियों के बल पर चुनाव जीता जा सकता है तो दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, झारखंड और बिहार में दो तिहाई बहुमत से सरकार बना लिया होता।

पिछले लोकसभा चुनाव में वाम दलों और कांग्रेस के वोट शेयर बीजेपी के पक्ष में शिफ्ट होने के कारण 18 सीटों का लाभ भाजपा को हुआ था पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोटिंग पैटर्न एक जैसा कभी नही होता है।

अगर बंगाल के विधानसभा चुनाव में वामदल और कांग्रेस अपने खोई हुई वोट प्रतिशत घर वापसी करते है तो भाजपा के लिए दहाई के आंकड़े को छूना मुश्किल होगा।

भाजपा बंगाल के चुनाव के लिए एक दिन में उम्मीदवारों की सूची जारी नही कर पाए है क्यों की नेताओं की भर्ती चल रही है

जिन लोगों को तृणमूल से टिकट नहीं मिल रहा है, वे नाचते नाचते भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इससे साफ पता चल रहा है कि भाजपा के पास बंगाल में 294 सीटों के लिए उम्मीदवार नही है तभी इधर उधर से नेताओं की भर्ती चल रही है और पूर्ण सूची जारी नही कर पा रहे है।

बीजेपी अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में देर इसलिए कर रहे ताकि टीएमसी से जीतने लोगो को टिकट नही दिया गया है वो सब के सब भाजपा में शामिल नही जो जाते है।
भाजपा चाहती है टीएमसी से भगाए गए नेताओं के साथ उनके समर्थक भी साथ आ जाए ताकि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बैल बनाया जा सके।

इतना सब कुछ होने के बावजूद और अमित शाह के दो सौ सीट पर ताल ठोकने के बाद भी भाजपा एक मुख्य मंत्री का चेहरा को सामने नही ला पाए जैसा की भाजपा ने केरल के लिए घोषित किया हुआ है।

Thursday, 4 March 2021

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कृषि कानून के विरोध में बंगाल की धरती पर पहुंच गए है

एक बात साफ हो चुकी है संयुक्त किसान मोर्चा  जिस तरह से पीएम मोदी, अमित शाह और भाजपा को देश से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया वो अब प्रथम चरण में दिखना शुरू हो चुका है।

https://m.youtube.com/watch?v=iy76A_EQz58&feature=share

मोर्चा का ऐलान है जिन जिन प्रदेशों में भाजपा चुनाव लडेगी उन उन प्रदेशों में काले कृषि कानून का जमकर विरोध करेगी। विरोध का आलम बंगाल के जमीन से शुरू होना तय है और युवा किसान और उनके नेतागण कोलकाता पहुंचना शुरू हो चुका है । 

देखा जाए तो यह कृषि कानून का विरोध केवल किसान के द्वारा ही नही बल्कि आम जनता को मुखर हो कर विरोध करना चाहिए। पीएम मोदी ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम को जमींदोज किया है उस कारण देश में जमाखोरी और कालाबाजारी का खेल शुरू हो जाएगा।

মমতা ব্যানার্জি বাংলার জন্য নিজেই আত্মনির্ভর ও একাই একশো

বেঙ্গলের বিজেপি অধ্যক্ষ দিলীপ ঘোষ ANI কে দেওয়া এক সাক্ষাৎকারে দাবি করেছেন যে বিজেপি আগামী নির্বাচনে দুসোর বেশি সিটে যায় লাভ করবেন। 

 https://t.co/J8K11mDWQ8

জীবন যাত্রায় optimistic হওয়া ভালো, যারা টেনে টুনে উচ্চ মাধ্যমিক পরীক্ষা পাস করেন তারাও বিশ্ববিদ্যালয় অ্যাডমিশন নেবার পর ইউনিভার্সিটি তে টপ করার কথা ভাবেন আর এটা হলো optimisim ।

দিলীপ বাবু দাবি করেছেন যে উনারা গত পাঁচ বছর ধরে লাগাতার কাজ করছেন তবে দুর্ভাগ্যজনক বিষয় হলো যে এত পরিশ্রম করার পরও বাংলার নির্বাচন জেতার জন্য পাইকারি দরে দিল্লি থেকে কেন্দ্রীয় মন্ত্রীদের আমদানি কেনো করছেন।

দিলীপ বাবু কি বলতে হবে যে মন্ত্রী সমুহ কে বাংলার মাটি তে আমদানি করে আনা হচ্ছে তারা গত সাত বছরে বাংলার উন্নয়নের জন্য কি করেছেন অন্য দিকে মমতা ব্যানার্জি বাংলার জন্য নিজেই একা একশো।

Wednesday, 3 March 2021

भाजपा किसी भी राज्य के चुनाव में घबराहट के शिकार नही हुए है पर बंगाल के चुनाव में हीनभावना ग्रस्त हो चुके है

AIMIM के असाउद्दीन ओवैसी जो बंगाल  के मुस्लिम बाहूल विधानसभा से बीजेपी के रकम से चुनाव लडना चाहते है उन्हे इस वीडियो को जरूर सुनना चाहिए ताकि उनके आंखो पर मुस्लिम चस्मा उतर जायेगा।

https://www.facebook.com/watch/?v=2523278061302103

इस वीडियो में जिन जिन मुस्लिमो ने अपने बातों को रखा है वे सब बांग्लादेश के मुस्लिम नही है बल्कि बिहार और यूपी से माइग्रेट हो कर बंगाल पहुंचे है।

हाल ही में जिस तरह से बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंगाल जाकर हिंदू_मुस्लिम एजेंडा और राम के नाम पर राजनीति करना चाहा उसका असर  कुछ देखने को नही मिला है बल्कि उनके ऊपर बंगाल की जनता ने जहर घोलने जैसा बताया है।

बंगाल में सीएम चेहरा ना देने के कारण भाजपा वैसे भी बैक फुट पर है और ममता बनर्जी के आगे मोदी और अमित शाह की छवि का असर नही दिख रहा है और तीसरी तरफ कांग्रेस और वाम दल के संयुक्त रैली में जुटे 10 या 12 लाख समर्थकों का जमावड़ा ने भाजपा के होश ठिकाने में लाने का काम किया है।

Tuesday, 23 February 2021

बंगाल के चुनाव में भाजपा के पास कोई ठोस मुद्दा ही नही जिससे ममता बैनर्जी को घेर सके बल्कि मोदी अपने उपलब्धि नही गिनाने में असफल है

भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने एक बार दावा किया था कि बीजेपी अगले 50 सालों तक सरकार चलाएंगे पर उन्होंने इस दावे के पीछे उन्होंने उन संस्थानों जैसे मुख्य चुनाव आयोग, शीर्ष अदालत और तमाम संविधानिक संस्थानों के नाम गिनवाना भूल गए थे जिसके बल पर भाजपा अपना गुंडई चमकाते हुए चले आ रहे है।

पचास सालों का दावा ठोकने वाले पार्टी को बंगाल के एक महिला ममता बनर्जी ने उनके दावे का हवा ही नही निकाला है बल्कि पूरी बीजेपी को बंगाल में घुटनों के बल बैठा दिया है।

ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए केंद्र के मंत्री मंडल के साथ साथ पीएम मोदी और भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्य मंत्रियों को बंगाल के लिए केंद्र के बीजेपी को अपने। नेताओं को निर्यात करना पड़ रहा है।

बंगाल में भाजपा की स्तिथि यह है मोदी और शाह को अपने रैलियों में भीड़ दिखाने के लिए पड़ोसी राज्यों से ठीकेदारों के जरिए बाहरी लोगो को भी बुलाना पड़ रहा है।

जहां तक बंगाल के प्रदेश की नेताओं की बात है उनके पास कोई ठोस मुद्दा ही नही है जिसके बल से सीएम को घेर सके दूसरे तरफ भाजपा मोदी सरकार के उपलब्धियों को गिनाने में भी असफल है।

Monday, 22 February 2021

क्यों पीएम मोदी बंगाल में हिंदू_मुस्लिम एजेंडा पर बात रखकर बंगाल में धार्मिक जहर घोल रहे हैं

पीएम मोदी बंगाल के चुनाव प्रचार के दौरान कहा की बंगाल में बीजेपी सरकार बनी तो यहां विकास सभी का होगा, इस प्रकार की बात पीएम मोदी ने भाजपा के पुराने हिंदू_मुस्लिम एजेंडा का पिटारा खोलना चाहते है।

https://khabar.ndtv.com/news/india/pm-narendra-modi-says-west-bengals-infrastructure-development-priority-of-my-government-2376103

मोदी जिस विकास की बातो की आड़ में अपने हिंदू मुस्लिम एजेंडा को याद दिलाना चाहा उसी पर उन्होंने देश के विकास की बात करना लगभग बंद कर चुके है।

मोदी की स्तिथि यह हो चुकी है अपने द्वारा विकास की बात तो कर ही नही पाते है और जहां तक बंगाल के विकास की बात करें तो उसका फेरिस्ट लंबा है और उन योजनाओं के जरिए सभी धर्मो के लोगो को योजनाओं का लाभ पहुंचाया है जिसे बंगाल की जनता नकार नही सकते हैं।

Sunday, 21 February 2021

[নির্বাচন কমিশন বাংলার নির্বাচনের জন্য কোনও প্রজ্ঞাপন জারি করেনি, তবে কেন নির্বাচনের আগে কেন্দ্রীয় বাহিনী মোতায়েন করা হচ্ছে

পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভা নির্বাচনে কি ব্যাপক হিংসার সম্ভাবনা রয়েছে?  এটি কি রাজ্য সরকারকে চাপ দেওয়ার কৌশল হিসাবে করা হচ্ছে?

 https://theaajkaindia.com/why-125-companies-of-central-forces-are-dep কাজের-in-bengal-before-asorses-eferences/

এই প্রশ্নগুলি জিজ্ঞাসা করা হচ্ছে কারণ পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভা নির্বাচনের তারিখ 2021 ঘোষণা করা হয়নি তবে কেন্দ্রীয় সুরক্ষা বাহিনী সেখানে পৌঁছতে চলেছে।

মুখ্য নির্বাচন কমিশনের দাবিতে এটি করা হচ্ছে, এটি স্পষ্ট যে নির্বাচন কমিশন মোদী সরকারের হাতের পুতুল হয়ে গেছে আর মোদী সরকার দেশের গণতান্ত্রিক সংস্থান গুলির উপর দখল নিয়ে ফেলেছেন।

বিজেপি সুরক্ষা বাহিনীর আড়ালে নির্বাচন কমিশনের সহায়তায়, ইভিএম কে নিয়ে অবশ্যই খেলাটি খেলবে এবং তার পরে কৃতিত্ব সুরক্ষা বাহিনীকে দেওয়া হবে।

কিরণ বেদীর নাম "সিএম মাস্টার স্ট্রোক" ব্যর্থ হওয়ার পরে বিজেপি মুখ্যমন্ত্রী মুখ ঘোষণা করতে ভয় পায়ে

আসন্ন বিধানসভার নির্বাচনে বিজেপির বড় দুর্বলতা হলো যে তারা কোনও মুখ কে মুখ্যমন্ত্রী পদের জন্য ঘোষিত করতে পারছেন না যখন কি বিজেপি কিরণ বেদিকে দিল্লির মুখ্যমন্ত্রী হিসাবে ঘোষিত করেছিলন তবে কিরণ বেদীর হারের পর বিজেপি আর সাহস করেন না আগে ভাগে নাম ঘোষিত করতে।

https://www.indiatoday.in/amp/elections/video/bjp-challenges-mamata-to-announce-she-will-contest-only-from-nandigram-1771422-2021-02-21?__twitter_mpression=truer

তবে যে রাজ্যে বিজেপি সরকারে ছিলেন যেমন মহারাষ্ট্র, ছত্তিশগড়, বিহার, এমপি, রাজস্থান, এবং ঝাড়খন্ডের সিটিং মুখ্য মন্ত্রী কে আগে করে নির্বাচনে নেমেছিলেন

এটি টিএমসির ব্যক্তিগত সিদ্ধান্ত যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় কোন আসন থেকে প্রতিদ্বন্দ্বিতা করবেন, টিএমসির সিদ্ধান্তে বিজেপির হস্তক্ষেপ কি ন্যায়সঙ্গত?  

নরেন্দ্র মোদী যখন তাঁর প্রথম লোকসভা নির্বাচনের দুটি জায়গায় কাগজপত্র জমা দিয়েছিলেন, তখন কোনও দলই এই রকম বোকা চ্যালেঞ্জ ছুড়ে দেননি।

बीजेपी का किरण वेदी के नाम का " सीएम मास्टर स्ट्रोक " फेल होने के बाद तब से सीएम चेहरा घोषित करने से घबराते है

भाजपा कर इस तरह के बयान से पता चलता है कि बीजेपी के पास बंगाल के लिए कोई सीएम चेहरा नहीं है, बीजेपी ने दिल्ली के लिए किरण बेदी को सीएम चेहरा घोषित किय था और वो अपनी सीट जीत नही पाई थी तब से बीजेपी ने नई रणनीति अपनाई थी।

https://www.indiatoday.in/amp/elections/video/bjp-challenges-mamata-to-announce-she-will-contest-only-from-nandigram-1771422-2021-02-21?__twitter_impression=true

लेकिन जिस प्रदेश में भाजपा की सरकार थी जैसे महाराष्ट्र,   छत्तीसगढ़, बिहार, एमपी, राजस्थान, और झारखंड में क्यों सिटिंग सीएम को सीएम फेस मान लिया था। 

यह टीएमसी का निजी फैसला है कि ममता बनर्जी किन किन सीटों से चुनाव लड़ेंगी क्या टीएमसी के फैसले पर बीजेपी का दखलंदाजी उचित है? जब नरेंद्र मोदी अपने पहले लोकसभा चुनाव में दो जगहों से पर्चा भरा था तब किसी पार्टी ने इस प्रकार की फिजूल बात नही किया था।

Friday, 19 February 2021

क्या अमित शाह बाहरी राज्यों के भीड़ और गोदी मीडिया के बल पर बंगाल का चुनाव जीतना चाहते है

प्राप्त सूत्रों से खबर है कि बंगाल चुनाव से पहले भाजपा समर्थक बंगाल छोड़कर घूमने के नियत से प्रदेश छोड़कर जाने वाले है तो फिर भाजपा का क्या होगा।

https://www.facebook.com/393475821165268/posts/1077347112778132/

इसमें कोई संदेह की बात नही है कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा पिछले वाम दलों के शासन काल से चला आ रहा है और बंगाल के लोग राजनीतिक रूप से साल भर किसी ना किसी राजनीतिक पार्टी के साथ जुड़ाव बना रहता है।

कुछ समय पूर्व बंगाल के भाजपा नेताओं ने बंगाल के किसी क्षेत्र में रैली का आयोजन किया था और साथ में दस हजार लोगो की समागम का दावा किया था परंतु उक्त रैली में एक हजार लोगो का जमावड़ा हुआ था।

जब पत्रकारों ने उनके दावों की चर्चा बीजेपी से किया तो राज्य स्तर के नेता ने कहा की टीएमसी के डर से लोग रैली में नही आ रहे है, अगर इनके बातों को मान लिया जाए तो यही हाल तो चुनाव के दिन देखा जायेगा।

दूसरी तरफ जब अमित शाह बंगाल के किसी इलाके में रैली करते है तो पड़ोसी राज्यों से बुलाए गए बंपर भीड़ देखने को मिलता है।

Thursday, 18 February 2021

दूसरे राज्यों के भाड़े के भीड़ से अमित शाह बंगाल में रैली तो कर सकते है पर वोट में तब्दील नहीं कर सकते है

हिंदी बोले जाने वाले प्रांतों से अन्य प्रांतीय भाषा वाले राज्य कि राजनीती भिन्न है पर यह बात अमित शाह के दिमाग़ में नहीं घुस रही है ।

हर हफ्ते सरकारी खर्चे पर अमित शाह का बंगाल का दौरा करने पर विशेष लाभ होता नहीं दिख रहा है और दुसरी तरफ चुनाव प्रचार के नाम पर सरकार के खजाने को खाली करना नैतिकता के आधार पर भी गलत है ।

बंगाल में शिक्षा के प्रसार के साथ लोग राजनितिक सचेतन भी है और दुसरी तरफ बंगाल के लोगो के बिच अमित शाह कि पुरानी दागदार छवि बनी हुई है इस कारण अमित शाह को बंगाल के बंगाली समाज उनको गंभीरता से नहीं ले रहे है और दूसरी तरफ बंगाल के ग्रामीण बंगाली समाज इतना चुस्त हिंदी समझने के आदि नहीं है ।

दुर्भाग्य का विषय यह कि पिछले सात वर्षो में केंद्र की भाजपा ने बंगाल के जमीन पर ऐसा कोई धारदार नेता नहीं तैयार कर पाएं है जो प्रखर और तेजस्वी ममता बनर्जी का मुकाबला कर सके।

बीजेपी अपने को बंगाल में पिछड़ते हुए देख रहे है और इसी कारण पीएम मोदी के चेहरे को छिपाने में लगे है और जिसके फलस्वरूप अमित शाह को आगे किया गया है ।

Wednesday, 17 February 2021

मोदी की गगन चुम्बी विफलताओ के कारण मोदी के फैन मोदी से दूरी बनाने में लगे है

जिस तरह से बड़े बेबागी के साथ अनुमा आचार्य जो कभी एयर फोर्स में विंग कमांडर थी अपनी बातों को रखा है उससे इग्नोर करना बीजेपी और अंड भक्तों के अलावा पीएम मोदी और अमित शाह के बस की बात नही है।

https://www.facebook.com/110690743952684/posts/283094003379023/

मजे की बात है कि भूतपूर्व विंग कमांडर किसी समय पीएम मोदी के बड़े  फैन हुआ करती थी और जिसका शुरवती शिक्षा आरएसएस के शिक्षण संस्थान में हुआ था।

इस महिला ने जिस परिपक्वता के साथ अपने संवाद के जरिए अपने बातों को रखा है उससे बीजेपी के नेताओं में एक धनात्मक सोच पैदा करने में कामयाब हुई है। एक बार इस विडियो को जरूर देखे और सुने।

Tuesday, 16 February 2021

भाजपा को अपने राजनीतिक नारा जय श्री राम को बंगाल के चुनाव के पूर्व बचाव करना पड़ रहा है, जय सिया राम कहने से डरते है भाजपा

बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने माँ दुर्गा के खिलाफ अप्रिय बातें कहीं जिस कारण मां दुर्गा पर आस्था रखने वाले और भारत में रह रहे बंगाली समुदाय को भावनात्मक रूप से आहत किया है।

https://www.facebook.com/27682782579/posts/10161373067707580/

गौरतलब है कि पिछले वर्ष दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध रूप से दुर्गा पूजा को पूरे राज्य में रोकने की कोशिश की थी।

दुर्गा पूजा के प्रति प्रदेश शासन के इस अनादर को लेकर इलाहाबाद के बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन की सचिव की हैसियत से मेरे द इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।

फैसले की सुनवाई और अदालती आदेश के बाद, योगी सरकार को दुर्गा पूजो को यूपी में आयोजन की अनुमति मजबूरी में देनी  पड़ी थी।

भाजपा का हिंदू देवी देवता के पूजन को लेकर अपना एक अलग नजरिया है, जय श्री राम का नारा बीजेपी को राजनीतिक तौर पर लाभदायक तभी माँ दुर्गा की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है।

Monday, 15 February 2021

दिशा रवि को मोदी पुलिस ने गिरफ्तार करके देश और विदेश में ख्याति देने काम किया है

जब से किसान आंदोलन ने जोर पकड़ा है तब से पीएम मोदी से लेकर मंत्री और मंत्री से लेकर बीजेपी आईटी सेल की सोच नाम स्तर को छूने लगा है और इसी कारण भाजपा के द्वारा लिए गए हर कदम उल्टा पड़ता दिख रहा है।

https://m.youtube.com/watch?v=d4UNt3mqR3Q&feature=share

संघी संप्रदाय के पास उनके तरकश में जितने तीर थे किसान आंदोलन के खिलाफ चला चुके है पर आंदोलन को आखिर अंतर्राष्ट्रीय दर्जा मिल चुका है, हम दो और हमारे दो के लिए जितनी फजीहत मोदी सरकार को करना था वो हो चुका है।

किसान आंदोलन के चर्चा को कुंद करने के लिए मोदी सरकार एक 22 वर्षीय लड़की को भी फर्जी एफआईआर के जरिए जेल में बंद इसलिए बंद करना पड़ा क्यों की वो एक अंतर्राष्ट्रीय टूल के जरिए किसान आंदोलन के लिए विश्व में जनमत तैयार करने में लगी थे पर दिल्ली पुलिस ने इस काम को देश विरोधी समझ कर उसे जेल में भेजने का काम किया है।

कल तक जिस लड़की को देश और दुनिया नही जानते थे उन्हे जेल भेजकर मोदी सरकार ने महामंडित करने का काम किया है।

Sunday, 14 February 2021

भाजपा का बंगाल में बिहार से ज्यादा बुरा हाल होना निश्चित है, सभाओ में भीड़ नदारद है

बंगाल में भाजपा का हाल  बिहार से ज्यादा बुरा होता दिख रहा है, बिहार में तो नितीश कुमार और जिला प्रशासन के सहयोग से किसी तरह से सत्ता हतियाने में सफल हुए थे।

अगर निचे दिए गए वीडिवो को देखे और कहे गए बातों को समझें तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के जान सभाओं में भीड़ नहीं जुट रहे है और दूसरी तरफ बीजेपी के राज्य स्तर के नेताओं का जेपी नड्डा से भी ज्यादा बुरा हाल है।

https://www.facebook.com/watch/?v=777557496505564

भाजपा कि इस बुरे हाल कि वजह इस कारण है कि मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने अपने दस साल के कार्यकाल में बंगाल के लोगो के लिए उम्मीद से ज्यादा से काम करके दिखया है ।

भाजपा ने जनसभाओ में भीड़ ना जुटने का ठीकरा तृणमूल पार्टी पर फोडा है, उनका कहना है कि TMC के डर के कारण भीड़ नहीं हो रही है ।

Saturday, 13 February 2021

एमएसपी को कानूनी जमा इसलिए नहीं पहनाया जा रहा है क्यों कि नुकसान हम दो और हमारे दो को होना है

जब तक नरेंद्र मोदी सरकार कृषि बिल और एमएसपी के मामले को लेकर लम्बे समय तक आँख मुंदे बैठे रहेंगे तब तक देश मे किसान आंदोलन कि आग धीरे धीरे देश में  फैल जायगी।

एक बात तो साफ हो चुकी है कि संयुक्त किसान मोर्चा भले ही सभी किसानो को तीन कृषि क़ानून को लेकर ना समझा पाएं हो पर सभी किसानो को एमएसपी के लाभ के बारे में अच्छी तरह से समझा चुके है कि एमएसपी से क्या आर्थिक लाभ होने वाला है।

https://www.facebook.com/NSUIHARYANA01/videos/712853752738575/

कल अगर मोदी सरकार एमएसपी को कानूनी जमा पहना देते है तो कल ही किसान आंदोलन खत्म हो सकता है चाहे कृषि क़ानून रहे या ना रहे।

एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर सरकार को कुछ नुकसान नहीं होना है पर सूट बूट कि सरकार को तो अपने हम दो और हमारे दो कि चिंता ज्यादा है।

Sunday, 7 February 2021

अहंकारी मोदी सरकार चोरी छिपे पारित किए गए कृषि कानून पर पूछते कि कृषि कानून में काला क्या है, सदन में चर्चा से भागना क्यों पडा

कुछ दिन पूर्व देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में अपने बातों को रखते हुए कहा कि  इस कृषि कानून में काला क्या है, जिस अध्यादेश को लॉक डाउन के समय गुप चुप तरीके से पारित किया गया था और बिना सदन में बहस किए और बिना सदन के सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे इन कानूनों को काला नहीं तो क्या स्वच्छ कहा जाएगा।

https://www.facebook.com/102861874573266/videos/543502829852247/

एक पुरानी कहावत है दाल में कुछ काला और कुछ लोग यह भी कहते है कि पूरी दाल ही काली है, सरकार ने किसान संगठनों से 11 बार वार्ता की पर कृषि मंत्री अपने ही कृषि कानून के उजालेपन या कृषि हित को किसानों को समझाने में विफल रहे।

अगर पीएम मोदी यह समझते है उनके द्वारा बनाए गए तीनो कृषि कानून परफेक्ट है तब अनेक संशोधन की बात क्यों कहा और क्यों इन कानूनों को दो सालों के लिए स्थगित करने की बात कही, जब की यह प्रस्ताव भी संविधान के विरोध में है किसी कानून पर नोटिफिकेशन के बाद किसी कानून को स्थगित नहीं रखा जा सकता है।

देश के लोगो ने भाजपा को भरपूर वोट देकर एक सरकार को अहंकारी और तानाशाही बनाने में मदद किया है।

Friday, 5 February 2021

आरएसएस प्रधान मोहन भागवत किसान आंदोलन पर इतनी लंबी चुप्पी क्यों साधे हुए है

देश की जनता यह कहना शुरू कर दिया है कि पीएम मोदी अदानी और अंबानी की चाटुकारिता के कारण पूरे देश और विदेश में नंगे हो चुके है।

क्या यह दृश्य आरएसएस के पितामह मोहन भागवत को नही दिख रहा है या भाजपा उनके बातों को आजकल उतना भाव नहीं दे रहे है।

https://khabar.ndtv.com/news/india/repeal-fir-restore-internet-service-government-should-make-positive-environment-for-talks-farm-unions-2362927

इस बात पर शोध होनी चाहिए कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जो हर विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देने से पीछे नहीं हटते है तो किसान आंदोलन को लेकर देश के लोगो के सामने अपनी बातों को रखने में साहस क्यों दिखा रहे है।

क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को मोदी सरकार के द्वारा दिए गए जेड+ सुरक्षा को खोने का डर सता रहा कि किसानों के पक्ष में बात करने पर उनकी सुरक्षा जा सकती है।

Thursday, 4 February 2021

मानवाधिकार का हनन किसी भी देश का आंतरिक मामला नही हो सकता है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलन को सपोर्ट करना कोई दोष नही

पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने अपने सपने में भी नही सोचा होगा कि किसान आंदोलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विकराल रूप धारण कर सकता है।

अब तो अनेक विदेशी हस्तियां मोदी सरकार के मानवाधिकार हनन को लेकर अपने विचार ट्वीटर के जरिए रखना शुरू किया है और हो ना हो कल मानवाधिकार के हनन को लेकर दूसरे देश इस संदर्भ में विरोध शुरु कर दें।

जहां तक मानवाधिकार के हनन की बात है तो मोदी सरकार को याद होना चाहिए कि विश्व में एक संस्थान है जिसे International Human Rights Commission के नाम से जाना जाता है और इस संस्था का मूल उद्देश है कि किसी भी देश में मानवाधिकार के हनन होने पर उस देश के विरुद्ध सवाल जवाब शुरू हो जाता है।

जिस प्रकार भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में किसानों के लोकतांत्रिक अधिकार को कुचलने का षड्यंत्र पीएम मोदी और उनकी पुलिस द्वारा किया जा रहा है उसकी कड़ी आलोचना विश्व स्तर में अगर हो रही है तो भारत सरकार और बीजेपी के समर्थको को यह नही कहना चाहिए कि मानवाधिकार के हनन देश का आंतरिक मामला है।

Friday, 29 January 2021

मोदी और योगी सरकार किसान आंदोलन से पूरी तरह से फ्रस्ट्रेट हो चुके है तभी संविधान को अपमानित करने में लगे है

मोदी सरकार के मंत्रियो से लेकर यूपी के भाजपा के एमएलए अपने ही प्रदेश के लोगो को आंतकवादी कहना क्या उचित है। प्रदेश की भाजपा सरकार पुलिस बल का भय दिखाकर गाजीपुर बोर्डर से किसानों को भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के आधार पर गाजीपुर बोर्डर से हटाना चाहते थे जब कि उक्त स्थल में किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।

https://www.facebook.com/108152721122127/videos/407257987012215/

एक तरफ पीएम मोदी लाल किले के प्राचीर से गणतंत्र दिवस मना रहे थे और दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने किसान ट्रैक्टर परेड को लाल किले तक किस रणनीति के तहत पहुंचने दिया इस बात पर दिल्ली पुलिस क्यों मौन है।

गाजीपुर बोर्डर पर जिस तरह से यूपी के शासन ने पुलिस बल का प्रयोग करके जगह खाली करवाने की कोशिश किया है उससे यह बात साबित हो गया है कि भाजपा सरकार ने संविधान का घोर अवहेलना किया है।

Sunday, 24 January 2021

बंगाल के चुनाव में भाजपा का रास्ता नहीं है आसान पर ईवीएम ही एक सहारा हो सकता है

अगर नीचे दिए गए लिंक के रिपोर्ट को समझे तो कांग्रेस और बाम दलो का एक साथ बंगाल के चुनाव लडना निश्चित रूप भाजपा के बंगाल चुनाव में 200 सीट पाने के सपने पर निश्चित रूप से पानी फिरने वाला है।

https://www.firstpost.com/india/bengal-polls-2021-jatin-prasada-slams-tmc-bjp-for-ego-battles-says-only-congress-committed-to-protect-states-culture-9234781.html/amp?__twitter_impression=true

पिछले लोकसभा के चुनाव में भाजपा के जो भी सीट अधिक मिले थे उसका मूल कारण बाम दलों के 25% वोट शेयर और कांग्रेस के 5% वोट शेयर भाजपा के झोली में जाने के कारण से हुआ था।

गौरतलब है कि लोकसभा का चुनाव में वोटिंग पैटर्न विधानसभा के चुनाव से सम्पूर्ण भिन्न होता है और विधानसभा का चुनाव प्रदेश को ध्यान में रखकर किया जाता है।

आने वाले समय में टीएमसी, कांग्रेस और वाम दल अपने वोट प्रतिशत को बनाए रखने में कामयाब हो जाते है तो भाजपा का वोट शेयर घटना तय है पर इस राजनीतिक विश्लेषण में ईवीएम को अलग रख कर किया गया है।

Thursday, 21 January 2021

तांडव वेब सीरीज पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान पर अर्नब गोस्वामी के वॉट्सएप लीक पर खिंचा सन्नाटा, पर क्यो?

सुप्रीम कोर्ट ने वेब सीरीज तांडव पर संज्ञान लिया नोटिस भेजा, इस बात से पता चल रहा है कि मोदी सरकार अर्णव गोस्वामी के वॉट्सएप लीक के मामले को दबाने में लगे है।

लोग पहले से मान रहे थे कि मोदी सरकार के गठन के बाद से देश के शीर्ष अदालत को रंगा और बिल्ला ने घुटनों पर ला दिया है और तांडव को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान में लेकर नोटिस भेजने का यही मतलब निकाला जाना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय की बागडोर अब पीएमओ के हाथों जा चुकी है।

अर्नब गोस्वामी के वॉट्सएप लीक के बाद न्यायपालिका के जजो को खरीदे जाने वाले चैट के सामने आने पर तथा देश के गंभीर और अति गोपनीय विषयों की सूचना को लीक किए जाने पर अगर उच्चतम न्यायायलय ने संज्ञान डर और भय के कारण नहीं लिया है तो ऐसे सुप्रीम कोर्ट को तत्काल भांग करके   पीएम कार्यलय में स्थानांतरण कर दिया जाना चाहिए।

कहते है कि नाम बड़े पर दर्शन छोटे और वही हाल शीर्ष अदालत की हो चुकी है ऐसा लोगो का मानना है।

अर्नब गोस्वामी के वॉट्सएप लीक में न्यायाधीशों के खरीद फरोख्त की बात सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट खुद संज्ञान लेने से डर रहे है

अर्नव का आज के समय मे कोई कुछ नही बिगाड़ सकता सीबीआई ED NIA उसकी जेब मे है और उसका मूल कारण जो राहुल गांधी ने यह खुलासा कर दिया है अर्णव के वॉट्सएप लीक में सूचना देने वाले प्रधानमंत्री या रक्षा मंत्री या गृह मंत्री या NIA का हाथ हो सकता है।

जब इतने लोग खुद इस लीक में सम्मलित हो सकते है तो क्यों NIA इस देशद्रोही अर्णव के वॉट्सएप लीक की जांच करेंगे। इस लीक की जांच तभी संभव हो सकता जब देश का उच्चतम न्यायालय की देख रेख में जांच को पूरा किया जाय।

यह भी जगजाहिर है कि देश का शीर्ष अदालत ने उन सभी मामलों को सुनना नही चाहते है जो मोदी सरकार के खिलाफ याचिका दायर किया गया है और इस कारण सुप्रीम कोर्ट की गरिमा खतम होने के कगार पर आ पहुंचा है।

अर्नब गोस्वामी के वॉट्सएप लीक में न्यायाधीश को खरीदने की बात का खुलासा हुआ है पर सुप्रीम कोर्ट की हिम्मत नहीं है कि इन बातों का खुद संज्ञान लेकर अर्णव पर मुकदमा चला सके।

Friday, 15 January 2021

Supreme Court should take back the names of these members and prepare a new panel with four retired judges of Supreme Court

Now that one wicket has fallen in four members, will the Supreme Court demand a new member from the PMO for supply?

The way in which the panel has been set up in defense of the Modi government by the top court in hurry, it has now become clear and when the Sanyukt Kisan Morcha has spoken of mistrust of the panel members, then why Supreme Court is putting pressure.

 https://live54today.com/bhupinder-singh-mann-said-to-separate-himself-from-sc-committee-i-will-not-compromise-on-the-interests-of-farmers/

Had the Supreme Court been serious on this subject, it would have made a panel of four retired judges of the Supreme Court to try to solve them and not blindly stamped on the suggestion of the Modi government.