पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने अपने सपने में भी नही सोचा होगा कि किसान आंदोलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विकराल रूप धारण कर सकता है।
अब तो अनेक विदेशी हस्तियां मोदी सरकार के मानवाधिकार हनन को लेकर अपने विचार ट्वीटर के जरिए रखना शुरू किया है और हो ना हो कल मानवाधिकार के हनन को लेकर दूसरे देश इस संदर्भ में विरोध शुरु कर दें।
जहां तक मानवाधिकार के हनन की बात है तो मोदी सरकार को याद होना चाहिए कि विश्व में एक संस्थान है जिसे International Human Rights Commission के नाम से जाना जाता है और इस संस्था का मूल उद्देश है कि किसी भी देश में मानवाधिकार के हनन होने पर उस देश के विरुद्ध सवाल जवाब शुरू हो जाता है।
जिस प्रकार भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में किसानों के लोकतांत्रिक अधिकार को कुचलने का षड्यंत्र पीएम मोदी और उनकी पुलिस द्वारा किया जा रहा है उसकी कड़ी आलोचना विश्व स्तर में अगर हो रही है तो भारत सरकार और बीजेपी के समर्थको को यह नही कहना चाहिए कि मानवाधिकार के हनन देश का आंतरिक मामला है।
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