ध्यान देने वाली बात यह है पीएम मोदी अपने लच्छेदार बातों के द्वारा देश की जनता को उल्लू बनाना चाहते है, जब तीन कृषि बिल को कैबिनेट की बैठक बुलाकर अध्यादेश जारी किया और सदन में बिना चर्चा किए कानून बना दिया तब आज बिना कैबिनेट की बैठक बुलाए कैसे तीन काले कृषि कानून की वापसी टीवी में आकर घोषणा कैसे कर सकते है ?
किसानों के साथ 11 बैठक में पीएम मोदी ने कभी हिस्सा नहीं लिया और किसनों की पीड़ा को समझना नही चाहा पर टीवी में आकर कानून वापसी का क्रेडिट लेने आ गए।
एक अहम बात है कि तीन कृषि कानून को टीवी में आकर समाप्त करने की घोषणा तो कर दिया है पर नए Farmer Reform Bill पर पीएम मोदी चुप्पी साध लिया।
आनन फानन में कृषि कानून को टीवी में आकर वापस लेने में यह भी साबित हो रहा है कि पीएम मोदी की नजर में संसद की कोई गरिमा नही है, जब की इस कानून की वापसी में उनके राजनीतिक कारण सामने आ चुका है।
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