अगर चुनाव प्रचार को जीतने का पैमाना समझा जाए तो हर चुनाव में बीजेपी की जीत निश्चित होनी चाहिए पर हकीकत में ऐसे नही है और मैं शुरू से यह लिखता रहा कि भाजपा बंगाल के राजनीति को समझ ही नही पाए है।
पिछले लोकसभा के चुनाव के परिणाम को अगर हम अपवाद मान ले तो पिछली विधान सभा में बीजेपी के वोट प्रतिशत मात्र दस प्रतिशत रहा और दूसरी तरफ टीएमसी के वोट प्रतिशत पर ध्यान दें तो उनके वोट प्रतिशत में कोई कटौती देखने को नही मिला है बल्कि उनका वोट 40 प्रतिशत कमोवेश एक जैसे रहा है।
जब भाजपा टीएमसी के वोट प्रतिशत पर सेंधमारी नही कर पायेगी तो बीजेपी के लिए सीटों का इजाफा कैसे करेंगे और दूसरी तरफ कांग्रेस_वाम दल अपने वोट प्रतिशत को बनाए रखने की कोशिश जरूर करेंगे।
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