Sunday, 30 July 2017

Political Analysis of India: नीतीश कुमार की उपस्थिति मे लगे जय श्रीराम के नारे ...

Political Analysis of India: नीतीश कुमार की उपस्थिति मे लगे जय श्रीराम के नारे ...: अगर किसी को भगवान के नाम का राजनीतिकरण करना सिखना है तो उसे फौरन ही भाजपा का सदस्य बन जाना चाहिये, देश के लोगो ने देखा कि कैसे भगवान श्रीरा...

नीतीश कुमार की उपस्थिति मे लगे जय श्रीराम के नारे और संविधान और धर्मनिरपेक्षता गई तेल लेने

अगर किसी को भगवान के नाम का राजनीतिकरण करना सिखना है तो उसे फौरन ही भाजपा का सदस्य बन जाना चाहिये, देश के लोगो ने देखा कि कैसे भगवान श्रीराम को भाजपा ने नारा मे तबदिल कर दिया, पहले जब पुरनिया एक दुसरे से मिलते थे राम-राम भईया कहा करते थे लेकिन अब भाजपा ने भगवान राम की भी ब्रैन्डींग “जय श्रीराम” से कर दी है I

केन्द्र मे मोदी जी के अगमन के बाद भाजपा ने जय श्रीराम का जबरदस्त मार्केटींग शुरु कर दी है और अब वही मार्केटींग सडक से होते हुए भाजपा शासित राज्यों के विधान सभा के सदन मे गुंजने लगी है I

दो दिन पुर्व बिहार के विधान सभा के सदन मे नये गठबंधन के फ्लोर परिक्षण नये मुख्य मन्त्री श्री नीतिश कुमार की उपस्थिति मे हुई थी और ऐसा परिक्षण देश के तमाम विधान सभाओ मे देखने को मिलते है पर बिहार के विधान सभा के सदन मे कुछ नया देखने को मिला वह था भाजपा का ब्रैन्डींग “जय श्रीराम की मार्केटींग I

भाजापा ने देश के संविधान को ठेंगा दिखाते हुए खुब उछल-उछल कर जय श्री राम के नारे लगाते रहे मानो कि प्रधान सेवक का मानस पुत्र- विकास का जन्म हुआ हो I

मजे की बात यह रही कि नीतीश कुमार ने चौबीस घंटे पुर्व भरे सदन मे संविधान के रक्षा के लिये शपथ लिया था वही व्यक्ती चौबीस घंटे बाद संविधान की मर्यादा को सम्भालने मे असफल रहे और अपने उपस्थिती मे जय श्रीराम के नारो को लगा कर संविधांन की खुब धज्जीयां उडाइ I

सनद रहे कि देश का संविधान पुरे दम से धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है जिसका अर्थ हुआ संविधान देश मे सभी धर्मो को समान नजर से देखती है और कोई भी विधान सभा सदन देश के संविधान से उपर नही है I

अगर भाजपा जय श्रीराम की मार्केटींग विधान सभा के पटल मे करतें रहे तो वो दिन दूर नही जब सदन मे जय श्रीराम के नारे के साथ “अल्लाह हो अकबर” की गुंज सुनने को मिलेगी और मोदी जी को इस मामले मे चुप्पी साधना पडेगा I

https://www.facebook.com/Baavree/videos/vb.100004335828631/844319132389273/?type=2&theater

Saturday, 29 July 2017

Political Analysis of India: नीतीश कुमार और भाजपा का प्रेम कथा 2019 के लोक सभा ...

Political Analysis of India: नीतीश कुमार और भाजपा का प्रेम कथा 2019 के लोक सभा ...: अगर तेजस्वी यादव के तथाकथित भ्रष्टाचार के साथ पनामा पेपर लीक मे फंसे 500 विशिष्ठ भारतीय नागरिको की तुलना की जाये तो प्रधान सेवक का देश मे भ...

नीतीश कुमार और भाजपा का प्रेम कथा 2019 के लोक सभा चुनाव तक सिमित

अगर तेजस्वी यादव के तथाकथित भ्रष्टाचार के साथ पनामा पेपर लीक मे फंसे 500 विशिष्ठ भारतीय नागरिको की तुलना की जाये तो प्रधान सेवक का देश मे भ्रष्टाचार के प्रति गम्भीरता की कलाई खुल जाती है I

भ्रष्टाचार विरोधी सुशासन बाबू तो देश के प्रधान सेवक से यह तो पुछ ही सकते है कि पनामा पेपर लीक मे फंसे लोगो का तारणहार कौन है I उल्लेखनिय है कि इसी पनामा पेपर लीक के मामले मे पाकिस्थान के उच्चतम न्यालय ने पाकिस्थान के प्रधान मन्त्री नवाज शरीफ की कुर्सी ही छिन ली I

हम बात कर रहे थे चट मंगनी और पट व्याह की, यह खेद का विषय है कि नीतीश कुमार जैसे राजनीति के पुराने धुरंधर क्यों नही समझ पाये कि मोदी जी के शरीर मे हिटलर की आत्मा प्रवेश कर चुकी है और इसी कारण भाजपा छल, बल और कपट के जरीये विपक्ष मुक्त रणनीती बनाने मे लगी हुई है I

इसमे कोई दो राय नही कि भाजपा अगले दो साल मे उनके शासित राज्यों मे होने वाले विधान सभा चुनाव मे कुर्मी वोटो की लिये सुशासन बाबू को बंदर नाच नचाती रहेगी I

इसमे शंका करने  वाली कोई बात नही कि 2019 मे होने वाले लोक सभा चुनाव के पुर्व सिट के बंटवारे को लेकर दोनो पार्टीयों मे एक घमासान होना तय है I

निश्चित रुप से जेडीयू के मुकाबले मे भाजपा केन्द्र मे एक बडी पार्टी होने के नाते सीट के बंटवारे मामले मे अपना दब दबा बना के रक्खना चाहेगी और कहीं नीतीश कुमार इस रस्सा-कसी मे हतियार डाल दिये तो उनका राजनीतिक कैरियर अंधकार मे जाना तय है I

सनद रहे कि पिछली बार महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव के पुर्व भाजपा और शिव सेना मे सीट के बटवारें को लेकर दोनो पार्टेयों मे खुब तना-तनी देखने को मिला और परिणाम स्वरुप दोनो ही पार्टीयां अलग अलग चुनाव लडे और एक दूसरो के उपर खुब किचड उछाला I कहीं भाजपा अपने पुराने इतिहास को बिहार मे दोहरा न दें I

केन्द्र के चुनाव मे खुदा ना खास्ता अगर मोदी जी की वापसी हो गई तो समझ ले भाजपा नीतीश कुमार को दर किनार कर बिहार मे विधान सभा के चुनाव का बिगुल फूंक देगी और साथ मे आरजेडी और जेडीयू के अलग–अलग चुनाव लडने से भाजपा का  सरकार बनना तय है I

http://www.amarujala.com/india-news/two-big-leader-in-bjp-s-list-after-nitish-kumar

Wednesday, 26 July 2017

Political Analysis of India: नीतीश कुमार तो सुशासन बाबू के जगह छलिया बाबू निकले...

Political Analysis of India: नीतीश कुमार तो सुशासन बाबू के जगह छलिया बाबू निकले...: नीतीश कुमार का त्याग पत्र कोई अप्रत्यशित घटना नही कहा जा सकता है, इस घटना को होना लगभग तय था वह भी तब से जब लालू यादव ने अपने कम पढे लिखे द...

नीतीश कुमार तो सुशासन बाबू के जगह छलिया बाबू निकले

नीतीश कुमार का त्याग पत्र कोई अप्रत्यशित घटना नही कहा जा सकता है, इस घटना को होना लगभग तय था वह भी तब से जब लालू यादव ने अपने कम पढे लिखे दोनो बेटों को मन्त्री मण्डल मे जगह दिलवाया था और यही बात नीतीश कुमार को शुरु से ही मन मे खटकने लगी थी I

एक बात देश के लोगो तथा बिहार के मतदाताओ को यह समझ मे नही आई होगी कि श्री कुमार ने भाजपा से क्यों नाता तोड लिया था जब श्री नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रस्ताव प्रधान मन्त्री के रुप मे किया गया था पर उस के पिछे की राजनीति को समझना कोई राकेट साइंस नही है. बात असल मे यह है कि 2014 के लोक सभा के चुनाव मे श्री नीतीश बाबू को मुस्लिम वोटरो की चिन्ता सताने लगी थी कि कहीं मुस्लिम मतदाता पुरे के पुरे लालू यादव के साथ न चले जायें हलांकि 2014 के चुनाव के नतीजों ने उनके मुस्लिम गणित का वाट लग गया I

 लोक सभा के चुनाव के बाद सुशासन बाबू अपने को बिहार के विधान सभा चुनाव मे अपनी पार्टी को जितना और अपने को मुख्य मन्त्री के रुप मे देखने की लालसा बढ गई और उन्हे यह बात भी समझ मे आ चुकी थी कि यदि जेडीयू और आरजेडी अलग- अलग चुनाव लडेगी तो फायदा भाजपा को हो जायेगा और उन्होने सजायाफ्ता लालू यादव और उनके भ्रटाचारी छवि को दर किनार करके महा गठबंधन किया और लालू यादव को एक पवित्र गाय के रुप मे देखने लगे I

नीतीश कुमार की राजनीति तभी समझ मे आ चुकी थी जब उन्होने अरएसएस के श्री राम कोविन्द के राष्ट्रपति के उम्मीदवारी पर न केवल कसिदे पढे बल्कि जेडीयू का सर्मथन बिना मागें ही दे दिया और महा गठबंधन से अपने को अलग किया, गौरतलब है कि यही सुशासन बाबू ने आरएसएस मुक्त भारत का नारा भी दे चुके है I

नीतीश कुमार का अचानक सुबह त्यागपत्र देना और शाम होते-होते मोदी जी के सामने शिर्ष आसन करने से यह बात संदेह युक्त नही रहा कि मोदी जी के एजेंसीयो द्वारा यादव परिवार के पिछे छापों मे एक बडी भूमिका सुशासन बाबू की रही होगीI

दुर्भाग्य से राजनीती के धुंरधर माने जाने वाले श्री लालू प्रसाद को नीतीश कुमार के गिरगिट वाली राजनीति समझ न सके अगर वे अपने पुत्र सहित सभी आरजेडी के मन्त्रीयो का त्याग पत्र कुछ समय के लिये दिलवा दिये होते तो सुशासन बाबू का भाजपा प्रेम हिलोरे नही मारता I

वैसे बिहार के मतदाताओ को नीतीश कुमार के इस छलिया बाबू वाला रुप कितना भायेगा उसका पता तो 2019 के लोक सभा के चुनाव मे पता चलेगा वैसे जेडीयु के एमएलए भाजपा और मोदी विरोधी वोट के सहारे जीत कर आयें है I

Saturday, 22 July 2017

Political Analysis of India: बिहार मे भाजपा “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” वाली स्...

Political Analysis of India: बिहार मे भाजपा “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” वाली स्...: पिछले तीन वर्षो के शासनकाल मे भाजपा ने जितनी खिज किसी दूसरे विपक्षी पार्टीयों के उपर न उतारी होगी उससे कहीं ज्यादा गुस्सा भाजपा ने श्री लाल...

बिहार मे भाजपा “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” वाली स्थिती मे आ चुकी है

पिछले तीन वर्षो के शासनकाल मे भाजपा ने जितनी खिज किसी दूसरे विपक्षी पार्टीयों के उपर न उतारी होगी उससे कहीं ज्यादा गुस्सा भाजपा ने श्री लालू प्रसाद यादव, उनके पुत्र तेजस्वी यादव और मिसा भारती के खिलाफ तमाम छापो के जरीये उतारा I

हालांकि इन तमाम छापो के पिछे भाजपा का एक सुत्रीय कार्यक्रम यह रहा कि किसी भी हाल मे बिहार की महा गठबंधन के गांठ को खोल के रक्ख दिया जाये पर देश के प्रधान सेवक और उनके दाहिना हाथ समय के काल चक्र के सहारे अपने को देश की राजनीति मे धुरंधर समझते हो पर सत्य यह भी है कि श्री नीतीश कुमार बिहार के राजनीती मे दूध मुहां नेता नही है जिसे बाहरी प्रदेश के नेता अपनी चाल से मात दे सके I

भले ही भजपा ने अपने गोदी मीडिया के सहारे तेजस्वी यादव के त्याग पत्र को लेकर नीतीश कुमार पर ईमोसंल अत्याचार और ब्लैक मेल करने की मनचाही कोशिश की पर ढोल के तीन पात तब देखने को मिला जब श्री कुमार ने तेजस्वी यादव के बातो मे अपनी सहमती जोड दी, हालांकि इस विषय पर मोदी एण्ड कम्पनी को मूह की खानी पडी I

हिन्दी मे एक पुरानी कहावत है कि “खिसयानी बिल्ली खम्भा नोचे” और लगभग वही हाल बीजेपी का है, यदि हम हिन्दी दैनिक अमर उजाला मे छपे खबरो को माने तो भारत पैट्रोलियम कॅरपोरेशन ने तेज प्रताप को आवंटित पेट्रोल पंप का लाइसेंस इस आशय से रद्द कर दिया कि वे लाइसेंस पाने के लिये गलत जानकारी प्रस्तुत किये थे I

मजे की बात यह है कि भारत पैट्रोलियम कॅरपोरेशन ने अपने से कोई जांच नही की बल्कि उक्त आरोप भाजपा के नेता सुशील मोदी के आरोपो के आधार पर लाइसेंस रद्द किया गया I

भाजपा का “खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे” का दुसरा भाग कल देखने को मिला जब उड्डयन मन्त्रालय ने हवाई अड्डे पर श्री लालू प्रसाद यादव एंव श्रीमति रावडी देवी को वीवीआइपी ट्रीटमेंट देने से मना कर दिया है I यह समझ के परे है कि कब तक भाजपा बिहार के मामले मे एक खिसयानी बिल्ली की  भूमिका अदा करती रहेगी I

https://youtu.be/N7P5lLWFpVI

Tuesday, 18 July 2017

Political Analysis of India: राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद दलित समाज को दबान...

Political Analysis of India: राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद दलित समाज को दबान...: देश वासियों को शायद ही एक ऐसा राष्ट्रपति के चुनाव का अनुभव हुआ होगा जिसमे प्रत्यासी के टैलेंट को छोड कर उस के जाति पर आधारित चुनाव देखने को...

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद दलित समाज को दबाने और कुचलने का काम बंद

देश वासियों को शायद ही एक ऐसा राष्ट्रपति के चुनाव का अनुभव हुआ होगा जिसमे प्रत्यासी के टैलेंट को छोड कर उस के जाति पर आधारित चुनाव देखने को मिला, ऐसा जातिय ड्रामा का पठकथा श्री नरेन्द्र मोदी जी के कलमो से ही आया I

राष्ट्रपति का चुनाव तो पिछले दिन धुम धाम के साथ समपन्न हो गया है और ट्वीटर मे प्रधान मन्त्री के अलावा शासक दले के बडे नेताओ के वोट डालते हुए गोदी मीडिया के अनुकम्पा से देखने को मिला पर विचारणिय बात यह कि राष्ट्रपति चुनाव मे दलित प्रत्यासीयों के डंके तो खुब बजे पर क्या दलित प्रत्यासी के जीतने पर आम दलित समाज का उत्थान का मार्ग प्रसस्थ होगा क्या या उनके समाज के लोगो को उच्च जातियों द्वरा दबाया और कुचला जायेगा I

यह तो पक्का है कि जिस ढंग से भाजपा ने कुछ मानसिक रुप से क्मजोर विपक्षी पार्टीयों को अपने सर्मथन मे लाने मे कामयाब हुए उससे तो पुरे राष्ट्रपति चुनाव को पाक साफ कहना जरा मुसकिल सा लग रहा है उसका कारण यह भी है कि एनडीए के घटक दल न होने के बावजूद मोदी सरकार से गलबहियां करने कि पिछे के डील या समझौता को नजर अन्दाज नही किया जा सकता है I

उपरोक्त बातों को ध्यान मे रख कर इतना तो कहा जा सकता है कि श्री रामनाथ कोविन्द का जीतना पक्का है, आर.एस.एस के लिये अच्छी बात यह है कि राष्ट्रपति से लेकर प्रधान मन्त्री और उनके मन्त्री मण्डल के सभी के सब अब भगवा धारी हो गये है I आर.एस.एस के लिये इससे अच्छा सुनहरा मौका क्या हो सकता है कि देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिये जोरदार पहल करे I

इतना तो कहा जा सकता है कि अगर आर.एस.एस हिन्दू राष्ट्र की योजना को मोदी जी के गोदी मीडिया के द्वरा प्रचार और प्रसार करने मे कामयाब हो जाती है तो भाजपा को गुजरात के विधान सभा के चुनाव मे हारने से बचया जा सकता है I

वैसे तो भाजपा के पास हिन्दू-मुस्लिम पोलाराइजेशन के पुराने हतकण्डे है जिसमे भाजपा शासित किसी राज्य मे साम्प्रदायिक दंगे करवाने के लिये पैसे खर्च करने पडेंगे और इसी कडी मे गौ रक्षकों के पावन काम को नकारा नही जा सकता है और साथ मे श्री अमित शाह के उस बयान को भी जोडा जाना चाहिये जिसमे उन्होने अमरनाथ यात्री के श्रद्धालुओं के मौत को गुजरात के साथ जोड के देखने की कोशिश की I

https://twitter.com/SanjayAzadSln/status/887201577789931520

Sunday, 16 July 2017

Political Analysis of India: कुछ लोगो का मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान...

Political Analysis of India: कुछ लोगो का मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान...: बिहार के श्री लालू प्रसाद के साथ उनके परिवार पर सीबीआई, आईडी एंव आईटी द्वरा किये गये छापे मे कुछ मिला हो या नही पर एक बात तो साफ हो चुकी है...

कुछ लोगो का मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान जी के पूंछ मे आग लगाने के समान है

बिहार के श्री लालू प्रसाद के साथ उनके परिवार पर सीबीआई, आईडी एंव आईटी द्वरा किये गये छापे मे कुछ मिला हो या नही पर एक बात तो साफ हो चुकी है कि श्री नरेन्द्र मोदी और उनके “टीम मोदी” 2019 मे होने वाले लोक सभा के चुनाव की परिणामो को ध्यान करने पर उनके घबराहट सातवें आसमान पर दिख रही है I

श्री मोदी जी के घबराहट को इसलिये नकारा नही जा सकता है कि पिछले 3 वर्षो के शासन काल मे पिछले चुनाव मे किये गये भारी-भारी वादों के परिणाम निल बटा सन्नाटा साबित हुआ है और कुछ वादों पर तो जुमला का टैग खुद मोदी जी और उनके हनुमान श्री अमित शा ने ही लगा दिये है I

कुछ लोगो का यह भी मानना है कि लालू जी को छेडना और हनुमान जी के पूंछ मे आग लगाने के समान है और लालू जी और उनके लडके तेजस्वी यादव पर धारा भी लगया है 10 बी और 420

इससे कहीं ज्यादा धारा जैसे 506, 307,147, 148, 297, 336, 504, 295, 153A, और 435 तो  उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री श्री योगी आदित्य नाथ पर लगे हुयें है और उप मुख्य मन्त्री श्री केशव प्रसाद मौर्य पर 302/120 B /153 A/188/ 147/148/153/15/352/188/323/ 504 /506/147/295 A/153/ 420/467/465/171/188 / 147/352/323/504/506/392/ 153 A/353/186/504/147/332/147/332/504/332/353/506/380 147/148/332/336/186/427 143/353/341 मुकदमे चल रहे है I

किसी ने सही लिखा है कि नैतिकता के आधार पर तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगने वालों के लिए यह बताना जरुरी है कि। मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

पेड न्यूज के मामले में नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया था। मिश्रा ने राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने की इजाजत के लिये दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अब राष्ट्रपति चुनाव में वोट नही दे पाएंगे। नरोत्तम मिश्रा अभी भी मंत्री पद पर बने हुए है। क्योंकि, बीजेपी में इस्तीफे नही होते और इन बातो के कारण उमा भारती पर चार्ज शीट फ्रेम होने के बावजूद आज भी मन्त्री पद पर है I

सनद रहे राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने वाले दागियों में सबसे अधिक संख्या बीजेपी के सांसदों, विधायकों की है। बीजेपी के 337 जनप्रतिनिधियों पर गम्भीर आपराधिक केस चल रहे है।

http://www.newindianexpress.com/nation/2017/jul/17/delhi-high-court-refuses-to-allow-tainted-bjp-mp-narottam-mishra-to-vote-in-prez-poll-1629630.html?utm_content=bufferbe103&utm_medium=social&utm_source=twitter.com&utm_campaign=buffer

Tuesday, 11 July 2017

अमरनाथ यात्रीयों की मौत एक संदेहास्पद मामला बन चुका है

मोदी सरकार की एक परम्परा बना चुकें है कि जब कभी भी देश के किसी भी भाग मे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले हो तब अपने प्रायोजित मीडिया के माध्यम से दिल खोल कर आतंकी संगठनो के नाम लिये बिना ही दस-बीस किलो के वजनदार कडी निन्दा का बरसात शुरु कर देते है, इस निन्दा के पिछे हमारे 56” छाति वाले प्रधान मन्त्री भी ट्विटर के आढ मे निन्दा की ढोल को पिटने मे कोई कसर नही छोडते है I

समझ मे नही आया कि आतंकी हमले के कारण अमरनाथ यात्री के मौत पर क्यों छाति पिटा जा रहा है जब की नोट बंदी के आतंकी हमले से दस गुना लोगो की मौत हो चुकी थी I

सही पुछे तो अमरनाथ यात्री के मौत के पिछे दो-दो सरकारो की जवाबदेही और जिम्मेदारी बनती है पर मोदी सरकार व महबूबा सरकार को कडे निंदा के शब्दो का साहारा लेना पड रहा है और मजे की बात यह भी है ऐसी घटना का अंदेशा देश के आईबी पहुंचाया जा चुका था I

अमरनाथ यात्रीयों के मौत के पिछे के कुछ संयोगों को दरकिनार नही किया जा सकता है जैसे 1) गुजरात मे आने वाला विधान सभा चुनाव 2) एक ही बस मे गुजराती श्रद्धालुओं का होना 3) बस की सही कागजात न होना 4) स्राइन बोर्ड के पंजिकरण बस को चलाना 5) बिना सुरक्षा के बस यात्रा करवाना 6) निर्धारित समय का उलंघन कर बस को चलाना 7) मरे हुये यात्री का गुजराती होना 8) केन्द्र और जम्मु कश्मीर सरकार मे भाजपा का शासन होना 8) सन 2001 से 20017 तक अमरनाथ यात्रीयों पर कोइ हमला न होना आदि एक चिंतनिय विषय है I

एक और संदेह का विषय यह भी बनता है कि बस मे सफर कर रहे कोई भी श्रद्धालुओं ने हमलावारो को नही देखा है और यह भी समझ मे नही आया कि मरे हुये लोगो की अंतिम संस्कार के पुर्व गुजरात के सड़को पर क्यों घुमाया गया I पुरे घटनाओं का अवलोकन करने के बाद आप पुरे मामले की असलियत खुद ही समझ लें और समझाने और समझने के लिये कुछ बचा नही हैI

http://www.nationaldastak.com/country-news/when-the-bjp-is-in-rule-why-terror-attacks-on-amarnath-pilgrims/


Political Analysis of India: भाजपा अमरनाथ के श्रद्धालुओं के मौत के पिछे सुरक्षा...

Political Analysis of India: भाजपा अमरनाथ के श्रद्धालुओं के मौत के पिछे सुरक्षा...: पिछ्ले 25 जून 2017 मे ही Intelligence विभाग ने अपने एक रिपोर्ट केन्द्र और राज्य सरकार को सौंप चुके थे कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकविदीयो ...

भाजपा अमरनाथ के श्रद्धालुओं के मौत के पिछे सुरक्षा की त्रुटी को मानने के लिये तैयार नही

पिछ्ले 25 जून 2017 मे ही Intelligence विभाग ने अपने एक रिपोर्ट केन्द्र और राज्य सरकार को सौंप चुके थे कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकविदीयो द्वरा हमले होने की प्रबल सम्भावना है पर दोनो ही सरकारो ने इस गम्भीर विषय को ज्यादा तवज्जो नही दिया और ना ही इस विषय को लेकर श्री अजीत डोवाल के अगुआइ मे INA की कोइ बैठक बुलाई और अमरनाथ के श्रद्धालुओं  को मरने के लिये छोड दिया I

इस घटना के बाद भाजपा अपनी सक्रियता दिखाते हुए यह कह दिया कि सुरक्षा मे कोई चूक नही हुई और दूसरी तरफ मोदी सरकार इस मामले को लिपा-पोती मे जुट चुकी है I

उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री योगी जी को अमरनाथ मे मारे गये श्रद्धालुओं  को श्रद्धांजली देने के नियत से कैबिनेट के विशेष सत्र का आयोजन कर के दूसरे भाजपा शासित राज्यों को श्रद्धांजली देने वाले मामले मे पिछे धकेल दिया और साथ मे गोदी मीडिया मे छा जाने के मार्ग को प्रसस्त किया I

बडी गम्भीरता से सोचने के बाद भी देश के लोगो को याद नही आयेगा कि नोट बंदी के दौरान सत्तर अस्सी लोगो के मौत हो जाने के बावजूद किसी भी भाजपा शासित प्रदेशो ने विधानसभा के विशेष सत्र बुलाकर नोट बंदी के कारण से मरे हुए लोगो के लिये कोई शोक प्रस्ताव पारित किया हो I

भाजपा ने हिन्दू शब्द्द के प्रयोग को भी राजनीतिक नजरिये से देखती है, हिन्दू नामक लोगो की हैसियत अब केवल वोट बैंक या मॅब लिचिंग के लिये प्रयोग होने लगा है I

http://liveindia.live/india/salim-save-people-jk/181596.html

http://timesofindia.indiatimes.com/india/amarnath-terror-strike-why-no-security-measures-if-you-had-intelligence-input-about-attack-beforehand-asks-congress-of-centre/articleshow/59541207.cms?utm_source=twitter.com&utm_medium=referral&utm_campaign=TOIIndiaNews

Monday, 10 July 2017

Political Analysis of India: आतंकवादीयो ने गुजरात के श्रद्धालुओं से भरे हुए बस ...

Political Analysis of India: आतंकवादीयो ने गुजरात के श्रद्धालुओं से भरे हुए बस ...: बेहद दुखद घटना  45000 सुरक्षा कर्मियों को केवल 2 आतंकवादी ठेंगा दिखाकर अमरनाथ श्रद्धलुओं को मार जाते हैं !! श्रद्धलुओं की बस बिना रजिस्ट्रे...

आतंकवादीयो ने गुजरात के श्रद्धालुओं से भरे हुए बस को ही क्यों चुना

बेहद दुखद घटना  45000 सुरक्षा कर्मियों को केवल 2 आतंकवादी ठेंगा दिखाकर अमरनाथ श्रद्धलुओं को मार जाते हैं !! श्रद्धलुओं की बस बिना रजिस्ट्रेशन के क्यों जा रही थी और बस में सवार यात्री अन रजिस्टर्ड क्यों थे ? यह भी एक जांच का विषय है I

 इतने लंबे रुट में किसी सुरक्षा कर्मी ने उनकी आईडी चेक क्यों नही की ?? गुजरात से इन श्रद्धालुओं को लाने वाला शख़्स कौन था जो बिना रजिस्ट्रेशन के बिना जॉंच करवाये लोगों को ले जा रहा था ! निष्पक्ष जाँच करवा लीजिये सब सत्य सामने आ जायेगा I

इस कायराना हरकत के पीछे जो भी लोग हैं, एैसे लोगों को कडी से कडी सज़ा दी जाये ! मोदी जी आप देश के लोगों की सुरक्षा कर पाने में पूरी तरह नाकाम हैं I

वैसे लालू यादव से फुर्सत मिल गयी हो तो #अमरनाथ यात्रा के लिए भी कुछ अफसर लगा दीजिये 7 बेगुनाह की जान चली गयी

एक बात और समझने की बाकी है कि कैसे उन आतंकवादीयो ने गुजरात के हे  श्रद्धालुओं से भरे हुए बस को ही चुना, सवाल इस लिये भी खडा हो सकता है कि इस वर्ष गुजरात के विधान सभा के चुनाव होने है I इस घटना के तु र न्त  बाद Tweeter पर यह खबर छपी कि ही गुजरात के मुख्य मन्त्री इस घटना को लेकर विरोध सभा टाइप आज  कुछ करने वाले है I

प्रधान मन्त्री के भारत मे निवास होने के कारण पुर्व की भांति इस घटना के तुरन्त बाद ही उन्होने हमेशा की तरह इस हमले की कडे शब्दो की निन्दा की पर अभी तक देश के निन्दा मन्त्री श्री राजनाथ सिंह निन्दा वाले बयान का देश को इंतजार है I

https://twitter.com/IndianExpress/status/884476621213663238

Sunday, 9 July 2017

चुनाव आयोग का भाजपा के साथ गहरा प्रेम गुजरात विधानसभा के चुनाव मे देखने को मिले पर रोडा बनी है उच्चतम न्यालय


अभी तक हर दुसरी विपक्षी पार्टीयां ईवीएम को लेकर काफी हल्लाबोल किया था जिसके परिणम स्वरुप चुनाव आयोग को एक नया नाटक का पटकथा इस बात पर लिखना पडा कि बिना ईवीएम के मदर बोर्ड को छुये मशीन को छेड कर दिखाये, हालांकि आयोग के इस फर्जी चुनौती को अधिकांश राजनीतिक दलो ने सिरे से नकार दिया था I

उसी दरमियान तत्कालिन मुख्य चुनाव आयोग ने देश की जनता समक्ष आने वाले हर चुनाव मे वीवीपैट मशीन के प्रयोग होने की बात कह कर ईवीएम पर पैदा हुये बवाल को टालने की कोशिश की और बाद मे एक मुकदमे के दौरान अपनी बातो से पलट गये I

आयोग का यह यू टर्न तब देखने को मिला जब गुजरात के उच्चन्यालय मे एक जनहित याचिका मे 2017मे गुजरात मे होने वाले विधान सभा चुनाव मे ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन के प्रयोग होने के लिये न्यालय को आदेश पारित करने के लिये निवेदन किया I

उक्त याचिका के सुनवाइ के दौरान ही आयोग ने वीवीपैट से चुनाव सम्पन्न करवाने से अपना कन्नी काट लिये और उच्च तमन्यालय नी भी आयोग को सही मानते हुए उक्त जनहित याचिका को निरस्त किया I आयोग के ऐसे पल्टी मार स्टेण्ड से यह बात का खुलासा हो गया कि पिछले विधानसभा के कई चुनाव मे ईवीएम का खेल बडे पैमाने मे खेला गया था I

गुजरात उच्च न्यालय के आदेश को उच्चतम न्यालय मे चुनौती के बाद मामला आयोग के लिये पेंचिदा हो गया है I आयोग सुप्रीम कोर्ट मे यह मान चुकी है कि उनके पास 88,000 वीवीपैट मशीने है जो विधानसभा चुनाव के लिये पर्याप्त है पर आयोग कोर्ट मे यह दलील देने के कोशिश की कई मशीने दुरुस्त नही है I

उच्चतम न्यालय ने आयोग के इस बचकाने दलील को सिरे से खारिज किया है I उधर मोदी सरकार उच्चतम न्याल्य के दबाव मे आकर नये वीवीपैट मशीनो को खरिदने के लिये धन आवंटित कर चुके है I

http://www.thehindu.com/news/national/why-not-use-vvpat-units-for-gujarat-polls-sc-asks-ec/article19225709.ece

अब देखना यह है कि उच्चतम न्यालय के मौजूदा बैंच अपने ही न्यालय मे पुर्व मे पारित किये गये आदेशों को सम्मान दे पाती है कि नही, हालांकि मौजूदा बैंच अपने बातो मे मजबूती से खडे दिखाइ दे रहे है I

आर.एस.एस या भाजपा को समझ लेना चाहिये कि पश्चिम बंगाल मे हाई लिट्रेसी के कारण उनके द्वरा धार्मिक उन्माद फैलाना सम्भव नही


पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशिरहाट इलाके के हिंसा ग्रस्त खबरो को लेकर भाजपा भले ही कलकत्ते के सड़कों  पर नागीन डान्स शुरु कर चुकें हो पर उन्हे समझ लेना चाहिये कि इनके इस धर्मिक बंटवारे का लाभ गांव-देहात मिलने वाला नही, उसका एक मात्र कारण यह है कि वहां हाई लिट्रेसी का बोल बाला है

बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा ग्रस्त खबरो को एक बार इस अशांती के पिछे के कारणो को देख लिया जाये, पिछले दो या तीन दशको के अधिक समय से कभी भी कोई communal दंगा नही हुआ थ, उसके पिछे का मूल कारण यह था बंगाल के प्रादेशिक राजनीति मे कांग्रेस या बाम दलो का दब दबा रहा और आर.एस.एस या भाजपा वहां जन्मे भी नही थे परन्तु पिछले 2014 लोक सभा चुनाव के साथ भाजपा और आर.एस.एस का बंगाल मे धरती पकड के रुप मे उभरने के साथ से ही धार्मिक जहर घोलने का काम आर.एसएस के शाखाओं से शुरु हुआ I

आर.एस.एस के जहर घोलने का असर तब देखने को मिला जब एक सत्रह साल का एक छात्र जिसे अपनी पढाइ-लिखाइ के अलावा और दूसरा काम नही हो सकता है, उसने भिन धर्म के God Man के खिलाफ आर.एस.एस द्वरा पिलाये गये जहर के असर से विवादित बयान अपने फेसबुक मे पोस्ट किया I

मेरी नजर मे आर.एस.एस द्वरा धार्मिक उन्माद फैलाना और कश्मीर मे अलगावादीयों द्वरा अपने एजेण्डे को विस्तार करना दोनो एक समान है, दोनो के ही क्रित मे देश को बांटने की कोशिशें चल रही है

हम यह भी मानते है कि एक Immature छात्र के द्वरा एक विवादित पोस्ट के लिये अल्प संख्यक लोगों को इतना Hyper और over reactive नही होना चाहिये था, हांलाकि इससे भी अधिक हिंसा हम लोगो हरीयाणा के जाट आंदोलन मे देखने को मिला था जहां मोदी सरकार की भूमिका एक मुक दर्शक के रुप मे दिखा I

एक छोटा सा मामला इतना विष्फोटक होने के पिछे के कारणो को समझना भी जरुरी है, हमे भूलना नही चाहिये कि पिछले कई महिने से देश के कई हिस्सो मे गौ रक्षकों ने गाय माता के नाम पर कई अल्प संख्यकों के साथ केवल जूल्म ही नही किये बल्कि उनको जान से भी मारा

Newton का 3rd law यह कहता है की EVERY ACTION HAS EQUAL AND OPPOSITE REACTION पर अच्छी बात यह है कि बंगाल के इस हिंसा मे हरीयाणा की तरह किसी बंगाली महिला की अस्मत नही लूटी गई और न ही हरीयाणा की तरह कोई Mass Rape की घटना सुनने को मिला और किसी भी अखबार मे किसी की मरने की खबर नही छपी I

http://caravandaily.com/portal/how-bjp-organized-riots-in-bengal-amaresh-misra/

Wednesday, 5 July 2017

संघी, भाजपा और भक्तो को इजरायल के बारे मे बहुत कुछ जानना बाकी है, मोदी जी को ष्रेय देना बंद करे

यह बात सही है कि पिछ्ले 70 साल मे भारत के किसी भी प्रधान मन्त्री ने इजरायल का दौरा कभी भी नही किया है पर आज अगर मोदीजी का भव्य स्वागत इजरायल में हो रहा है तो हमें इसका श्रेय नरसिंहाराव को देने में राजनीति नहीं करनी चाहिए जिन्होंने तमाम इस्लामिक देशों की परवाह किए बिना 25 वर्ष पहले इजरायल से , " डिप्लोमेटिक संबन्ध " स्थापित किये । यही नहीं 1962 के चीन के साथ हो रहे युद्ध में तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरूजी ने इजरायल से संबद्ध स्थापित कर 81 & 120 mm Mortars and Pack Howitzers artilery guns with ammunition मंगवाए ।

बाद में पाकिस्तान के साथ युद्ध में इंदिरा गांधी ने भी इजरायल से मेलजोल बढाते हुए पहले इजरायल को Spares for Israeli Mystere and Ouragon aircraft and AMX 13 टेंको के लिए दिए बदले में 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी के आग्रह पर पहले से तय सौदे के F-86 Sabre Aircraft पाकिस्तान को सप्लाई करने में देरी की।

मेरा कहने का तात्पर्य है कि मोदीजी का इजरायल जाना उत्तम कार्य है लेकिन सरकार और मीडिया दोनों को निष्पक्ष होकर प्रचार करना चाहिए । यह डिप्लोमेसी कोई एक दिन में नहीं तय होती । तमाम अरब देशों को नाराज करने का सीधा मतलब था तेल के आयात में कठिनाई अतः तमाम अरब देशों को मानसिक रूप से तैयार करने में दशकों लग गये ।

अनूप्रेणित: श्री Harish Ch Awasthi


Monday, 3 July 2017

Political Analysis of India: जीएसटी का दांव पेंच देश की जनता को बेहाल करने के ल...

Political Analysis of India: जीएसटी का दांव पेंच देश की जनता को बेहाल करने के ल...: जेएसटी से आम लोगो को सब्ज बाग दिखाने और फायदा गिनाने के पिछे देश के प्रधान सेवक, व्युरोक्रेट और भाजपा के एमपी और एमएलए जो जीएसटी का फुल ...

जीएसटी का दांव पेंच देश की जनता को बेहाल करने के लिये पर्याप्त है

जेएसटी से आम लोगो को सब्ज बाग दिखाने और फायदा गिनाने के पिछे देश के प्रधान सेवक, व्युरोक्रेट और भाजपा के एमपी और एमएलए जो जीएसटी का फुल फर्म तक का पता नही वे भी रोजाना दैनिक समाचार पत्रो मे जीएसटी के दम भरते नजर आ रहे है पर हकीकत इस का उलटा है कि रोजआना आने वाले घरेलू उत्पादो के दामो मे कोई फर्क देखने को नही मिला है बल्कि कुछ नयें बिल सामने आये है जिसमे एक बिल मे ही जीएसटी के नाम पर पांच बार टैक्स वसूले गये है I

दूसरी तरफ देश के प्रधान सेवक ने जीएसटी को Rocket Science के तर्ज पर ऐसे पेश किया है देश के कारोबारी जीएसटी के पेंचिदा नियमो और नियमो के सही जानकारी के अभाव मे असमंजस मे फंसे हुये है, इस चक्कर-घीन्नी के पिछे मोदी जी अपनी वा-वाही के चक्कर मे फंस कर अधकचरे ढंग से इस टैक्स प्रणाली को पेश किया I

मोदी जी को अच्छी तरह से पता था कि कब इस नये कर प्रणाली को हरी झंडी दिखाना है, कहां से दिखाना है और कितने बजे दिखाना है, इन सभी की कुण्डली बनी हुई थी पर जितना होम वर्क जीएसटी को लेकर होनी चाहीये थी उसमे मोदी सरकार फिसड्डी साबित हुये, इन्ही होम वर्क के अभाव के कारण हर प्रदेशो मे अधिकांश व्यपारीयों को जीएसटी के प्रोफार्मा तक उपलब्ध न हो सका है, जिस कारण पुराने तरीके के बिलींग और अन्य पुराने ढरें पर ही काम करना पड रहा है जिसका सीधा नुकसान ग्राहकों को उठाना पड रहा है I

मोदी जी द्वरा ठिक ढंग से होम वर्क न करने के कारण से एक सायकल विक्रेता को ज्यादा परेशानी उठानी पड रही है उसका कारण यह है कि सायकल मे प्रयोग होने वाली पाइडल, चैन, फ्रेम, हैंडेल, सीट, सीट कवर आदि अन्य समानो का जीएसटी अलग अलग है, जीएसटी को पेचींदा बनाने के पिछे मोदी सरकार के एक ही मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा टैक्स खोरी किया जा सके I


निचे दिये गये कैशमेमो को अगर ध्यान से देखें तो यह पता चल जायेगा कि सरकार कैसे टैक्स के जरीये एक मुनाफाखोर के तरह काम कर रहे है I

https://www.facebook.com/photo.php?fbid=320519671721405&set=a.101720770267964.1073741826.100012901231423&type=3

Sunday, 2 July 2017

Political Analysis of India: मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भ...

Political Analysis of India: मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भ...: कांग्रेस के जीएसटी 2013 के प्रारूप एवं मौजूदा प्रारूप में भारी अंतर है। 2013 प्रारूप का सिद्धांत ‘One Nation, One Tax’ था और कांग्रेस ने भी...

मोदी जी की जीएसटी और यूपीए की जीएसटी प्रस्ताव मे भारी अन्तर क्यों

कांग्रेस के जीएसटी 2013 के प्रारूप एवं मौजूदा प्रारूप में भारी अंतर है। 2013 प्रारूप का सिद्धांत ‘One Nation, One Tax’ था और कांग्रेस ने भी इसी सिद्धांत का समर्थन किया था।

लेकिन भाजपा के लाये गए GST के माध्यम से छोटे व्यापरियों पर इंस्पेक्टर राज की तलवार लटकाने का इंतजाम किया जा रहा है।

GST पर कुछ विचारणीय बातें –

1. UPA के समय के GST का अधिकतम कर 18% था भाजपा ने उसे 28% कर दिया !

2. पूरी दुनिया में 1 साल में अधिकतम 4 बार रिटर्न भरा जाता है, लेकिन भाजपा के जीएसटी में व्यापारियों को साल में 37 बार रिटर्न भरना होगा। जो कांग्रेस के GST के प्रारूप से अलग है।

3. अंग्रेजों के बाद अब भाजपा ने पहली बार कपड़े पर टैक्स लगाया जबकि डीजल-पेट्रोल को जीएसटी से बाहर कर दिया।

5. कांग्रेस ने डीजल-पेट्रोल को जीएसटी में रखा था और कपड़े को जीएसटी से बाहर रखा था, भाजपा ने इसका उल्टा कर दिया।

6. केन्द्र और राज्य सरकार मिलाकर डीजल-पेट्रोल पर 86 प्रतिशत टैक्स वसूलती है, अगर इसे GST में रखते तो इन के दाम आधे घट जाते और मंहगाई कम हो जाती !

7. भाजपा ने जीएसटी में लाभरोधी प्रावधान अलग से जोड़कर व्यापारियों पर इंस्पेक्टर राज की तलवार लटकाने का काम किया है। वन टैक्स वन नेशन बोलकर भाजपा जीएसटी में 1 टैक्स स्लैब की जगह 7 टैक्स स्लैब लेकर आयी है।

इसकी मार केवल छोटे व्यापारियों पर ही नहीं बल्कि भारत देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगी ।

आज पूरे देश का लघु एवं मध्यम व्यापारी जीएसटी के विरोध मे हड़ताल पर नही गया है बल्कि गया है इसके भाजपाई नवीन प्रावधानो के खिलाफ जो इनके व्यापार के साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़े धन्नासेठ व्यापारियों का गुलाम बना कर रख देंगे !!!



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