Wednesday, 31 March 2021

প্রত্যেক দফার নির্বাচনে ইভিএম আর ভিভিপাট কে নিয়ে সচেতন থাকতে হবে টীএমসির কর্মীদের

বাংলার নির্বাচনে কি ফলাফল হবে সেটা আজ বলা না যেতে পারলেও তবে প্রথম দফার নির্বাচনে বিজেপির আর মুখ্য নির্বাচনের কমিশনারের EVM আর VVPAT কে নিয়ে কারচুপি ধরা পড়েছে তবে গত লোকসভার নির্বাচনের সময় এই রকম EVM আর VVPAT কে নিয়ে গণ্ডগোল দেখা যায়নি।

যদিও নির্বাচন কমিশন এই গণ্ডগোল কে মানতে অস্বীকার করেছেন তবে এতে কিছু এসে যায়না, তার কারণ 84 শতাংশ ভোট পড়ার পর বিজেপি একটু কোন টেশা হয়েছেন।  

ইভিএম আর ভিভিপাট মধ্য গণ্ডগোল দেখার পর লাভের মধ্য লাভ এই হয়েছে যে বাংলার জনগণ এই বিষয় কে নিয়ে সচেতন হয়েছেন আর এই রকম গণ্ডগোল দেখতে পেলে ভোটাররা রব তুলবেন আর সাথে নির্বাচন কমিশন  কে অপদস্ত হতে হবে।

Tuesday, 30 March 2021

প্রথম দফার নির্বাচনে ৮৪ শতাংশ ভোট পড়ার কারণে বিজেপি এবং নির্বাচন কমিশন কে ক্ষেপিয়ে দিয়েছে

প্রথম পর্বের নির্বাচনের সময়, কিছু কিছু জায়গায় ছোট মোট ঘটনার খবর নিউজ চ্যানেল দেখা এবং শোনা গিয়েছিল তবে কোনও বড় মাপের হিংসার ঘটনার কোনও খবর পাওয়া যায়নি। 

তবুও নির্বাচন কমিশন কেন্দ্রীয় বাহিনীকে ভোটারদের জমায়ত বা সংঘর্ষের ঘটনায় গুলি করার নির্দেশ জারী করেছেন তাতে ভোটারদের মধ্যে আতঙ্ক সৃষ্টি করেছে।

https://www.sundaytimeskolkata.com/blog/-Central-force-in-west-bengal-Assembly-election-2021-6061f474dc9fa

নির্বাচন কেন্দ্রের থেকে ২০০ মিটার দূরে আইন শৃঙ্খলা দেখার কাজ রাজ্যের পুলিশের উপর থাকে তবে কেনো নির্বাচন কমিশন ভোটারদের ওপর গুলি ছোড়ার আদেশ কেনো দিলেন

প্রথম পর্যায়ে, বিজেপি ৮৪ শতাংশ ভোট দেখে হতবাক হয়ে গেছে এবং ভোটারদের মধ্যে আতঙ্ক সৃষ্টি করার জন্য নির্বাচন কমিশন একটি অভদ্র আদেশ জারি করেছে।

যদি প্রথম দফার নির্বাচনে কোনো বড় মাপের হিংসার ঘটনা হতো তাহলে কি ৮৪ শতাংশ ভোট হতো কী উরান্ত কেন্দ্রীয় বাহিনী ভোটারদের ও টিভি জার্নালিস্ট এর ওপর লাঠি চালাতে দেখা গেছে।

সত্যি কথা বলতে ৮৪ শতাংশ ভোট হওয়াতে বিজেপি আর নির্বাচন কমিশনের মনের মধ্যে ভয় ঢুকেছে তাই ভোটারদের জমায়াতে কেন্দ্রীয় বাহিনী কে গুলী ছোড়ার নির্দেশ দিয়েছেন যাতে ভোটারদের মধ্য ভয়ের সঞ্চার হোক।

Saturday, 27 March 2021

बंगाल के प्रथम चरण के चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करवाने में मुख्य चुनाव आयोग हुई फेल

बंगाल के प्रथम चरण में जिन पांच जिलों में विधान सभा का चुनाव हुआ है उन्ही में अधिकांश जिलों में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रथम स्थान में रहे पर इस विधान सभा चुनाव में 90 ईवीएम और VVPAT खराब होने की खबर मिला है और साथ में इन्ही जिलों में बीजेपी समर्थको ने आम लोगो को डराने और हिंसा करने का काम बाहरी लोगों से किया।

https://www.facebook.com/watch/?v=138896824826544

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीट अपने कब्जे में किया था पर भाजपा क्यों भुल रहे है लोकसभा और विधान सभा चुनाव में जमीनी फर्क है पर भाजपा इस विषय को जानबूझ कर नजरंदाज कर रहे है।

जिस प्रकार से प्रथम चरण का चुनाव हुआ उससे मुख्य चुनाव आयोग की कलाई खुल चुकी है और पुलिस प्रशासन को निष्क्रिय करने का काम भी चुनाव आयोग ने किया है जिस कारण हिंसा देखने को मिला है।

Friday, 26 March 2021

बंगाल में भाजपा को केवल चुनाव आयोग और उनका ईवीएम बचा सकता है, टीएमसी से कोई टक्कर नही

अगर चुनाव प्रचार को जीतने का पैमाना समझा जाए तो हर चुनाव में बीजेपी की जीत निश्चित होनी चाहिए पर हकीकत में ऐसे नही है और मैं शुरू से यह लिखता रहा कि भाजपा बंगाल के राजनीति को समझ ही नही पाए है।

पिछले लोकसभा के चुनाव के परिणाम को अगर हम अपवाद मान ले तो पिछली विधान सभा में बीजेपी के वोट प्रतिशत मात्र दस प्रतिशत रहा और दूसरी तरफ टीएमसी के वोट प्रतिशत पर ध्यान दें तो उनके वोट प्रतिशत में कोई कटौती देखने को नही मिला है बल्कि उनका वोट 40 प्रतिशत कमोवेश एक जैसे रहा है।

जब भाजपा टीएमसी के वोट प्रतिशत पर सेंधमारी नही कर पायेगी तो बीजेपी के लिए सीटों का इजाफा कैसे करेंगे और दूसरी तरफ कांग्रेस_वाम दल अपने वोट प्रतिशत को बनाए रखने की कोशिश जरूर करेंगे।

जितना भी गोदी मीडिया भाजपा के लिए फील्ड सजाए पर भाजपा की लड़ाई दूसरे या तीसरे स्थान के लिए है

संपूर्ण गोदी चैनल बंगाल के चुनाव में बीजेपी के लिए एड़ी चोटी एक करने में लगे है ताकि अपने सर्वे के जरिए बीजेपी को एक सम्मानीय हार के साथ दिखाया जा सके।

इस प्रकार की सर्वे से एक बात साफ दिखने लगा है कि भाजपा के पक्ष में गोदी मीडिया फील्डिंग सजाने में लगे है । एबीपी का लेटेस्ट सर्वे बीजेपी को खींच तान कर एक सौ बीस सीट दिखा रहे है ताकि आम मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके।

क्या किसी को लगता है कि विधानसभा चुनाव में वाम दल और कांग्रेस इस बार भी अपने वोट प्रतिशत बीजेपी के खाते में दान स्वरूप डालना चाहेंगे ?

Monday, 8 March 2021

बंगाल की राजनीतिक गणित यह कहती है कि भाजपा का बंगाल के सत्ता पर कब्जा करना एक हिंजड़े को गर्भवती करना जैसा होगा

जिस प्रकार से भाजपा अपने सुपाड़ी मीडिया के जरिया बंगाल के चुनाव को प्रवाहित करना चाहते है उससे बंगाल के चुनाव में कोई विशेष लाभ बीजेपी को होने वाला नही है।

https://www.jansatta.com/national/tmc-spokesperson-in-a-tv-debate-said-bjp-should-not-disrespect-pm-modi/1655519/lite/?utm_source=Whatsapp&utm_medium=social&utm_campaign=Whatsapp

अगर पीएम मोदी और अमित शाह यह सोचते है कि रैलियों के बल पर चुनाव जीता जा सकता है तो दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, झारखंड और बिहार में दो तिहाई बहुमत से सरकार बना लिया होता।

पिछले लोकसभा चुनाव में वाम दलों और कांग्रेस के वोट शेयर बीजेपी के पक्ष में शिफ्ट होने के कारण 18 सीटों का लाभ भाजपा को हुआ था पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोटिंग पैटर्न एक जैसा कभी नही होता है।

अगर बंगाल के विधानसभा चुनाव में वामदल और कांग्रेस अपने खोई हुई वोट प्रतिशत घर वापसी करते है तो भाजपा के लिए दहाई के आंकड़े को छूना मुश्किल होगा।

भाजपा बंगाल के चुनाव के लिए एक दिन में उम्मीदवारों की सूची जारी नही कर पाए है क्यों की नेताओं की भर्ती चल रही है

जिन लोगों को तृणमूल से टिकट नहीं मिल रहा है, वे नाचते नाचते भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इससे साफ पता चल रहा है कि भाजपा के पास बंगाल में 294 सीटों के लिए उम्मीदवार नही है तभी इधर उधर से नेताओं की भर्ती चल रही है और पूर्ण सूची जारी नही कर पा रहे है।

बीजेपी अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में देर इसलिए कर रहे ताकि टीएमसी से जीतने लोगो को टिकट नही दिया गया है वो सब के सब भाजपा में शामिल नही जो जाते है।
भाजपा चाहती है टीएमसी से भगाए गए नेताओं के साथ उनके समर्थक भी साथ आ जाए ताकि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बैल बनाया जा सके।

इतना सब कुछ होने के बावजूद और अमित शाह के दो सौ सीट पर ताल ठोकने के बाद भी भाजपा एक मुख्य मंत्री का चेहरा को सामने नही ला पाए जैसा की भाजपा ने केरल के लिए घोषित किया हुआ है।

Thursday, 4 March 2021

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कृषि कानून के विरोध में बंगाल की धरती पर पहुंच गए है

एक बात साफ हो चुकी है संयुक्त किसान मोर्चा  जिस तरह से पीएम मोदी, अमित शाह और भाजपा को देश से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया वो अब प्रथम चरण में दिखना शुरू हो चुका है।

https://m.youtube.com/watch?v=iy76A_EQz58&feature=share

मोर्चा का ऐलान है जिन जिन प्रदेशों में भाजपा चुनाव लडेगी उन उन प्रदेशों में काले कृषि कानून का जमकर विरोध करेगी। विरोध का आलम बंगाल के जमीन से शुरू होना तय है और युवा किसान और उनके नेतागण कोलकाता पहुंचना शुरू हो चुका है । 

देखा जाए तो यह कृषि कानून का विरोध केवल किसान के द्वारा ही नही बल्कि आम जनता को मुखर हो कर विरोध करना चाहिए। पीएम मोदी ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम को जमींदोज किया है उस कारण देश में जमाखोरी और कालाबाजारी का खेल शुरू हो जाएगा।

মমতা ব্যানার্জি বাংলার জন্য নিজেই আত্মনির্ভর ও একাই একশো

বেঙ্গলের বিজেপি অধ্যক্ষ দিলীপ ঘোষ ANI কে দেওয়া এক সাক্ষাৎকারে দাবি করেছেন যে বিজেপি আগামী নির্বাচনে দুসোর বেশি সিটে যায় লাভ করবেন। 

 https://t.co/J8K11mDWQ8

জীবন যাত্রায় optimistic হওয়া ভালো, যারা টেনে টুনে উচ্চ মাধ্যমিক পরীক্ষা পাস করেন তারাও বিশ্ববিদ্যালয় অ্যাডমিশন নেবার পর ইউনিভার্সিটি তে টপ করার কথা ভাবেন আর এটা হলো optimisim ।

দিলীপ বাবু দাবি করেছেন যে উনারা গত পাঁচ বছর ধরে লাগাতার কাজ করছেন তবে দুর্ভাগ্যজনক বিষয় হলো যে এত পরিশ্রম করার পরও বাংলার নির্বাচন জেতার জন্য পাইকারি দরে দিল্লি থেকে কেন্দ্রীয় মন্ত্রীদের আমদানি কেনো করছেন।

দিলীপ বাবু কি বলতে হবে যে মন্ত্রী সমুহ কে বাংলার মাটি তে আমদানি করে আনা হচ্ছে তারা গত সাত বছরে বাংলার উন্নয়নের জন্য কি করেছেন অন্য দিকে মমতা ব্যানার্জি বাংলার জন্য নিজেই একা একশো।

Wednesday, 3 March 2021

भाजपा किसी भी राज्य के चुनाव में घबराहट के शिकार नही हुए है पर बंगाल के चुनाव में हीनभावना ग्रस्त हो चुके है

AIMIM के असाउद्दीन ओवैसी जो बंगाल  के मुस्लिम बाहूल विधानसभा से बीजेपी के रकम से चुनाव लडना चाहते है उन्हे इस वीडियो को जरूर सुनना चाहिए ताकि उनके आंखो पर मुस्लिम चस्मा उतर जायेगा।

https://www.facebook.com/watch/?v=2523278061302103

इस वीडियो में जिन जिन मुस्लिमो ने अपने बातों को रखा है वे सब बांग्लादेश के मुस्लिम नही है बल्कि बिहार और यूपी से माइग्रेट हो कर बंगाल पहुंचे है।

हाल ही में जिस तरह से बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंगाल जाकर हिंदू_मुस्लिम एजेंडा और राम के नाम पर राजनीति करना चाहा उसका असर  कुछ देखने को नही मिला है बल्कि उनके ऊपर बंगाल की जनता ने जहर घोलने जैसा बताया है।

बंगाल में सीएम चेहरा ना देने के कारण भाजपा वैसे भी बैक फुट पर है और ममता बनर्जी के आगे मोदी और अमित शाह की छवि का असर नही दिख रहा है और तीसरी तरफ कांग्रेस और वाम दल के संयुक्त रैली में जुटे 10 या 12 लाख समर्थकों का जमावड़ा ने भाजपा के होश ठिकाने में लाने का काम किया है।