जिस प्रकार हाल में उच्चतम न्यालय ने गैर भाज शासित राज्यों को लेकर Corona के प्रबंधन कार्यों को लेकर मीडिया रिपोर्ट को आधार मानकर ऐसे राज्यों को नोटिस भेजा है उससे एक बात साफ हो चुकी है मोदी सरकार का दबाव अब न्याय पालिका में भी असर दिखने लगा है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी का लॉक डॉउन बुरी तरह से पिट चुका है उसकी वजह शुरू के दौर पर गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली ही रही , नमस्ते ट्रंप और भाजपा के एमपी के लिए एमएलए के मार्केटिंग मुख्य वजह बनी।
उच्चतम न्यायालय मीडिया में छपी खबरों को आचार मानकर निश्चित रूप से गैर भाजपा शासित राज्य के प्रबंधन को लेकर त्रुटियां दिखा है पर हैरान करने वाली बात यह है कि शीर्ष अदालत ने देश में बेतहाशा रूप से बढ़ते हुए संक्रमण को लेकर ना तो कोई चिंता जताई है और ना ही इस संक्रमण के विकास की रोकथाम के लिए आयोग गठन के लिए कोई सुझाव रखा है।
मौजूदा समय पर Covid टेस्ट हर प्रदेश में बड़े पैमाने की जरूरत है और इस मामले में शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों को ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया ताकि बड़े पैमाने पर संक्रमण की जांच राज्यों के जिले स्तर पर हो और जो निर्धारित समय पर पूरा किया जा सके।
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