Friday, 12 June 2020

उच्चतम न्यायलय जब स्वत संज्ञान ले रहे थे तब भाजपा शासित राज्यों और केंद्र सरकार पर संज्ञान लेने से क्यों डर गए

आम जनता का मानना है कि उच्चतम न्यायायलय ने पहले स्वत: संज्ञान लिया..तो मजदूरों को घर पहुंचाने से लेकर नौकरी देने तक की जबाबदेही राज्यों पर थोप दी और केंद्र सरकार को बचा ले गए। शीर्ष अदालत ने मजदूरों के रेल भड़ा का जिम्मा मोदी सरकार पर ना डालकर राज्य सरकार पर डाल दिया था।

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शीर्ष अदालत ने दूसरी बार स्वत: संज्ञान लिया.. तो माई-लॉर्ड की नजर सिर्फ दिल्ली बंगाल और तमिलनाडु पर गई और भाजपा शासित राज्यों से अपना ध्यान हटा लिया। 

जब गुजरात के उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार की सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा पर जोरदार हमला बोला तो बेंच के न्यायाधीशों को मोदी सरकार ने बदल दिया।

पर सुप्रीम कोर्इ ने गुजरात के बेंच के जजो को बदलने पर कोई स्वत संज्ञान नहीं लिए बल्कि मौजूदा स्वत संज्ञान मामले में एक बार भी केंद्र या भाजपा शासित सरकार को कमियों पर चुप्पी साधे रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते समय गोदी मीडिया में छपी खबरों को आधार माना, दिल्ली में #कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं, लेकिन माई-लॉर्ड पूछ रहे हैं.. यहां टेस्ट कम क्यों हो रहे हैं पर भाजपा शासित राज्यों में टेस्ट के दरो पर कोई सवाल नही किया।

युपी, बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा का नाम लेने से माई-लॉर्ड को डर क्यों लगता है.?

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