Friday, 26 June 2020

मोदी सरकार की कुबत चीन से लडने की नहीं है तभी कांग्रेस के साथ नुरा कुस्ती और गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगे है

मोदी सरकार जब चीन के साथ लड़ने में बेहाल हो गए तो अपने कमियों और असफलता से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस के राजीव गांधी फाउंडेशन के पुराने फाइल से धूल हटाने का काम कर रहे है। 

भाजपा की राजनीतिक मंसा है कि चीन के मामले में लोगो को सही जानकारी ना दिया जाए बल्कि इसके बदले कांग्रेस पर नए नए आरोप लगते रहो और बीजेपी आईटी सेल और गोदी मीडिया के सहारे कांग्रेस के उपर लगे आरोपों पर चर्चा जारी रखो।

सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि जिस भूमि पर 20 सेना के जवानों ने अपना शहादत दिया था आज उसी भूमि पर चीन की सेना तम्बू गाढ़े हुए है जिसे Sattelite तस्वीरों के जरिए देखा जा सकता है पर मोदी सरकार इन तस्वीरों से अपना पल्ला झाड़ने में लगे है।

मोदी सरकार को चीन के सामरिक शक्ति का अंदाजा है और चीन पाकिस्तान नहीं है यह भी वो अच्छे तरह से समझ रहे है तो भलाई इसमें है चीन से पंगा ना लिया जाए और कांग्रेस के खिलाफ आरोप का दौर को चालू रखा जाए।

Wednesday, 24 June 2020

[ लाला रामदेव की Covid 19 की दवा की अन्तर्राष्ट्रीय जांच होनी चाहिए ]

बाबा रामदेव ने कोई सार्थक प्रयास कोरोना मरीज के लिए किया है या अपने धंधे पानी के लिए किया है यह बताना मुश्किल है । चूंकि Covid 19 अब panademic बन चुका है इस दवा की authenticity और इंटरनेशनल लैब से परीक्षण होना जरुरी है और साथ में WHO का reccomendation होना भी आवश्यक है।

जिस यूनिवर्सिटी का reference दिया जा रहा है क्यो वो यूनिवर्सिटी मेडिकल साइंस से जुड़ा हुआ है, क्या उनके अपने हॉस्पिटल है जहां Clinical trail किया गया है।

हजारों मरीज इस रोग से ठीक हो चुके है उसका कारण symptomatic ट्रीटमेंट किया गया है और हजारों के तादाद में मरीजों के मौत की खबर भी आ चुका है जहां symptomatic treatment बुरी तरह से फेल हो चुका है।

बाबा रामदेव के दावे को इसलिए नहीं मानना चाहिए क्यों की उनके पास कोई चिकित्सा से जुड़े कोई डिग्री नहीं है अगर कोई औषधि से जुड़े वैज्ञानिक दावा करता तो बात समझा जा सकता है।

Tuesday, 23 June 2020

भारत और चीन में रोजाना बैठक यह साबित करता है कि पीएम मोदी ने झूठा बयान दिया था, अब यथास्थिति की बातें क्यों ?

भारत और चीन के कोर कमांडर के बीच पिछले दो दिन से कई बैठकों की दौर शुरू हो चुकी है , भारत की मांग है कि LAC में मई के पहले यथास्थिति बरकरार हो।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=4238051222886750&id=100000457432810

भारतीय अखबार उसी खबरों को वरीयता से छाप रहे है जो मोदी सरकार मीडिया को मुहैया करवा रहे है। सही पूछे तो पीएम मोदी की विश्वसनीयता ने निचले स्तर पर तब पहुंच गई जब वो अपने गिरते हुए छवि को संभालने के प्रयास में चीन को क्लीन चिट दे दिया।

पीएम मोदी के कहे गए बातों को ध्यान से सुने तो यह पता चलता है कि चीन के कब्जे में देश का एक छटाक जमीन नहीं है पर हकीकत को Sattelite pictures ने खोल कर रख दिया जिसमे बहुत सा हिस्सा चीन के कब्जे जा चुकी है।

देश कितने सुरक्षित हाथों में है इसका पता तो दोनों देशों के आर्मी के बीच लगातार बैठकों से पता चल रहा है, गलवान घाटी में अगर 20 जवानों की शहादत  नहीं हुई होती और चीन के कब्जे में देश की जमीन नहीं गई होती तो आज मोदी सरकार बीरबल के खिचड़ी पकाने की तरह होती।

यह समझना जरूरी है कि बीजेपी के 300 लोकसभा सीटों का जितना और देश को चलना एक समान नहीं है, मोदी सरकार में घोर अनुभव की कमी है जो दिखने लगी है।

Monday, 22 June 2020

पीएम मोदी गलवान को लेकर झूठ बोलकर बुरे फंसे, दूसरी तरफ चीन ने पीएम की बातों का समर्थन किया

किसी भी देश का प्रधान मंत्री अगर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झूठ बोले तो पूरा देश शर्मसार हो जाती है और साथ में दुनिया भर में एक गलत मेसेज चली जाती है कि देश का स्तर कितना गिरा हुआ है।

https://www.abplive.com/news/india/rahul-gandhi-says-why-china-is-praising-narender-modi-even-after-this-clash-with-india-1438808

इन सब बातो की परवाह किए बिना जिस तरह पीएम मोदी ने देश और दुनिया के सामने चीन के द्वारा गलवान घाटी पर कब्जा जमाने की बात को इंकार किया वो सदी का सबसे बड़ा झूठ तब साबित हुआ जब सैटेलाइट की तस्वीरों ने कब्जा होने की पुष्टि की।

अगर किसी प्रकार की कोई जमीन का कब्जा चीन द्वारा नहीं की गई और ना ही चीन द्वारा LAC का कोई अतिक्रमण किया गया तो फिर पिछले दिन किस बात को लेकर दोनों देशों के कोर कमांडर की बैठक क्यों बुलाई गई।

कथित बैठक के बाद मोदी सरकार ने चीन को चेताया कि जब तक गलवान, पैंगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग पर जब तक 2 मई से पहले वाली स्तिथि नहीं लौटती है तब तक LAC पर हालत नाजुक बनी रहेगी।

उक्त बैठक ने पीएम मोदी की झूठी बातो का पोस्टमॉर्टम कर दिया अगर कोई कब्जे वाली घटना हुई नहीं फिर उस प्रकार की बैठक क्यों आयोजित की गई।

Saturday, 20 June 2020

पीएम मोदी और उनके मंत्रियों के USP उनके झूठी बातों पर टिका हुआ है, झूठ बोलना मोदी सरकार की परम्परा बन चुकी है

https://www.satyahindi.com/opinion/indian-soldiers-went-unarmed-in-galwan-110966.html

चीन को लेकर पीएम मोदी और उनके मंत्रियों की BRAIN MAPPING की जरूरत आ चुकी है ताकि देश के लोगो को सच्चाई का पता चल सके। इनके द्वारा जारी किए गए किसी भी बयान को उनके face value में नहीं लेना चाहिए बल्कि इनके बातों को तर्क के तराजू में तौलना जरूरी है।

मोदी सरकार भारतीय सेना को बिना किसी अस्त्र शस्त्र को शरहद की रखवाली के लिए क्यों भेजा था इसका कोई तर्कपूर्ण जवाब आज तक देश को पीएम मोदी या रक्षा मंत्री नहीं दे पाएं है , अगर भारत और चीन के बीच के संधी को पढ़े तो उसमे यह नहीं लिखा गया कि दोनों सेना अपने अपने शरहद बिना किसी हथियार के ही रखवाली करेंगे।

क्या किसी ने सुना है कोई भी देश अपने शरहद की रक्षा बिना हथियार को साथ में लिए बिना करता है पर इस प्रकार का बेवकूफी भरा कदम केवल और केवल मोदी सरकार ही के सकते है।

Friday, 19 June 2020

देश की ज़मीन जाये तो जाये पर पीएम मोदी का सिर नही झूकना चाहिये क्यों कि वे देश से उपर है

पीएम मोदी के बयान से संकेत मिलता है कि भारत चीन की गैलन घाटी और पैंगोंग झील में यथास्थिति बदलने के लिए तैयार है और तभी इन जगहों से देश का हक छोड़ दिया

https://twitter.com/ANI/status/1274004649230479360?s=19

निर्जन क्षेत्रों पर कब्जा करके, चीन ने उन क्षेत्रों में भारत की गश्त पर रोक लगा दी है और भारतीय सुरक्षा की अनदेखी करके अपने खूंटी गड़ने में सफल हुए और साथ में पीएम मोदी कब्जा किए गए जमीन को चीन को गिफ्ट में दिया है।

जिस तरह का बयान पीएम मोदी ने टीवी के जरिए प्रचार किया है उससे लग रहा पीएम विवादित जमीन का सर्वे खुद करके आएं हो, पीएम मोदी को इस प्रकार की महुत्वपुर्ण जानकारी क्या सेना अध्यक्ष ने दिया अगर सेना अध्यक्ष ने दिया है तो पीएम मोदी ने पिछले चालीस दिन में किस कारण देश के लोगो को  यह जानकारी नहीं दिया।

यह भी चौंकाने वाली बात है जिस खुलासे को पीएम मोदी ने चालीस दिन बाद किया इस खबर को सेना अध्यक्ष ने अपने से देश की जनता के सामने क्यों नहीं रखा, जब की बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी इंडियन एयरफोर्स ने दिया था।

पीएम मोदी का चीन से अखंड प्रेम कोई नई बात नहीं है, गुजरात के मुख्यमंत्री काल में चीन में चार बार दौरा कर चुके है

चीन ने हमारे 10 सैनिकों को POW जारी किया है। क्यों @PMOIndia सरकार ने झूठ बोला कि कोई भी भारतीय सैनिक कैद में नहीं था?

https://www.satyahindi.com/amp/india/rahul-gandhi-asks-why-soldiers-sent-unarmed-to-martyrdom-in-galwan-valley-clash-110938.html?__twitter_impression=true

हमारे सैनिकों को क्यों विस्थापित किया गया? भारत के अपमान और 20 सैनिकों के मारे जाने का बदला लेने के लिए मोदी सरकार ने क्या कार्रवाई की है?

दिलचस्प बात यह है जब पीएम मोदी बीस शहीदों को अपनी खोखली श्रृद्धांजलि अर्पित कर रहे तब उनकी हिम्मत नहीं हुई की एक बार भी चीन के कायराना हमले की निन्दा अपने मुंह से कर सकें, इस बात से पता चलता है कि पीएम मोदी का प्रेम अभी भी चीन से बना हुआ है।

देश के प्रधान मंत्री का सेना के जवानों को लेकर बिना रुके झूठ बोलना एक अत्यन्त शर्मनाक कृत है । सेना के जवानों को लेकर झूठ बोलने से पता चलता कि पीएम मोदी के लिए भारतीय सेना के जवानों की मृत्यु उनके लिए एक राजनीतिक खुराक है जिसे वो चुनाव के समय भुनाने की कोशिश करते है।

Tuesday, 16 June 2020

क्या कोरोना संक्रमण से ध्यान हटाने के लिए चीन और मोदी सरकार की तरफ से कोई बड़ा खेल खेला जा रहा है?

जब जब पीएम मोदी और उनकी सरकार किसी मुद्दे पर घिर जाते है तब तब भाजपा और सरकार की तरफ से नए नए कहानियों के सृजन में लग जाते है ताकि मुख्य मुद्दो से लोगो का ध्यान भटकाया जा सके।

https://www.jansatta.com/national/chinese-company-shanghai-tunnel-engineering-co-ltd-bags-rs-1126-cr-ug-package-4-of-delhi-meerut-rrts-corridor/1439385/

पूरे विश्व के द्वारा कोरोना संक्रमण को फैलाने के आरोप चीन पर लगते रहे और पूरे मुद्दे को दूसरी दिशा में ले जाने के लिए पिछले  7 मई को अपने रणनीति के तहत भारत के भूमि पर कब्जा जमाने की नियत से लद्दाख के 60 वर्ग किलोमीटर घुस आए।

चीन के द्वारा जमीन को हथियाने की बात को मोदी सरकार ने जानबूझ कर नजरंदाज इसलिए किया ताकि आगे चलकर लोगो का ध्यान बढ़ते संक्रमण से हटाया जा सके।

कहते है सब्र का फल मीठा होता है और लद्दाख में दोनों देशों के जवानों का आपस में भिड़ना भी दोनों देशों के रणनीति को उजागर करता है। शुरवात में मीडिया द्वारा यह खबर फैलाया गया कि एक कर्नल और दो जवान शहीद हुए है पर रात में ANI द्वारा बीस जवान के शहीद होने की खबर भी मिली।

जिस समय चीन द्वारा जमीन को कब्जाया गया था उसी दौरान मोदी सरकार ने बड़े लंबे पैमाने पर चीन के किसी कंपनी के साथ टनल खोदने के लिए चीन के साथ व्यवपारिक समझौता करने में लगे थे और इसी समझौते के कारण चीन द्वारा जमीन कब्जा पर चुप्पी साधे रहे।

इसके अलावा चीन के साथ अनेकों अनेक ट्रेड समझौता हो चुका है और देश के लोगो को आत्मनिर्भर और चीन निर्मित समनो के बहिष्कार करने का उपदेश आरएसएस और भाजपा देते आ रहे है।

देश में बढ़ते संक्रमण को पीछे धकलने और इस संक्रमण में अपने विफलताओं को छुपाने के लिए गोदी मीडिया दिन रात जवानों के शहीद होने पर चर्चा चलाते रहेंगे।

यूपी में भ्रष्टाचारियों के साथ सरकार का क्या रिश्ता है

सुनने में आ रहा है एसएसपी साहब का तबादला हो गया ।। होना ही था। भर्ती की धांधली को उजागर करने के एवज में कुछ तो गिफ्ट मिलेगा ही तो मिल गया और अगर अभी भी किसी को शक है कि भर्ती में धांधली नहीं हुई है तो ईश्वर से दुआ है कि उसके मस्तिष्क में थोड़ी सी सद्बुद्धि आ जाए ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=134045368314034&id=100051257144530

क्या उन एसएसपी साहब की ये गलती थी कि उन्होंने इस भर्ती की धांधली को उजागर किया जिसके कारण उनका तबादला करके वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। क्या आज के इस युग में ईमानदारी की कोई जगह नहीं रह गई है ईमानदारी सिर्फ किताब और भाषण में ही रह गई है क्या ?

जिस सरकार को ज़ीरो टॉलरेंस पे काम करना था कि भ्रष्टाचार ना हो इस सरकार ने एक ऐसे एसएसपी जिसने भर्ती की धांधली का भंडाफोड़ किया उसे इनाम स्वरूप वेटिंग लिस्ट में डाल दिया। क्या अभी भी आपको लगता है कि इस भर्ती में धांधली नहीं हुई है ।

एक अधिकारी जो जनता की छोटी सी छोटी शिकायत का संज्ञान लेता था , जिसने 69000 शिक्षक भर्ती में घोटाले का पर्दाफाश किया , उसे इनाम के रूप में ट्रांसफर के साथ प्रतीक्षारत की सूची में डाल दिया जाता है ।

जय हो योगी सरकार । राम राज्य है भैया ।

Monday, 15 June 2020

उच्चतम न्यायालय के नोटिस के कारण अमित शाह को आगे आकर मीडिया में खबरों के लिए ड्रामे बाजी करना पड़ा

कोरोना संक्रमण को लेकर मोदी सरकार में शुरू से ही कोई विशेष गंभीरता देखने को नहीं मिला बल्कि लॉक डाउन के समय काल में भाजपा ने अनेक प्रकार की नीच राजनीति करते दिखे जिसमें कभी जमात के साथ साथ गैर भाजपा शासित पर बराबर उंगली उठाते रहे।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=572953816985971&id=100028140732344

गृहमंत्री अमित शाह को कोई सपना नहीं आया था कि दिल्ली में बढ़ते संक्रमण के लिए दिल्ली के लिए केवल सर्वदलीय बैठक करे और वो भी 84 दिन बाद, बल्कि गृह मंत्री के पीछे का दबाव दिल्ली उच्च न्यायालय पर इस संक्रमण को लेकर मामला वजह बनी।

दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भेजे गए वो नोटिस भी रही जिसमें प्रबंधन को लेकर शीर्ष अदालत रोष प्रकट किया था। दिल्ली चूंकि केंद्र शासित होने के कारण मोदी सरकार का भी जिम्मेदारी है कि प्रबंधन कामो पर ध्यान दे पर संक्रमण में जो आर्थिक मदद दिल्ली को मिलनी चाहिए उसे भी नहीं दिया गया ।

चौरासी दिन बाद अमित शाह ने टेस्टिंग संख्या को बढ़ाने, बेड की संख्या को बढ़ाने और जांच के कीमतों में कमी के लिए घोषणा किया पर दूसरे भाजपा शासित राज्यों में इसे लागू करने स पीछे रह गए।

गृह मंत्री का 84 दिन बाद LNJP अस्पताल जाना और फोटोशूट करवाना भी सवालों के घेरे में है, आखिर गृहमंत्री MCD हस्पतालों में क्यों नहीं गए जो भाजपा द्वारा संचालित है।

Sunday, 14 June 2020

मोदी सरकार बड़े पैमाने में संक्रमण की जांच करवाने से भाग रहे है, पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों का बैठक समस्या का हल नही

जिस प्रकार हाल में उच्चतम न्यालय ने गैर भाज शासित राज्यों को लेकर Corona के प्रबंधन कार्यों को लेकर मीडिया रिपोर्ट को आधार मानकर ऐसे राज्यों को नोटिस भेजा है उससे एक बात साफ हो चुकी है मोदी सरकार का दबाव अब न्याय पालिका में भी असर दिखने लगा है।

गौरतलब है कि पीएम मोदी का लॉक डॉउन बुरी तरह से पिट चुका है उसकी वजह शुरू के दौर पर गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली ही रही , नमस्ते ट्रंप और भाजपा के एमपी के लिए एमएलए के मार्केटिंग मुख्य वजह बनी।

उच्चतम न्यायालय मीडिया में छपी खबरों को आचार मानकर   निश्चित रूप से गैर भाजपा शासित राज्य के प्रबंधन को लेकर त्रुटियां दिखा है पर हैरान करने वाली बात यह है कि शीर्ष अदालत ने देश में बेतहाशा रूप से बढ़ते हुए संक्रमण को लेकर ना तो कोई चिंता जताई है और ना ही इस संक्रमण के विकास की रोकथाम के लिए आयोग गठन के लिए कोई सुझाव रखा है।

मौजूदा समय पर Covid टेस्ट हर प्रदेश में बड़े पैमाने की जरूरत है और इस मामले में शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों को ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया ताकि बड़े पैमाने पर संक्रमण की जांच राज्यों के जिले स्तर पर हो और जो निर्धारित समय पर पूरा किया जा सके।

Friday, 12 June 2020

कोरोना संक्रमण को लेकर पीएम मोदी की नहीं दिखी कोई गंभीरता, उल्टे सीधे निर्णय के कारण देश का हुआ बुरा हाल

अगर ध्यान से देखा जाए तो पीएम मोदी और उनकी सरकार कोरोना संक्रमण को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया बल्कि इस संक्रमण की आड़ में भाजपा ने तब्लीगी जमात के लोगो को लेकर जमकर राजनीति की और धन उगाही के लिए PM Care Fund नामक एक फर्जी संघटन का निर्माण किया जिस पर सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।

https://www.jjpnews.com/british-newspaper-revealed-the-strategy-of-prime-ministers-lockdown/

पीएम मोदी का कहना है कि देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई में फरवरी के महीने से स्क्रीनिंग हो रही थी तो फिर संक्रमण को देश में घुसेड़ा किसने। पीएम पद में रहने के बावजूद उन्हें यह जानकारी नहीं है कि थर्मल स्कैनिंग Covid 19 का पुख्ता जांच नहीं है अपितु थर्मल स्कैनिंग बुखार नापने का यंत्र है।

इस संक्रमण को लेकर मोदी सरकार ने National Disastar Act को पारित किया ताकि राज्यों पर lock down की जिम्मेदारी सौंप कर चैन की बंसी बजा सके और दिल्ली को छोड़कर सभी बीजेपी शासित राज्यों को भारी रकम देने का काम किया ताकि भाजपा शासित राज्य मालामाल हो सके।

जब पीएम मोदी कोरोना से थक गये तब भाजपा अपने गंदे राजनीति के जरिए गैर भाजपा प्रदेशों के बढ़ते संक्रमण और मौत पर अपने घटिया राजनीति का सहारा लिया। 

बढ़ते संक्रमण काल में मोदी सरकार का #VirtualRally ने इस रोग के प्रति गंभीरता का पोल खोल कर रख दिया है।

उच्चतम न्यायलय जब स्वत संज्ञान ले रहे थे तब भाजपा शासित राज्यों और केंद्र सरकार पर संज्ञान लेने से क्यों डर गए

आम जनता का मानना है कि उच्चतम न्यायायलय ने पहले स्वत: संज्ञान लिया..तो मजदूरों को घर पहुंचाने से लेकर नौकरी देने तक की जबाबदेही राज्यों पर थोप दी और केंद्र सरकार को बचा ले गए। शीर्ष अदालत ने मजदूरों के रेल भड़ा का जिम्मा मोदी सरकार पर ना डालकर राज्य सरकार पर डाल दिया था।

https://t.co/ep72cD4MKO?amp=1

शीर्ष अदालत ने दूसरी बार स्वत: संज्ञान लिया.. तो माई-लॉर्ड की नजर सिर्फ दिल्ली बंगाल और तमिलनाडु पर गई और भाजपा शासित राज्यों से अपना ध्यान हटा लिया। 

जब गुजरात के उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार की सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा पर जोरदार हमला बोला तो बेंच के न्यायाधीशों को मोदी सरकार ने बदल दिया।

पर सुप्रीम कोर्इ ने गुजरात के बेंच के जजो को बदलने पर कोई स्वत संज्ञान नहीं लिए बल्कि मौजूदा स्वत संज्ञान मामले में एक बार भी केंद्र या भाजपा शासित सरकार को कमियों पर चुप्पी साधे रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते समय गोदी मीडिया में छपी खबरों को आधार माना, दिल्ली में #कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं, लेकिन माई-लॉर्ड पूछ रहे हैं.. यहां टेस्ट कम क्यों हो रहे हैं पर भाजपा शासित राज्यों में टेस्ट के दरो पर कोई सवाल नही किया।

युपी, बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा का नाम लेने से माई-लॉर्ड को डर क्यों लगता है.?