Friday, 13 September 2019

भाजपा मध्य प्रदेश मे निकाय चुनाव मे बैलेट पेपर के प्रयोग का विरोध क्यों कर रहे है



चुनाव आयोग पर दबाव बनाकार मोदी और अमित शाह ईवीएम मे घोर हेराफेरी करके लोकसभा के चुनाव मे जीतने मे कामयाब हुये है, भाजपा के अन्य नेता को समझ आ चुकी है कि बिना ईवीम के वो किसी भी चुनाव को जीत नही सकते है और इसलिये मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्य मन्त्री निकाय चुनाव को बैलेट पेपर के प्रयोग का विरोध कर रहे है।

http://www.ramanmedianetwork.com/bjp-demands-chhattisgarh-polls-on-evms-instead-of-ballot-papers/?fbclid=IwAR3rlhBiiuUMfePJyfmjpSsmhJ3AnU8lTGAfoD-zDmxTmc55uKs3LfNSHP4


जब भूतपूर्व भाजपा के मुख्यमन्त्री जिस प्रकार से ईवीएम के लिये जोरदार तरीके के साथ पैरवी कर रहे है तो अब समझने मे कोई बात बाकी नही रही कि पिछले लोकसाभा के चुनाव मे किस तरह से हेराफेरी करके सत्ता को हतियाने मे मोदी और अमित शाह कामयाब हुए थे ।

देश की आर्थिक दुर्दशा और Economic slow down के पिछे बहुत हद तक देश के मुख्य चुनाव आयोग और उनके सती-सावेत्री वाली ईवीएम ही दोषी है और कुछ हद तक देश की न्यायपालिका भी जिम्मेदार है, जिन्होने ईवीएम और वीवीपैट के मिलान वाले याचिका मे जबरदस्त तरीके से रोढा बनकर खडे रहे ताकि देश को एक अर्ध शिक्षित प्रधानमन्त्री के हाथों मे सौंपा जा सके।

जब देश भयंकर आर्थिक दुर्दशा को झेल रहा और करोडो लोगो की नौकरीयां छुटती चली जा रही उस समय देश के प्रधान मन्त्री इस आर्थिक दुर्दशा के दुरुस्त करने की जगह ऐसी रुम के Carpet मे प्लस्टिक कचडा डलावाकर उसी कचडे को बिनने का काम कर रहे है, हद तो तब हो गई जब वृत्त मन्त्री श्रीमती निर्मला सितारमण Auto sector के slow down का दोष Ola aur Uber cab पर डालने का काम कर रही ।

इस प्रकार के पीएम मोदी द्वरा उट-पटांग वाली नौटंकी की और वृत्त मन्त्री के बेबुनियाद Statement से यह साबित हो चुका है कि देश की आर्थिक दशा को सम्भालना ना तो पीएम और ना ही वृत्त मन्त्री के बस की बात है ।   

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