Tuesday, 1 September 2020

प्रशांत भूषण के खिलाफ एक रुपए का दंड निर्धारित करने पर क्या सुप्रीम कोर्ट की खोई हुई विश्वसनीयता वापस आ सकती है?

जिस प्रकार कंटेंप्ट पिटीशन को लेकर देश के सुप्रीम कोर्ट को विश्व के सामने झुकना पड़ा है उससे तो शीर्ष अदालत का फजीहत हो चुकी है और अपने शर्म को छुपाने के लिए एक रुपए का दंड निर्धारित करना पड़ा।

http://www.mediavigil.com/op-ed/supreme-court-reserved-verdict-on-prashant-bhushans-sentence/

क्या इसके पूर्व विश्व के किसी भी उच्चतम न्यायलय ने कंटेंप्ट पिटीशन का दण्ड एक रुपए मुक्कर्र किया है?

ध्यान देने वाली बात यह भी कि जब से मोदी सरकार का गठन हुआ है और पिछले छह साल में मोदी सरकार के खिलाफ किसी भी मुकदमा के खिलाफ आजतक सुप्रीम कोर्ट का कोई भी फैसला मोदी सरकार के खिलाफ नहीं गया है और राजनीति से जुड़े फैसले भी बीजेपी के पक्ष में किया गया है।

उपरोक्त कारणों से लोगो की नजर में सुप्रीम कोर्ट अपनी विश्वसनीयता खो चुके है, अब प्रशांत भूषण के खिलाफ कंटेंप्ट पेटिशन के संदर्भ में केवल एक रुपए के दण्ड लगाने से क्या सुप्रीम कोर्ट की गिरी प्रतिष्ठा क्या वापस आ सकती है?

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