एक पुरानी कहावत है कि चले थे दुबे बनने और छबबे बनकर रह गए और यही हाल मोदी सरकार के गृह मंत्रालय का है जो चक्रवर्ती को सीबीआई और ईडी के जरिए जेल भेजना चाहते थे पर फर्जी ड्रग मामले में रिया को गिरफ्तार करना पड़ा है और वो भी बिना ठोष सबूत और साक्ष्य के।
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NCB का इस प्रकार का कवायद केवल गृह मंत्रालय के दबाव और उनके प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए किया गया प्रयास मात्र है।
भाजपा सुशांत सिंह के मौत के दो माह बाद तब जगे जब उन्हें लगा कि सुशांत के मौत पर राजनीति से बिहार चुनाव में लाभ हो सकता है और सुशांत के पिता के द्वारा जबरदस्ती एफआईआर दर्ज करवाया गया था।
जब सीबीआई और ईडी को रिया के खिलाफ कोई ठोस सबूत हाथ में नहीं लगा तब मोदी सरकार ने अपने प्रतिष्ठा बनाने के नियत से NCB के ट्रंप कार्ड की खेला ताकि रिया को जबरदस्ती गिरफ्तार किया जा सके।
दूसरी तरफ एनसीबी मान चुके है कि सुशांत के कहने पर रिया सुशांत के उपयोग के लिए ड्रग का इंतजाम करते थे।
गृह मंत्रालय को बताना पड़ेगा कि सुशांत के मौत के कारणों का पता सीबीआई कब तक लगा लेंगे ।
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