Friday, 7 August 2020

भाजपा रिया चक्रवर्ती को घेरने के चक्कर में मोदी सरकार की फजीहत करवा दिया है

एक बात जो सभी के समझ के परे है कि जब ईडी ने लगातार आठ घटों तक रिया चक्रवर्ती से पूछ ताछ पूरी कर चुकें है तो फिर सीबीआई रिया चक्रवर्ती से किस बात के लिए जांच करेगी।

ईडी ने सुशांत सिंह के एफआईआर के आधार पर पूछ-ताछ किया है और अब सीबीआई भी उसी प्राथमिकी को आधार बनाते हुए जांच करेगी।

एक ही विषय पर दो जांच एजेंसी द्वारा जांच करवाने का मतलब है कि सीबीआई को ईडी के जांच पर विश्वास नहीं है तभी रिया चक्रवर्ती से दोबारा जांच करना चाहते है।

हकीकत में ज़ीरो एफआईआर पर बिहार सरकार का सीबीआई जांच करने की सिफारिश करना कानूनी गलत है, क्यों की मामला jurisdiction से जुड़ा है।

गृह मंत्रालय की सोच पर केवल अफ़सोस जताया जा सकता है, बीजेपी के राजनीति को चमकाने के लिए एक ही विषय पर दो - दो जांच बैठने का औचित्य समझ में नहीं आ रहा है।

एक ही प्राथमिकी पर दो - दो जांच हस्यपद है।

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