Monday, 3 August 2020

बिहार में नीतीश और बीजेपी सरकार सुशांत सिंह के मौत की आड़ में अपने विफलताओं पर पर्दा डालना चाहते है

बिहार में बढ़ते संक्रमण को रोकने और बाढ़ पीड़ितो को राहत सामग्री ना पहुंचाने के कारण नीतीश और बीजेपी सरकार की बड़ी फजीहत बिहार में देखने को मिल रहा है।

और इन मुद्दों से पीछा छुड़ाने और गंभीर विषयों से पल्ला झाड़ने के लिए नीतीश और मोदी सरकार को सुशांत सिंह के मौत का दर्द 50 दिन बाद याद आया है।

पचास दिन बाद भाजपा ने सुशांत सिंह के पिता पर दबाव बनाकर जबरियन एक एफआईआर दर्ज करवाया है और उस FIR के आड में अपने गोदी मीडिया के सहारे दो प्रदेशों के बीच दरार पैदा कर दिया है।

सुशांत के पिता ने एक भी एफआईआर घटना वाले थाने के अन्तरगत दर्ज नहीं कराया है, उनसे पूछा जाना चाहिए कि किसके दबाव में उन्होंने मुंबई में एफआईआर नहीं कराया है।

हकीकत यह है नीतीश और बीजेपी सरकार एक तीर से दो निशाना साधना चाहते है, भाजपा एक तीर से उद्धव ठाकरे की सरकार को सुशांत के मामले को लेकर घेरना चाहते है और दूसरी तरफ बिहार में अपने असफलताओं को छुपाना चाहते है।

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