Wednesday, 5 August 2020

बिहार सरकार ज़ीरो एफआईआर में सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर सकता है, क्षेत्राधिकार को अनदेखा किया गया

बहुत लोगो को शायद याद ना हो कि आशाराम बापू वाले मामले में भी पीड़िता ने दिल्ली में ज़ीरो एफआईआर दर्ज कराई थी उसके बाद दिल्ली पुलिस ने उक्त मामले को राजस्थान पुलिस को सौंप दिया था।

https://m.timesofindia.com/entertainment/hindi/bollywood/news/sushant-singh-rajput-case-rhea-chakrabortys-lawyer-says-we-are-satisfied-with-the-outcome-of-supreme-court-hearing/amp_articleshow/77368169.cms

सुशांत सिंह के पिता ने भी पटना में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कई धाराओं को आधार बनाकर एक ज़ीरो एफआईआर दर्ज करवाया था।

क्या कहता है जीरो एफआईआर :

जीरो एफआईआर का मतलब है कि किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है, भले ही क्षेत्राधिकार की सीमाओं और घटना अन्य स्थान का हो। संबंधित पुलिस स्टेशन एफआईआर लिख तो लेता है पर दस्तावेजों को तुरंत संबंधित अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित कर देता है।

पिछले दिन सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता ने क्षेत्राधिकार को लेकर सवाल खड़े किए थे और रिया चक्रवर्ती के अधिवक्ता ने भी ज़ीरो एफआईआर पर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया था।

अब देखना यह है कि शीर्ष अदालत ज़ीरो एफआईआर को कितने गंभीरता से लेते है या अनदेखा करते है।

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