Wednesday, 19 August 2020

गोदी मीडिया रिया चक्रवर्ती के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मायने को बदलने में लगे है

सुशांत सिंह के मामले और रिया चक्रवर्ती के याचिका का पटाक्षेप पिछले दिन सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की धारा 142 का प्रयोग करते हुए सीबीआई जांच की संस्तुति खुद शीर्ष अदालत ने प्रदान किया।

https://www.abplive.com/news/india/sushant-case-cbi-team-will-go-to-mumbai-for-investigation-recreate-crime-scene-riya-chakraborty-will-be-questioned-1531284

पीएम मोदी के गोदी मीडिया भले ही अपने चाटुकारिता को बनाए रखने के लिए इस मामले को लेकर तमाम प्रकार के भाजपा के पक्ष में व्याख्या करते दिखे और सीबीआई जांच को बडी कामयाबी के तौर से दिखाया गया है।

परन्तु गोदी मीडिया अपने व्याख्या में यह भूल गए है कि रिया चक्रवर्ती ने अपने याचिका में शीर्ष अदालत से सीबीआई जांच के लिए गुहार लगाई थी और साथ में यह निवेदन किया था कि सुप्रीम कोर्ट संविधान की धारा 142 में दिए गए विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए सीबीआई जांच का आदेश करें।

अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही व्याख्या किया जाए तो शीर्ष अदालत ने संविधान के धारा का प्रयोग करके बिहार सरकार के सीबीआई जांच के सिफारिश और साथ में मोदी सरकार के गृहमंत्रालय के सीबीआई जांच के आदेश को वरीयता ना देते हुए खुद सीबीआई जांच के आदेश को पारित किया है।

यह एक पहला मामला है जिसमें शीर्ष अदालत ने बिना किसी दबाव में आकर अपने राय को रखने में सफल हुए है।

Friday, 14 August 2020

Won't object if Supreme Court order for CBI probe, says Rhea Chakroborty

Rhea Chakraborty said in her written submission that  he has no objection if  the Supreme Court transfers the investigation into the death  of Sushant Singh Rajput to the Central Bureau of Investigation

Rhea Chakraborty said in her written submission that he has no objection if the Supreme Court transfers the investigation into the death of Sushant Singh Rajput to the Central Bureau of Investigation . 

Actor Rhea Chakraborty told the Supreme Court on Thursday that she has no objection if it transfers the investigation into the death of her boyfriend and fellow actor Sushant Singh Rajput to the Central Bureau of Investigation in exercise of its powers under Article 142 of the Constitution.

However, such transfer at the behest of Bihar police is wholly without jurisdiction, she maintained in her written submissions filed before the top court. Article 142 is a special power vested in the Supreme Court empowering it to pass orders to do complete justice in a case before it.

“The petitioner (Rhea Chakraborty) has no objection if the transfer of investigation to CBI is done in exercise of powers conferred upon this court (Supreme Court) under Article 142 of the Constitution of India. Otherwise, the present transfer from Bihar Police to CBI as is done is totally without jurisdiction and contrary to law,” she said in her submissions.

Tuesday, 11 August 2020

सुशांत सिंह के पिता ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ Money Laundering को लेकर फर्जी एफआईआर दर्ज किया था

सुशांत सिंह के मामले को लेकर मोदी चैनलों में गजब गजब की कहानियां और मीडिया ट्रायल जोर शोर से चल रहा था पर रिया को लेकर Money Laundring के मामले में सुशांत सिंह के पिता ने जो एफआईआर दर्ज किया था वे सभी आरोप झूठा साबित हुए है ।

https://twitter.com/CNNnews18/status/1293136597123137536?s=09

Money laundering को लेकर ईडी के हाथ आज भी खाली है और दूसरी तरफ ईडी के नाकामयाबियों ने रिया और उनके परिवार के लोगों को मोबाइल छीनने का काम किया है।

सुशांत सिंह के पिता के आरोपों की हवा तब निकाल गई जब न्यूज 18 के अंग्रेजी चैलेल्स ने नया खुलासा किया है कि कोई भी रकम सुशांत सिंह के किसी भी बैंक खातों से रिया चक्रवर्ती को भुगतान नहीं किया गया है उपरांत रिया ने तीस हजार रूपए ने अपने खाते से सुशांत को दिया था।

इन बातों से साफ़ जाहिर हो रहा है कि बीजेपी के दबाव में सुशांत के पिता ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने का काम किया है।

जो बात समझ में नहीं आ रही है क्या ईडी बिहार के चुनाव तक रिया के खिलाफ अपने जांच को चलाते रहेंगे।

Monday, 10 August 2020

Rhea Chakroborty was made scapegoat by the BJP and Nitish govt. to set their political agenda

If we go through the Zero FIR, filed by the father of Sushant Singh, every IPC Sections were against of Ms. Rhea Chakraborty and the father of Sushant Singh never expressed any concern regarding the cause of deaths not sensed any foul play of his son's death, in the Zero FIR .

https://www.indiatoday.in/news-analysis/story/cbi-probe-into-sushant-singh-rajput-death-raises-eyebrows-heres-why-1708100-2020-08-05

When father of SSR did not challenge nor sensed any criminality on the issue of cause of death of his son, in his First Information Report, then what have inspired the Nitish govt. to jump  into conclusion that a foul play or crime took place on SSR's death.

When according to FIR, there was no crime took place for SSR'S cause of death, then reccomendation for CBI by the Nitish govt. is purely politically motivated to malign Maharashtra police.

The Supreme Court should set aside the CBI inquiry, when SSR father did not express any foul play or crime on his son's death.

Friday, 7 August 2020

भाजपा रिया चक्रवर्ती को घेरने के चक्कर में मोदी सरकार की फजीहत करवा दिया है

एक बात जो सभी के समझ के परे है कि जब ईडी ने लगातार आठ घटों तक रिया चक्रवर्ती से पूछ ताछ पूरी कर चुकें है तो फिर सीबीआई रिया चक्रवर्ती से किस बात के लिए जांच करेगी।

ईडी ने सुशांत सिंह के एफआईआर के आधार पर पूछ-ताछ किया है और अब सीबीआई भी उसी प्राथमिकी को आधार बनाते हुए जांच करेगी।

एक ही विषय पर दो जांच एजेंसी द्वारा जांच करवाने का मतलब है कि सीबीआई को ईडी के जांच पर विश्वास नहीं है तभी रिया चक्रवर्ती से दोबारा जांच करना चाहते है।

हकीकत में ज़ीरो एफआईआर पर बिहार सरकार का सीबीआई जांच करने की सिफारिश करना कानूनी गलत है, क्यों की मामला jurisdiction से जुड़ा है।

गृह मंत्रालय की सोच पर केवल अफ़सोस जताया जा सकता है, बीजेपी के राजनीति को चमकाने के लिए एक ही विषय पर दो - दो जांच बैठने का औचित्य समझ में नहीं आ रहा है।

एक ही प्राथमिकी पर दो - दो जांच हस्यपद है।

Thursday, 6 August 2020

क्या मुंबई के इनकम टैक्स कमिश्नर सुशांत सिंह के इनकम टैक्स रिटर्न और बैंक खाते की जांच करेगी या ईडी द्वारा केवल एक महिला को प्रताड़ित किया जाएगा

यह बडी दुर्भाग्य की बात है कि एक तरफ देश के शरहद पर चीन कब्जा जमाए हुए है, दूसरी तरफ 14 करोड़ मजदूर बेरोजगार हो चुके है और देश की आर्थिक दशा खाई में जा गिरी है ऐसे परिस्थिति में बीजेपी और मोदी सरकार अपने गोदी मीडिया के सहारे बिहार के चुनाव जितने की रणनीति बनाने में लगे है।

बीजेपी और मोदी सरकार उपरोक्त बातों को दरकिनार करते हुए अपनी राजनीति चमकाने के नियत से एक महिला रिया चक्रवर्ती को बिहार चुनाव को जितने के लिए उक्त महिला के खिलाफ ईडी से लेकर सीबीआई जांच भी करवाने में लगे है।

बिहार में बीजेपी सुशांत सिंह के मरने के पचास दिन बाद तब हरकत में आए जब सुशांत सिंह के पिता ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा चुके हैं।

बलात्कारियों पर प्रेम दर्शाने वाले बीजेपी हमेशा ही महिला विरोधी रहे और उनके अपने महिला विरोधी चरित्र को बनाए रखने के लिए रिया चक्रवर्ती को निशाने में लिया है।

सुशांत सिंह के पास इतना बेशुमार धन कुछ ही फिल्मों से कैसे आया इस बात की जांच मुंबई के आयकर विभाग क्या जांच करेगी? सुशांत सिंह के पिता के रिया चक्रवर्ती के खिलाफ लगाए गए आरोपों को तभी सिद्ध होगा जब सुशांत के खाते का हिसाब हो।

Wednesday, 5 August 2020

बिहार सरकार ज़ीरो एफआईआर में सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं कर सकता है, क्षेत्राधिकार को अनदेखा किया गया

बहुत लोगो को शायद याद ना हो कि आशाराम बापू वाले मामले में भी पीड़िता ने दिल्ली में ज़ीरो एफआईआर दर्ज कराई थी उसके बाद दिल्ली पुलिस ने उक्त मामले को राजस्थान पुलिस को सौंप दिया था।

https://m.timesofindia.com/entertainment/hindi/bollywood/news/sushant-singh-rajput-case-rhea-chakrabortys-lawyer-says-we-are-satisfied-with-the-outcome-of-supreme-court-hearing/amp_articleshow/77368169.cms

सुशांत सिंह के पिता ने भी पटना में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कई धाराओं को आधार बनाकर एक ज़ीरो एफआईआर दर्ज करवाया था।

क्या कहता है जीरो एफआईआर :

जीरो एफआईआर का मतलब है कि किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है, भले ही क्षेत्राधिकार की सीमाओं और घटना अन्य स्थान का हो। संबंधित पुलिस स्टेशन एफआईआर लिख तो लेता है पर दस्तावेजों को तुरंत संबंधित अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित कर देता है।

पिछले दिन सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता ने क्षेत्राधिकार को लेकर सवाल खड़े किए थे और रिया चक्रवर्ती के अधिवक्ता ने भी ज़ीरो एफआईआर पर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया था।

अब देखना यह है कि शीर्ष अदालत ज़ीरो एफआईआर को कितने गंभीरता से लेते है या अनदेखा करते है।

Tuesday, 4 August 2020

बिहार पुलिस ने दो राज्यो के बीच के प्रोटोकॉल तोड़ने का काम किया है और यही है सुशासन बाबू और भाजपा की दादागिरी

संविधान में एक प्रोटोकॉल बनया गया है कि जब कभी भी एक प्रांत की पुलिस दूसरे प्रांत में किसी मुल्जिम के खोज में या गिरफ्तार करने के नियत से जाते है तो उसके पूर्व खोजी पुलिस संबंधित राज्य के पुलिस से बात चीत के साथ उन्हें आत्मविश्वास में लेना पड़ता है।

सुशांत सिंह राजपूत को लेकर बिहार पुलिस का अचानक मुंबई में प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए मुंबई पहुंचना भाजपा और नीतीश कुमार सरकार की दादागिरी को दर्शाता है।

श्री उद्धव ठाकरे की सरकार के बिना अनुमती के बिहार पुलिस के मुंबई पहुंचने वाले मामले को बिहार सरकार ने हलके में लिया था।

बिहार पुलिस का प्रोटोकॉल को तोड़ने का मतलब यह है कि भाजपा और जदयू के लिए उनकी दादागिरी के आगे संविधान और देश के कानून का कोई मतलब नहीं है।

बिहार पुलिस का मुंबई जाने के पीछे की वजह उस एफआईआर से है जिसके तहत सुशांत सिंह के पिता ने 50 दिन बीत जाने के बाद दर्ज कराया था।

मजे की बात यह है कि ईडी भी उसी FIR पर जांच कर रहे है तो फिर बिहार पुलिस किस काम के लिए मुंबई पहुंचना पड़ा।

Monday, 3 August 2020

बिहार में नीतीश और बीजेपी सरकार सुशांत सिंह के मौत की आड़ में अपने विफलताओं पर पर्दा डालना चाहते है

बिहार में बढ़ते संक्रमण को रोकने और बाढ़ पीड़ितो को राहत सामग्री ना पहुंचाने के कारण नीतीश और बीजेपी सरकार की बड़ी फजीहत बिहार में देखने को मिल रहा है।

और इन मुद्दों से पीछा छुड़ाने और गंभीर विषयों से पल्ला झाड़ने के लिए नीतीश और मोदी सरकार को सुशांत सिंह के मौत का दर्द 50 दिन बाद याद आया है।

पचास दिन बाद भाजपा ने सुशांत सिंह के पिता पर दबाव बनाकर जबरियन एक एफआईआर दर्ज करवाया है और उस FIR के आड में अपने गोदी मीडिया के सहारे दो प्रदेशों के बीच दरार पैदा कर दिया है।

सुशांत के पिता ने एक भी एफआईआर घटना वाले थाने के अन्तरगत दर्ज नहीं कराया है, उनसे पूछा जाना चाहिए कि किसके दबाव में उन्होंने मुंबई में एफआईआर नहीं कराया है।

हकीकत यह है नीतीश और बीजेपी सरकार एक तीर से दो निशाना साधना चाहते है, भाजपा एक तीर से उद्धव ठाकरे की सरकार को सुशांत के मामले को लेकर घेरना चाहते है और दूसरी तरफ बिहार में अपने असफलताओं को छुपाना चाहते है।

Sunday, 2 August 2020

क्या भाजपा सुशांत के आत्महत्या को लेकर गंदी राजनीति खेल रहे है

दिशा सलियान जो सुशांत सिंह राजपूत के मैनेजर थे उनकी भी मौत की आत्महत्या के कारण हुई थी जो शायद सुशांत के आत्महत्या एक हफ्ता पहले हुई थी।

https://www.indiatoday.in/movies/celebrities/story/disha-salian-death-case-detailed-investigation-by-mumbai-police-no-link-with-sushant-singh-rajput-1707063-2020-08-02

दुर्भाग्य का विषय है कि दिशा सलियान की मृत्यु की ख़बर एक आम खबर के तरह आई और चली भी गई और उनके मौत पर रत्ती भर चर्चा नहीं हुआ।

सुशांत सिंह के मृत्यु के 50 दिन बाद जिस प्रकार से सुशांत के पिता ने इतने दिनों बाद एफआईआर का दर्ज वो भी एक महिला के खिलाफ किया जाने वाली बात ने एक नए राजनीति को जन्म दिया गया।

दूसरी तरफ बीजेपी सुशांत को एक बिहारी समझकर बिहार के आने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर सुशांत के मौत पर राजनीति करना शुरू कर दिया पर दिशा सलियान के आत्महत्या पर रत्ती पर चर्चा करते हुए नहीं दिखे।

भाजपा के उकसाने पर पीएम मोदी की गोदी मीडिया रोजाना सुशांत के दूसरी गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती के खिलाफ नए नए मनगढ़ंत कहानी पेश करने में पीछे नहीं है और दूसरी तरफ भाजपा के शीर्ष नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए सुशांत के आत्महत्या पर सीबीआई जांच की बात को छेड़कर राजनीति में जुटे हुए हैं।