भले ही उत्तरप्रदेश शासन ने आज से कोविड -19 के पॉजिटिव मरीजों के लिए घर में आइसोलेट करने की बात कर रहे है पर होम आइसोलेशन के मरीजों के देखभाल और साथ में Oximeter को प्रबंध कराने वाले मामले में चुप्पी साधे हुए है।
मोदी सरकार से लेकर योगी सरकार में एक बात बहुत की समानता है कि दोनों ही सरकार अपने - अपने निर्णय और फैसले को मीडिया के द्वारा लॉन्च करने और विज्ञापन के जरिए प्रचार पर विश्वास करती है।
हर निर्णय को एक इवेंट के तरह लॉन्च किया जाता है पर कुछ समय बीतने के बाद सब हवा हवाई हो जाता है और ना ही बाद में अपने इवेंट पर सुध लेने की जरूरत नहीं दिखते है।
यूपी में होम आइसोलेशन की पात्रता को पढ़े तो समझ में आ जाएगा कि इसे बनाए रखना आम लोगो के लिए कितनी दिक्कत की बात है और साथ में यह कहना जरुरी है योगी सरकार ने isolated मरीजों की देखरेख में कोई चिकित्सीय टीम को बड़े पैमाने में नियुक्त करने की खबर पढ़ने को नहीं मिला, बल्कि घरो में non - covid मरीजों में इस संक्रमण के फैलने को रोका नहीं जा सकेगा।
No comments:
Post a Comment