जो गधे अर्नब गोस्वामी का समर्थन कर रहे है उसने ही अन्वय नायक और उसकी माँ को दो साल तक पेमेंट नही दिया।
जबकि इस कमीने का ऑफिस का इंटीरियर डिजाइन में उसने बहुत रुपया बर्बाद कर दिया था इसलिए उनको आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा,सुसाइड नोट पर अर्नब का नाम भी है।
2018 में महाराष्ट्र्र में बीजेपी की सरकार थी इसलिए केस क्लोज कर दिया गया और अर्नब को दलाली का इनाम मिल गया,लेकिन शिवसेना ने केस के फिर से खोल दिया,पुराने केस को दोबारा जांच का अधिकार कानून ने राज्य पुलिस को दिया हुआ है। आज अन्वय नायक की बीवी को कुछ हद तक न्याय की उम्मीद जगी होगी।
गौर करने वाली बात यह है कि जब सुशांत सिंह ने आत्महत्या किया था तब कोई सुसाइड नोट सुशांत ने नहीं लिखा था पर राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा ने उनके मौत को हत्या का संज्ञा देकर सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार ने आदेश किया था और अनव्य नायक के मामले में सुसाइड नोट में अरनब का नाम था ।
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