Wednesday, 25 November 2020

बीजेपी के फंड पर पलने वाले AIMIM की दाल बंगाल के चुनाव नहीं पकने वाली है, बंगाल में होगा AIMIM पहला चुनाव

बंगाल के चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उनके पास मुख्यमंत्री का कोई ठोस चेहरा नहीं है और बंगाल के राजनीति में अन्य प्रदेशों के नेताओ को कोई खास महत्व नहीं दिया जाता है जैसा की दक्षिण के तमिलनाडू में देखने को मिलता है।

बंगाल के मुस्लिम राजनीतिक रूप से परीपक्कव होने के कारण AIMIM के छलावा में नहीं फसने वाले है क्यों कि उन्हें अच्छी तरह से इस बात का पता है कि AIMM भाजपा को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए मुस्लिम आबादी वाले चुनावी क्षेत्र से अपने उम्मीदवार खड़े करते है ताकि मुस्लिम वोटों पर सेंध लगाया जा सके।

दुर्भाग्यवश भाजपा के चाणक्य को इस बात की रत्ती भर पता नहीं है बंगाल का चुनाव को बाहरी नेताओ के बल से जीता नहीं जा सकता है , उन्हें निश्चित रूप से बंगाल के लिए सीएम पद के चेहरे को आगे लाना होगा जो ममता बनर्जी जैसे विशाल व्यक्तित्व को चुनौती दे सके।

भाजपा बिहार के चुनाव में चुनाव आयोग और ईवीएम के सहारे सत्ता हासिल किया है। वही साम, दाम, दंड भेद और हेन तेन प्रकार से बंगाल को भी बीजेपी जीत सकते है।

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