Wednesday, 27 February 2019
Political Analysis of India: अधिकांश लोग मानते है कि चौकीदार ने सर्जिकल स्ट्राइ...
Political Analysis of India: अधिकांश लोग मानते है कि चौकीदार ने सर्जिकल स्ट्राइ...: कहते है कि खाया पिया कुछ नही, गिलास फोडा बारा आना, वही हाल चौकीदार का है जो वायु सेना पर दबाव बनाकर पाक अधिकृत कश्मीर मे हवाई हमला करवाया...
अधिकांश लोग मानते है कि चौकीदार ने सर्जिकल स्ट्राइक 2 चुनाव के मद्दे नजर किया है
कहते है कि खाया पिया कुछ नही, गिलास फोडा बारा आना, वही हाल चौकीदार का है जो वायु सेना पर दबाव बनाकर पाक अधिकृत कश्मीर मे हवाई हमला करवाया पर इस हमले से कुछ हासील नही हुआ बल्कि देश के दो मीराज फाईटर विमान को नष्ट किया साथ मे देश के पायलेट को बन्दी बना दिया ।
फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद का ऐसा नैरेटिव तैयार किया गया है कि आज के पढ़े-लिखें नौजवानों के सोचने एवं समझने के रास्ते बंद हो गए है। हमारी वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर हमला जरूर किया है। साथ ही वायुसेना ने स्वीकार किया है कि इस हमला से जान-माल की क्षति नहीं हुई है बल्कि आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है।
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10219051405383150&set=a.10205420720304542&type=3&eid=ARB5mr2kvSaOpZbmfru9AihQq_M2CYVYjmsQeps7B0Naef0DSI5uppHMxkjckBU670A8Q7acwIU_u6fF&ifg=1
https://www.reportlook-hindi.com/पाक-विदेश-मंत्री-का-बड़ा-ब/?fbclid=IwAR24-k7L2PsUTTfRY73wqhlANQENmkOLNwFzAZD52RChnB4hIyzqnJf9PgI
पाकिस्तानी सेना ने भी स्वीकारा है कि हमला हुआ जरूर है मगर मृत्यु की पुष्टि नहीं हुई है, फिर यह 300 आतंकवादियों के मारे जाने की झूठी ख़बर कैसे परोसे जाने लगी? कई विदेशी मिडिया चैनलों द्वारा भी सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमलें की बात कबुली गई है ना कि किसी भी प्रकार की हानि की नहीं जिनमें मुख्य बीबीसी हिंदी, सीएनएन न्यूज, फ्रांस 24, वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयोर्क टाईम्स, चैनल्स है ।
जबतक पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने छतिग्रस्त स्थानों की तस्वीर ट्विटर पर ट्वीट नहीं किया था तबतक भारतीय मीडिया के पास इस हमला से प्रभावित स्थानों की कोई तस्वीर भी नहीं पहुँची थी I उस मीडिया को 300 आतंकियों के मारे जाने और मसूद अज़हर के बहनोई के मारे जाने की ख़बर कैसे मिल गयी?
किस आधार पर प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के चुरू के एक चुनावी सभा मे 300 आतंकी के मारे जाने की झूठी दिलासा लोगों को दे रहे है? जब्कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने अभी तक एक भी आतंकी के मृत्यु की पुष्टि नहीं करी है।
क्या प्रधानमंत्री द्वारा देश की जनता को मूर्ख बनाया गया। देश के युवाओं भले तुम अगले चुनाव में वोट भाजपा के मोदी जी को देना मगर इन सभी बिंदुओं पर ठहरकर सोचना एवं फिर निष्कर्ष पर पहुँचना। कही ऐसा तो नहीं कि तुम्हारी बुद्धि एवं विवेक के दरवाज़े पर ग्रहण लगाने के लिए ये 300 आतंकी के मारे जाने की झूठी ख़बर फैला रहे है?
पहले पुलवामा आतंकी हमले को होने दिया गया और किसकी लापरवाही से यह घटना हुई उसकी जांच तक नही कराई गई, यंहा तक उच्चतम न्यालाय ने उस जनहित याचिका को खारिज किया जिसमे पुलवामा हमले के दोषीयों को पकडने के लिये जांच मांग की गई थी, क्या सुप्रीम कोर्ट पीएमओ के दिशा निर्देश चल रही है ।
Tuesday, 26 February 2019
Political Analysis of India: पाक अधिकृत कश्मीर मे हवाई हमले की पठकथा पुलवामा के...
Political Analysis of India: पाक अधिकृत कश्मीर मे हवाई हमले की पठकथा पुलवामा के...: चौकीदार की राजनीति कोइ Rocket science नही है जो समझी नही जा सकती है, जब वे गुजरात के मुख्यमत्री थे तब चुनाव जीतने के लिये चुनाव पूर्व कई...
पाक अधिकृत कश्मीर मे हवाई हमले की पठकथा पुलवामा के आतंकवादी हमले के पहले लिखा जा चुका था
चौकीदार की राजनीति कोइ Rocket science नही है जो समझी नही जा सकती है, जब वे गुजरात के मुख्यमत्री थे तब चुनाव जीतने के लिये चुनाव पूर्व कई कारनामे किया करते थे जिससे वो सुगमता से चुनाव जीत सके और वायु सेना के हवाई हमले को इसी कडी मे देखा जाना चाहिये ।
https://www.boltahindustan.in/bh-news/pankhuri-pathak-warns-trolls-before-labeling-anti-national/?fbclid=IwAR2D-1wnRNiyxskWBMLuPOi28e5FNt3QRB9-DFZSsSp6xYHvYaX605ofe8I
आगामी चुनाव को लेकर प्रधान सेवक और उनके गुर्गे तडीपार के होश तब उड गये जब उत्तर प्रदेश मे अखिलेश यादव और बहन मायावती ने राजनीतिक गठबंधन का ऐलान किया और दूसरी तरफ कांग्रेस ने राफैल सौदेबाजी मे लम्बी हेरा-फेरी को लेकर जिस ढंग से देश मे घुम-घुम कर इस मुद्दे को उछालने काम किया और साथ मे चौकीदार जेपीसी के गठन से भागते रहे ।
जब चारो तरफ से चौकीदार घिर गये तब उन्हेने पुलवामा के आतंकवादी हमले पर फोकस किया और पुलवामा घटना को अंजाम देने के चक्कर मे कई विषयों को जान बूझकर नजर अन्दाज करना पडा, जिस घटना के कारण 45 सीआरपीएफ के जवानो को शहीद होना पडा पर दुर्भाग्यवश मोदी सरकार ने भारी विफलता पर बिना जांच के सन्नाटा खींच कर बैठ गये ।
चौकीदार पुलवामा के विफलता को छुपाने के चक्कर मे जबरियन रात मे वायु सेना द्वरा हवाई हमला करवाया ताकि वो खुद को देश मे Hero के रुप मे स्थापित कर सके और चौकीदार के इस हीरोपंती मे गोदी न्यूज चैनेल्स की अहम भूमिका रही जिन्होने Studio मे ही बैठ कर 300 लोगो के मरने की गिनती भी पुरी कर चुके थे ।
अगर हवाई हमले से विशेष फर्क नही पडा तो आगे चलकर पाकिस्तान के साथ एक Friendly war चौकीदार चुनाव के मद्दे नजर खेल सकते है ।
Saturday, 23 February 2019
Political Analysis of India: पुलवामा मे आतंकवादी हमले के पिछे गहरी राजनीति और ष...
Political Analysis of India: पुलवामा मे आतंकवादी हमले के पिछे गहरी राजनीति और ष...: सबसे पहले बात आत्मघाती हमलावार की- 9/10/ 2017 को भारतीय सुरक्षाबल के जवान मुठभेड़ में दो आतंकियो ‘अल्ताफ़ अहमद राथर’ और ‘अवनीरा जैनपोरा’ ...
पुलवामा मे आतंकवादी हमले के पिछे गहरी राजनीति और षडयन्त्र का अंदेशा, इस मामले की जांच क्यों न हो
सबसे पहले बात आत्मघाती हमलावार की- 9/10/ 2017 को भारतीय सुरक्षाबल के जवान मुठभेड़ में दो आतंकियो ‘अल्ताफ़ अहमद राथर’ और ‘अवनीरा जैनपोरा’ को मार गिराते है, जबकि उनके तीसरे साथी ‘आदिल अहमद डार’ को गिरफ्तार कर लिया जाता है! लेकिन मात्र कु़छ ही दिनो में उसे पता नहीं किसके कहने और किन शर्तों पर जेल से रिहा कर दिया जाता है! जबकि इससे पहले कभी किसी आतंकी को यूँ चुपके से रिहा नहीं किया गया!
जम्मू से श्रीनगर को जोड़ने वाली इस सड़क पर दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षाबल मौजूद होते है. सुरक्षा और चेकिंग की द्रष्टि से यह दुनिया की सबसे सुरक्षित सड़क है! लेकिन हमले से कु़छ ही महिनों पहले तत्कालीन भाजपा गठबंधन वाली सरकार ने यहाँ की सुरक्षा और गाड़ियों की जाँच बिल्कुल बन्द कर दी!
https://www.nationalsvoice.com/wp-content/uploads/2019/02/12.jpg
पुलवामा के पास शिवनगर में तीन चेक पोस्ट थे उनको हटा लिया गया! कु़छ दिन पहले एक गाड़ी तीनों चेकपोस्टों को तोड़कर भाग रही थी उसको पकड़ने के लिए जिस सैनिक ने फायर किया वो आज तक जेल में बंद है! उसके बाद सुरक्षाबलों ने गाड़ियों की जाँच बंद कर दी (या नियोजित तरीके से जाँच बंद करवा दी गयी).
ऐयरलिफ्ट को बंद करना – लोगो को भावनात्मक तरीके से जोड़ने के लिए एक साथ ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की आवश्यकता थी! ज्यादा सैनिक कहाँ होगे? सेना के अलग अलग बेस कैम्प पर दो बार हमला पहले ही करवाया जा चुका! तो इस बार काफिले को चुना गया! लेकिन समस्या ये थी की जम्मू से श्रीनगर तक सैनिकों को ले जाने के लिए ऐयरलिफ्ट यानी वायुयानों की व्यवस्था थी! इसलिए कु़छ दिन पहले ऐयरलिफ्ट सुविधा को बंद कर दिया गया!
बस का चुनाव – 78 बसों के काफिले में सभी बसे बुलेटप्रूफ थी लेकिन पांचवे नम्बर की जिस बस को निशाना बनाया गया केवल वही बस बुलेटप्रूफ नहीं थी! ये सटीक सूचना ऐन वक़्त पर किसने दी?
200 किलो RDX – श्रीनगर हाईवे पर जिस वक़्त बटालियन मूव कर रही थी उसी वक़्त एक कार जिसमे 200 किलो RDX भरा हुआ था वो कई घंटो से वहाँ थी लेकिन किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? कु़छ ईंटो की आड़ में घंटो तक खड़ी गाड़ी किसी को संदिग्ध क्यों नहीं लगी? और सबसे बड़ी बात की, आतंकि इतना RDX कहाँ से इक्कट्ठा करते रहे और सुरक्षा एजेंसियो की नजर तक नहीं पड़ी?
उपरोक्त बातों से साफ़ होने लगा है कि पुलवामा का मास्टर माइंड कोई विदेशी नहीं बल्कि अपने देश के लोग है, सीआरपीएफ के ट्रक पर जिस SUV से टक्कर कराया गया था उस SUV का मालिक कश्मीरी पण्डित निकला I
अगर प्राप्त सूत्रों की माने तो हमलावरों तक विस्फोटक पदार्थ आरडीएक्स पहुंचने के काम में अकित गर्ग, आदिश जैन व अरुण मरिवाह के नामों की चर्चा हो रही है I
Friday, 22 February 2019
Political Analysis of India: चौकीदार का बहुरुपीया रुप देश और विदेश के लोगो ने आ...
Political Analysis of India: चौकीदार का बहुरुपीया रुप देश और विदेश के लोगो ने आ...: पुलवामा मे आतंकवादी हमले के एक सप्ताह बाद काग्रेस ने जिस तरह से चौकीदार पर पुलवामा मे शहीद हुए जवानो के मृत्यु वाले दिन उनके फिल्मी शुटीं...
चौकीदार का बहुरुपीया रुप देश और विदेश के लोगो ने आखिर देख ही लिया
पुलवामा मे आतंकवादी हमले के एक सप्ताह बाद काग्रेस ने जिस तरह से चौकीदार पर पुलवामा मे शहीद हुए जवानो के मृत्यु वाले दिन उनके फिल्मी शुटींग को लेकर सर्जीकल स्ट्राइक किया है उससे एक तरफ पीएम मोदी मानविक संवेदनशिलता का पोल खोल कर रख दिया है और दूसरी तरफ पुरे विश्व भर मे चौकीदार की किर-कीरी हुई है उसका खामियाजा देश के प्रधान सेवक को ही उठानी पडेगी ।
https://www.bbc.com/hindi/india-47328056?ocid=wshindi.chat-apps.in-app-msg.whatsapp.trial.link1_.auin&fbclid=IwAR3-sYe1uqold8MFvo7k_x8gWedycTJlvAj8PRZar9Qlq9nsaAPqgkfc0i4
https://www.jansatta.com/trending-news/aap-congress-and-social-media-users-trolling-pm-narendra-modi-for-shooting-in-jim-corbett-park-on-jammu-and-kashmir-pulwama-awantipora-terror-attack-day/921693/?fbclid=IwAR18NF39r6TBdFUVjjhXojZ7Sig6cBiCUdooBNX07HtvK489pYbqVTKooUI
कांग्रेस ने गुरुवार के दिन अपने प्रेस वार्ता मे मोदी की अमानविय चरित्र का पर्दाफास का पूर्ण विविरण दिया जिससे चौकीदार के बहुरुपीया रुप को देश के लोगो के सामने आ गया है । भले ही कांग्रेस के प्रेस वार्ता के बाद मोदी के कैबिनेट मन्त्री रविशकर प्रसाद पलटवार करने के नियत से कांग्रेस के खिलाफ बहुत कुछ बोल गये पर पीएम मोदी द्वरा “डिस्कवरी चैनल” की एक शूटिंग में “अभिनय” करने वाली बात पर चुप्पी साधे रहे ।
जब रवि शंकर प्रसाद का मोदी के बचाव से कोई फर्क नही पडा तो भाजपा ने अपने “सी ग्रेड” प्रवक्ता सम्बित पात्रा को दोबारा प्रेस वार्ता के लिये पिछले दिन उतारा जो मोदी के मन्त्री मण्डल मे न होने के बावजूद पीएम मोदी और सरकार के बचाव मे तरफ से फेकम–फेंक करते दिखे पर मोदी की उत्साह से भरा शूटिंग वाले बात पर एक शब्द भी नही बोले ।
दोनो भाजपा नेता अपने –अपने प्रेस वार्ता मे उन बातो से किनारा करते रहे जिसमे, NSA, और गृह मंत्री की विफलता क्यों स्वीकार नहीं कर रहे है? इतना RDX देश मे आया कहां से? जैश के हमले से 48 घंटे पहले के वीडियो को नज़रअंदाज कैसे कर दिया?
मोदी सरकार और गृह मंत्रालय ने CRPF को हवाई मार्ग से जाने के निवेदन को क्यों खारिज किया? मोदी सरकार के 56 महीनों में 488 जवान शहीद कैसे हो गए? कैसे आतंकवादी इतने बडे पैमाने मे भारत आने मे सफल हो रहे है और क्यों चुनाव पूर्व इतने बडे घटना को होने दिया गया ।
Monday, 18 February 2019
गोदी मीडिया झूठी खबरो के जरीये मोदी की छवि सुधारने मे लगे है
विदेशो मे भारत की
प्रसिद्धि किसी विषय पर भले न हो पर भारत फेक न्यूज ( झूठी खबरो) के कारण विदेश मे
प्रसिद्ध हो चुका है, जिस प्रकार PMO हर लोकतान्त्रीक
संस्थानो पर दबाव बनाकर रखते है ठिक उसी प्रकार बीजेपी आईटी सेल देश के मीडिया
हाउस पर दबाव बनाकर झूठी खबरो (फेक न्यूज ) की चलन को भारत मे बढाने का काम किया
है |
पुलवामा मे खुफिया
जानकारी के अभाव के कारण सीआरपीएफ के 45 जवानो की जबरीयन अपनी जान गवांनी पडी और
दूसरी तरफ आईबी द्वरा जानकारी दिये जाने के बावजूद भी मोदी सरकार ने उक्त चेतावानी
को किन कारणो से नजर अन्दाज किया वो भी आम जनता के समझ के परे है |
https://www.24viralpage.com/indian-media-busted/?fbclid=IwAR3bAOQG1w3cn3H5kqbHo7Wv5y51KFtZFn_7Dh2UNTXV2H3LbDle8uBiVqA
सारकार के इस
किर-किरी को धूमिल करने के लिये बीजेपी आईटी सेल द्वरा संचालित न्यूज चैनेलो ने देश
मे इस घटना को लेकर भावनात्मक ज्वार पैदा करने मे सफल हुए, अब जब कि शहादत हुए जवानो की
अंतिम क्रिया पुरी हो चुकी है तब भी गोदी मीडिया आईटी सेल के दबाव मे आकर नये- नये
स्टोरी चलाने मे लगे है |
उसी कडी मे गोदी मीडिया 18 फरवरी को एक फ़र्ज़ी
फोटोशोप की तस्वीर को वायरल करके ये दवा किया कि भारतीय सेना 17 फरवरी की देर रात
सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर के पिंगलान मे आतंकवादी के
साथ मुटभेड मे जैश-ए-मोहम्मद संगठन का वो मास्टरमाइंड है जिसने पुलवामा में हमला
करवाया था उसे. मीडिया जो जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर कामरान को मुठभेड़ में मार
गिराने का दावा कर रही है ।
जब कि भारतीय सेना ने मरे हुए आतंकवादी को जैश-ए- मोहम्मद के कमंडर कामरान के मौत की
अधिकारिक पुष्ठी नही की है पर फिर भी भरतीय मीडिया ने मोदी की छवि सुधारने के लिये
पुलवामा के घटना को लेकर बदला लेने की बात कर रहे है ।
मोदी पहले यह बतायें कि कश्मिर के अलगावादी नेतोओं को सुरक्षा, सुविधायें और आर्थिक सहयोग का खेल कब से चल रहा था
पुलवामा के घटना वाले दिन से मोदी के गोदी मीडिया जिस ढंग से लगातार पुलवामा वाले घटना की कवरेज करते चले आ रहे है उससके पिछे की वजह समझी जानी चाहिये, जिस तरह से मीडिया पाकिस्तान के साथ दो- दो हाथ करने के लिये फर्जी ललकार रहे है उससे उनकी छुपी हुई मंसा को हम लोगो को सामझ लेना चहिये ।
मीडिया के लगातार कवरेज की मूल मंसा यह है किसी भी तरह से देश की जनता के भावनाओ मे पाकिस्तान के खिलाफ एक ऐसे ज्वार पैदा किया जा सके ताकि मो दी की स भे विफलताओ एवम राफेल को लेकर आक्रोश को खत्म किया जा सके ।
पुलवामा की घटना के बाद से लेकर गोदी चैनेल्स मोदी के लिये ऐसा पिच तैयार करने मे जुटे है ताकि मोदी सरकार अपने बचाव मे छक्का लगा सके, पिछले दिन मोदी सरकार ने अपने छवि चमकाने के लिये कश्मिर के छह अलगावादी नेताओं के सुरक्षा, गाडियो और तमाम सुविधाओ को हटाने की बात की घोषणा की है, यह काम मोदी सरकार ने तब की जब कस्मिर मे ही 16 आतकंवादी हमले को अन्जाम दिया जा चका है ।
गोदी चैनेल्स या प्रिन्ट मीडिया ने अपने-अपने मीडिया मे मोदी सरकार से यह सवाल उठाने की हिम्मत नही दिखाई कि मोदी सरकार कब से इन छह अलगाववादी नेताओं पर कितने सालो से मेहरबानी की दूकान खोल के रखे हुए थे और क्यों ।
https://www.jansatta.com/sunday-column/jansatta-sunday-special-column-doosri-nazar-by-p-chidambaram-on-rafael/916232/?fbclid=IwAR2ijskdSQFoYu9ba33GrNttK_mw3ReZkf4TtqvIRvIRnDUfw9jEsJlc अखबारो और न्यूज चैनेल्स की एक खास बात यह देखने को मिलती है कि दोनो मीडिया मोदी सरकार और अमित शाह से इतने डरे और सहमे रहते है कि सरकार को सवालों के घेरे मे खडे करने का साहस तक नही जुटा पाते है ।
कुल मिला कर पुलवामा की आड मे मोदी अपने विफलताओ को छुपाने की शुतुरमुर्गी प्रयास मे कभी भी सफल होने वाले नही है क्यों की जनता जाग चुकी है ।
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