सबसे पहले बात आत्मघाती हमलावार की- 9/10/ 2017 को भारतीय सुरक्षाबल के जवान मुठभेड़ में दो आतंकियो ‘अल्ताफ़ अहमद राथर’ और ‘अवनीरा जैनपोरा’ को मार गिराते है, जबकि उनके तीसरे साथी ‘आदिल अहमद डार’ को गिरफ्तार कर लिया जाता है! लेकिन मात्र कु़छ ही दिनो में उसे पता नहीं किसके कहने और किन शर्तों पर जेल से रिहा कर दिया जाता है! जबकि इससे पहले कभी किसी आतंकी को यूँ चुपके से रिहा नहीं किया गया!
जम्मू से श्रीनगर को जोड़ने वाली इस सड़क पर दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षाबल मौजूद होते है. सुरक्षा और चेकिंग की द्रष्टि से यह दुनिया की सबसे सुरक्षित सड़क है! लेकिन हमले से कु़छ ही महिनों पहले तत्कालीन भाजपा गठबंधन वाली सरकार ने यहाँ की सुरक्षा और गाड़ियों की जाँच बिल्कुल बन्द कर दी!
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पुलवामा के पास शिवनगर में तीन चेक पोस्ट थे उनको हटा लिया गया! कु़छ दिन पहले एक गाड़ी तीनों चेकपोस्टों को तोड़कर भाग रही थी उसको पकड़ने के लिए जिस सैनिक ने फायर किया वो आज तक जेल में बंद है! उसके बाद सुरक्षाबलों ने गाड़ियों की जाँच बंद कर दी (या नियोजित तरीके से जाँच बंद करवा दी गयी).
ऐयरलिफ्ट को बंद करना – लोगो को भावनात्मक तरीके से जोड़ने के लिए एक साथ ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की आवश्यकता थी! ज्यादा सैनिक कहाँ होगे? सेना के अलग अलग बेस कैम्प पर दो बार हमला पहले ही करवाया जा चुका! तो इस बार काफिले को चुना गया! लेकिन समस्या ये थी की जम्मू से श्रीनगर तक सैनिकों को ले जाने के लिए ऐयरलिफ्ट यानी वायुयानों की व्यवस्था थी! इसलिए कु़छ दिन पहले ऐयरलिफ्ट सुविधा को बंद कर दिया गया!
बस का चुनाव – 78 बसों के काफिले में सभी बसे बुलेटप्रूफ थी लेकिन पांचवे नम्बर की जिस बस को निशाना बनाया गया केवल वही बस बुलेटप्रूफ नहीं थी! ये सटीक सूचना ऐन वक़्त पर किसने दी?
200 किलो RDX – श्रीनगर हाईवे पर जिस वक़्त बटालियन मूव कर रही थी उसी वक़्त एक कार जिसमे 200 किलो RDX भरा हुआ था वो कई घंटो से वहाँ थी लेकिन किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? कु़छ ईंटो की आड़ में घंटो तक खड़ी गाड़ी किसी को संदिग्ध क्यों नहीं लगी? और सबसे बड़ी बात की, आतंकि इतना RDX कहाँ से इक्कट्ठा करते रहे और सुरक्षा एजेंसियो की नजर तक नहीं पड़ी?
उपरोक्त बातों से साफ़ होने लगा है कि पुलवामा का मास्टर माइंड कोई विदेशी नहीं बल्कि अपने देश के लोग है, सीआरपीएफ के ट्रक पर जिस SUV से टक्कर कराया गया था उस SUV का मालिक कश्मीरी पण्डित निकला I
अगर प्राप्त सूत्रों की माने तो हमलावरों तक विस्फोटक पदार्थ आरडीएक्स पहुंचने के काम में अकित गर्ग, आदिश जैन व अरुण मरिवाह के नामों की चर्चा हो रही है I
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