Saturday, 30 March 2019

Political Analysis of India: जिस DRDO के लिये मोदी की प्रशंसा हुई उसी DRDO के प...

Political Analysis of India: जिस DRDO के लिये मोदी की प्रशंसा हुई उसी DRDO के प...: चुनावी साल मे चौकीदार ने अपने गिरती हुई छवि को पून: निर्माण के लिये अपने शासन काल के पांचवे वर्ष के अंतिम समय मे जाकर अपने चुनावी लाभ के ...

जिस DRDO के लिये मोदी की प्रशंसा हुई उसी DRDO के पीट मे छुरा भोंकने का काम मोदी ने ही किया

चुनावी साल मे चौकीदार ने अपने गिरती हुई छवि को पून: निर्माण के लिये अपने शासन काल के पांचवे वर्ष के अंतिम समय मे जाकर अपने चुनावी लाभ के लिये DRDO को Anti-Satellite Missile के परीक्षण की अनुमति प्रदान की, जब की अनुमति के तारीख के बारे मे देश के लोगो के सामने छुपा के रखा गया कि इस मुद्दों को चुनावी वर्ष मे Encash किया जा सके ।

https://economictimes.indiatimes.com/news/defence/defence-budget-inadequate-allocation-should-go-up-parliamentary-panel/articleshow/57560324.cms?fbclid=IwAR2mpE9YtuTJNG4zm4zj3nI3jfoZzzimtIksxvUUOGTjs-oDXV2Gm4W0qao&from=md

सवाल तो यह भी है कि आखिर क्यॉ कारण रहा कि इतने वर्षों के बीत जाने के बाद प्रधान सेवक ने ऐसी अनुमति प्रदान की, जब कि इस दरमियान पाकिस्तान के आतंकवादीयों द्वरा 18 आतंकी हमला का परीक्षण देश मे भली-भान्ति सम्पन्न कर चुके थे ।

जिस DRDO के वैज्ञानिकों की सफलता को लेकर पीएम मोदी ने Credit लिया है और देश मे घूम-घूम कर नागिन डांस करते दिखे उससे तो लगा कि वो देश के बडे राष्ट्रवादी प्रधान मन्त्री है

अगर Economic Times मे छपे खबरों की माने तो प्रधान मन्त्री ने DRDO के पीठ मे खंजर भोंकने का काम किया है, यह जानकरी parliamentary panel के उस बयान से पता चलता है जिसमे यह कहा गया है कि मोदी सरकार ने DRDO को धन आवंटन मे भारी मात्रा मे कमी की है जिस कारण DRDO के कई अहम और महत्वपूर्ण प्रक्लप रुके पडे हुए है ।

उपरोक्त सच्चाई सामने आने के बाद पीएम मोदी के फर्जी राष्ट्रवाद की कलाई खुल चुकी है, उन्हे बताना पडेगा कि किन कारणों से उन्होने राष्ट्रीय सुरक्षा मामले मे DRDO को धोखा देने का काम क्यों किया । क्या इसी फर्जी राष्ट्रवाद के सहारे मोदी चुनावी समर मे उतरना चाहते है ।

Thursday, 21 March 2019

Political Analysis of India: प्रधान चौकीदार की नाकामयाबी का ठिकरा वर्तमान एमपी ...

Political Analysis of India: प्रधान चौकीदार की नाकामयाबी का ठिकरा वर्तमान एमपी ...: आने वाले चुनाव मे भजपा ने जिस प्रकार से वर्तमान MP के टिकटो को काटा है उसकी ठोस बजहों का अनूमान किया जा सकता है, उसका पहला कारण यह रहा कि...

प्रधान चौकीदार की नाकामयाबी का ठिकरा वर्तमान एमपी के टिकट को काट कर फोडा गया और नये उम्मीदवारों को टिकट बेचने का काम धडल्ले से चालू

आने वाले चुनाव मे भजपा ने जिस प्रकार से वर्तमान MP के टिकटो को काटा है उसकी ठोस बजहों का अनूमान किया जा सकता है, उसका पहला कारण यह रहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने चौकीदार के घोर नाकामयाबीयों का ठीकरा वर्तमान MP पर फोडना चाहा ।

अमित शाह टिकटों के फेर बदल करके देश के लोगो को यह संदेश पंहुचाना चाहते है कि मोदी की नाकामयाबीयों के पिछे Sitting MP के अकर्मणयता ही दोषी है ना कि मोदी स्वयम जिम्मेदार है ।

https://hindi.news24online.com/news/nsso-modi-govt-job-593538f0

आने वाले चुनाव मे भजपा ने जिस प्रकार से वर्तमान MP के टिकटो को काटा है उसकी ठोस बजहों का अनूमान किया जा सकता है, उसका पहला कारण यह रहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने चौकीदार के घोर नाकामयाबीयों का ठीकरा वर्तमान MP पर फोडना चाहा । अमित शाह टिकटों के फेर बदल करके देश के लोगो को यह संदेश पंहुचाना चाहते है कि मोदी की नाकामयाबीयों के पिछे Sitting MP के अकर्मणयता ही दोषी है ना कि मोदी स्वयम जिम्मेदार है ।

पर हकीकत यह है कि कुर्सी सम्भालने के बाद चौकीदार ने किसी भी भाजपा एमपी या सिनीयर मन्त्रीयो को बढने नही दिया बल्कि उनके कद को पैरों तले दबाकर रखा है जिस कारण चौकीदार द्वरा लिये गये गलत निर्णय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत वर्तमान एमपी दिखा ना सके ।

अमित शाह द्वरा पार्टी टिकट के बंटवारे मे यह भी रणनीति है कि वर्तमान एमपी को दुबारा टिकट दे दिया जाये तो उनसे धन उगाही नही हो पायेगी, जब कि नये उम्मीदवारों को मानमानी रुप से टिकट की बोली लगा कर बेचा जा सकता है ।

देश जानती है कि 2014 के चुनाव और 2019 का चुनाव चौकीदार के मठाधीशी के अगुवाई मे लडा जायेगा और इससे कोई फर्क नही पडता है कि भाजपा का उम्मीदवार कौन है, क्या भाजपा के मतदाता उम्मेदवार के नाम पर वोट देते है या चौकीदार के नाम पर वोट देते है तो फिर पुराने उम्मीदवारो के छटाई क्या नये सिरे से धन उगाही के लिये रास्ता खोला गया है ।

Thursday, 7 March 2019

Political Analysis of India: देश ने कभी भी नही देखा इतना नीच प्रधान सेवक जो चोर...

Political Analysis of India: देश ने कभी भी नही देखा इतना नीच प्रधान सेवक जो चोर...: पुलवामा हमले के बाद भले ही चौकीदार ने कोई सीबीआई जांच की जहमत उठाना उचित नही समझा और उसके बाद हवाई हमले ने देश के लोगो को मोदी मीडिया के ...

देश ने कभी भी नही देखा इतना नीच प्रधान सेवक जो चोरी भी करे और सिना जोरी भी


पुलवामा हमले के बाद भले ही चौकीदार ने कोई सीबीआई जांच की जहमत उठाना उचित नही समझा और उसके बाद हवाई हमले ने देश के लोगो को मोदी मीडिया के सहारे राष्टृवाद के नये इतिहास गडने मे कामयाब होते दिखे रहे थे पर राफेल घोटाले के दस्तावेजो की चोरी वाली खबर ने मोदी और भाजपा को बैक फुट मे डाल दिया है ।


अच्छा खासा फर्जी राष्ट्रवाद का नाटक चल रहा था पर दूसरी तरफ उच्चतम न्यालाय ने राफेल मे बडे पैमाने मे हुये घोटाले के मामले पर Revision petition का पिटारा खोल कर चौकीदार की इज्जत का फलूदा ही निकाल डाला जिसके फलस्वरुप मोदी को बचाने के चक्कर मे पडकर देश  Attorney General (ऐजी ) ने न्यालाय को अवगत कराया कि राफेल मामले के सभी दस्तावेज गुम नही बल्कि चोरी हो चुकी है ।

एक हवाई हमले से गद-गद होकर जिसमे कुछ भी देश को हासिल नही हुआ पीएम मोदी अपने भाषणो मे यह कहते रहे कि देश उनके हाथों मे सुरक्षित है पर अब वही सरकार न्यालाय के सामने राफेल से जुडे हुए दस्तावेजो की सुरक्षित ना रख पाने का दूखडा सुना रहे है ।

कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गान्धी ने पिछले दिन अपने प्रेस वार्ता मे बहुत खुब कहा कि अगर चौकीदार ने राफेल को खरीद पर कोई घोटाला नही किया तो इस मामले जांच करा लेना चाहिये, उन्होने यह भी कहा कि सदन मे इस मामले की जांच को लेकर जीपीसी के गठन करने की बात पर चौकीदार भागते रहे ।

भले ही Attorney General ने इन दस्तावेजो की चोरी होने की खबर कोर्ट तक पहुंचाई हो पर ऐजी ने किस तारिख को चोरी हुई थी उसको बताने मे असमर्थ दिखे और ना ही Defense minster श्रीमति निर्मला सितारमन ने कोर्ट के सामने खुलासे से पहले सदन को चोरी के बारे मे कोई जानकारी क्यों नही दी और मामला जब चोरी का ही था तो क्षा मन्त्रालय ने कोई FIR क्यो नही दर्ज की । देश मे मदरसो और दुकानो मे CCTV camera  देखने को मिल जाते है पर राफेल के अहम दस्तावेजो को जिस कमरे मे रखा गया था शायद पीएम मोदी CCTV camera  लगाना भूल गये होंगे ।

इस चोरी का ठिकरा Attorney Genera नेद हिन्दु” नामक अंग्रेजी अखबार के मुखिया श्री एन.राम पर फोडा और साथ मे यह भी जोडा कि इस चोरी के पिछे उन्ही का हाथ है तो इसका मतलब तो यही हुआ कि उक्त अखबार मे राफेल को लेकर जो खुलासा किया था उसे Attorney General ने सत्यापित कर दिया है  



Tuesday, 5 March 2019

Political Analysis of India: दिल्ली मे भाजपा को जीताने के लिये कांग्रेस आम आदमी...

Political Analysis of India: दिल्ली मे भाजपा को जीताने के लिये कांग्रेस आम आदमी...: कांग्रेस अगर आने वाले चुनाव मे दिल्ली के जनता के साथ दोगलापन करके भाजपा को जीताने का काम करे और उसे अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के...

दिल्ली मे भाजपा को जीताने के लिये कांग्रेस आम आदमी पार्टी के खिलाफ अपने प्रत्याशी खडा करना चाहते है

कांग्रेस अगर आने वाले चुनाव मे दिल्ली के जनता के साथ दोगलापन करके भाजपा को जीताने का काम करे और उसे अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के सामने रखे तो उसे जहर उगलना नहीं कहते है ।

अरविन्द केजरीवाल की राजनीति को आम जनता क्या अच्छे-अच्छे नेता नहीं समझ सकते है, केजरीवाल को कांग्रेस के नब्ज को अच्छी तरह से जानते है और वो एक फर्मूला के सथ कांग्रेस को गठजोड का प्रस्ताव दिया और उसे प्रचार भी करवाया |

कांग्रेस की तरफ से इस प्रस्ताव को फेल करने की दिशा मे आम आदमी पार्टी ने तुरन्त कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर के भाजपा विरोधी वोटो को अपने तरफ साधने की पूरी कोशिश की है ता कि भाजपा विरोधी वोटरो के सामने एक संदेश जा सके कि कांग्रेस भाजपा को जीताने के लिये आम आदमी पार्टी के खिलाफ लडना चाहते है ।

दूसरी तरफ यूपी में भी कांग्रेस बसपा और सपा के गठबन्धन के वोटों में सेंध लगाने के काम पर जुट चुकी है और यूपी मे अपने दावे को मजबूत करने के लिए अपना आखिरी दांव प्रियंका गांधी को राजनीति में उतार कर पूरा किया, यह जानते हुए कि कांग्रेस के पास मात्र 10 या 12 प्रतिशत वोट है ।

यूपी मे शुरुवाती दौर मे प्रिंयका गान्धी को उतारने का असर भाजपा मे देखने को मिला और यही कारण रहा कि प्रियंका का विरोध जीतना भाजपा के नेताओं ने किया था उतना विरोध सपा और वसपा ने नही किया और ना ही दोनो पार्टीयो ने कोई तवज्जो कांग्रेस को दिया ।

दिल्ली की तरह कांग्रेस सपा और बसपा के साथ ताल मेल न बैठाकर भाजपा को मजबूत करने का काम किया है, अगर कांग्रेस की यही रणनीति क्षेत्रीय पार्टियों के साथ ऐसी बनी रहती है तो इस बात का कोई संदेह नहीं रहेगा कि 2019 में मोदी जोरदार तरीके से वापसी हो सकती है |

Monday, 4 March 2019

Political Analysis of India: अमित शाह देश के चिफ ऐयर मार्शल के खिलाफ मोर्चा खोल...

Political Analysis of India: अमित शाह देश के चिफ ऐयर मार्शल के खिलाफ मोर्चा खोल...: अब चाहे पुलवामा मे आतंकवादी द्वरा हमला हो या जवाबी हवाई हमला हो पर एक बात निश्चित हो चुकी है कि इस प्रकार के कृत भाजपा द्वरा साजिसन किया ...

अमित शाह देश के चिफ ऐयर मार्शल के खिलाफ मोर्चा खोल कर क्यों बैठे है, क्यों भाजपा भारतीय सेना को निचा दिखाना चाहते है

अब चाहे पुलवामा मे आतंकवादी द्वरा हमला हो या जवाबी हवाई हमला हो पर एक बात निश्चित हो चुकी है कि इस प्रकार के कृत भाजपा द्वरा साजिसन किया गया है ताकि पिछले 4.5 वर्षो मे विकास के नाम पर चौकीदार ने कुछ भी करने मे सफल नही हुए, अब प्रधान सेवक अपने महानत्म असफलता को छुपाने के चक्कर मे पड कर अपना आखिर तुर्प के पत्ते के रुप मे पुलवामा हमला होने दिया और फिर हवाई हमले करवाकर के वा-वाही लुटने की कोशिश की ।

https://www.newsnation.in/videos/india/why-did-shah-contradict-iafs-stand-on-numbers-of-causalities-atishi-8/45639

भली ही देश के चीफ ऐयर मार्शेल ने यह बात कही कि इस ऐयर स्ट्राइक से उनका टार्गेट पुरा हो गया है पर बात समझ मे नही आ रही है क्या वायु सेना का टार्गेट केवल बम गिराना था या उनका टार्गेट आतंकवादीयों कैम्प को नस्तानाबूद करना था, जब कि लग-भग सभी International Media ने किसी भी रुप मे नुकसान होने की बात को इंकार कर चुके है ।

अगर अंतराष्ट्रीय मीडिया की बात को छोड ही दें तो Australia के International Cyber Policy Centre द्वरा छापे गये रिपोर्ट को कम से कम ऐयर चीफ मार्शेल को पढ लेना चाहिये था, जो निम्न है;

Australia's International Cyber Policy Centre questioned the government's claim that the strikes were successful after analyzing commercially available satellite imagery.

Nathan Ruser, the author of the report, 'Satellite imagery, acquired by Planet Labs Inc. on the morning of February 27 and accessed by ASPI', said, "No evidence of damage to the facility or nearby areas is visible on the images."

He also mentioned that Pakistani media had reported "multiple small craters in the vicinity", indicating that the fighter jets missed their targets.

जब अंतर्ष्ट्रीय मीडिया ने कोई जानमाल का नुकसान की बात नही किया, जब मोदी के कैबीनेट मन्त्री अहलुवालीया ने किसी भी आतंकवादी के मरने की पुष्टी नही की, जब वायु सेना के अध्यक्ष ने मरने वालो की संख्या को नही बता पाये तब किस आधार पर अमित शाह ने 250 आतंकवादी के मरने की संख्या कहां से खोज निकाला हैं इस बात को देश को बताना चाहिये ।

Sunday, 3 March 2019

Political Analysis of India: नीच चौकिदर के नीच भक्त आखिर मे अपने निचता पर उतर ह...

Political Analysis of India: नीच चौकिदर के नीच भक्त आखिर मे अपने निचता पर उतर ह...: चुनाव होने मे अभी देर है फिर भी भाजपा के सुअर भक्त हवाई हमले को लेकर राजनीति शुरु कर चुके है, अब जनता को समझ मे आ चुकी है कि पुलवामा के आ...

नीच चौकिदर के नीच भक्त आखिर मे अपने निचता पर उतर ही गये, हवाई हमले पर चुनावी राजनीति शुरु

चुनाव होने मे अभी देर है फिर भी भाजपा के सुअर भक्त हवाई हमले को लेकर राजनीति शुरु कर चुके है, अब जनता को समझ मे आ चुकी है कि पुलवामा के आतंकी घटना को किसने और क्यों कराया गया है और उसके पिछे का षडयन्त्र किसने की और क्यों पुलवामा हमले होने देने के पिछे किन –किन लोगो का हाथ था, उसकी भी जांच करवाने से चौकीदार क्यों भाग रहे है ।

पुलवामा के आंतकी हमले की जांच जब तक चौकीदार नही कराते है तब तक यह यह समझ लेना चहिये कि इस घटना के घोर लापरवाही के पिछे लोग समूह को बचाने की कोशिश मोदी सरकार ने की है और घटना की जांच को न कराने की वजह एक अनर्गल हवाई हमला की तैयारी जो कराने की थी |

इस हवाई हमले से देश को कोई विशेष लाभ देखने को नही मिला उपरन्त गत् 2 दिनों में 14 सैनिक तथा पाकिस्तान की गोलाबारी में एक ही परिवार के 3 लोग मारे गये लेकिन NDTV को छोड़ और किसी भी चैनल ने इतनी बड़ी खबर को नहीं दिखाया और हीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में खेद तक प्रकट किया । चौकीदार तो 5 वर्षों से एक ही मोड पर अटके हुए हैं कि इस देश का विपक्ष देशद्रोही है ।

https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10210659954493323&set=gm.1804418559659714&type=3&eid=ARAKAfz9MBseQjNoBlUPCodijOfaY__80rFzL1lDBjCNpV-vKyijGMpsZGTvVxfbEmnwi7vbgCYyLVQR&ifg=1

अगर बूथ की बजाये सीमा मजबूत करने पर चौकीदार ध्यान दिये होते तो इतनी संख्या मे आतंकवादीयों का देश मे घुसपैट ना होता और ना ही 300 किलो RDX अंदर नही आता, ना सैनीक शहीद होते ,और ना ही सैनीकों की लाशो पर चौकीदार वोट मांगते और मूह छुपाने के लिये अनर्गल हवाई हमला करना पडता पर राजनीतिक लाभ के लिये घटीया और निम्न स्तर की राजनीति भी चौकीदार के लिये जरुरी है, वोट का मामला जो ठहरा |