Tuesday, 5 March 2019

दिल्ली मे भाजपा को जीताने के लिये कांग्रेस आम आदमी पार्टी के खिलाफ अपने प्रत्याशी खडा करना चाहते है

कांग्रेस अगर आने वाले चुनाव मे दिल्ली के जनता के साथ दोगलापन करके भाजपा को जीताने का काम करे और उसे अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के सामने रखे तो उसे जहर उगलना नहीं कहते है ।

अरविन्द केजरीवाल की राजनीति को आम जनता क्या अच्छे-अच्छे नेता नहीं समझ सकते है, केजरीवाल को कांग्रेस के नब्ज को अच्छी तरह से जानते है और वो एक फर्मूला के सथ कांग्रेस को गठजोड का प्रस्ताव दिया और उसे प्रचार भी करवाया |

कांग्रेस की तरफ से इस प्रस्ताव को फेल करने की दिशा मे आम आदमी पार्टी ने तुरन्त कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर के भाजपा विरोधी वोटो को अपने तरफ साधने की पूरी कोशिश की है ता कि भाजपा विरोधी वोटरो के सामने एक संदेश जा सके कि कांग्रेस भाजपा को जीताने के लिये आम आदमी पार्टी के खिलाफ लडना चाहते है ।

दूसरी तरफ यूपी में भी कांग्रेस बसपा और सपा के गठबन्धन के वोटों में सेंध लगाने के काम पर जुट चुकी है और यूपी मे अपने दावे को मजबूत करने के लिए अपना आखिरी दांव प्रियंका गांधी को राजनीति में उतार कर पूरा किया, यह जानते हुए कि कांग्रेस के पास मात्र 10 या 12 प्रतिशत वोट है ।

यूपी मे शुरुवाती दौर मे प्रिंयका गान्धी को उतारने का असर भाजपा मे देखने को मिला और यही कारण रहा कि प्रियंका का विरोध जीतना भाजपा के नेताओं ने किया था उतना विरोध सपा और वसपा ने नही किया और ना ही दोनो पार्टीयो ने कोई तवज्जो कांग्रेस को दिया ।

दिल्ली की तरह कांग्रेस सपा और बसपा के साथ ताल मेल न बैठाकर भाजपा को मजबूत करने का काम किया है, अगर कांग्रेस की यही रणनीति क्षेत्रीय पार्टियों के साथ ऐसी बनी रहती है तो इस बात का कोई संदेह नहीं रहेगा कि 2019 में मोदी जोरदार तरीके से वापसी हो सकती है |

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