आने वाले चुनाव मे भजपा ने जिस प्रकार से वर्तमान MP के टिकटो को काटा है उसकी ठोस बजहों का अनूमान किया जा सकता है, उसका पहला कारण यह रहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने चौकीदार के घोर नाकामयाबीयों का ठीकरा वर्तमान MP पर फोडना चाहा ।
अमित शाह टिकटों के फेर बदल करके देश के लोगो को यह संदेश पंहुचाना चाहते है कि मोदी की नाकामयाबीयों के पिछे Sitting MP के अकर्मणयता ही दोषी है ना कि मोदी स्वयम जिम्मेदार है ।
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आने वाले चुनाव मे भजपा ने जिस प्रकार से वर्तमान MP के टिकटो को काटा है उसकी ठोस बजहों का अनूमान किया जा सकता है, उसका पहला कारण यह रहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने चौकीदार के घोर नाकामयाबीयों का ठीकरा वर्तमान MP पर फोडना चाहा । अमित शाह टिकटों के फेर बदल करके देश के लोगो को यह संदेश पंहुचाना चाहते है कि मोदी की नाकामयाबीयों के पिछे Sitting MP के अकर्मणयता ही दोषी है ना कि मोदी स्वयम जिम्मेदार है ।
पर हकीकत यह है कि कुर्सी सम्भालने के बाद चौकीदार ने किसी भी भाजपा एमपी या सिनीयर मन्त्रीयो को बढने नही दिया बल्कि उनके कद को पैरों तले दबाकर रखा है जिस कारण चौकीदार द्वरा लिये गये गलत निर्णय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत वर्तमान एमपी दिखा ना सके ।
अमित शाह द्वरा पार्टी टिकट के बंटवारे मे यह भी रणनीति है कि वर्तमान एमपी को दुबारा टिकट दे दिया जाये तो उनसे धन उगाही नही हो पायेगी, जब कि नये उम्मीदवारों को मानमानी रुप से टिकट की बोली लगा कर बेचा जा सकता है ।
देश जानती है कि 2014 के चुनाव और 2019 का चुनाव चौकीदार के मठाधीशी के अगुवाई मे लडा जायेगा और इससे कोई फर्क नही पडता है कि भाजपा का उम्मीदवार कौन है, क्या भाजपा के मतदाता उम्मेदवार के नाम पर वोट देते है या चौकीदार के नाम पर वोट देते है तो फिर पुराने उम्मीदवारो के छटाई क्या नये सिरे से धन उगाही के लिये रास्ता खोला गया है ।
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