पिछले शुक्रवार को चार
जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य न्याधीश को सरेआम उनके कार्यप्रणाली के खिलाफ जो
भी बाते रखे थे वे अपने जगह सही रहा पर उक्त वार्ता मे जस्टिस लोया के मौत के बारे
मे चर्चा करना शायद अब गलत होता दिख रहा है I
जजों के द्वरा जस्टिस
लोया के बारे मे बात करने पर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह अपने को शोहराब उद्दीन के एन्कॉन्टर
मामले मे फंसते दिखे, इसके अलावा उस याचिका से भी है जिसे तहसिन पूनेवाला ने उच्चतम न्यालय
जस्टिस लोया के मौत के बारे मे जांच बैठाने की मांग शिर्ष अदालत से की गई, जिसकी सुनवाई आज होने की सम्भावना है I
सुत्रो
के हवाले से खबर है कि जस्टिस लोया के मौत के कारणो की जांच वाले मामले ने अमित शाह
के अन्दर भीषण घबराहट और बेचैनी इतनी बढ गई कि वे भाजपा के साथ पुरे दम पर गुण्डई पर
ही उतर आये है और शायद महाराष्ट्र पुलिस के बल से जस्टिस लोया के लडके अनुज लोया पर
दबाव देकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन अमित शाह ने करवाया I
उक्त
प्रेस वार्ता मे लोया के पुत्र दबाव मे आकर अपने पिता के मौत के कारणो से पल्ला झाडने
की कोशिश की और साथ मे यह भी कहा कि वे नही चाहते है कि उनके पिता के मौत की जांच हो, जब की उनके मौत को संदिग्ध बताने मे जस्टिस
लोया के बहन ने ही उठाया था और तभी से यह मुद्दा मीडिया मे छाया रहा पर अमित शाह ने
जस्टिस लोया के बहन की शंका पर कोई गम्भीरता नही दिखाई पर अमित शाह की घबराहट चार
जजों के प्रेस वार्ता के बाद पैदा हुआ I
जस्टिस
लोया के पुत्र के प्रेस वार्ता के पश्चात ट्वीटर मे कल से ही घमासान छिडा हुआ है, भाजपा और गोदी मीडिया कडे विरोध का जवाब
देने मे असर्मथ दिखे पर यह तय है कि अमित शाह जस्टिस लोया के पुत्र के द्वरा प्रेस
मे दिये गये बयान को शिर्ष अदालत मे मोहरा बनाकर पेश करेगी, अब देखना यह है कि अदालत पुत्र का दबाव
मे आकर बयान को मानते है या वे अपने विवेक के आधार पर न्याय देते है I
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