Sunday, 24 September 2017

संघी न्यूज चैनेल्स का हनीप्रित के साथ छत्तिस का आंकडा क्यों

मीडिया द्वरा हनीप्रित के चरित्रहनन के पिछे क्या भाजपा या आर.एस.एस
आजतक देश की जनता यह समझ नही पाई क्यों अचानक गोदी/ संघी मीडिया बाबा राम रहीम के खिलाफ कोर्ट के द्वारा बलात्कार की सजा सुनाने के बाद बाबा पर हमलावार हो गई है, बाबा के साथ जोडकर जिस तरह से गोदी मीडिया ने बाबा के तथाकथित बेटी हनीप्रित के खिलाफ चरित्रहनन का महायज्ञ शुरु किया हुआ है उससे तो साफ पता चल रहा है कि सभी संघी मीडिया द्वरा प्रत्येक दिन प्रसारण के पिछे गहरी राजनीति और साजीस से प्रेरित है I

ध्यान देने वाली बात यह है कि गोदी मीडिया के खोजी पत्रकार जिस ढंग से बाबा और गुरप्रित के नये–नये कारनामो के पर्दाफाश कर रहे है मानो वे सभी पत्रकार मोहन जोदडो के खोदाई से उनके कारनामो को निकाल कर ला रहे हो I जब तक बाबा राम रहीम के मुकदमे का फैसला नही आया और सजा नही सुनाई गई थी तब तक भाजपा और गोदी मीडिया बाबा के लिये कसिदे पढने मे कोई कमी नही रक्खे I

अब समझने की बात यह है कि आखिर हनप्रित ने संघी मीडिया के किस छेद मे तिखी मिर्ची डाल दिया है जो गोदी मीडिया एक स्वर मे एक महिला के चरित्र हनन पर लग गये है, आखिर गोदी मीडिया का व्यवहार विदेशी कुत्ते के तरह क्यों होता जा रहा है I

गोदी मीडिया कहें या संघी मीडिया सभी जानते है कि ऐसे मीडिया भाजपा के पट्टे से बन्धे हुए है और कोई भी शक्स महिला हो या पुरुष भाजपा के खिलाफ बोलेगा या लिखेगा तो उनकी प्रभु भक्ती सर चढ कर बोलने लगती है, हनीप्रित के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है I

गौरतलब है कि यही वही हनीप्रित थी जिसने एक बलात्कार के कैदी बाबा राम रहीम के साथ केन्द्र और हरियाणा सरकार के हरी झंडी दिखाने के बाद हेलिकाप्टर पर चढकर बाबा को जेल तक छोडने चली गई और देश मे यह पहला मौका मोदी सरकार ने एक आम महिला को एक कैदी के साथ हेलिकाप्टर मे घुमने का अवसर प्रदान किया I

भाजपा और मोदी जी को गुस्सा हनीप्रित पर तब आया जब इस महिला ने दुसरे ही दिन यह हल्ला मचा दिया की हरियाणा के विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा और बाबा मे सांठ-गांठ यह हुई थी कि भाजपा बाबा के मुकदमे को रफा-दफा कर देगा और इसी कारण बाबा भाजपा के पक्ष खुब चुनाव प्रचार ही नही बल्कि जीत दिलाई और संघी मीडिया का गुस्सा गुरप्रित के इस खुलासे के लिये बना हुआ है I

Thursday, 14 September 2017

आम जनता के टैक्स के पैसो से पूंजिपती उठायेंगे बुलेट ट्रेन का मजा

गुजरात के आने वाले विधान सभा चुनाव को ध्यान मे रखकर पी एम मोदी ने गुजरात के वोटरो को खुब लुभाने की कोशिश मे कोई कसर नही छोडी है, कैसे एक बुलेट ट्रेन नामक झूनाझुना गुजरात के आम जनता के लिये काम आने वाला है यह बात तो लोगो के समझ से परे है I.

देखने और समझने वाली बात यह है बुलेट ट्रेन को मुंबई से अहमदाबाद तक चलनी है और मुंबई को देश की अर्थिक राजधानी समझे जाने के वावजूद भी बुलेट ट्रेन का शिलान्यास अहमदाबाद मे कराने के पिछे की राजनीति कोई राकेट साइंस नही है जिसे समझने के लिये अलग से समझदारी की जरुरत है I

जिस ढंग से पीएम मोदी ने जापान के प्रधान मन्त्री शिंजो एबे को लेकर रोड शो किया और साथ मे गुजरात के सडको से लेकर मस्जिद तक घुमा डाला उससे तो एक बात साफ हो चुकी है कि मोदी जी गुजरात के चुनाव को लेकर अधिक चिंतित है, जापान के प्रधान मन्त्री शिंजो एबे को अभी तक पता ही नही कि उनका इस्तेमाल बुलेट ट्रेन के लिये नही बल्कि गुजरात के विधान सभा चुनाव के लिये हो रहा है I

कोई मोदी जी से यह पुछे कि गुजरात मे शुरु होने वाले उस मेट्रो ट्रेन का क्या हुआ जिसकी शिलन्यास मोदी जी गुजरात के मुख्य मन्त्री रहते हुये हुआ था और उस तथाकथित मेट्रो ट्रेन के लिये क्या बजट निर्धारित की गई थी और इतने वर्षो के बीतने के बाद उसका बजट कहां तक पहुंचा है I

मोदी जी गुजरात को लेकर अपनी चिंता को जग जाहिर तो कर ही चुके है पर साथ मे अपने Make In India को फिर से जुमले मे परिर्वतित कर दिया है, यह तो निश्चित है कि बुलेट ट्रेन का निर्माण भारत मे तो होने से रहा पर एक बात तो तय है कि बुलेट ट्रेन आम जनता को चढना तो दूर देखने को भी नसीब होने वाला नही हैI

पर मजेदार बात यह है कि इस बुलेट्रे के लिये जो भी भुगतान भारत सरकार जापानी सरकार को चुकायेगी वह सब ही आम जनता के द्वरा टैक्स के पैसे ही होंगे और क्या पता भारत सरकार सेज के जरिये आम जनता के जेब से वसूली का मन बना ले I

https://openkhabar.com/midia-ki-besharmi-bulet-train-ke-aage-kuch-nhi-dikh-rha-hai/?utm_source=social&utm_medium=push

Wednesday, 6 September 2017

संघ प्रमुख मोहन भागवत की अपराधी नेता के खिलाफ नैतिकता की बातो से भाजपा का कोई लेना देना नही

राष्ट्रीय संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी आजकल बडे मजेदार वाली बाते करने लगे है और वह भी नैतिकता को लेकर, हाल मे सम्पन्न हुये संघ की तीन दिवसीय बैठक मे भागवत जी ने राजनीति मे अपराधियो की बढती संख्या के लिये घोर चिन्ता जताई है, उनका यह भी मानना है कि इससे राजनीति दूषित होती है I

एक बात बिल्कुल समझ मे नही आई कि क्या वे इस प्रकार के नैतिता की बाते मोदी वाले भाजपा को या अमित शाह को सुनाना चाहते है, खैर अपनी बातो को जारि रखते हुए वे नैतिक कथा मे यह भी कह गये कि लोग अब यह समझने लगे है कि राजनीति मे वही आ सकता है, जिसके पास धन और बाहुबल हो I

श्री भागवत जी की ऐसी नैतिकता पूर्ण बातो को सुनकर मै क्या कोई भी कायल हो सकता है, कायल करने की बात तो देश के प्रधान सेवक ने संसद मे घुसते ही कहा था कि जितने अपराधी किस्म के सांसद है उन्हे संसद से फास्ट ट्रैक कोर्ट बनावाकर जल्द से जल्द मुकदमा चलाकर संसद से बाहर करेगे जो आजतक हो न सका I

अपराधिक चरित्र वाले मामले मे भाजपा दो माप दण्ड साथ मे लिये रहते है, निहाल चन्द्र को मन्त्री बनाने पर जब मोदी जी पर थू-थू होने लगी तो भाजपा के शिर्ष नेता यह कहकर बचाव करते रहे कि निहाल चन्द्र का मुकदमा लम्बित है और वे अपराधी साबित नही हुए है I

भाजपा का अपराधीयों को लेकर दुसरा माप दण्ड तब सामने आया जब बाबा राम रहीम को दो बलात्कारो के लिये सजा सुनाई गई और भाजपा के वरिष्ठ नेता नलिन कोहली ने बाबा राम रहीम के बचाव मे यह कहा कि छोटी अदालत का फैसला अंतिम नही है और दुसरी तरफ हरियाणा चुनाव के दौरान बाबा जी के आगे मोदी जी ने एक बलात्कार के ओरोपी के लिये कैमरा के सामने उनके सम्मान मे कसिदे पढते रहे I

श्री मोहन भागवत जी की नैतिकता की बातो को मोदी जी और अमित शा अमल करें तो 2019 के लोक सभा चुनाव के बाद दोनो को सड़क पर मोमफली के खुंचे लगाने पडेगा I

Sunday, 3 September 2017

मोदी जी को कब समझ आयेगी कि कूड़े के ढेर को उलट पुलट करने से कुछ नही होता, नीचे का कूड़ा ऊपर आ जाता है

कई अलंकारो से विभूषित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शकूनी मामा की भूमिका को निभाते हुए  रविवार को  हुये मोदी सरकार के मन्त्री मण्डल के फेर बदल के लिये जो पासा फेका गया है उसे कम से कम मन्त्री मण्डल के फेर बदल नही कहा जाना चाहिये बल्कि उसे मन्त्रीयों की हेरा-फेरी कहा जा सकता है I

मन्त्री मण्डल के हेरा फेरी के प्रकरण को देखे तो दो बाते साफ समझ मे आती है पहला कि कैसे शकूनी मामा ने बिहार के मुख्य मन्त्री श्री नीतीश कुमार को और उनकी पार्टी जदयू के कद को खुले आम छिछालेदर ही नही किये बल्कि भाजपा ने उनको धोबी का कुत्ता समझ लिया जिस कारण श्री कुमार के पार्टी के किसी भी संसद को शपथ ग्रहण कार्यक्रम मे शामिल होने का दावत तक नही दिया जब कि भाजपा और मोदी सरकार ने जदयू को हाल ही मे एनडीए मे शामिल किया था I

भाजपा ने मन्त्री मण्डल के हेराफेरी के दौरान अपनी धमक को कायम करते हुए एनडीए के अन्य प्रमुख दल जैसे शिव सेना और ए.आई.डी.एम.के को दर किनार कर के यह बता दिया कि मोदी के गर्व की आगे सभी घटक दल बौने है I

खैर भाजपा ने इस लम्बे पैमाने मे मन्त्रीयों हेरा-फेरी से यह साबित कर दिया कि अब तक जितने भी मन्त्रीयों को वीअरएस दिया गया है वे सबके सब नाकारा थे और मेरा मानना जो नये मन्त्रीयों की फेर बदल किया गया है वे सब के सब नाम के मन्त्री होगें क्यो की सभी मन्त्रालय की बाग डोर मोदी जी के देख-रेख मे ही चलता रहेगा जैसा की विदेश मन्त्रालय के साथ हो रहा है I

वेसे कल से ट्वीटर मे बहुत तेजी से ट्रेंड चल पडी है कि #मंत्री_नहीं_पीएम_बदलो इस ट्रेंड से  लोगो का उबाल मोदी जी शासन के ना कामयाबी का पता चल रहा है I आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का मानना है कि खूँटा बदलने से भैंस ज़्यादा दूध नही देगी I

देखा जाये तो अधिकांश मन्त्रीयो का बनना उनके योग्यता से नही बल्कि 2019 के लोक सभा चुनाव और अन्य उनके राजनीतिक कारणो से किये गये है और मोदी सरकार ने जिन फिता शाही पुर्व व्योरोक्रेट को मन्त्री मण्डल मे अपने छवि सुधारने के लिये किये है उन्हे पुर्व के मन्त्राल्य मे दिया गये योगदान के अनूसार नही दिया गये जिस कारण मौजूदा मन्त्रालय मे अनूभवहिनता के कारण नीम हकीम खतरे जान ही साबित होगा I

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