Tuesday, 27 April 2021

विदेशी अखबारों ने कोरोना और मौत को लेकर मोदी सरकार को जमकर लताड़ लगाई

दुनिया के बड़े अख़बारों ने नरेन्द्र मोदी को बताया खलनायक, कहाः सरकार की ग़लती से कोरोना वायरस ने मचाया हाहाकार, चुनावी  फ़ायदे के लिए रैलियां करते रहे ।

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को तार-तार कर दिया है।*फ़ॉरेन प्रेस ने उन्हें ऐसा नायक कहा जो अपनी ग़लत नीतियों की वजह से खलनायक में तब्दील हो चुका है।

दुनिया के बड़े अख़बारों का कहना है कि मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि कोरोना को वह हरा चुके हैं, पर वह ग़लत था।

फ़ॉरेन प्रेस के मुताबिक़, कोरोना की पहली लहर में सबसे कड़ी राष्ट्राव्यापी तालाबंदी या लॉकडाउन लगाकर मोदी ने वायरस को काफ़ी हद तक रोक दिया था। अलबत्ता दूसरी लहर ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। हालात ये हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है तो मरीज़ों की लाश गुर्दाघरों में इधर उधर पड़ी है।

द गार्डियन ने अपनी मेन स्टोरी में जो फ़ोटो लगाया है उसमें शमशान में जल रही चिता की ऊंची लपटों को दिखाया गया है। इसकी हेडिंग का हिन्दी अनुवाद हैः सिस्टम ढह गयाः भारत कोविड के नरक में गिरता हुआ।*द टाइम्ज़ लंदन ने भी मोदी पर ज़ोरदार हमला किया है।

Sunday, 25 April 2021

प्रयागराज में संक्रमण को लेकर हो रहे कागजी बातें, जिला प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं

पीएम मोदी का देश के लिए देखे गए आत्मनिर्भर का सपना को संक्रमण ने अंजाम तक पहुंचा दिया है । प्रयागराज के एक स्वयं  सेवी संस्था आगाज फाउंडेशन ने प्रयागराज में गिरते हुए प्रबंधन को लेकर जिस प्रकार के परेशानियों को अपने फेसबुक में साझा किया वो बहुत ही निराशाजनक है।

संस्थां के मुखिया ने लिखा कि संस्था के पास लगातार हेल्पलाइन पर या अन्य कार्यकर्ताओं के पास ऑक्सिजन, बेड आदि की व्यवस्था हेतु लगातार कॉल आ रहा है जिसमे अब हमें हाथ जोड़ना पड़ रहा है क्योंकि बेड कहीं है ही नही।

अब सवाल फ़िर से शासन और प्रशासन से ही है। हॉस्पिटल में बेड नही है, दिए गए दुकानों में रेमिडीसीवेर नही है, ऑक्सिजन सिलेंडर नही है.. तो व्यवस्था किस दिशा से सुदृण होगा इसका जवाब किसी के पास नही है।

संस्था ने आगे कहा कि अगर बेड की दिक्कते लगातार हो रही है तो क्यों कोई मैरेज हॉल या किसी बड़े सेंटर पर व्यवस्था नही किया जा रहा? लगातार लोग बिना बेड बिना इलाज के मर रहे है क्या इस पर भी राजनीति ज़रूरी है। सारी कार्यवाही पेपर तक कब तक सीमित रहेगा।

Friday, 9 April 2021

Appointment of the Chief Election Commissioner under the Collegium system should be done with the recommendations of the PAC of Parliament

The big game about EVMs started when the Modi government was formed, when many fingers were raised on the EVMs, the BJP changed its maneuver and made a drama of deliberate defeat in the assembly elections of many states so that EVMs can be vindicated.  .

The reality is that the Election Commission being an autonomus body has taken away their independence by the present government and the Election Commission has started to run directly from the PMO.

As long as the appointment of the Chief Election Commissioner is made by the recommendations of the PMO, the game of EVMs will continue, because the appointment of the Election Commissioner, the PM appoints his favorite retired IAS.

The appointment of the Chief Election Commissioner should also be based on the collegium system which can be selected through the PAC of Parliament.

Wednesday, 7 April 2021

देश का मुख्य चुनाव आयुक्त मोदी सरकार का मानसिक गुलाम बन चुका है, आयोग के फैसले ले रहे है #मो_शा जी



भाजपा बंगाल में थक हार कर #CashForVote को अपना लिया है, बंगाल के चुनाव के लिए बीजेपी रुपया खर्च करके वोट खरीदने में लगे है।

मोदी के जनसभा में सम्मलित होने के लिए 1000 रुपए के कूपन बांटे जा रहे और इस कूपन के जरिए के वोट खरीदना चाहता है। क्या बीजेपी का 200+ का नारा #CashForVote के दम पर है।

https://www.telegraphindia.com/west-bengal/west-bengal-assembly-elections-2021-cash-coupon-blows-up-on-bjp/cid/1811782

इन सब के बावजूद भी चुनाव आयोग क्यों खामोश है पर  #मो_शा के दबाव में आकर ममता बनर्जी को नोटिस थमाया है पर रुपए बांटने की खबर अंग्रेजी दैनिक The Telegraph में छपने के बाद कोई नोटिस बीजेपी को नही दिया है। 

क्या चुनाव आयोग बंगाल में भाजपा को जिताने के लिए सुपाड़ी लिए है।

Saturday, 3 April 2021

हिंदू मुस्लिम सौहाद्र के कारण बंगाल के चुनाव में बीजेपी की धार्मिक ध्रुईकरण सफल नही होगी

[ हिंदू मुस्लिम सौहाद्र के कारण बंगाल के चुनाव में बीजेपी की धार्मिक ध्रुईकरण सफल नही होगी ]

बंगाल के चुनाव में जब भाजपा ममता बनर्जी के विकास मॉडल के खिलाफ कोई शब्द बोल नही पा रहे है और साथ में पीएम मोदी के सात साल के कार्यकाल की उपलब्धि को गिनाने में असफल हुए तब जाकर अपने औकात पर उतर आए है।

भाजपा की औकात केवल हिंदू वोटों को ध्रुईकरण के जरिए अपने पक्ष में लाने का है और उनकी सोच है कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ गाली गलौज करने पर हिंदू वोट उनके पास आ सकते है।

इस प्रकार की सोच बीजेपी के कट्टर मानसिकता को दर्शाता है, इसी प्रकार की कट्टरता तालिबानी मुस्लिमों में पाए जाते है , इसका मतलब तालिबानी मुस्लिम और बीजेपी में कोई वैचारिक फर्क नही है।

बंगाल में शुरू से हिंदू मुस्लिम के बीच सौहाद्र बना हुआ है, चाहे वो कांग्रेस का शासन काल हो या बाम दल या तृणमूल का शासन काल में दोनो समुदाय में भाईचारा बना हुआ है और इस भाईचारे को भेदना बीजेपी के बस की बात नही है।

ईवीएम का रखरखाव बीजेपी के अनुमोदित संस्था के हाथो मे है तभी चुनाव के दौरान ईवीएम टांग उठाते रहते है

देश मे ईवीएम को लेकर @ECISVEEP की जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव कराने की है पर बंगाल के चुनाव में ईवीएम शुरुवाती दौर में भरी संख्या में Retired hurt होते दिख रही है उससे एक बात साफ होता दिख रहा है की चुनाव पूर्व ईवीएम के रखरखाव में बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रहा।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2911247759134032&id=100007465083144

ईवीएम के रखरखाव के विषय पर चुनाव आयोग की भारी खामोशी एक चिंता का विषय है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का खास बात यह है जब उसके साथ पूर्व में अनर्गल छेड़खानी किया जाएगा तो उसमे निश्चित तौर पर खामियां देखने को मिलेगा।

Friday, 2 April 2021

भाजपा बंगाल का चुनाव ईवीएम की हेरा फेरी से जीत सकते है जब कि बंगाल में बीजेपी की प्रतिकूल परिस्थिति चल रही है

जो युवा आईएएस/आईपीएस/आईएफएस/ या अन्य परीक्षाओं की तैयार कर रहे है क्या बिना परीक्षा में बैठे अपनी सफलता को दावे के साथ कह सकते है, बहुत अच्छा परीक्षा देने के बाद बावजूद भी कोई परीक्षार्थी शत प्रतिशत परिणाम लाने का दावा नही कर सकता है।

इसके विपरित बंगाल के चुनाव के घोषणा के बाद अमित शाह दो सौ सीट जितने का दावा कैसे ठोक सकते है, इससे एक बात साफ होता दिख रहा है कि चुनाव आयोग के चुनाव घोषणा के पूर्व दोनो बीजेपी और चुनाव अयोग निश्चित रूप से कोई सांठ गांठ हुआ है तभी मतदान ना होने पर इस प्रकार के दावे किए जा रहे है।

गौरतलब है कि लोकसभा के मतदान के पूर्व अमित शाह ने 300 सीट जितने का दावा किया था और परिणाम भी उनकी भविष्यवाणी को सही साबित किया था, हकीकत में ईवीएम में ही बीजेपी का प्राण बसा हुआ है और जिन प्रदेशों में चुनाव हारे है वो ईवीएम को सही सिद्ध करने के लिए हारे है।

Thursday, 1 April 2021

भाजपा बंगाल चुनाव को जीतने के लिए चुनाव अयोग और अर्ध सैनिक बलों का कर रहे दुरुपयोग

भाजपा की बंगाल में सत्ता हासिल करने की लालच ने ना केवल चुनाव आयोग बल्कि देश के अर्ध सैनिक बल की प्रतिष्ठा को दांव में लगा दिया, आजतक इन दोनो संस्थानों को भारतीय समझा जाता रहा पर नंदीग्राम में चुनाव के दिन अर्ध सैनिक बलों ने जो कारनामे दिखाए है वो लोगो चौंका सा दिया है।

नंदीग्राम में चुनाव आयोग ने चुनाव वाले दिन 144 धारा लगाकर तथा अधिक संख्या में अर्ध सैनिक बलों का प्रयोग करके भाजपा के गुंडा वाहिनी को मतदान केंद्रों को कब्जा करने और बड़े पैमाने में फर्जी वोट डालने के लिए रास्ता खोल दिया था।

भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बंगाल के चुनाव को अपने प्रतिष्ठा के  साथ जोड़कर देख रहे है यहां तक बात समझ में आती है पर अपने सिद्धि के लिए चुनाव अयोग और अर्ध सैनिक बलों का दुरुपयोग करके अपने बाहरी गुंडा के जरिए मतदान केंद्रों को कब्जा करना उचित नही है।