Friday, 25 December 2020

किसान संवाद के जरिए पीएम मोदी अपने पूंजीपति मित्रो के लिए आम जनता को गुमराह कर रहे है

पीएम मोदी किसान से संवाद के दौरान यह बताना भुल गए कि किस आशय से आवश्यक वस्तु अधिनियम में भंडारण करने की इतनी भारी छूट दिया है, क्या अदानी और अंबानी ग्रुप के द्वारा अनाज के भंडारण पर खर्च किए भारी भरकम रकम को ध्यान में रखकर दिया गया है।

https://www.aajtak.in/amp/india/news/video/pm-supports-agricultural-laws-in-farmers-dialogue-direct-target-on-mamata-banerjee-1182549-2020-12-25?__twitter_impression=true

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से खरीदे गए अनाज को भंडारण की आवश्यकता होगी और इस कारण मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करके अपने पूंजीपति मित्रों के लिए खुला खेत फर्रुखाबादी करके रख दिया है जिससे पूंजीपति होर्डिंग करके कालाबाजारी को बढ़ा सके।

देश के बुद्धिजीवी और पढ़े लिखे जमात को इन तीन काले कृषि कानून के जरिए गुमराह नहीं कर सकते है और इससे बचने के लिए मोदी सरकार संसद में इन कानूनों को लेकर बहस कराने का साहस तक दिखा नहीं सके।

हालांकि कि किसान आंदोलन को लेकर दायर किए जनहित मुकदमे को लेकर उच्चतम न्यायालय मौखिक आब्जर्वेशन में एक अलग से एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव दिया पर मोदी सरकार ने शीर्ष अदालत के प्रस्ताव पर घास तक नहीं डाला और दूसरे तरफ अनेक किसानों का देहांत इस आंदोलन के दौरान जो चुका है।

Monday, 14 December 2020

মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের বিশাল প্রতিভা এবং খ্যাতির কারণে বিজেপি বাংলায় পিছিয়ে রয়েছে

[মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের বিশাল প্রতিভা এবং খ্যাতির কারণে বিজেপি বাংলায় পিছিয়ে রয়েছে]

 এটা বোঝা যায় যে, জে পি নদ্দার কাফেলার পৃষ্ঠপোষকতায় পাথর ছোঁড়ার ঘটনার বেশ কয়েক দিন পরে মোদী মিডিয়া_চ্যানেলগুলিতে এই আলোচনা আজ অব্যাহত রয়েছে এবং কৃষক আন্দোলনকে ঘুরে বেড়াতে গণমাধ্যমের লক্ষ্য হিসাবেও করা উচিত।

 বাংলার ভোটাররা সকলেই বুঝতে পেরেছেন যে স্পনসরিত এই পাথর ছোঁড়ার নাটকের পিছনে বিজেপি প্রকাশ্যে রয়েছে এবং বেঙ্গল পুলিশ বহু পাথর ছোঁড়ায়ে গ্রেপ্তার করেছে যাদের বিজেপির সাথে যোগাযোগ রয়েছে।

 কোনও সন্দেহ নেই যে বিজেপি সর্বশেষ লোকসভা নির্বাচন অনুষ্ঠিত হওয়ার পর থেকে তার অর্থশক্তির কারণে ছোট ছোট ঘটনাগুলি ঘটাচ্ছে এবং বেঙ্গল বিজেপি সভাপতি দিলীপ ঘোষ তাঁর সংবাদের কারণে, অবিচ্ছিন্ন বাচ্চা  মিসেস মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের বিরুদ্ধে কথা বলতে থাকেন।

 বাংলায়, টিএমসির বিরুদ্ধে এতটা আভা ও চিৎকার সত্ত্বেও, বিজেপি টিএমসির বিরুদ্ধে বিরোধী পদক্ষেপ তৈরি করতে পারছে না, যার কারণে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের আকাশচুম্বী প্রতিভা কোনও বিজেপি নেতার বিচরণ করতে পারছে না।

पश्चिम बंगाल में अपराध और कानूनी व्यवस्था के मामले में उत्तरप्रदेश से बहुत बेहतर

अपराध के मामले में यूपी अपने पीएचडी का दर्जा प्राप्त कर चुका है और दूसरी तरफ बंगाल में चुनाव के पूर्व मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने का मतलब चुनाव से पहले भाजपा अपने हार को स्वीकार करने जैसा होगा।

मोदी सरकार अगर बीजेपी प्रायोजित पत्थरबाजी के आधार पर पश्चिम बंगाल की एक चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास करेगी तो निश्चित रूप से इसे उच्च अदालत पर चुनौती दिया जायेगा। ध्यान देने वाली बात यह है मोदी सरकार ने उत्तरंचल सरकार को गिराया था लेकिन बाद में मोदी सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी।

अगर राज्यपाल के रेक्कोमेंडेशन से सरकार गिरा सकते तो आजतक सभी गैर भाजपा शासित राज्यों के राष्ट्रपति शासन होता लेकिन उच्च अदालतों के कुछ ज़मीर बचे होने के कारण अनर्गल रूप से जनता द्वारा चुने गए सरकार को गिराना आसान नहीं है।

यह बात सही है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होती है पर कानूनी व्यवस्था तो उत्तर प्रदेश ढूंढने पर नहीं दिखाई देता है, यूपी में जिस प्रकार से बीजेपी के समर्थक एक आईपीएस रैंक के एसपी को मारने में कामयाब होते है तो इस प्रकार का दृश्य कम से कम बंगाल में नहीं देखने को मिला है।

अपराध को ध्यान में रखते हुए यह बात कही जा सकती है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश अपराध के मामले पीएचडी कर चुके है और बंगाल में जो भी घमासान देखने को मिल रहा है वो 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के प्रायोजित दंगे के कारण हो रहा है।

Wednesday, 9 December 2020

Why opposition parties are silent on the drastic change in the Essential Commodities Act made in favour of Black marketeers

Strange that the general public is thinking that the agriculture bill is only related to the farmers and has nothing to do with the general public's interest, when the Modi government has made an amendment through the farmers bill which is against the completeness of the Essential Commodities Act.  .

  https://fb.watch/2gl6mhRvcV/
 
It is a matter of misfortune that the opposition parties of the country have remained silent on the drastic chang made in the Essential Commodities Act by the Modi government.

Such legal exemption will lead to hoarding for capitalists while hoarding is a matter related to the general public of the country, since it will promote blackmarketing in the country.

How opposition parties could promote and endorse blackmarketing of essential commodities by the big traders ?

Thursday, 3 December 2020

कृषि बिल को लेकर आम जनता आवश्यक वस्तु अधिनियम ( भंडारण नियम) के मामले को लेकर चुप क्यों है

इस बिल के पास होने से पहले आवश्यक वस्तु भंडारण के मामले में पहले जो कानून पारित किए गए थे उस कानन के हिसाब से कोई भी व्यापारी उपभोक्ता वाले वस्तुओं को होर्डिंग याने जानबूझकर किसी खाद्य सामग्री को रोक कर रखने पर पाबन्दी थी।

https://m.youtube.com/watch?feature=share&v=3EUL_f8vGJ0

यह बात सभी को पहले से पता है कि भाजपा को मूलत: बनिया की पार्टी समझा जाता रहा है लेकिन मण्डल या रामजन्म भूमि के बाद बीजेपी पर ब्राह्मणों का कब्जा हो गया है पर इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा बनिया समुदाय से दूर  हो गए है।

मोदी सरकार के इस नए आवश्यक वस्तु के भंडारण नियम में जो उलट फेर किया है उससे साफ पता चल रहा है कि संघ बनिया लॉबी को अपने साथ रखने पर आमादा है और एमेंडमेंट के जरिए व्यापारी या बनिया को भंडारण के लिए खुला छूठ दे दिया है ताकि वे मनमाफिक भंडारण करके होर्डिंग के जरिए कालाबाजारी करने का सुवर्ण अवसर दे दिया है।

इस नए नियम के लागू होने के बाद निश्चित रूप आवश्यक वस्तु के किल्लत देखने को मिलेंगे और जिसका सीधा प्रभाव आम जनता पर आना निश्चित है। कृषि कानून को लिंक में दिए गए वीडियो के ज़रिए समझा जा सकता है।

मोदी सरकार किसान आन्दोलन के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि नष्ट हो रही है

देश में 3 कृषि कानून ऐसे है जो किसानों के हित की जगह मोदी सरकार के कुछ पूंजीपतियों के हित के लिए गया। अगर कृषि कानून किसान और आम जनता के हित में ना होकर पूंजीपतियों के हित में तो किसानों के द्वारा आन्दोलन जायज है। 

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=705116403769711&id=100028140732344

मोदी सरकार किसान संगठनों के साथ क्यों बैठक करना चाहते है यदि कृषि कानून किसानों के हित में है। किसानों के साथ नए सिरे से बैठक करके मोदी सरकार खुद साबित कर रहे है कि तीनों कृषि कानून में भारी लोचा है।

मोदी सरकार के अंहकारी और हटधर्मिता के कारण किसान आन्दोलन की गूंज विदेशों में सुनने को मिलने लगे है और तमाम देश के प्रधान लोगो के इस आन्दोलन को लेकर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है और जिस कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल होती जा रही है।

अगर किसान आन्दोलन दस या पंद्रह दिन तक और खीच गई तो अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में देश के साथ साथ पीएम मोदी के अंतर्राष्ट्रीय छवि धूमिल हो जायेगी और साथ में अनेक देशों के प्रधानों को बोलने का मौका और अवसर मिल जायेगा।

Tuesday, 1 December 2020

क्या मोदी सरकार देशद्रोहियों के साथ खड़े है ? पीएम मोदी को जवाब देना होगा कैसे सीडीएस और बीजेपी सांसदों ने चीनी कार किया लॉन्चिंग

सेना के सबसे उच्च पद सीडीएस में आसीन विपिन रावत और भाजपा के सांसद और मंत्री तो निकले देशद्रोही, जिन्होंने चीन के द्वारा निर्मित कार को देश में लॉन्च किया।

इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस चीनी कार के लॉन्चिंग के चीनी कार के निर्माताओं ने विपिन रावत और अन्य भाजपा के सांसदों को कितने कितने के करोड़ रुपए हवाला के जरिए आदा किए है।

आश्चर्य की बात यह है चीनी द्वारा देश के जमीनों पर ढेर सारा कब्जा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह ने कैसे इन लोगो को चीन के द्वारा निर्मित कार के लॉन्चिंग के लिए अनुमति प्रदान किया है। इन बातों से साफ़ जाहिर ही रहा है कि पीएम मोदी ने चीन के आगे घुटने टेक दिया है, इतना कमजोर प्रधानमंत्री तो किसी भी देश में देखना दुर्लभ है।