Thursday, 28 June 2018

मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक पर फर्जीकल वीडियो का हुआ पर्दाफाश



जिस सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो देश की आर्मी ने दिखाने से मना किया या नहीं दिखाई तो २ साल बाद भाजपा के आई टी सेल ने फोटोशॉप वीडियो को आर्मी से बिना पूछे ही गोदी मीडिया के सहारे देश की जनता को बेवकूफ बनाने की नाकाम कोशिश की

जिस वीडियो को India Today के news चैनेल ने Breaking news करके चलाई वह वीडियो खुद ही संदेह युक्त है, उसका कारण है उक्त वीडियो को भारतीय सेना ने लिक नहीं की है और वो ऐसा कर भी नहीं सकते है, क्यो की सेना ने पूर्व में ही न दिखाने की बात कर चुके है I

पूरे वीडियो को लोंग शॉट से शूट किया गया है जिस कारण न तो भारतीय सेना के जवानों के चेहरे साफ़ दिख रहे है और ना ही कोई हथियार देखने को मिले और साथ में देश के झंडे भी नहीं दिखे, इस प्रकार के तमाम वीडियो गूगल में सर्च करने पर मिल सकते है I

जिस फोटोशॉप वीडियो के सहारे मोदी सरकार के मंत्री ने आज प्रेस कांफ्रेंस की यह भी अपने में हाष्यपद विषय है, उन्हें बताना चाहिए था कि मोदी सरकार ने इस वीडियो को यूएनओ को क्यो नही भेजा गया, जब की उक्त संगठन ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को फेक घोषित किया था I

यह भी जानना जरुरी है कि जिस Army General ने Surgical Strike का जोरदार खुलासा मीडिया के सामने किया था तो क्या कारण इस बार हुआ जो मौजुदा Army General इतने बडे वीडियो का खुलासा क्यो नही किया और भूतपूर्व आर्मी जनरल अवकास के बाद किस सरकारी पद का शोभा बढा रहे है I

मोदी सरकार के पास 2019 के चुनाव को जीतने के लिए फर्जी बातो का सहारा रह गया है, कभी नेहरू, तो कभी इंद्रा गांधी तो कभी आपात काल, अगर देखा जाए तो उक्त वीडियो के जरीए मोदी सरकार ने भारतीय सेना के सम्मान को ठेस पहुंचाए है, क्यो की सेना ने इसे वीडियो को दिखाने की बात पूर्व में राजी नहीं हुए थे I



Friday, 15 June 2018

मोदी सरकार ने रक्षा सौदा के लिये विदेशी लॉबींग़ को किया खत्म और खुद कूद पडे लॉबींग़ मे

कांग्रेस के जमाने जब रक्षा समानो के सौदे हुआ करते थे तब किसी समान की खरीद फरोक्त के पूर्व International tender भारत सरकार की तरफ से दिये जाते थे और जैसे ही Tender float होता था उसी समय विदेश के तमाम कम्पनी के आला आधिकारी दिल्ली के North/ South block मे डेरा जमाना चालू कर देते थे, उनका यह डेरा जमाना अपने समानो की विशेषता को समझाने के लिये नही आपितू उनकी उपस्थीति उक्त मन्त्रालय के बडे अधिकारी के साथ Lobbying के लिये होता था I

https://openkhabar.com/rafael-me-ek-or-ghotala/?utm_source=social&utm_medium=push

लॉबींग़ की जरुरत इस लिये पडता था कि विदेशी कम्पनी उक्त टेण्डर को पाने के लिये Kick back मन्त्रालय के आला अधिकारी को चढावा के रुप मे ऑफर करते थे, ध्यान देने वाली बात है कि देश मे Kick back का पहली खबर राजीव गान्धी के शासन काल मे विश्वनाथ सिंह ने Boffors तोप के खरीद फरोक्त के लिये राजीव गान्धी के खिलाफ लम्बे Kick back लेने का आरोप जड दिया था I

सुत्रो की माने तो 2014 मे प्रधान सेवक के गद्दी सम्भालने के बाद रक्षा सौदा के खरीद फरोक्त को लेकर विदेशी कम्पनीयों द्वारा लॉबींग़ की परम्परा को खत्म कर दिया गया I

बदले मे एक नई परम्परा का आरम्भ किया गया जिसमे किसी सौदे के खरीद के पूर्व ही उक्त सौदे के असली दाम से 10 गुणा दाम बढा कर खरीद करने की बात तय की जाने लगी जिससे सौदा बेचने वाली कम्पनी को Kick back देना ही न पडे और मोदी जी Kick back लेने के आरोप से बच जायें I

आखिर एक ही सौदा को दस गुणा अधिक दाम से खरीद करने का क्या मतलब है जैसा की मोदी सरकार ने अमेरिका से लड़ाकू AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर को दस गुणे महंगे दामों में खरीदा है ऐसे ही मोदी सरकार राफेल विमान डील मे कई गुणा अधिक दामो खरीद की गई थी I

अधिक दामो मे सौदा खरीदने का एक मात्र कारण है कि किसी भी तरह मोदी सरकार Kick back के लफडे मे नही फंसना नही चाहते है, अधिक दामो मे खरीद का मतलब देश के White Money को विदेशी कम्पनी को भेजाना और Return gift मे बढे हुए दाम को अपनी पार्टी फण्ड के लिये वापसी लेना, यह तो देश के रुपयों की घर वापसी ही तो हुई I

Monday, 11 June 2018

मोदी सरकार कश्मीर मे शासन की लालच मे महबूबा मुफ्ती के हाथ की कठपुतली बन चुकें है

प्रधान सेवक के राज तीलक के बाद से ही एक के बाद एक कारनामे देखने को मिलते चले आ रहे है और जिस कारण देश को भारी क्षती का सामना करना पड रहा है और यह सब प्रधान सेवक के तुच्छ राजनीति के लिये ही हो रहा है, जो काम किसी भी पिछली सरकारों ने न की हो पर प्रधान सेवक ने देश को अपने राजनीतिक प्रयोगशाला समझते हुए कर डाला है I

https://timesofindia.indiatimes.com/.../articleshow/53903593.cms?from=mdr

एक बात समझ के परे है कि भाजप और आरएसएस रोहंगिया मुस्लिमो के प्रति इतना खुन्नस क्यो खायें हुए है जब कि दुसरी तरफ पाकिस्तान द्वरा भारत मे भेजे गये 36,343 मुस्लिम शरणार्थीयों परिवारों को जिसे पॉक औकोपाईड कश्मीर (POK ) के मार्ग से भेजे गये है पर मोदी सरकार इन परिवारों पर इतनी उदारता क्यों दिखा रहे है, मोदी सरकार ने इन परिवार के लिये 2000 करोड का पैकेज ऐलान किया हुआ है I

अब यह जानना जरुरी है कि इन 36,343 शरणार्थी परिवारो को मोदी सरकार ने देश से निकालने का काम काश्मीर से क्यों नही किया गया जब कि रोंहगिया मुस्लिम शरणार्थीयो को देश से निकालनी की भाजपा की पुरी तैयारी पुरे जोर से शुरु कर चुके है I

जब मोदी सरकार ने इतने बडे पैमाने POK के शरणार्थीयो के लिये पैकेज की घोषणा कर चुके है तो यह बात भी समझ लेनी चाहिये की PDP और BJP सरकार ने इन परिवारो को राष्ट्रीयता ( Nationality ) के साथ वोटर आईडी कार्ड एंव आधार कार्ड भी निश्चित तौर मुहय्या करा चुके होगें I

कुल मिलाकर मोदी सरकार शासन के लालच मे पडकर पीडीपी के राजनीतिक वोट बैंक को मजबूत करने मे लग गये है और साथ मे देश के खिलाफ आस्तिन के सांपो को दूध पिलाने का काम कर रहे है, कौन कह सकता है यही शरणर्थी परिवार पाकिस्तान से भेजे गये आतंकीयों को अपने घरो मे शरण देने का काम नही कर रहे है, गौर करने वाली बात यह है कि मोदी सरकार के आने के बाद आतंकी हमले बढे है और साथ मे देश के जवानो के शहीद होने मे इजाफा भी हुआ है I


Sunday, 3 June 2018

भाजपा का चुनाव जीतने का मूल मन्त्र है Selective EVM tampering

मोदी जी के प्रधान मन्त्री बनने और अमित शाह का भाजपा का अध्यक्ष पद सम्भालने के बाद भाजपा की चतुराई ही असल मे उनका मुख्य हतियार बन चुका है, किसी भी विधान सभा चुनाव को ध्यान से देखे तो अमित शाह की चतुराई सामने दिखने लगती है I

जिस राज्य मे विधान सभा चुनाव होना है, उस राज्य मे गिद्द की तरह अमित शाह का उस राज्य के विभिन्न शहरों मे विचरण शुरु कर देते है, उनका उक्त राज्य मे भ्रमण किसी राजनीतिक उद्देश्य से नही आपितू मोदी जी के चुनावी रैलीयों के लिये भाडे के भीड इक्कठा करने के लिये होता हैं, होम वोर्क के रुप मे पहले से ही तय कर लिया जाता है किन-किन शहरों मे मोदी जी की रैली होनी है और उसी हिसाब से रुपयो की थैली भी साथ मे बांट दी जाती है I

उसी दौरान चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर EVM setting का खेल भी चालु कर लिया जाता है, जिसकी जानकारी किसी भी विपक्ष दलो को नही हो पाती है क्यों कि सारा खेल मुख्य चुनाव आयोग के अगुवाई मे की जाती है I

अमित शाह पहले से ही आंकलन कर लेते है कि किस Constituency मे भाजपा कमजोर है और Selective EVM tampering उन्ही Constituency मे की जाती है और जिस Constituency मे भाजपा मजबूत हो, उन जगहों ई.वी.एम गंगा जल से भी पवित्र होती है I

https://www.jansatta.com/sunday-column/tavleen-singh-article-way-to-delhi/676122/

Selective EVM tampering का खेल पिछले गुजरात चुनाव और कर्नाटक के विधान सभा चुनाव मे देखने को मिला, जंहा कर्नाटक मे कांग्रेस के लगभग 30 मन्त्रीयों को हार का सामना करना पडा और EVM tampering ही एक वजह रही जिसके कारण भाजपा 40 सीट से 104 सीट छलांग लगाई I

उचित calculation के अभाव के कारण भाजपा को बहुमत से दूर रहना पडा I एक बात तो माननी पडेगी कि भाजपा ईवीएम की Credibility को बनाये रखने के लिये Selective EVM tampering का खेल किसी भी उप चुनाव मे नही की और इस कारण कई उप चुनाव मे भाजपा को हार का सामना करना पडा I

ईवीएम के घाल-मेल और हेरा फेरी को लेकर लगभग सभी राजनीतिक दल के अलावा आम जनता अपनी आवाजें बुलन्द करते आ रहे है पर भाजपा ने ई.वी.एम को लेकर कोई विरोध प्रदर्शन आजतक नही किया और दुसरी तरफ भाजपा के सहयोगी दल शिव सेना ने तो जमकर ई.वी.एम के साथ मुख्य चुनाव आयोग को खुब लताडा है और 2019 के लोक सभा के चुनाव मे बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की I

दूर्भाग्य की बात यह है कि लगभग सभी विपक्ष दलो ने बैलेट पेपर के द्वरा 2019 मे चुनाव कराने की मांग न्यूज चैनेलों के सामने करते आ रहे पर संसद मे बैलेट पेपर को लेकर कोई शोर-सराबा नही की, अब देखना यह है कि विपक्ष पार्टीयां बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मूहिम को संसद के Monsoon session सत्र मे दबाव बना पाते है कि नही अगर दबाव बना लेते है तो मोदी सरकार को ' मिले सुर मे सुर हमारा ' गाना ही पडेगा I