Sunday, 22 April 2018

Political Analysis of India: मोदी सरकार को महाभियोग को लेकर इतना परेशान क्यों ह...

Political Analysis of India: मोदी सरकार को महाभियोग को लेकर इतना परेशान क्यों ह...: कांग्रेस और अन्य पार्टी द्वरा उच्चतम न्यालय के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के नोटीश जमा करनेवाले मामले मे अभी तक उपराष्ट्रपति ने को...

मोदी सरकार को महाभियोग को लेकर इतना परेशान क्यों है, जब की महाभियोग का अधिकार संविधान मे उल्लेख है

कांग्रेस और अन्य पार्टी द्वरा उच्चतम न्यालय के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के नोटीश जमा करनेवाले मामले मे अभी तक उपराष्ट्रपति ने कोई ठोस फैसला नही किया है पर भाजपा द्वारा विधवा प्रलाप करते हुए छाती पिटना केवल इस बात का संकेत करता है कि हाल मे उच्चतम न्यालय द्वारा अमित शाह के पक्ष मे दिये गये फैसले को भाजपा द्वरा बचाव करने की एक कोशिश मात्र है I

अगर देखा जाये तो मुख्य न्यायाधीश को इस महाभियोग के संदर्भ मे जितनी पेट मे मरोड या चिन्ता सतानी चाहिये थी वह तो देखने को नही मिली परन्तु मोदी सरकार इस महाभियोग को लेकर Angina pain का शुरु हो जाने वाली बात को गम्भीरता से समझने की जरुरत है I

भले ही महाभियोग का मामला राजनीति से प्रेरित है पर यह भी सत्य है महाभियोग की प्रक्रिया पुरे दम से संविधान अधारित है जिसे नकरा नही जा सकता है और देश का संविधान जब इस बात का अधिकार राजनीतिक पार्टी को महाभियोग के मामले मे प्रदान करती है तब मोदी सरकार को किस बात की आपत्ती है I

https://www.nationalheraldindia.com/opinion/prashant-bhushan-its-the-government-which-tried-to-blackmail-the-chief-justice-of-india?utm_source=one-signal&utm_medium=push-notification

देश के अधिकांश जनता को इस बात पर कोई संदेह नही कि देश के लगभग सभी संविधानिक संस्थानो के साथ जूडिशियरी भी मोदी सरकार से प्रभावित हो चुकी है जिसे नकारा नही जा सकता है और कांग्रेस और अन्य पार्टी के द्वारा लाये गये महाभियोग कंही न कंही मोदी सरकार के इस प्रभाव को पर्दाफास करने की चेष्ठा के रुप मे देखा जाना चाहिये I

भाजपा सरकार यह भली भांती जानती है कि उच्चतम न्यालय के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का लाना लोहे के चने चबाने जैसा है तो फिर कांग्रेस और अन्य पार्टी द्वारा लाये गये महाभियोग को लेकर मोदी सरकार हाय तौबा करना और साथ मे यह कहना कि कांग्रेस जूडिशियरी को डरा रही है I

जब की उच्चतम न्यालय के अधिवक्ता श्री प्रशान्त भूषण के कथानुसार मोदी सरकार उच्चतम न्यालय के प्रधान न्यायधीश को किसी मामले को लेकर ब्लैकमेल कर रही है और जिसके फलस्वरुप जस्टिस लोया के मामले को रफा दफा किया गया है I

Tuesday, 10 April 2018

आम चुनाव से पहले ईवीएम के खरीद फरोक्त मे शुरु हो चुका है जबरदस्त धांधली

मोदी सरकार 2019 के आम चुनाव की तैयारी ईवीएम के फर्जी खरीद फरोक्त से शुरु कर चुकी है Iइस फर्जी खरीद फरोक्त को अगर राजनीतिक पार्टीयां उच्चतम न्यालय मे चुनौती नही देती है तो आगे चल कर केवल हाथ मलना पडेगा I

यह सर्वविधित है कि मुख्य चुनाव आयोग पर प्रधान सेवक का अकथित रुप से कब्जा हो चुका है और अगले चुनाव मे ईवीएम के खरीद फरोक्त मे जो धांधली दोनो की मिली भगत से चल रही है उसको चुनौती देना जरुरी हो चुका है I पुरी खबर को अवश्य पढे और शेयर करें



https://www.firstpost.com/india/rti-reveals-contradictory-numbers-of-evms-from-election-commission-suppliers-raise-question-mark-on-polls-4422967.html

Sunday, 8 April 2018

केजरिवाल के आगे डोर टु डोर राशन डेलिवेरी सिस्टम मामले मे एल.जी को खाना पड़ा सेल्फ गोल

प्रधान सेवक और उनके तडीपार अध्यक्ष अमित शाह ने तमाम मानहानि के मुकदमे के जरिये श्री केजरिवाल को फास्ट ट्रैक कोर्ट के बल से जेल भेजने और आम आदमी पार्टी को खत्म करने की योजना बनाये थे उस पर केजरिवाल ने पैंतरा बदलते हुए माफिनामा के जरिये उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया I

दिल्ली मे राशन वितरण मे पाये जाने वाले घोर अनिमितताओं को खत्म करने दिशा मे एक बडे कदम उठाते हुए Door to door delivery सिस्टम को लागू करने के उद्देश्य से केजरिवाल एल.जी को सुझाव भेजा पर एलजी महोदय ने अपने आई.ऐ.एस अफसरान और भाजपा के नेताओ द्वारा फैलाये गये राशन घोटालों को ऑक्सिजन प्रदान करने के नियत से Door to door delivery सिस्टम को पुरे दम से नकार दिया और फाइल को दिल्ली सरकार को वापस भेज दिया I

https://twitter.com/twitter/statuses/983057405679472643

अब श्री केजरिवाल भाजपा और आई.ऐ.एस के द्वरा फैलाये गये राशन घोटालों को कब तक बरदास्त करते, इस घोटाले से स्थाई निजात पाने के नियत से श्री केजरिवाल ने फिर एक बार अपने बुद्दी का परिचय देते हुए जान बूझ कर विधान सभा के पटल पर सीऐजी की रिपोर्ट को रखा और जान बूझकर राशन घोटाले को लेकर चर्चा करवाई I

अमूमन कोई भी राज्य सरकारें सीऐ.जी की रिपोर्ट को सदन मे रखने से कतराती पर केजरिवाल का मंसा तो राशन घोटालो को उजागर करना था और साथ मे इन घोटालों की खात्मा के लिये सीऐजी से Door to door delivery system को Recommend करवाना था जो सीएजी ने अपने रिपोर्ट मे कर चुके है I

राशन घोटाले का मामला सामने आते ही भाजपा और मोदी जी के गोदी मीडिया को लगा की आम आदमी पार्टी को घेरने का बडा मौका मिल गया है और बिना समझे बूझे केजरिवाल सरकार का फलूदा निकाल मे लग गये और दूसरी तरफ केजरिवाल पुरे घोटाले का दोषी एलजी और उनके आई.ए.एस गुर्गो पर डाल दी I

अपनी होशियारी को कायम रखते हुए केजरिवाल ने पुरे घोटाले की जांच को सी.बी.आई से कराने की मांग कर दी और और इसके फलस्वरुप एल.जी को बैक फुट आना पडा और साथ मे Door to door delivery system के फाइल को भी पास करना पडा, वैसे अब देखना यह है कि एलजी महोदय सीबीआई जांच के लिये राजी होते है कि नही I