Sunday, 18 March 2018

मझेठिया जैसे ड्रग माफिया को मिला मोदी सरकार और पंजाब की कांग्रेस सरकार का साथ, नही की कोई एस.आई.टी से जांच

पंजाब के शहर से लेकर गांव तक विक्रम मझेठिया का नाम बच्चो से लेकर बुर्जग लोग के जुवान मे बैठा हुआ है, उनका यह प्रचार उनके समाज सेवा या किसी बडे पैमाने मे धर्माथ कार्यो के लिये नही है आपितू उनकी पहचान एक ड्रग माफिया के रुप मे बनी हुई है, जिसे मोदी सरकार से लेकर पंजाब के कांग्रेस की सरकार अच्छी तरह से जानते है और पिछले विधान सभा के चुनाव मे कांग्रेस ने पंजाब से ड्रग के कारोबार को खत्म करने की बात पर मझेठिया का नाम लिया था I

जब आम आदमी पार्टी के मुखिया श्री अरविन्द केजरिवाल ने पंजाब के चुनाव मे जम कर उछाला तो मझेठिया को जबरद्स्त मिर्ची लग गई और पूंजिपति होने के नाते उन्होने मानहानी का मुकदमा केजरिवाल पर ठोक डाला I

कहते है कि कहीं मारे वीर तो कहीं भागे वीर और कुछ ऐसा ही कार्य केजरिवाल ने किया, उन्होने राजनीति से प्रेरित होकर मझेठिया से माफी के पेशकश की, केजरिवाल इसी बहाने मोदी सरकार और पंजाब के कांग्रेस सरकार का ड्रग माफिया के साथ गठजोड का खुलासा यह कह कर किया कि पंजाब की अमरिंदर सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार दोनों ने अदालत में कोई जांच रिपोर्ट नही दी, और मजीठिया को क्लीन चिट मिल गया I

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इस बात से यह खुलासा तो हुआ कि पंजाब मे मझेठिया के दस सालों से अधिक समय से चले आ रहे ड्रग कारोबार से हुए लाभ मे भाजपा और कांग्रेस की झोली भी चन्दे के रुप मे भरते रहे और शायद यही कारण रहा जो दोनो सरकार ने अदालत मे कोई जांच रिपोर्ट पेश नही की और दुसरी तरफ मझेठिया को क्लिन चिट भी मुहैया करवाया. पंजाब मे ड्रग के कारण जो भी परिवार उजडे उसके पिछे मझेठिया को बचाने वाले दोनो पार्टी उतने पाप के भागीदार है जितना मझेठिया है I

उच्चतम न्यालय के चार वरिष्ठ जजो द्वारा देश के लोकतन्त्र की खतरे वाली बात कह कर देश के लोगो को चार जजो ने यह संदेश देने की कोशिश की जो न्यालय मे चल रहा है वह ठिक नही है

उन चार जजों की बातें तब पुक्ता साबित हुई जब उच्चतम न्यालय ने दिल्ली सरकार बनाम एलजी के पॉवर शेयरिग वाले मुकदमे की सुनवाई खत्म होने के बावजूद भी माननिय कोर्ट ने अपने फैसले को अनिश्चित काल के लिये सुरक्षित करके रखा है, जब कि आम प्रचलन यह भी है कि Justice delayed is justice denied I

Judiciary के इस माहौल एंव जांच एजेंसियां केंद्र सरकार की कठपुतली होने वाली बात को ध्यान मे रखकर अरविन्द केजरिवाल ने माफी मांगने की जो पेशकश की वो काम केवल एक बुद्दीमान व्यक्ती ही कर सकता है, केजरिवाल मे एक खास बात है कि वे जल्दी भावनाओ मे नही तैरना चाहते है बल्कि भगवान कृष्ण से प्रेरित होकर रण छोड होना पसंद करते है I

मानहानि के मुकदमे अब फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेंगे
साबित न होने पर 2 साल की सज़ा का प्रावधान है
केंद्र सरकार पहले से ही अरविंद के पीछे

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