एक पुरानी कहावत है कि तेली का तेल जले और मशालची की ...... फटे, वही हाल भाजपा (मशालची) और उनके गोदी मीडिया का है, जब माफी मांगने वाले का कोई संकोच नही है तो भाजपा और गोदी मीडिया क्यों जले जा रहे है, जलने की कोई ठोस वजह तो होगी ही, चलिये खोजते है उनके जलने का राज I
केजरिवाल ने अपने माफीनामो की प्रमुख वजह दिल्ली के लोगो के प्रति ध्यान देने वाली बात को ठहराया है और शायद यह प्रेरणा केजरिवाल ने भगवान कृष्ण से लिया है, सभी जानतें है कि कृष्ण भगवान ने अपने बसे बसाये मथुरा को छोड कर द्वारिका चले गये थे, जिसका कारण ज्ररासंध के बारमबार मथुरा मे आक्रमण रहा, ऐसे अचानक आक्रमण के कारण कृष्ण के राज्य के लोगो को नुकसान होता रहा I
द्वारका मे शिफ्ट होने की वजह प्रजा ही रहे और भगवान कृष्ण ने जान बूझकर जरासन्ध को नजर अन्दाज किया, यह कृत उनके चतुराई को ही दर्शाता है और केजरिवाल की प्रेरणा यहीं से उत्पन्न हुआ और इसमे कोई बुराई भी नही है I
इसमे संदेह करने की गुंजाइस नही है कि देश का प्रधान सेवक का दबद्बा हर संवैधानिक संस्थाओं पर बना हुआ है और उच्चतम न्यालय के चार वरिष्ठ जजों द्वारा प्रेस वार्ता मे दबी जवान पर उनके दब-दबे की बात स्विकारी है I
प्रधान सेवक का केजरिवाल के खिलाफ षडयन्त्र तब देखने को मिला जब मानहानी के मुकदमे को फास्ट ट्रैक मे चलाने की योजना प्रधान सेवक ने बनाई और दोष सिद्द होने पर दो वर्षो की सजा और साथ मे चुनाव लडने पर अनिश्चित काल तक रोक पक्का I
प्रधान सेवक की मंसा यह रही कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले ही केजरिवाल को निपटाया जाये ताकि जेल के भीतर बैठकर केजरिवाल कुछ उखाड न सके और खरीद-फरोक्त के जरिये ‘आप’ एम.एल.ऐ को खरीद कर दोबारा दिल्ली मे चुनाव करया जा सके I
केजरिवाल ने अपने प्रचण्ड बुद्दी के कारण प्रधान सेवक के इस षडयन्त्र को समय रहते हुए भांप लिया और उनके मंसूबे पर पानी फेरने के लिये शुरु किया अपना "माफीनामा यात्रा", आज भाजपा के नेतागण और गोदी मीडिया केजरिवाल के इस माफीनामा यात्रा पर एक खिसयानी बिल्ली की तरह व्यवहार शुरु कर चुके है I