Tuesday, 20 March 2018

केजरिवाल का माफीनामा भगवान कृष्ण से प्रेरित पर गधे हुए बेचैन


एक पुरानी कहावत है कि तेली का तेल जले और मशालची की ...... फटे, वही हाल भाजपा (मशालची) और उनके गोदी मीडिया का है, जब माफी मांगने वाले का कोई संकोच नही है तो भाजपा और गोदी मीडिया क्यों जले जा रहे है, जलने की कोई ठोस वजह तो होगी ही, चलिये खोजते है उनके जलने का राज I

केजरिवाल ने अपने माफीनामो की प्रमुख वजह दिल्ली के लोगो के प्रति ध्यान देने वाली बात को ठहराया है और शायद यह प्रेरणा केजरिवाल ने भगवान कृष्ण से लिया है, सभी जानतें है कि कृष्ण भगवान ने अपने बसे बसाये मथुरा को छोड कर द्वारिका चले गये थे, जिसका कारण ज्ररासंध के बारमबार मथुरा मे आक्रमण रहा, ऐसे अचानक आक्रमण के कारण कृष्ण के राज्य के लोगो को नुकसान होता रहा I

द्वारका मे शिफ्ट होने की वजह प्रजा ही रहे और भगवान कृष्ण ने जान बूझकर जरासन्ध को नजर अन्दाज किया, यह कृत उनके चतुराई को ही दर्शाता है और केजरिवाल की प्रेरणा यहीं से उत्पन्न हुआ और इसमे कोई बुराई भी नही है I

इसमे संदेह करने की गुंजाइस नही है कि देश का प्रधान सेवक का दबद्बा हर संवैधानिक संस्थाओं पर बना हुआ है और उच्चतम न्यालय के चार वरिष्ठ जजों द्वारा प्रेस वार्ता मे दबी जवान पर उनके दब-दबे की बात स्विकारी है I

प्रधान सेवक का केजरिवाल के खिलाफ षडयन्त्र तब देखने को मिला जब मानहानी के मुकदमे को फास्ट ट्रैक मे चलाने की योजना प्रधान सेवक ने बनाई और दोष सिद्द होने पर दो वर्षो की सजा और साथ मे चुनाव लडने पर अनिश्चित काल तक रोक पक्का I

प्रधान सेवक की मंसा यह रही कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले ही केजरिवाल को निपटाया जाये ताकि जेल के भीतर बैठकर केजरिवाल कुछ उखाड न सके और खरीद-फरोक्त के जरिये ‘आप’ एम.एल.ऐ को खरीद कर दोबारा दिल्ली मे चुनाव करया जा सके I

केजरिवाल ने अपने प्रचण्ड बुद्दी के कारण प्रधान सेवक के इस षडयन्त्र को समय रहते हुए भांप लिया और उनके मंसूबे पर पानी फेरने के लिये शुरु किया अपना "माफीनामा यात्रा", आज भाजपा के नेतागण और गोदी मीडिया केजरिवाल के इस माफीनामा यात्रा पर एक खिसयानी बिल्ली की तरह व्यवहार शुरु कर चुके है I


Sunday, 18 March 2018

मझेठिया यूपीए और मोदी सरकार के लिये साझा दामाद साबित हुए, आखिर दोनो का रिशता क्या कहलाता है



पंजाब मे बच्चा-बच्चा जानता है कि विक्रम मझेठिया ने पंजाब के कितने परिवार के लोगो को ड्रग का लत डालने मे अहम भूमिका निभाया ही नही बल्कि कितने घरो और परिवारो को उजाडा है और ध्यान देने योग्य है कि पंजाब के चुनाव के दौरान सभी छोटे बडे पार्टीयों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था और विशेष कर नवजोत सिंह सिद्दु तो इस मामले मे मुखर ही नही रहे बल्कि उन्होने इस मुद्दे को लेकर भाजपा से ही निकल लिये पर मझेठिया को इस मामले मे तब बुरा न ही ल गा और ना ही उन्होने कोई मानहानि का मुकदमा सिद्दु के खिलाफ दर्ज की I

मझेठिया का ड्रग का कारोबार कोई दो चार महिना का नही है, इनका धंधा अकाली द्ल और भाजपा के सरकार के दौरान दिन दूगनी और रात चौगनी बढा और उनके धंधे की जानकारी यूपीए के कांग्रेस सरकार और मौजूदा मोदी सरकार को है पर दोनो सरकारो ने कभी भी इस ड्रग कारोबार के सरगना मझेठिया पर हाथ डालने की कोशिश नही की, जबकी तत्कालिन मीडिया पंजाब मे फैलते युवाओं के नशे की बात बिच–बिच मे अपने चिन्ता व्यक्त करते रहे, हांलाकि मोदी सरकार के गठन के बाद मीडिया अब गोदी मीडिया बन चुके है I

https://www.facebook.com/bhupinderpalsingh.kanika/videos/1695121863909337/?t=39

दोनो सरकारें इस बात को जानते है कि थोक भाव से ड्रग सीधे पाकिस्तान से पंजाब मे पंहुच रहे है और इसी ड्रग के बहाने कितने illegal arms और आतंकवादी देश मे घुसे आ रहे है I

हाल मे पंजाब मे सैनिक स्थलों पर हुए आतंकी हमले इसी ड्रग के परिणाम स्वरुप देखा जा सकता है पर इतना होने के बावजूद पूर्व और मौजूदा सरकार ने इस ड्रग के कारोबार को गम्भीरता से नही लेने की ठानी है और शायद यही कारण रहा है पंजाब के कांग्रेस सरकार और मोदी सरकार ने मझेठिया को साझा दामाद समझ कर किसी जांच ऐजेन्सी जांच नही करवाये I

गौरतलब है कि मोदी सरकार अपने पूंजिपति मित्रो को बचाने का एक नया पैंतरा आविष्कार किया है, अब आप मोदी जी के लुटेरे और चोर मित्रों को चोर या लुटेरे नही कह सकते है अगर गलती से हिम्मत की तो मानहानी के मुकदमे झेलने पडेंगे और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिये आप की सजा तय है वो भी 2 साल के लिये

मोदी जी को इस बात की फिर्क बिलकुल नही है कि देश के तमाम उच्चन्यालय मे हजारो कि संख्या मे मुकदमे पर्याप्त जजो के अभाव के कारण लम्बित है और जजो की नियुक्ती पर मोदी जी मौन साधे हुए है, मोदी जी दागी एमपी और एमएलऐ को फास्ट ट्रैक कोर्ट से फैसला करवाना चाहते थे, उस कोर्ट का कोई पता नही चल रहा है I

मझेठिया जैसे ड्रग माफिया को मिला मोदी सरकार और पंजाब की कांग्रेस सरकार का साथ, नही की कोई एस.आई.टी से जांच

पंजाब के शहर से लेकर गांव तक विक्रम मझेठिया का नाम बच्चो से लेकर बुर्जग लोग के जुवान मे बैठा हुआ है, उनका यह प्रचार उनके समाज सेवा या किसी बडे पैमाने मे धर्माथ कार्यो के लिये नही है आपितू उनकी पहचान एक ड्रग माफिया के रुप मे बनी हुई है, जिसे मोदी सरकार से लेकर पंजाब के कांग्रेस की सरकार अच्छी तरह से जानते है और पिछले विधान सभा के चुनाव मे कांग्रेस ने पंजाब से ड्रग के कारोबार को खत्म करने की बात पर मझेठिया का नाम लिया था I

जब आम आदमी पार्टी के मुखिया श्री अरविन्द केजरिवाल ने पंजाब के चुनाव मे जम कर उछाला तो मझेठिया को जबरद्स्त मिर्ची लग गई और पूंजिपति होने के नाते उन्होने मानहानी का मुकदमा केजरिवाल पर ठोक डाला I

कहते है कि कहीं मारे वीर तो कहीं भागे वीर और कुछ ऐसा ही कार्य केजरिवाल ने किया, उन्होने राजनीति से प्रेरित होकर मझेठिया से माफी के पेशकश की, केजरिवाल इसी बहाने मोदी सरकार और पंजाब के कांग्रेस सरकार का ड्रग माफिया के साथ गठजोड का खुलासा यह कह कर किया कि पंजाब की अमरिंदर सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार दोनों ने अदालत में कोई जांच रिपोर्ट नही दी, और मजीठिया को क्लीन चिट मिल गया I

https://www.facebook.com/photo.php?fbid=610362059315366&set=a.332560953762146.1073741830.100010247315160&type=3

इस बात से यह खुलासा तो हुआ कि पंजाब मे मझेठिया के दस सालों से अधिक समय से चले आ रहे ड्रग कारोबार से हुए लाभ मे भाजपा और कांग्रेस की झोली भी चन्दे के रुप मे भरते रहे और शायद यही कारण रहा जो दोनो सरकार ने अदालत मे कोई जांच रिपोर्ट पेश नही की और दुसरी तरफ मझेठिया को क्लिन चिट भी मुहैया करवाया. पंजाब मे ड्रग के कारण जो भी परिवार उजडे उसके पिछे मझेठिया को बचाने वाले दोनो पार्टी उतने पाप के भागीदार है जितना मझेठिया है I

उच्चतम न्यालय के चार वरिष्ठ जजो द्वारा देश के लोकतन्त्र की खतरे वाली बात कह कर देश के लोगो को चार जजो ने यह संदेश देने की कोशिश की जो न्यालय मे चल रहा है वह ठिक नही है

उन चार जजों की बातें तब पुक्ता साबित हुई जब उच्चतम न्यालय ने दिल्ली सरकार बनाम एलजी के पॉवर शेयरिग वाले मुकदमे की सुनवाई खत्म होने के बावजूद भी माननिय कोर्ट ने अपने फैसले को अनिश्चित काल के लिये सुरक्षित करके रखा है, जब कि आम प्रचलन यह भी है कि Justice delayed is justice denied I

Judiciary के इस माहौल एंव जांच एजेंसियां केंद्र सरकार की कठपुतली होने वाली बात को ध्यान मे रखकर अरविन्द केजरिवाल ने माफी मांगने की जो पेशकश की वो काम केवल एक बुद्दीमान व्यक्ती ही कर सकता है, केजरिवाल मे एक खास बात है कि वे जल्दी भावनाओ मे नही तैरना चाहते है बल्कि भगवान कृष्ण से प्रेरित होकर रण छोड होना पसंद करते है I

मानहानि के मुकदमे अब फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेंगे
साबित न होने पर 2 साल की सज़ा का प्रावधान है
केंद्र सरकार पहले से ही अरविंद के पीछे