Wednesday, 3 January 2018

कुमार विश्वास को दो नावों की सवारी भारी पड़ा, केजरिवाल को बदनाम करने के लिये भाजपा के साथ जाना लगभग तय है

कुमार विश्वास को राज्य सभा मे न भेज कर दिल्ली के मुख्य मन्त्री ने साफ संकेत दे दिया है कि किसी भी सूरत मे अनुशासनहिनता पार्टी मे बर्दास्त नही किया जा सकता है और यही अनुशासनहिनता पार्टी मे रह कर योगेन्द्र यादव और प्रंशात भुषण ने किया था और आखिर मे उन्हे पार्टी को स्वत: छोडना पडा I

अरविन्द केजरिवाल की जगह अगर मै केजरिवाल के पद पर होता तो मै भी शायद श्री विशवास के खिलाफ यही निर्णनय लेता, जिस दिन कुमार विश्वास ने अपने कद को केजरिवाल से बडा दिखाने के चक्कर मे आकर भाजपा के सहयोग से आम आदमी पार्टी के कार्यलय मे प्रदर्शन किया था तभी मुझे लगा यह बन्दा पार्टी पर हावी होना चाहता है जो किसी भी आप के सद्स्यों या समर्थको को हजम नही हुआ, अगर केजरिवाल विश्वास के दबाव मे आकर निर्णय लिये होते तो विश्वास जैसा चौवनी नेता आगे चल कर भी धमकी देने से बाज न आते I

https://twitter.com/PronobKumarRoy/status/948606834524356608

मजे की बात यह है कि श्री विश्वास को राज्यसभा मे न भेजे जाने पर सबसे बडा दुख और झटका भाजपा के साथ-साथ भक्तो और गोदी मीडिया को लगा है और दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कुमार विश्वास को लेकर केजरिवाल के खिलाफ बयान ही दे डालें है और फेसबुक और ट्वीटर मे भक्तो के रुदाली रुप देखने को मिले I

भाजपा ने अपने भक्तो के बल पर ट्वीटर और फेसबुक पर श्री विश्वास के लिये जो घडियाली आंसू बहायें है उसके पिछे भी राजनीती देखने को मिला, भाजपा यह चाहती है कि केजरिवाल को इस विषय को लेकर इतना बदनाम ही न करो ब ल्कि इतना जहर घोल दो ताकि उनके समर्थक उनसे पिछे हट जायें और उसके साथ उनके चन्दे भी आना कम हो जाये I

कुमार विश्वास के समर्थक अगर यह समझते है कि आम आदमी पार्टी मे वे एक बडे दम दार नेता है तो क्यों नही वे 2019 के लोक सभा चुनाव मे आप के टिकट से जीत कर दिखायें, आखिर एक तथाकथित दमदार नेता संसद के पिछले दरवाजे से प्रवेश करना क्यों चाह रहा है I



जब @SwatiJaiHind जी को महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया तब भी ऐसे ही शोर भ क्तो और छदम आप समर्थक ने मचाया था, नतीजा सबके सामने है। थोडा सब्र तो करो। राज्य सभा मे भी #AAP का डंका बजेगा I


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