पिछले गुजरात के चुनाव में भाजपा को 9 सीट अधिक मिलने के कारण सरकार गठन करने का मौका मिला था और कांग्रेस के पास आर्थिक तंगी के कारण 10 या 12 एमएलए को अपने पाले में नही कर सके जैसा भाजपा ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में एमएलए खरीदने में सफल हुए।
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पिछले गुजरात के चुनाव में दो पार्टियों के लड़ाई में भाजपा पिछड़ गए थे पर सरकार बनाने में सफल दिखे पर इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के दमदारी के साथ चुनाव लडने के कारण भाजपा को अपने ही वोट घटने की संभावना प्रबल हो चुका है।
भाजपा अपने भय को दूर करने के लिए पीएम मोदी के अलावा मोदी सरकार के सभी गैर प्रदेशों या बाहरी मंत्रियों को चुनाव प्रचार के लिए इसलिए उतारना पड़ रहा ताकि लोगों को गुजरात के मुद्दों से दूर रखा जाए और जनता उनके कार्पेट बॉम्बिंग का शिकार हो जाए।