Wednesday, 29 August 2018

क्या सीबीआई की तरह मुख्य चुनाव आयुक्त भी देश के बड़के मदारी का बन्दर बन चुकें है


भ्रष्टाचार की बात को ध्यान मे रखकर प्रधान सेवक ने उस व्यक्ती को मुख्य चुनाव आयुक्त का कमान सम्भालने दिया जो गुजरात मे आईएएस रहते हुए कि भ्रष्टाचार मे लिप्त पाये गये थे

प्रधान सेवक ने उनकी नियुक्ती दो कारणो से किया था ताकि एक ऐसे बन्दर को मुख्य चानाव आयुक्त के रुप मे पदासिन किया जये जो उनके छडी के इशारे नाचता रहे और साथ मे मुख्य चुनाव आयुक्त के द्वरा पूर्व मे गुजरात मे किये गये भ्रष्टाचार का भी भय बना रहे I

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हाल मे सत्तारुढ दल और विरोधी दलो को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम के विरोध मे जो बैठक बुलाये थे उक्त बैठक मे सभी विरोधी दलो ने एक सुर मे अगला चुनाव बैलेट पेपर करवाने की मांग की और उसी बैठक मे भाजपा ईवीएम के पक्ष शोर मचाते रहे I

विरोधी दलों का ईवीएम के विरोध मे सुर बुलन्द करने की वजह अनेक है लेकिन भाजपा का ईवीएम के पक्ष मे जो दलीलें दे रहे है उससे तो यही समझ मे आ रहा है कि भाजपा को निश्चित तौर पर ईवीएम से चुनाव कराने मे लाभ होता रहा है और दूसरे तरफ बैलेट पेपर से चुनाव कराने से उनके हारने की सम्भावना प्रबल दिख रही हो I

मुख्य चनाव आयुक्त ने उपरोक्त बैठक के बाद जो बयान प्रेस को दिये है उससे लग रहा है कि वे भाजपा के ऐजेन्ट के रुप मे भाजपा की ही भाषा बोल रहे है, जो अक्सर भाजपा बैलेट पेपर के विरोध मे ऐसी बेतुकी बाते बोलते रहते है I

मुख्य चुनाव का यह दलील बडा बचकाना है और हास्यपद लगा जब उन्होने यह कहा कि है कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने पार बूथ Capture हो जायेगा, शायद वो इस पद मे नये आने के कारण यह भूल्र रहे कि आज कल देश मे चुनाव प्रदेश के पुलिस द्वरा सम्पन्न नही कराये जाते है बल्कि बहुत बडे पैमाने पर हर बूथ मे Paramilitary forces तैनात किये जाते है I

चुनाव आयुक्त के इस प्रेस वार्ता के बाद यह साफ हो चुका है कि सीबीआई की तरह मोदी सरकार मुख्य चुनाव आयोग पर अपना कब्जा जमा चुके है और मुख्य चुनाव आयुक्त एक बन्दर की तरह मोदी सरकार के छडी के इशारे मे नाच रहे है I